india news एक घंटे की मशक्कत में पुलिस ने बाहर निकाला By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT शुक्रवार की सुबह पत्थलगांव में पिकअप और जेसीबी की आमने सामने टक्कर हो गई। इसमें पिकअप चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप में ड्राइवर बुरी तरह से फंस गया। उसे बाहर निकालने में पुलिस और ग्रामीणों को करीब एक घंटे कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मिली जानकारी के मुताबिक पत्थलगांव से हल्दी मसाला पिकअप क्रमांक सीजी 14 एमई 7480 में लोडकर ड्राइवर धनीराम यादव समेत एक अन्य कर्मचारी जशपुर रोड की तरफ जा रहे थे। उसी दौरान सामने से आ रही एक जेसीबी ने उसको टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पिकअप के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद जेसीबी का चालक जेसीबी को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। बताया जाता है कि जेसीबी कांसाबेल केरजू के किसी व्यवसायी की है। दुर्घटना के बाद पिकअप में फंसे चालक को बाहर निकालते समय पूरी सावधानी बरती गई। पिकअप में चालक के अलावा एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद था। दूसरे व्यक्ति को खरोंच तक नहीं आई। पिकअप और जेसीबी में हुई टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीणों ने घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। दुर्घटना में पिकअप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है,वही दुर्घटना के वक्त तहसील कार्यालय के समक्ष घंटों तक सड़क के दोनों तरफ वाहनों का जामलग गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Police pulled out in an hour's effort Full Article
india news 50 दिन से खड़ी हैं बसें, संचालक बोले- सरकार टैक्स में दे छूट By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन की वजह से पिछले 50 दिनों से पूरे प्रदेश में यात्री बसों का संचालन नहीं हो रहा है। उसके बावजूद बसों के संचालक से टैक्स और बीमा की राशि भराई जा रही। खड़ी हुई बसों के ऋण का किश्त भी बस मालिकों को जमापूंजी से चुकाने की नौबत आ गई है। इस चौतरफा आर्थिक मार से बचने के लिए बस संचालकों ने सरकार से रियायत की मांग की है।जिला बस मालिक संघ के अध्यक्ष केदार मिश्रा ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और सरगुजा संभाग के आयुक्त को पत्र लिखकर रियायत देने का अनुरोध किया है। पत्र में उन्होंंने बताया है कि लॉकडाउन की वजह से 20 मार्च से बसों का संचालन बंद है, लेकिन इस अवधि में संचालकों को निर्धारित टैक्सों से राहत देने की कोई घोषणा नहीं हो पाई है। साथ ही खड़ी बसों के बीमा की प्रीमियर राशि और ऋण किश्तों का बोझ भी बस मालिकों को वहन करना पड़ रहा है। बस चालक, परिचालक और सहित अन्य स्टाफ के वेतन का भुगतान भी मालिकों द्वारा किया जा रहा है। इस चौतरफा आर्थिक दबाव से बस संचालकों की कमर टूटने लगी है। इसका सीधा असर लॉकडाउन खुलने के बाद यात्री बसों के संचालन में पड़ना तय है। पत्र में अध्यक्ष ने बताया है कि लॉकडाउन में जो बस संचालन की अनुमति शासन द्वारा दी गई है, उससे भी वाहन संचालकों को अधिक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है क्योंकि अंतरराज्यीय सीमाएं अब भी पूरी तरह से सील है। लॉकडाउन की वजह से तमाम वैवाहिक और धार्मिक गतिविधियां ठप पड़ चुकी है। बसों की होने वाली बुकिंग शून्य है। आने वाले कुछ दिनों में बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा। यह बस संचालन की दृष्टि से आफ सीजन होता है। बसों में यात्रियों की संख्या एक तिहाई से भी कम रह जाती है। ऐसे में लॉक डाउन खुलने की स्थिति में बस संचालकों कोई राहतनहीं मिलेगी।शर्तो का पालन मुश्किलपत्र में बस मालिक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन में बस संचालन करने के लिए जो शर्ते रखी है,उसका पालन आर्थिक लिहाज से संभव नहीं है। शर्तों के मुताबिक बस को पचास प्रतिशत यात्री के साथ ही चलाया जाएगा। साथ ही यात्रियों और रनिंग स्टाफ के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था करना, संचालक की जिम्मेदारी होगी। बस की क्षमता से आधे क्षमता के यात्रियों के साथ संचालित करने पर नुकसान होना तय है।अंतरराज्यीय परमिट के लिए भरते हैं अधिक टैक्स झारखण्ड और ओडिशा के अंतरराज्यीय सरहद में स्थित जशपुर जिले में रोजाना तकरीबन 5 सौ छोटे बड़े यात्री वाहन संचालित होते हैं। उनमें वातानुकूलित लग्जरी बसों से लेकर लोकल बस शामिल है। जशपुर से झारखंड के रांची, लोहरदगा, गुमला और ओडिशा के सुंदरगढ़,राउरकेला और झारसुगड़ा के लिए बसें रवाना होती है। अंतरराज्यीय परमिट के लिए बस संचालकों को अधिक टैक्स चुकाना पड़ता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news ज्यादातर मजदूर रेड जोन से By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT जिले में कोविड-19 के संक्रमण का अभी सबसे ज्यादा जोखिम दूसरे राज्यों से पहुंचने वाले मजदूर हैं। सरकार के आदेश आते ही उन्हें लाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जिले में दूसरे राज्यों से 3 हजार 552 मजदूर वापस आने वाले हैं। ये मजदूर कोरोना कैरियर साबित ना हों, इसके लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। बाहर से आने के बाद मजदूरों को क्वारेंटाइन करने के लिए जिले में 480 सेंटर बनाए गए हैं।दूसरे राज्यों में फंसे जिले के श्रमिकों को वापस लाने की तैयारी पूरी कर ली है। सरकार के आदेश के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की लिस्ट श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई है। यह लिस्ट लॉकडाउन के दौरान प्रशासन को मिली सूचना के आधार पर बनी है। लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के परिजन या फिर मजदूरों से सीधा प्रशासन से संपर्क कर अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर बताया था, जिसके बाद अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की सूची तैयार की गई है। विभिन्न राज्यों में मजदूर भी अगल-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। जिले के मजदूर अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, आंघ्राप्रदेश, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं।सबसे अधिक मजदूर महाराष्ट्र से लौटेंगेजिले में बाहर से लौटने वाले मजदूरों में सबसे अधिक संख्या महाराष्ट्र से लौटने वालों की है। महाराष्ट्र से 846 मजदूर लौटने वाले हैं। यह जिले के लिए सबसे बड़ा जोखिम है, क्योंकि महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या अधिक है। वहां 17 हजार 974 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 694 लोगों की मौत कोविड-19 वायरस के कारण हो चुकी है। दाे दिन में 43 लोगों की मौत हुई है। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र से सबसे अधिक मजदूरों का लौटना जिले के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। फरसाबहार और पत्थलगांव विकासखंड के मजदूर रोजगार के लिए महाराष्ट्र जाते हैं।रेड जोन से लौटे लोगों केलिए है अलग व्यवस्थाप्रशासनिक जानकारी के मुताबिक जिले में जितने भी क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं वे सभी गांव में आबादी से बाहर बनाए जा रहे हैं। साथ ही क्वारेंटाइन सेंटर तक जाने की अनुमति ग्रामीणों को भी नहीं होगी। सिर्फ जिनकी ड्यूटी होगी, वही जा सकेंगे। सभी पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि यदि शासन के आदेश पर रेड जाेन से भी मजदूर लाए जाते हैं, तो उनके लिए अगल से 10 प्रतिशत बैड रिजर्व किया गया है। सभी क्वारेंटाइन सेंटरों से थेड़ी दूरी पर रेड जोन के लिए अगल से क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। शहरी इलाके में नहीं होगा एक भी क्वारेंटाइन सेंटरजिला प्रशासन ने शहरी इलाके में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाने के निर्देश हैं, इसलिए अब जशपुरनगर के साथ नपं कोतबा, बगीचा, कुनकुरी व पत्थलगांव में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे। नगरीय इलाकों में लौटने वाले मजदूरों को शहर के बाहर गांव के नजदीक बने क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। सीएमओ बसंत बुनकर ने बताया कि पालिका द्वारा शहर के बाहर विभिन्न गांव में आबादी से दूर स्थित शासकीय भवनों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है। पालिका ने 30 सेंटर तैयार किए हैं। सीएमओ ने बताया कि शहर में एक भी मजदूर के बाहर से लौटने की कोई सूचना नहीं है।आदेश... गुटखा, पान मसाला, गुड़ाखू, तम्बाकू एवं तम्बाकू डले पान की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंधकलेक्टर ने नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा एवं नियंत्रण के उद्देश्य से जशपुर जिले के सीमा क्षेत्र में गुटखा, पान मसाला, गुड़ाखू, तम्बाकू और पान की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक जारी रखने के निर्देश देते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।रेड जोन से मजदूर लाएंगे या नहीं, इस पर हो रहा विचार"जिले के मजदूर जो बाहर फंसे हैं उनके लिए जिले में 3552 क्वारेंटाइन सेंटर तैयार किए गए हैं। मजदूरों को वापस लाने की कार्रवाई शासन स्तर से होगी। रेड जोन से मजदूर लाए जाएं या नहीं इसका निर्णय अभी शासन स्तर से नहीं हो पाया है। यदि रेड जोन से भी मजदूर लाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से क्वारेंटाइन सेंटर रखा जाएगा।''-केएस मंडावी, सीईओ, जिपंशहर में खुद की व्यवस्था से नहीं लौटा कोई मजदूर"शहर में कोई मजदूर खुद से नहीं लौटा है। इसका सर्वे पालिका द्वारा किया जा रहा है। अबतक एक भी मजदूर के लौटने की सूचना नहीं है। पालिका या नपं क्षेत्र में एक भी क्वारेंटाइन सेंटर नहीं बनाए जाएंगे। नगरीय इलाकों के मजदूरों को भी शहर के बाहर बने सेंटर में रखा जाएगा।''-बसंत बुनकर, सीएमओ, नगरपालिका Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Most workers from the Red Zone Full Article
india news रायकेरा की 100 एकड़ जमीन पर बनेगा मॉडल ऑर्गेनिक फार्म By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT सामुदायिक सहभागिता से किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इसके लिए मॉडल ऑर्गेनिक फार्म को विकसित करने की योजना तैयार कीहै। इसका जिले के किसानों को लाभ मिलेगा। रायकेरा में बेलजोरा व्यपवर्तन के कारण सिंचाई की बेहतर सुविधा है। किसानों की सहमति से लगभग 100 एकड़ कृषि योग्य भूमि में फलदार पौधे, औषधीय पौधे विभिन्न किस्म की सब्जियां आदि लगाई जाएगी, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह पर माडल सफल होने पर इसको जिले के अन्य जिलों पर लागू किया जाएगा।जिले के लिए बनेगा एक मॉडलकलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि किसानों के भूमि में शासन की योजनाओं के तहत कार्य कराया जाएगा और रायकेरा में मॉडल ऑर्गेनिक फार्म विकसित करने के योजना बनाई है। रायकेरा गांव मे पर्याप्त भूमि है और सिंचाई की भी व्यवस्था है। मार्च 2021 तक इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा। इस मॉडल ऑर्गेनिक फार्म से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जिला पंचायत के सीईओ केएस मंडावी ने कहा कि इस मॉडल ऑर्गेनिक उद्यान के विकास में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में भी काम कराया जाएगा। किसानों की भूमि खेती के लिए योग्य बनाया जाएगा। योजनबद्ध तरीके से तालाब डबरी कुआं बनाए जाएंगे।मॉडल उद्यान में लगेंगे औषधीय पौधेवनमंडलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव ने कहा कि यह उपयुक्त स्थल है, जिसे मॉडल उद्यान के रूप में विकसित किया जा रहा है इस जिले में औषधीय पौधे के लिए अनुकूल मौसम है। विभिन्न औषधीय वन तुलसी, बेल, तेजपत्ता, पुर्ननवा, गिलोय, मुनगा तेजबल लेमनग्रास भुईंनीम, आंवला केसर, सफेद मूसली हर्रा, बेहरा, हड़जोड़ जैसे अनेक औषधि है। इनको उद्यान के रूप में विकसित कर उसका व्यवसायिक उत्पादन करने से किसानों को लाभ होगा।वनविभाग की योजनाओं के तहत इनके विकास में सहयोग किया जाएगा।जगह का अफसरों ने किया निरीक्षण कुनकुरी ब्लाक के रायकेरापंचायत में उद्यानिकी एवं वानिकी के प्रोत्साहन के लिए मॉडल आर्गेनिक फार्म विकसित करने के लिए कुनकुरी विधायक यूडी मिंज, कलेक्टर , डीएफओ , जिला पंचायत सीईओ एवं उप संचालक कृषि समेत अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और कार्ययोजना को तैयार करने पर चर्चा की ताकि कृषि,वानिकी एवं उद्यानिकी के बड़े प्रोजेक्ट माध्यम से एक मॉडल तैयार कर ग्रामीणों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ कटाई रोकी जा सके। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Model Organic Farm to be built on 100 acres of Raikera land Full Article
india news मई में 45 मीटर तक रहने वाला जल स्तर 17 पर By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के चलते पहली बार जिले में वाटर लेवल अपने सबसे बेहतर स्थिति में है। पीएचई के मुताबिक वर्तमान में जिले में 17 से 30 मीटर में पानी मौजूद है। जबकि दूसरे वर्षों में मई के दौरान वाटर लेवल की स्थिति 45 से 50 मीटर तक गिर जाती थी। इसे कोरोना का पॉजिटिव इफेक्ट माना जा रहा है।दरअसल लॉकडाउन की वजह से जिलेभर में उद्योग धंधे बंद रहे, निर्माण कार्य भी पूरी तरह बंद रहा है। खेतों में भी किसानों ने काम न के बराबर किया है। इसके चलते भू-जल का इस्तेमाल इस बार पूरी तरह बंद रहा। उद्योग और निर्माण कार्य के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल भू-जल का किया जाता है। नलकूपों से पानी खींचकर ही उद्योग संचालित होते हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार ऐसी स्थिति नहीं बनी। इसी के चलते अब तक जिले में वाटर लेवल सबसे बेहतर स्थिति में है। पीएचई के ईई एसएन पांडे ने बताया कि वर्तमान में वाटर लेवल की स्थिति 17 से 30 मीटर पर है। इसके चलते खासकर ग्रामीण इलाकों में जलसंकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। उम्मीद है कि इस साल जिले के ज्यादातर हिस्सों में पानी की किल्लत नहीं होगी। वर्तमान स्थिति काे देखते हुए पानी के लिए हर साल होने वाली मशक्कत से भी ग्रामीणों और अफसरों को राहत मिली है।ग्रामीण इलाकों में भी नहीं होगी समस्याजिले में 17 हजार हैंडपंप, गिनती के ही बंद हुए: जिले में 17 हजार से अधिक हैंडपंप मौजूद हैं। हर साल मई में करीब 1500 से 2500 हैंडपंप काम करना बंद कर देते है। साल 2019 में यह आंकड़ा 3500 के पार पहुंच गया था, इस बार ऐसी स्थिति नहीं बनी है। पीएचई के ईई पांडे ने बताया कि ज्यादातर हैंडपंप काम कर रहे हैं।350 से ज्यादा उद्योग बंद रहे, 400 से अधिक निर्माण कार्य: जिले बड़े उद्योगों के अलावा पानी पाउच, बर्फ, आईसक्रीम, आरओ वाटर, कोल्डड्रिंक्स सहित अन्य 350 से अधिक छोटे-छोटे उद्योग मौजूद है। इन उद्योगों में पूरी तरह नलकूपों से ही पानी का इस्तेमाल होता है। लेकिन इस बार ये सभी बंद रहे। जिले में निर्माण कार्य भी बंद रहे।सप्लाई में खर्च होने वाले लाखाें रुपए भी बचे3-4 साल से जिले में पानी की किल्लत अधिक बढ़ने लगी थी, ग्रामीण इलाके इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे थे। जिसे देखते हुए जनपद पंचायत के मदों से गांव में पीएचई के माध्यम से पानी की सप्लाई टैंकरों से हो रही थी। जिले के कई गांव टैंकर पर आश्रित हो गए थे, लेकिन इस बार वाटर लेवल सही होने के चलते ये समस्या भी खत्म हो गई है। इससे वाटर सप्लाई में खर्च होने वाले लाखों रुपए भी बच गए हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news शहर के अधिकतर एटीएम में कैश का संकट By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT लॉकडाउन के बीच लोगों को बेहतर व्यवस्था देने का दावा खोखला साबित हो रहा है। शहर के ज्यादातर एटीएम में कैश संकट के कारण लोगों को रुपए निकालने के लिए भटकना पड़ रहा है। खासतौर पर कामर्शियल बैंक के एटीएम में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।शहर में विभिन्न बैंकों के एटीएम संचालित है, फिर भी कैश की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में लोगों को कैश निकालने के लिए बैंकों में कतार लगानी पड़ रही है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन हो रहा है, वहीं संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। शुक्रवार को नया बस स्टैंड परिसर में संचालित एटीएम में रुपए नहीं निकले, इसी तरह ममता नगर में एक प्राइवेट बैंक के परिसर में लगे दोनों एटीएम से भी कैश नहीं होने से लोगों को परेशानी हुई। गौरतलब है कि बैंक एटीएम में कैश जमा करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को हायर करती है, लेकिन ये कंपनियां समय पर एटीएम में कैश रिफिल करने में कोताही बरत रही है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लीड बैंक प्रमुख अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि ऐसी समस्या है, तो बैंकर्स से इस संबंध में चर्चा की जाएगी। एटीएम में पर्याप्त कैश हो ऐसी व्यवस्था बनाने कहा जाएगा।सैनिटाइजर के बॉटल खाली, दोबारा उपलब्ध नहीं कराएएटीएम के इस्तेमाल के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है, इसलिए बैंकों को निर्देश दिए गए थे, कि वे संबंधित एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था करें। बैंकर्स ने एटीएम में सैनिटाइजर की व्यवस्था की थी, लेकिन अब अधिकांश एटीएम में रखा सैनिटाइजर खत्म हो चुका है, बॉटल खाली हो चुकी है, किसी किसी एटीएम से बॉटल ही गायब हो चुकी है। एटीएम में दोबारा सैनिटाइजर उपलब्ध कराने की जरुरत है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news आज और कल टोटल लॉकडाउन, इसलिए बाजार में इतनी जुटी भीड़ कि लग गया जाम By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT कोविड-19 कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई के बीच लॉकडाउन में थोड़ी छूट दी गई है पर ज्यादातर लोग इस छूट का दुरुपयोग करने लगे हैं। बाजार में लोग खरीदारी ऐसे कर रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं हैं। शराब से लेकर किराना दुकानों में बिना मास्क पहने लोगों की भीड़ जुट रही है। बाजार में भीड़ की वजह से ट्रैफिक जाम के हालात बन रहे हैं।शुक्रवार को भारत माता चौक से लेकर गुड़ाखू लाइन में बार-बार ट्रैफिक जाम हुआ। अब शनिवार और रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन रखा जाएगा। आवश्यक सेवाएं ही चालू रहेंगी। शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन होने की वजह से लोग शुक्रवार को बिना सोशल डिस्टेंसिंग के खरीदारी करते रहे। गुड़ाखू लाइन, भारतमाता चौक, जयस्तंभ चौक, गोलबाजार, हलवाई लाइन में ट्रैफिक जाम होता रहा।इन दुकानों में कार्रवाईनिगम की टीम ने बाजार में भी दबिश दी और सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की गई। बर्तन, प्लाईवुड, कांच दुकान और साइकिल स्टोर्स में भीड़ लगी थी। इनसे जुर्माना वसूला गया। आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने लोगों को जागरूक कर रहे हैं।दो दिन के प्रतिबंध से ये संस्थान रहेंगे बाहरकानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा, सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, दवा दुकान, चश्मे की दुकान खुली रहेंगी। दूध ब्रेड, फल एवं सब्जी, चिकन, मटन, मछली एवं अंडा की बिक्री, वितरण और भंडारण हो पाएगा। दूध और अखबार का वितरण, पेट्रोल पंप, गैस सिलेंडर की सुविधा मिलेगी।बिना मास्क के शराब नहींजिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से बनाई गई टीम ने शुक्रवार को शराब दुुकानों में दबिश दी। यहां बिना मास्क से शराब की खरीदी करने आए लोगों पर चालानी कार्रवाई की। शराब दुकान के सामने ही 10 लोग ऐसे मिले जो कि बिना मास्क से पहुंचे थे। शराब खरीदने से पहले ही इन पर चालानी कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूल लिया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Total lockdown today and tomorrow, so the crowd gathered in the market Full Article
india news सीटी स्कैन मशीन बंद, 18 घंटे इंतजार के बाद किया रेफर, युवक की मौत By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT मेडिकल कॉलेज हास्पिटल की अव्यवस्था ने फिर एक युवक की जान ले ली। हॉस्पिटल में सीटी स्कैन बंद होने के बाद भी इसके इंतजार में उसे 18 घंटे तक दाखिल रखा गया, इसके बाद मेकाहारा रिफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई।डोंगरगांव ब्लाक के कोपपुर निवासी 32 वर्षीय खेमू राम को अचेत अव्यवस्था में गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल किया गया। खेमू की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे रात करीब 9 बजे कैजुअल्टी में दाखिल कर इलाज शुरू किया गया। डॉक्टरों ने रात में ही खेमू के सिटी स्कैन की पर्ची लिखी। लेकिन हॉस्पिटल में मौजूद सिटी स्कैन की मशीन बंद पड़ी हुई है। इसकी जानकारी होने के बाद भी उसे सिटी स्कैन के लिए न तो बाहर भेजा गया और न ही रायपुर रिफर किया गया। खेमू की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिसे शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक इसी तरह दाखिल रखा गया और दोपहर बाद उसे मेकाहारा के लिए रिफर किया गया। जहां सिटी स्कैन होने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।मलेरिया और टाइफाइड मस्तिष्क पर चढ़ा: रायपुर मेकाहारा में सिटी स्कैन के बाद पता चला कि खेमू को मलेरिया और टाइफाइड है। जो बढ़ने की वजह से उसके मस्तिष्क पर असर कर गया है। पूरे मामले को लेकर हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. बेक ने इस घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही। उन्होंने डॉक्टरों से पूरे मामले की जानकारी लेने का दावा किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news समुद्री हवाओं के कारण बदला मौसम दोपहर को अंधड़ के साथ हुई बारिश By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT पड़ोसी राज्य में बने द्रोणिका(समुद्री हवाओं) के प्रभाव के कारण शुक्रवार दोपहर को मौसम में बदलाव आया। तेज हवा के साथ बारिश हुई। इससे शहरी जनजीवन कुछ देर के लिए प्रभावित रहा। कुछ स्थानों पर तेज हवा के कारण पेड़ की टहनियां टूट कर गिर गई, कहीं पर टेंट धराशायी हो गए। हालांकि किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई है।शुक्रवार को दिन का तापमान 38.3 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं रात का पारा 25.8 डिग्री दर्ज किया गया। दिन में गर्मी और उमस से लोग हलाकान नजर आए। बारिश के बाद गर्मी से थोड़ी राहत मिली। आने वाले 12 मई तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है, मौसम विभाग ने इस संबंध में पूर्वानुमान जारी कर दिया है।किसानों को सावधानी बरतने की जरूरत: कृषि मौसम विज्ञान से सुरभि जैन ने बताया कि आगामी दिनों में जिले में 11-12 मई तक चक्रवात का असर रहने की वजह से तेज हवा एवं बारिश के साथ बादल रहने की संभावना है। इससे फसल को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने फसल कटाई कर ली है। तो वे फसल को सुरक्षित स्थानों में भंडारित करें। इसके साथ ही तापमान को ध्यान में रखते हुए सभी सब्जियों तथा खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई करें। सिंचाई सुबह या शाम के समय ही करें। आगामी खरीफ फसल के लिए खेत की तैयारी के लिए समय अनुकुल है। इसलिए खेतों को खाली छोड़ देना चाहिए, ताकि खेतों या मेड़ों की सफाई कर खेत की अकरस जुताई करें। ताकि तेज गर्मी से मिटटी में छिपे कीटों के अण्डे तथा घास नष्ट हो जाए। यह समय मिटटी के जांच के लिए भी उपयुक्त है, इसके लिए नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क करें।इसके साथ ही साथ सिंचाई के साधन उपलब्ध होने पर खेत में हरी खाद के लिए सनई या ढेंचा की बुआई करें। तापमान के अधिकता को ध्यान में रखते हुए पशु शाला और मुर्गी घरों को चटाई या जूट से ढंक दें और इसे गीला रखें ताकि भीतरी तापमान सामान्य बना रहे।गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावनामौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम मध्यप्रदेश से दक्षिणी कर्नाटक तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। छत्तीसगढ़ में बंगाल की खाड़ी से बहुत अधिक मात्रा में नवमी आ रही है। इसके कारण 9 मई को उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और मध्य छत्तीसगढ़ एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज चमक के साथ छीटे पड़ सकते हैं। बस्तर संभाग में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। 9 मई को एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंदर चलने और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Changed weather due to sea winds and rains with afternoon Full Article
india news गर्मी के कारण 549 हैंडपंप का भूजलस्तर गिरा, 718 बंद By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT गर्मी में लोगों को जलसंकट से राहत नहीं मिल पा रही है। पीएचई विभाग जिले में बंद पड़े हैंडपंप को नहीं सुधार पा रहा है। गांव में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने 4610 हैंडपंप लगाए हैं। जिले में वर्तमान में 718 हैंडपंप बंद पड़े हैं। इनमें से जलस्तर गिरने के कारण 549 बंद हो गए हैं। 169 हैंडपंप में आईतकनीकी खराबी को सुधारने का कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्ष यही संख्या मई के महीने में दोगुनी हो गई थी।जिले में नल जल प्रदाय योजना के तहत 168 फॉलो राइट रिमूवल प्लांट योजना संचालित है। इसमें से 159 चालू हैं। वहीं 9 बंद पड़े हुए हैं। सात अन्य कारणों से लंबे समय से बंद हैं। इसी तरह से 59 स्थानों पर स्पॉट सोर्स से पानी की सप्लाई होनी है, इनमें से 18 बंद हैं। सभी में सुधार कार्य जारी है। लेकिन पूरी तरह से जल स्रोत के अभाव में यह बंद हो गए हैं। बंद पड़े हुए सरकारी हैंडपंप जल स्रोत और नल-जल योजना के बंद होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है। जिले में एकमात्र फॉलो राइट रिमूवल प्लांट ग्राम धौराभाठा में है। वह चालू हालत में है।नल-जल योजना के कई काम भी बंद : जिले में इस साल गर्मी में हो रही बारिश से भूजल स्तर स्थिर है। फिलहाल ज्यादातर गांवों में वर्तमान में जल संकट की समस्या नहीं है। सरकारी हैंडपंप और सिंगल पावर पंप के माध्यम के अलावा ग्राम पंचायतों में सरपंचों द्वारा पेयजल के लिए पावर पंप से पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन पीएचई विभाग द्वारा बंद पड़े हैंडपंप को शुरू करने की दिशा में अभी तक प्रयास नहीं किया गया है। अनेक गांवों में नल जल प्रदाय योजना के तहत लाखों रुपए की योजना भी बंद है। इसके चलते आने वाले समय में गंभीर पेयजल संकट का सामना लोगों को करना पड़ सकता है।पावरपंप से तालाबों को भरने की योजना फेल: तालाबों को निस्तारी योग्य बनाने के लिए बेमेतरा, नवागढ़, साजा क्षेत्र में पावर पंप के माध्यम से तालाबों को भरने की योजना पर फिलहाल पंचायतों में कोई काम नहीं हो पा रहा है। ग्राम पंचायत चुनाव के कुछ दिनों बाद ही लॉक डाउन व कोरोना वायरस संक्रमण काल के आ जाने से पंचायतों में सामान्य सभा की बैठक भी आयोजित नहीं हो पा रही है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में हैंडपंप मरम्मत व सुधार कराने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। हैंडपंप सुधारने को जनप्रतिनिधि बैंकों में पैसा निकालने भटक रहे हैं।चिन्हांकित गांवों में नहीं पहुंच पा रहा पानीखारे पानी से निजात दिलाने के लिए समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत जिले के चिह्नांकित गांव में फिल्टर पानी की आपूर्ति वैकल्पिक रूप से की जा रही है। लेकिन अधिकांश गांव में सप्लाई नहीं हो रही है। समय रहते ऐसे गांवों को समूह जल प्रदाय योजना से नहीं जोड़ा गया, तो गंभीर पेयजल संकट का सामना करना होगा।जानकारी देने के बाद भी बंद पड़े हैंडपंप नहीं सुधारेकरीब 3 महीने से नगर व अंचल में हो रही बारिश के कारण भू जलस्तर बना हुआ है। भूजल स्तर में गर्मी के समय सीजन में होने वाले गिरावट में काफी कमी आई है। इसके चलते इस साल पिछले वर्ष की तुलना में सरकारी हैंडपंप 50% कम मरम्मत योग्य हैं। निस्तारी तालाबों में पानी उपयोग के लिए भरा हुआ है। इससे भूजल स्तर में गिरावट नहीं आई है। पीएचई विभाग द्वारा मैदानी कर्मचारियों को बंद पड़े हैंडपंप में अतिरिक्त पाइप डालकर चालू करने के निर्देश दिए हैं। सचिव, सरपंचों द्वारा निरंतर इस संबंध में विभाग द्वारा रिपोर्ट ली जा रही है। उसके बाद भी बंद पड़े हैंडपंप को विभाग द्वारा सुधारा नहीं जा सका है। पीएचई ईई बेमेतरा आशा लता गुप्ता ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल जिले में गंभीर पेयजल संकट किसी भी गांव में नहीं है। 718 बंद पड़े हैंडपंप को फिर से शुरू करने का कार्य किया जा रहा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news शहर में 1.35 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी सड़क विधायक छाबड़ा ने किया शुभारंभ By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:30:00 GMT विधायक आशीष छाबड़ा ने शुक्रवार को नगर में 1.35 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सड़क डामरीकरण रिनुवल कार्य का नारियल फोड़कर शुभारंभ किया। शहर के पियर्स चौक से लेकर जिला सत्र न्यायालय से होकर भगवान परशुराम चौक होते हुए दुर्ग रोड तक सीमेंट सड़क पर डामरीकरण किया जाना है। सड़क पर डामरीकरण कार्य हो जाने से बेमेतरा शहर की आंतरिक मार्गों का भी सौंदर्यीकरण हो जाएगा। इससे लोगों को सड़कों पर बने गड्ढे से राहत मिलेगी। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला मंगत साहू, सभापति मनोज शर्मा, नगर पालिका उपाध्यक्ष पंचू साहू, पार्षद रानी सेन, प्रांजल तिवारी, प्रवीण राजपूत, सीएमओ होरी सिंह ठाकुर, कार्यपालन अभियंता निर्मल सिंह, अनुविभागीय अधिकारी दलगंजन साय, उपअभियंता सचिन शर्मा, राकेश वर्मा मौजूद थे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today MLA Chhabra inaugurates ~ 1.35 crore road in the city Full Article
india news यूएस व जर्मनी से आएगी कोरोना जांचने की मशीन, 4 करोड़ 60 लाख में टेंडर, बिलासपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में लगेंगी By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:47:00 GMT सरकार ने बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज में कोरोना लैब की स्थापना के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है। 4 करोड़ 60 लाख रुपए में एक निजी कंपनी को मशीन लाने का ठेका सौंप दिया गया है। छत्तीसगढ़ के डीएमई डॉ. एसएल आदिले के अनुसार यह मशीन जर्मनी और यूएएस से आएगी। उनके मुताबिक इस पूरी प्रक्रिया में महीने भर का वक्त लग सकता है। बिलासपुर के सिम्स में कोरोना जांचने की लैब का निर्माण होना लगभग तय माना जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार प्रदेश के उन मेडिकल कॉलेज को निरीक्षण कर रहे हैं जहां यह व्यवस्था नहीं है। इससे पहले डॉक्टर आदिले ने सिम्स का निरीक्षण किया था। वे कुछ निजी अस्पतालों को भी देखने गए थे। पर पहले चरण में कुछ भी तय नहीं हो पाया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने सिम्स का फिर से निरीक्षण किया और यही कोरोना जांचने की लैब बनाने का फैसला कर लिया गया। इसके अलावा अंबिकापुर और राजनांदगांव में भी मेडिकल कॉलेज के कैंपस में मशीन लगाने की बात कही जा रही है। इससे एक और जहां संदिग्ध मरीजों में कोरोना जांचने का दायरा बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर इसके लिए तीनों ही मेडिकल कॉलेज को रायपुर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। डॉक्टर आदिले का कहना है कि वे लगातार खुद ही इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।मरीज की जांच रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजारबिलासपुर में कोरोना लैब बनने के बाद संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यहां के जनप्रतिनिधि लगातार इसकी मांग करते आ रहे हैं। पूर्व में कुछ बड़े अस्पतालों में इसके निर्माण की चर्चा थी पर बाद में यह सिम्स में ही फाइनल कर दिया गया है। अभी स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की रिपोर्ट के लिए रायपुर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। लैब बनने के बाद या परेशानी भी दूर हो जाएगी।दूसरे चरण में बिल्डिंग और नियुक्तियों पर फोकसकोरोना जांचने की लैब में कुछ दूसरी तरह की जांच की सुविधा भी रहेगी। इसे वायरोलॉजी पैथोलैब का नाम भी दिया गया है। इस लैब में कोरोना जांचने की लैब के अलावा और क्या-क्या जांच होगी अभी यह स्पष्ट नहीं है। सरकार ने मशीन खरीदी के अलावा बिल्डिंग और एक्सपर्ट डॉक्टरों की नियुक्तियों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। माइक्रोबायोलॉजी के एक्सपर्ट पर भी हेल्थ के अधिकारियों की नजर है। मशीन खरीदी के बाद अधिकारी इन्हीं चीजों पर फोकस कर रहे हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 60 हजार से ज्यादा मजदूर यहां रुकेंगे By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:54:00 GMT जिला प्रशासन अब तक दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों की सूची फाइनल नहीं कर पाया है। कितने मजदूर अन्य राज्यों में है यह सूची तो तैयार है लेकिन कितने मजदूर किस ट्रेन से आएंगे यह अब तक तय नहीं हो पाया है। इतना तय है कि 60 हजार से ज्यादा मजदूर बिलासपुर जिले में ही लौटेंगे। मजदूरों को रखने के लिए जिले में 1066 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। सबसे अधिक बिल्हा मेें 278 हैं। इसके बाद मस्तूरी जनपद में 131 हैं। बिलासपुर नगर निगम में 6 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।सबसे ज्यादा यूपी में: सबसे अधिक 30000 मजदूर उत्तर प्रदेश में फंसे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में 4000, गुजरात में 6000, तेलंगाना में 1000 समेत अन्य राज्यों में भी मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों में सबसे ज्यादा मस्तूरी जनपद में 36927 मजदूर आएंगे।480 मजदूरों के लिए शहर में बनाए गए 8 क्वारेंटाइन सेंटर : बिलासपुर में 480 मजदूरों को रुकवाने के लिए 8 सेंटर बनाए गए हैं। शहर के बीच में अधिकांश सेंटर हैं इसलिए लोगों में डर का माहौल है। मजदूरों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से लोग भयभीत हो रहे हैं। इसके लिए 4 सेंटर बनाए गए हैं। जहां 2000 बेड का इंतजाम किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बिलासपुर शहर के 480 मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं जो ट्रेन से यहां एक दो दिनों के भीतर आ जाएंगे। उन्हें ठहराने के लिए पुत्री शाला सामुदायिक भवन, यदुनंदन नगर सामुदायिक भवन, त्रिवेणी भवन, जरहाभाठा सामुदायिक भवन, गोड़ पारा सामुदायिक भवन, गुजराती समाज भवन, कोनी आईटीआई हॉस्टल, रेन बसेरा व्यापार विहार सहित 8 सेंटर बनाए गए हैं। एसडीएम देवेंद्र पटेल ने बताया कि नगर निगम को मजदूरों के रुकवाने की जिम्मेदारी दी गई है।मजदूरों की व्यवस्था करने सांसद साव की मांगबिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अरुण साव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंह देव एवं राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल तथा मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर प्रत्येक ग्राम पंचायत को छत्तीसगढ़ लौटने वाले श्रमिकों की व्यवस्था करने के लिए एक ₹लाख देने की मांग की है । विभिन्न राज्यों से जिले में 65000 मजदूर लौटने वाले हैं। इन्हें ठहराने की व्यवस्था ग्राम पंचायतों को दी गई है।टीकमगढ़ के मजदूरों को अमरकंटक तक भेजा आप नेओडिशा के संबलपुर में संचालित एक गुटखा फैक्ट्री में काम करने गए मध्य प्रदेश के मजदूरों को आज आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रथमेश मिश्रा ने अपने खर्च पर बिलासपुर से अमरकंटक बस से भेजा। धनपत राय, कैलाश हरिराम सहित अन्य मजदूर और उनका परिवार जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, किसी तरह संबलपुर से बिलासपुर पहुंचे। इन्हें कई किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा। यहां से निजी स्कूल की बस में उन्हें भेजा गया।ट्रेनों में खाने का झगड़ा क्योंकि पैकेट कम पड़ रहेस्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे श्रमिकों को सिर्फ 25 रुपए की वेज बिरयानी और एक पानी का बोतल दिया जा रहा है। ऑर्डर सिर्फ 1000 पैकेट का ही है। इससे 1200 यात्रियों के बीच खाने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। कुछ तो भूखे पेट ही सफर कर रहे हैं। एक कर्मचारी ने बताया कि जिस बेस किचन से भोजन के पैकेट तैयार हो रहे हैं, वहां हर ट्रेन के लिए सिर्फ 1000 भोजन के पैकेट और 1000 पानी का बोतल ही देने के निर्देश दिए गए हैं। धनबाद जा रही एक ट्रेन जब बिलासपुर से छूटकर 40 -50 किलोमीटर आगे पहुंची तब एक कोच में खाना कम पड़ा तो खूब झगड़ा हुआ। राजेंद्र बोरबन, क्षेत्रीय प्रबंधक, आईआरसीटीसी ने पूछने पर कहा कि हमें जो सदस्य संख्या बताई गई उससे 50 पैकेट भोजन ज्यादा दिया गया। ट्रेन में डिस्ट्रीब्यूशन करने वाला गड़बड़ कर रहा होगा।हर जुबां पर चिंता है कहीं बाहर से आ रहे मेहमानों से संक्रमण न फैल जाए और इधर जिला प्रशासन ने कोई इंतजाम ही नहीं किएअब्दुल रिजवान |संक्रमण रोकने के लिए जिला प्रशासन कितना संजीदा है यह बता रहे हैं शहर के क्वॉरेंटाइन सेंटर। दैनिक भास्कर देर रात उन जगहों पर पहुंचा तो पता चला जहां पर श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन रखना है वहां कोई व्यवस्था नहीं है। बहतराई स्टेडियम से लेकर राजकिशोर नगर और टिकरापारा स्थित गुजराती समाज भवन में कहीं कोई इंतजाम दिखाई नहीं दिए। खाने-पीने रहने की व्यवस्था कैसे होगी कुछ पता नहीं।गुजराती समाज भवनरात 11:00 बजे। भवन के मुख्य द्वार पर ताला लगा था। अध्यक्ष से बात करके खुलवाया गया तो उन्होंने बताया 1 सप्ताह पहले नगर निगम के अफसर भवन देखने आए जरूर थे लेकिन उन्होंने आगे की कोई प्लानिंग नहीं बताई। अंदर तीन-चार बड़े हॉल वह कमरे हैं यहां पर रुकवाने की पर्याप्त व्यवस्था है प्रशासन की ओर से काेई व्यवस्था नहीं है।राजकिशोर नगर सामुदायिक भवनरात 10:30 बजे। सामुदायिक भवन के सामने सड़क पर तीन चार युवक टहल रहे थे वे निगम की ओर से तैनात किए गए हैं। एक हॉल व दो कमरे हैं। इसमें महिला और पुरुष की व्यवस्था अलग अलग बनाई जाएगी। मजदूरों के सोने के लिए सिर्फ 15 गद्दे, चादर वह तकिए उपलब्ध कराए गए हैं बाकी और कोई व्यवस्था वहां पर नहीं है।बहतराई स्टेडियमरात 9:30 बजे। स्टेडियम के मुख्य द्वार पर 3-4 पुलिस के जवान खड़े थे पूछने पर बताया हमें सूचना दी गई कि मजदूर आने वाले हैं, इसलिए हम पहुंच गए। स्टेडियम के अंदर केयरटेकर श्रीवास अपने कक्ष में आराम कर रहा था। उसे नहीं पता मजदूर कब आएंगे। उसने कहा क्या व्यवस्था करना है यह तो साहब लोग ही बता सकते हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today More than 60 thousand workers will stay here Full Article
india news अमृत मिशन की टंकियां तैयार पर खूंटाघाट से पानी सप्लाई तय नहीं By Published On :: Fri, 08 May 2020 23:59:00 GMT ग्राउंड वाटर बचाने तथा सतही जल के इस्तेमाल के लिए बनाई गई खुटाघाट से शहर वासियों को पेयजल सप्लाई की योजना अधर में लटक गई है। योजना की डेडलाइन 30 अप्रैल को समाप्त होने के बाद ठेकेदार इंडियन ह्यूम पाइप 54 फीसदी अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए, कितना वक्त लगेगा बता नहीं पा रहा है। बिरकोना से शहर वासियों को पानी सप्लाई के लिए 4680 एवं 2090 किलोलीटर क्षमता वाली पानी टंकियों का निर्माण किया जा चुका है। सवाल यह है कि जब तक पेयजल सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं होगा, तब तक घरों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सकेगा। डेडलाइन बीतने के बाद शेष 54 फीसदी कार्य को पूरा कराने के लिए इंडियन ह्यूम पाइप के साइट इंजीनियर एनएस त्रिपाठी ने निगम से एक स्टेशन की तो मांग की है, लेकिन वह अभी तक यह बता नहीं पा रहे हैं कि कार्य कब तक पूरा कर पाएंगे। नगर निगम ने ठेकेदार को नोटिस देकर जानना चाहा था की अब वह योजना को कब तक पूर्ण कर पाएगा? वर्क आर्डर के मुताबिक योजना का काम अक्टूबर 2019 में हो जाना था। निगम प्रशासन ने ठेकेदार को नोटिस देकर इस बात पर आपत्ति जताई है कि अक्टूबर से मार्च तक ठेकेदार ने मात्र 10% ही कार्य किया। वर्तमान में शहर वासियों को पीने का पानी 600 से अधिक ट्यूबवेल के जरिए दे रहे हैं। अमृत मिशन योजना की समस्या यह है कि खूंटाघाट से बिलासपुर को पेयजल सप्लाई की योजना केवल इस प्रत्याशा में बना दी गई कि शहर को हर वर्ष 130 एमसीएम पानी सप्लाई होगा। जल संसाधन विभाग को अहिरन से खूंटाघाट को पानी सप्लाई करने की लिंक परियोजना के लिए कोई स्वीकृति शासन ने प्रदान नहीं की है।वितरण पाइपलाइन का लाभ मिलेगानिगम के कार्यपालन अभियंता पीके पंचायती ने कहा कि शहरवासियों को पेयजल की सप्लाई के लिए खुटाघाट से 31 एमसीएम पानी की मांग की गई है। बांध से पानी सप्लाई के बाद ही बिरकोना पानी टंकी से नागरिकों को पानी की सप्लाई की जाएगी। जब तक बांध से पानी की सप्लाई नहीं होगी, उस दौरान अमृत मिशन की वितरण पाइपलाइन और नेटवर्क का लाभ निगम की पेयजल सप्लाई योजना से लिया जाएगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Amrit Mission tanks not ready to supply water from peg Full Article
india news बिजली विभाग के ठेका कर्मियों ने कहा-15 से जाएंगे हड़ताल पर By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:01:00 GMT छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा ठेका कर्मचारियों से कोरोना वायरस जैसी महामारी में भी काम लिया जा रहा है, लेकिन ठेका कर्मचारियों को विभाग द्वारा कोई सुरक्षा नहीं दी जा रही है। इन्हें न ही दुर्घटना बीमा के दायरे में रखा गया और न ही कल्याण योजना का लाभ दिया जा रहा है। परेशान 33 व 11 केवी ठेका कर्मचारियों ने 15 मई से हड़ताल में जाने की चेतावनी बिजली बोर्ड व सरकार को दी है। ठेका कर्मचारी मजदूर संघ के अध्यक्ष गुलेन्द्र यादव ने कहा कि विद्युत आपूर्ति का बड़ा कार्य सौंप दिया गया, पर उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। संरक्षक नरोत्तम धृतलहरे ने कहा कि विद्युत विभाग निरंतर बिजली आपूर्ति के लिए ठेका कर्मचारियों के ऊपर निर्भर है, किन्तु कर्मचारी कल्याण योजना में शामिल नहीं किया है। जबकि मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश की सरकार ने सभी कोरोना योद्धाओं को कल्याण योजना में शामिल किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कोराेना क्षेत्रों से ट्रेन लेकर आए लोको पाॅयलट व गार्ड की नहीं हो रही जांच By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:02:00 GMT रेड और ऑरेंज जॉन वाले शहरों से नौकरी कर वापस लौट रहे रेलवे के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड की कोई जांच नहीं की जा रही है ना ही उन्हें क्वारेंटाइन ही किया गया है। उल्टे उन्हें दोबारा से नौकरी पर जाने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। रेल प्रशासन की यह लापरवाही शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला सकती है। इससे रेलवे कॉलोनी में रहने वाले दूसरे कर्मचारी दहशत में हैं। गार्ड काउंसिल के लोगों ने शुक्रवार को इस मामले में विरोध प्रदर्शन भी किया।लॉकडाउन के 40 दिन बीतने के बाद अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला ट्रेनों के जरिए शुरू हुआ है। मजदूर तो अपने राज्य और घरों तक पहुंचकर क्वारेंटाइन हो जा रहे हैं लेकिन उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले रेलवे के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड कि ना तो जांच की जा रही है और ना ही उन्हें वापसी पर क्वारेंटाइन ही किया गया है। इससे कर्मचारी भी दहशत में हैं। एक लोको पायलट ने बताया कि जिस जगह वाे ट्रेन लेकर गया था वहां की हालत अच्छी नहीं है। वहां पहुंचने के बाद लगभग 9 घंटे रेस्ट रूम में बिताना पड़ा। इस दौरान सामान खरीदने के लिए बाजार भी जाना पड़ा और भीड़भाड़ वाली जगहों पर भी जाना पड़ा, ऐसे में वे स्वयं भी कहीं भी संक्रमित हो सकते हैं। लौटने के बाद उनकी जांच होनी थी और उन्हें घर पर क्वारेंटाइन भी किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।बसों से बच्चे को लाने वाले क्वारेंटाइनराजस्थान कोटा से बच्चों को अपने प्रदेश लाने वाले बसों के ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य कर्मचारियों को वापस आने के बाद क्वारेंटाइन कर दिया गया है। ऐसा सुरक्षा की दृष्टि से किया गया है। प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहा है। ऐसे में रेल कर्मचारियों के जरिए भी कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ रही है। पहुंचने के बाद लगभग 9 घंटे रेस्ट रूम में बिताना पड़ा। इस दौरान सामान खरीदने के लिए बाजार भी जाना पड़ा।सात स्पेशल ट्रेन में 21 कर्मचारियों ने ड्यूटी कीझारखंड व बिहार की ओर बिलासपुर होकर सात स्पेशल ट्रेन गुजरी हैं। इन स्पेशल ट्रेनों में 1250 और 1250 श्रमिक अपने-अपने राज्यों को गए हैं। इन ट्रेनों का स्टॉपेज बिलासपुर में था। यहां से स्टाफ बदलकर भेजा गया वापसी में इन ट्रेनों के खाली रैक को नागपुर ले जाने के लिए भी एसईसीआर का स्टाफ गया था। 7 ट्रेनों में लगभग 21 कर्मचारियों ने ड्यूटी की है। इन कर्मचारियों को वापसी के बाद ऐसे ही छोड़ दिया गया है।विरोध-प्रदर्शन किया: स्पेशल ट्रेनों से ड्यूटी कर लौटे गार्ड अपने अन्य साथियों के साथ ऐसी ड्यूटी का विरोध करने के लिए सीनियर डीओएम रवीश कुमार से मिलने पहुंचे। वहां पर उन्होंने अपनी व्यथा सुनाई और स्वयं की जांच कराने की बात कही। साथ ही कहा कि उनकी ड्यूटी उनके अपने जोन की सरहद तक ही लगाई जाए। दूसरे जोन वाले वहां से ट्रेनों को लेकर जाएं।अफसर अनभिज्ञ, कह रहे- हमें नहीं मालूम विभाग क्या कर रहावे स्वयं भी कहीं भी संक्रमित हो सकते हैं। लौटने के बाद उनकी जांच होनी थी और उन्हें घर पर क्वारेंटाइन भी किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।सुरक्षा का पालन कर रहे हैं"क्रू मेंबर्स को क्रू चेंजिंग प्वाइंट पर चेंज किया जाता है। स्टेशन एवं रनिंग रूम में रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए सारे प्रिवेंटिव मेजर्स का पालन किया जा रहा है।" -साकेत रंजन, सीपीआरओ बिलासपुर जोन Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Loco pilots and guards brought trains from Korena areas are not being investigated Full Article
india news इंडस्ट्री की मौजूदा डिमांड को देखते हुए एआईसीटीई ने लांच किए 49 फ्री कोर्स By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:05:00 GMT लॉकडाउन के चलते यूनिवर्सिटी और कॉलेज बंद हैं। ऐसे में छात्रों का वक्त बर्बाद न हो इसलिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने स्टूडेंट्स के लिए 49 ई-कोर्स लांच किए हैं। जिनमें शामिल होने के लिए 15 मई से पहले पंजीयन कराना है। विशेष बात यह है कि ये सभी कोर्सेस नि:शुल्क हैं। एआईसीटीई ने एक संदेश जारी करते हुए कहा है कि लर्निंग प्रोसेस पर लॉकडाउन नहीं है। इसमें कोई भी स्टूडेंट नि:शुल्क शामिल हो सकता है। यूपीएससी, इंजीनियरिंग के लिए 100 घंटे के वीडियो बनवाए गए हैं। एआईसीटीई के लिए ये सभी कोर्स अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों और कंपनियों ने तैयार किए हैं। इनमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले इंस्टीट्यूट्स और आईटी की बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें में हेल्थ सर्विसेस को खासतौर पर शामिल किया गया है। इस सेक्टर में काफी लोग हायर किए जाएंगे। एआईसीटीई की वेबसाइट पर 15 मई से पहले रजिस्ट्रेशन कराएं।जेईई मेंस के लिए 70 तो नीट के लिए 78 दिन बचे हैंजेईई मेंस 18 से 23 जुलाई को होगा। अभी 70 दिन बचें हैं। नीट का पेपर 26 जुलाई को होगा। 78 दिन तैयारी के लिए बचे हैं। क्लैट 21 जून को होगा। तैयारी के लिए 43 दिन बचे हैं। इन परीक्षआें की तैयारी के लिए छात्रों के पास अब पर्याप्त समय बचा है। लेकिन बहुत से छात्र ऐसे हैं, जो तैयारी करके थक चुके हैं, उनमें सैचुरेशन की फीलिंग आने लगी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्ट्रेस से बचें, ताकि आखिरी चरण की तैयारियां खराब न हों। ब्रेक के दौरान टीवी नहीं लाफ्टर शो, कवि सम्मेलन देखें। हेल्दी फूड व एक्सरसाइज से डोपामाइन बढ़ेगा। नेगेटिविटी दूर होगी। इस एक्स्ट्रा टाइम को लैंग्वेज और कॉम्प्रीहेंसिव स्किल्स बढ़ाने में इस्तेमाल करें। तीन दिन में एक मॉक टेस्ट दें। कम से कम 3 घंटे इसको रिवाइज करें। विशेषज्ञों का कहना है कि एनसीईआरटी बुक्स को रिवाइज करेंगे तो नॉलेज बढ़ेगा।यूपीएससी, इंजीनियरिंग के लिए 100 घंटे के वीडियो बनवाए गए हैंकम्युनिकेशन : दो कोर्स हैं जिसमें थ्योरी के साथ इंटरव्यू की तैयारी भी कराई जाएगी। मकसद हैं स्टूडेंट्स को कॉर्पोरेट जॉब्स के लिए तैयार करना।ई-लर्निंग : इस क्षेत्र में एआईसीटीई तीन कोर्स ऑफर कर रहा है। इनमें 30 क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों में 300 घंटे का मटेरियल है। साथ ही एजुटेक एमटीसी ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में 1 हजार घंटे से अधिक का डिजिटल पाठ्यक्रम है।आईटी: इसमें 22 ई-लर्निंग हैं। इसमें प्रोटीन, फंक्शनल टेस्टिंग, सर्टिफाइड एजाइल स्क्रेम एसोसिएट, डेटा एनालिटिक्स, बिग डेटा, आर प्रोग्रामिंग, जावा प्रोग्रामिंग, पायथन के लिए डेटा साइंस, प्रोग्रामिंग वर्क बेंच, मैटलैब ऑन रैंप शामिल हैं।मैकेनिकल इंजीनियरिंग: स्किल लिंक के इस कोर्स में स्टूडेंट्स को 5 स्किल्स सिखाई जाएंगी। इन्हें सीखने के बाद वे मैटलैब, पायथन, सीएफडी, एफईए और मल्टी बॉडी डायनेमिक्स में कॉम्पीटिशन फेस कर सकेंगे।मैनेजमेंट: टॉप बी-स्कूल्स द्वारा तैयार किए गए इस कोर्सेस में एबिलिटी मैपिंग, फायनेंस मैनेजमेंट, फायनेंशियल व इन्वेस्टमेंट एनालिसिस में ऑनलाइन इंटर्नशिप ऑफर की जा रही है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news दो दिन बंद रहेंगे बाजार सब्जी, फल व दूध मिलेंगे By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:07:00 GMT जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर धारा 144 को 17 मई तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा आदेश में बताया गया है कि अब शनिवार और रविवार को जिले में पूरी तरह से लाकडाउन रहेगा। इस दौरान कुछ अत्यावश्यक सेवाओं को शर्तों के साथ छूट रहेगी। कलेक्टर यह आदेश शुक्रवार को जारी किया है।कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर जिले में कोरोना 19 के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए धारा 144 को 17 मई तक बढ़ा दिया है। कलेक्टर ने आदेश में बताया है कि 17 मई के बाद भी सप्ताह में जिले में दो दिन का पूरी तरह से लाकडाउन रखा जाएगा। पूरे मई माह में शुक्रवार शाम सात बजे सोमवार सुबह 6 बजे तक गतिविधियां प्रतिबंधित रहेगी। यानि दो दिनों तक बाजार पूरी तरह से बन्द रहेगा। हालाकि सब्जी फल सहित अन्य खाद्य पदार्थ सुबह 7 बज से 12 बजे तक बिक सकेंगे। जिला प्रशासन ने मिल्क पार्लर का समय भी घटा दिया है। अब तक सुबह 7 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक खुलते थे लेकिन शनिवार और रविवार को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे और शाम को 5 से लेकर 7 बजे तक खुले रह सकते है। बिजली,पेयजल आपूर्ति, नगर पालिक सेवाएं, मोबाइल रिचार्ज सुबह 7 से लेकर दोपहर 12 बजे तक खुल सकेंगे। वहीं औद्योगिक संस्थान को छूट दी गई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news कचरे की जगह टिपर में मिट्टी भरी मिली, जुर्म दर्ज By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:09:00 GMT कचरे की जगह मिट्टी भर कर काली कमाई करने के मामले में शुक्रवार को निगम के सफाई एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी राजेश शुक्ला ने एमएसडब्ल्यू सोल्यूशन लिमिटेड के कर्मचारी व वाहन को रंगे हाथों पकड़ा। उन्होंने बताया कि रेलवे क्षेत्र में ऑटो टिपर सीजी 10 जी 5632 के चालक भुवनेश्वर जायसवाल व हेल्पर प्रमोद साहू कचरे के स्थान पर मिट्टी भरते मिले। उन्होंने इसकी रिपोर्ट तोरवा थाने में करते हुए कचरा गाड़ी मय ड्राइवर, हेल्पर के तोरवा पुलिस के सुपुर्द कर दी। शुक्ला ने आरोप लगाया कि कचरे की जगह मिट्टी भर कर काली कमाई की जा रही है, जिसमें ठेकेदार के साथ निगम के अफसर भी शामिल हैं। डिप्टी कमिश्नर खजांची कुम्हार से बात करने पर उन्होंने बताया कि रेलवे क्षेत्र से कचरा उठाने के लिए निगम के साथ रेलवे ने एग्रीमेंट किया है। प्रति टन 2115 रुपए की दर से कचरे का निबटान कछार स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड में किया जाता है। शहर एरिया के कचरे का वजन कर इसका भुगतान निगम और रेलवे एरिया के कचरे का भुगतान रेलवे करता है। कचरे से खाद बनाने का ठेका एमएसडब्ल्यू सोल्यूशन लिमिटेड के पास है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news अवध को स्वच्छता, संतोषी वन समिति और तुलसी बनी कृषि स्थाई समिति की सभापति, 5 नामों की हुई घोषणा By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:19:00 GMT जिला पंचायत की विभिन्न समितियों के सभापति का चुनाव हुआ। इसमें सभी सभापित सर्वसम्मति से चुने गए। शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष पर कृषि स्थायी समिति, संचार एवं संकर्म स्थायी समिति, सहकारिता एवं उद्योग समिति, स्वास्थ्य महिला एवं बाल कल्याण समिति एवं वन एवं पर्यावरण एवं स्वच्छता समिति के सभापति चुने गए। जिला पंचायत दफ्तर पर सुबह से नेताओं की चहल पहल रही। दोपहर 2 बजे के बाद रायशुमारी करके सभी सभापति के पद पर आपसी सहमति बना ली गई।बंद कमरे में चर्चा के बाद बनी सहमति- जिला पंचायत सभापति के चुनाव पर चर्चा करके एक नाम पर सहमति बनाने में जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल, ग्रामीण अध्यक्ष अरूण मालाकार, दिलीप पाण्डेय, जिला पंचायत सदस्य आकाश मिश्रा और अवध पटेल ने बंद कमरे में बातचीत करने के बाद बाकी सदस्यों से बात की। अंत में जिला पंचायत सभापति के नामों पर सहमति बना ली गई। शाम को सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी और अध्यक्ष निराकार पटेल, कांग्रेस समर्थित सदस्यों की उपस्थिति में सभी सभापति को प्रमाण पत्र देकर कार्यक्रम का समापन किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Cleanliness to Awadh, Chairman of Santoshi Forest Committee and Tulsi Agriculture Standing Committee, 5 names announced Full Article
india news केंद्र सरकार से जनधन खाते में आ रहा पैसा इसलिए बैंकों में खाता खुलवाने महिलाओं की लग रही भीड़ By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:23:00 GMT लॉकडाउन में राहत देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार तीन माह तक महिलाओं के बैंकों खातों में 500-500 रुपए जमा करा रही है। इसकी वजह से बैंकों में पैसे निकालने के लिए हर रोज भीड़ उमड़ रही है, और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है। अब बैंकों में पैसे निकालने के साथ महिलाएं जिनके जन धन खाते नहीं खुले है, ऐसी महिलाएं भी बैंकों में एकाउंट खोलने के लिए पहुंच रहीं है। इस पर बैंक अफसरों कहना हैं कि जिनके खातों पहले खोले जा चुके है और आधार से लिंक है, उन्हीं के खातों में पैसे आएंगे।शुक्रवार को शहर के कई बैंकों में भीड़ अनकंट्रोल हो गई। अव्यवस्था फैली तो पुलिसकर्मियों को भी बुलाना पड़ा यूनियन बैंक में करीब 20 से अधिक महिलाएं जन धन में खाता खुलवाने पहुंची। एकाउंट ओपन करने के लिए फार्म तो भरवा लिया गया, पर उन्हें एकाउंट ओपन करने का प्रोसेस बाद में करने की बात कही गई। बैंक मैनेजर ने बताया कि अब बैंक खाते लॉकडाउन के बाद ही खोले जाएंगे। इलाहाबाद और अपेक्स बैंक में भीड़ पर नो कंट्रोलशुक्रवार को इलाहाबाद, अपेक्स बैंक में जनधन खाते और धान बिक्री के पैसे निकालने के लिए ग्राहकों की भीड़ लग गई। व्यवस्था नहीं होने से दोनों ही बैंकांे में भीड़ अनकंट्रोल हो गई। ग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर नहीं आए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The money coming from the central government to the Jan Dhan account is why there is a rush of women to open accounts in banks Full Article
india news साइकिल, मोपेड और बाइक से 10 परिवार के 40 लोग निकले, हजार किमी की यात्राकर पहुंचेंगे अपने घर By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:25:00 GMT सड़क पर लूना और साइकिल से पत्नी व बच्चों को बैठाकर जा रहे ये लोग वो ठेले और खोमचे वाले हैं, जाे लगभग 20 साल से शहर में रोजी-रोटी कमाते थे। गर्मी में ठंडी कुल्फी और बर्फ तो बाकी दिनों में गुपचुप और चाट बेचते थे। कोरोना से इतने बेबस हुए कि यहां कमाया हुआ सब कुछ बेचकर 1000 किलोमीटर दूर झांसी के लिए निकलना पड़ा। रविवार की रात 2 बजे भास्कर की टीम को असहाय हुए इन लोगों का काफिला घरघोड़ा रोड पर उर्दना के नजदीक दिखा।कोई साइकिल पर टूटी आस लिए चल रहा था तो कोई लूना पर तीन लोगों बैठाकर जाते नजर आया। झांसी से दो दशक पहले आए 10-12 परिवार के 40 महिला, पुरुष, बच्चे इंदिरा नगर में रहते थे। कोरोना ने काम छीन लिया और अब कोई उम्मीद भी नहीं बची। बिना धंधे के गुजारा संभव नहीं लगा। यहां पसीना बहाकर 2 रोटी कमाते और अपने बूढे मां-पिता के लिए कुछ रुपए भी भेजते थे। कई दिनों से काम बंद था। रास्ते में खाने के लिए पैसों की जरूरत होगी, इसलिए अपने सामान भी बेच दिए। मजबूरी कहिये या हौसला, कहते हैं कुछ महीनों में सब ठीक होगा तो वापस आएंगे। यूपी के झांसी जिले के ये लोग फरवरी से जून तक गांव-गांव जाकर आइसक्रीम बचते थे। सितंबर से दिसंबर तक गुपचुप बेचकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। 10 दिनों तक घर जाने की अनुमति मांगते रहे। प्रशासन ने आवेदन तक नहीं लिया तो मजबूर होकर अपने देश निकल पड़े।गांव पहुंच जाएंगे तो पड़ोसी हमें खाने को तो दे ही देंगेनईम कहते हैं कि यहां मां बहन, भाई के साथ रहता हूं। हर तरफ दौड़ लिया कहीं से खाने को नहीं मिल रहा है। पिछले 45 दिनों में केवल 5 किलो का राशन मिला, जो कब खत्म हो गया मालूम नहीं। घर से बूढ़े पिता से पैसे 2 बार लिया, अब तो वह भी असमर्थ है। यूपी में अपने जनपद जालौन चले जाएंगे तो लोग खाने के लिए दे ही देंगे।भाेजन की व्यवस्था में बेचनी पड़ी पुरानी बाइकरफीक बताते हैं कि वह 10 साल से आइसक्रीम और गुपचुप बेच रहे है। उनके साथ परिवार के पांच सदस्य बहन, 2 भाई, भतीजे रहते है। यूपी में घर पर पत्नी बच्चे, मां बाप की सेवा करती है। खाने की परेशानी बढ़ी तो पुरानी बाइक को चार हजार में बेच दी। साइकिल से किसी तरह घर पहुंच गया तो वहां खेती-किसानी या कुछ भी कर लेंगे।साहब... और रुकते तो बिन खाए ही मर जातेजब भास्कर की टीम ने उनसे पूछा तो साइकिल रोक कर कहने लगे, साहब। आप नहीं जानते है। एक दिन बीत रहा था तो लग रहा एक साल हो गया। दो दिन बिन खाएं भी रहना पड़ा। किसी दिन सुबह नमक चावल खा लिया पर इन छोटे बच्चों को क्या खिलाएं जहां खाना ही देने वाला कोई नहीं। कलेक्टर ऑफिस, नगर निगम, सिटी कोतवाली हर जगह अपनी लाचारी बयान की, पर किसी ने सुना नहीं। यहां भूखों मरने से अच्छा है, घर जाते हुए मर जाएंगे। और पहुंच गए तो घर पर भूखे भी रह लेंगे।क्यों बनी ऐसी मजबूरीपरदेस में कमाने आये इन लोगों पर 2 परिवारों की जिम्मेदारी है। यहां पेट भरकर घर के लिए भी पैसे भेजते हैं। इनका व्यवसाय बंद हुआ। लॉकडाउन में दूसरा रोजगार भी नहीं मिला। कुछ रोज घर पर रखा अनाज खा लिया। फिर दूसरों के भरोसे हो गए। सरकारी व्यवस्था इनका पेट नहीं भर सकती। बड़े साहबों के पास जाकर खाने के लिए बोला तो कहते है कि हम कहां से दें। दफ्तरों में कोई यह नहीं बता सका कि उनको घर भेजने का कोई इंतजाम कब होगा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today 40 people of 10 families left by bicycle, moped and bike, will travel to their home after traveling thousands of km Full Article
india news जिले में 70 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे, माह में 2 बार होती है खून की जरूरत, परेशानी न हो इसलिए संस्था ने लिया गोद By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:29:00 GMT थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त रोग है। जिससे शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया ठीक से काम नहीं करती है। जिससे पीड़ित बच्चे के शरीर में रक्त की कमी होने लगती है। इस कारण बार-बार रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। वर्तमान में जिले में लगभग 70 बच्चे थैलेसीमिया पीड़ित हैं। जिनमें 3 माह से लेकर 10 साल के बच्चे हैं। बीमारी के कारण प्रत्येक पीड़ित बच्चे को माह में 2 बार रक्त चढ़ाना पड़ता है। रक्त की जरूरत के समय परिजन परेशान न हो और बच्चों की जान मुसीबत में न पड़े इसके लिए सामाजिक संस्था छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी ने थैलेसीमिया पीड़ित सभी बच्चों को गोद लिया है। बच्चों को जब भी रक्त की जरूरत पड़ती है संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। जिला अस्पताल पहुंचने पर इन बच्चों समेत परिजनों के नाश्ता-खाना की व्यवस्था भी संस्था करती है। शुक्रवार को विश्व थैलेसीमिया दिवस के मौके पर संस्था द्वारा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान किया गया।इस तरह थैलेसीमिया से हो सकता है बचावडॉक्टरों के अनुसार खून की जांच करवाकर रोग की पहचान कर सकते हैं। शादी का रिश्ता तय करने से पहले लड़के व लड़की के खून की जांच कराई जा सकती है। नजदीकी रिश्ते में शादी करने से बचना और गर्भ ठहरने के 4 माह के अन्दर भ्रूण की स्वास्थ्य जांच करवाने बीमारी से बच सकते हैं।3 माह बाद नजर आते हैं थैलेसीमिया के लक्षणजिला अस्पताल के एमडी (मेडिसीन) डॉ. प्रिंस जैन ने बताया कि थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित बच्चों में जन्म के 3 माह बाद ही लक्षण नजर आते हैं। कुछ बच्चों में 5 -10 साल के मध्य लक्षण दिखाई देते हैं। त्वचा, आंख, जीभ व नाखून पीले पड़ने लगते हैं। दांतों को उगने में दिक्कत और बच्चे का विकास रुक जाता है। थैलेसिमिया की गंभीर अवस्था में खून चढ़ाना जरूरी हो जाता है।स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान के लिए किया प्रोत्साहितलॉकडाउन के कारण स्वैच्छिक रक्तदाताओं के कम आने के साथ ही रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं हो पाने की वजह से ब्लड बैंक में रक्त की कमी को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एनएसएस व स्काउट गाइड समेत अन्य समाज सेवी संस्थाओं से संपर्क करके रक्तदान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे 3-4 दिनों के भीतर युवा वर्ग आगे आकर रक्तदान करने लगा है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news 64 घंटे के कंप्लीट लॉकडाउन से पहले बाजार में जमकर खरीदारी, अब मंगलवार को भी खुलेंगी शहर की दुकानें By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:31:00 GMT जिले में शनिवार व रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन शुक्रवार दोपहर 2 बजे बाद शुरू हो गया। 64 घंटे के लॉकडाउन के पहले बाजारों में भीड़ नजर आई। जरूरी सामान की खरीदारी करते लोग दिखे। मेडिकल सुविधाएं, पेट्रोल पंप, चश्मे की दुकान, एटीएम, बिजली, गैस सिलेंडर के वाहनाें की आवाजाही, फायर ब्रिगेड समेत निगम की जरूरी सेवाएं चालू रहेंगी। रविवार को खाद्य पदार्थ ब्रेड, फल व सब्जी की दुकानें खुलेंगी। घर-घर जाकर दूध बांटने वाले विक्रेता सुबह 6.30 से 8.30 तक व शाम 5 से शाम 7 बजे तक आपूर्ति कर सकेंगे। दुकानें सोमवार को खुलेंगी। वहीं अब मंगलवार को दुकानें खुल सकेंगी। इसके पहले मंगलवार को यहां साप्ताहिक अवकाश रहता था। सब्जी व दूध की दुकानें सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ही खुलेंगी। राज्य शासन ने मई में हर शनिवार व रविवार को कंप्लीट लॉकडाउन रखने का निर्णय लिया है। वह जिले में भी लागू है। कलेक्टर किरण कौशल ने शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से कंप्लीट लॉकडाउन के संबंध में आदेश जारी कर दिया है।चेंबर ऑफ काॅमर्स ने प्रशासन से मंगलवार को दुकानें खोलने में छूट की मांग की थीअब दो दिन कंप्लीट लॉकडाउन की वजह से सोमवार को सुबह करीब 9 बजे से ही दुकानें खुलेंगी। जिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखा था। कलेक्टर ने अब मंगलवार को दुकानें खोलने की छूट दे दी है।जिले में ये आदेश 31 मई तक प्रभावशील रहेगा, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई: कलेक्टरकलेक्टर किरण कौशल ने कहा है कि 31 मई तक जिले की सीमा क्षेत्र में आज जारी आदेश प्रभावशील रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। संपूर्ण लॉकडाउन प्रत्येक शुक्रवार दोपहर 3 बजे से साेमवार सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। दुकानें उसके बाद निर्धारित समय में खुलेंगी।कोसाबाड़ी रोड: कलेक्टोरेट समेत प्रमुख कार्यालय यहींकोसाबाड़ी से आईटीआई चौक के बीच कलेक्टोरेट, जिला पंचायत कार्यालय, निगम कार्यालय के साथ ही प्रमुख दफ्तर इसी मार्ग पर हैं। दो दिन दफ्तर भी बंद रहेंगे। इसलिए जरूरी काम निपटाने लोग पहुंचते रहे। कोसाबाड़ी चौक के पास सब्जी मार्केट में भीड़ देखी गई। इसके पास में ही सीएसईबी कॉलोनी भी है। साथ ही हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रिसदी तक लोग यहां खरीदारी करने आते हैं।निहारिका रोड: दुकान बंद होने के पहले दोपहर में भीड़घंटाघर से सुभाष चौक तक सड़क पर दोपहर 1 बजे के बाद लोगों की आवाजाही देखी गई। पहले धूप बढ़ने के साथ सड़क में भीड़ कम हो जाती है। दाे दिन कंप्लीट लॉकडाउन के निर्णय से दुकान बंद होने के पहले दोपहर में खरीदी करते रहे। इस क्षेत्र में एमपी नगर, आरपी नगर, रविशंकर शुक्ल नगर, शिवाजी नगर की रिहायशी कॉलोनी है। साथ ही आसपास गांव के लोग भी खरीदी करते हैं।कोरबा शहर: पहले की तरह मार्केट में रही चहल-पहलकोरबा जोन में पॉवर हाउस रोड, पुराना बस स्टैंड, सीतामणी मार्ग के मार्केट में पहले की तरह चहल-पहल नजर आई। अब कपड़े, ज्वेलरी, ऑटो मोबाइल, बर्तन की दुकानें भी खुल रही हैं। साथ ही सुनालिया पुल के पहले लगाया गया बैरिकेड्स भी हटा दिया गया है। जिसकी वजह से लोग आराम से आवाजाही करते रहे। जरूरी सामान की दुकानों के साथ अन्य दुकान भी पहले की तरह समय पर खुल रही हैं। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Shopping in the market fiercely before 64 hours of complete lockdown, now the shops of the city will open on Tuesday Full Article
india news प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट से होगी कोल ब्लॉकों की राह आसान By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:34:00 GMT नए कोयला खदानों की राह आसान करने के लिए कोयला मंत्रालय ने पर परियोजना निगरानी इकाई याने प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य कोल परियोजनाओं के रास्ते आने वाली बाधाओं को दूर करना है।प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट के माध्यम से केंद्र व राज्य के विभिन्न विभागों से जरूरी अनुमति या अन्य कार्यवाहियों में भी सहयोग मिलेगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की कड़ी में इसे महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। हाल ही में कोयला मंत्रालय के सचिव ने कोल ब्लॉक आवंटन हासिल करने वाली कई कंपनियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान उनको प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के संबंध में जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि पीएमयू के लिए मेसर्स केपीएमजी को सलाहकार के नियुक्त किया गया है। जिसका लाभ कंपनियां ले सकेंगे। दरअसल सरकार कमर्शियल माइनिंग के तहत कोयला क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित करने की नीति पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य कोयला उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाना है। दूसरी तरफ सरकार कोल इंडिया की स्थिति भी मजबूत करने के लिए कई तरह के निर्णय ले रही है। चालू वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया को 710 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए कोल कंपनियों को अभी से तैयारी में जुटने कहा गया है। पूर्व में सरकार ने बेहतर रेटिंग वाले कोयला खदानों सम्मानित करने का भी निर्णय लिया था।व्यवसायिक माहौल में होगा सुधारप्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट के माध्यम से सरकार को उम्मीद है कि इससे कोयला खनन क्षेत्र में व्यवसायिक माहौल में सुधार किया जा सकेगा। आने वाले समय में भी कोल ब्लॉक के आगामी नीलामी में प्रतिस्पर्धी रूप में शामिल होने वाली कंपनियां इससे प्रोत्साहित होंगे और लाभ उठाएंगे।कोल माइंसजिले में भी कोल ब्लॉक को उत्पादन का इंतजारजिले का मदनपुर कोल ब्लॉक आंध्र मिनरल डेवलपमेंट को आवंटित किया गया है। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते इसकी प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। इसके लिए पर्यावरण जनसुनवाई भी होना है। यहां 183 मिलियन कोयले का खनन होना है। लेकिन अब तक परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today The project monitoring unit will ease the way for coal blocks Full Article
india news 28 हाथियों के साथ पहुंचा दंतैल गणेश गिरारी में धान की फसल को रौंदा By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:37:00 GMT वन परिक्षेत्र कुदमुरा में 28 हाथी फिर से लौट आए हैं। झुंड में दंतैल गणेश भी घूम रहा है। हाथियाें ने गुरुवार रात ग्राम गिरारी में धान की फसल को चौपट कर दिया। ग्रामीणों ने टार्च दिखाकर दंतैल को भगाने का प्रयास किया। लेकिन वह एक ही जगह खड़ा रहा।बुधवार की रात हाथी धरमजयगढ़ वनमंडल के बोरो रेंज चले गए थे। जो फिर से लौट आए हैं। हाथियों का झुंड गर्मी के समय कुदमुरा व करतला परिक्षेत्र में रहता है। इस बार एक महीने के अंतराल में हाथी क्षेत्र में पहुंचे। इस समय धान की फसल तैयार है। अब हाथियों को धान खाने की आदत पड़ गई है। सबसे अधिक डर दंतैल गणेश का रहता है। पिछले साल धरमजयगढ़ व कोरबा वनमंडल में एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों पर हमला किया था। इसके बाद वन विभाग ने रेस्क्यू कर छाल रेंज में रेडियाे कॉलर आईडी लगाया था। लेकिन रेस्क्यू सेंटर तैमोर पिंगला ले जाते समय गणेश ने ट्रक को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके बाद उसे कुदमुरा के गजराज रेस्ट हाउस लेकर पहुंचे थे। यहां भी ट्रक में लोड करने के दौरान जंजीर तोड़कर भाग गया था। बाद में उसके पैर से जंजीर को निकाला गया। इसके बाद वह कुदमुरा क्षेत्र में नहीं आ रहा था। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Dantail arrived with 28 elephants, thrashed paddy crop in Ganesh Girari Full Article
india news पति के बाहर होने पर 3 दोस्तों ने की दुष्कर्म की कोशिश, विरोध करने पर जलाया, आरोपी गिरफ्तार By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:39:00 GMT बांगो थाना अंतर्गत मोरगा चौकी के पतुरियाडांड निवासी एक व्यक्ति से मिलने के लिए बुधवार की रात 10 बजे पहुंचे गिद्धमुड़ी गांव के शरद मसीह (27), प्रीतम पैकरा (22) व सरोज गोड़(22) ने उसकी गैरमौजूदगी में उसकी पत्नी पर मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दी। रात में ही महिला को पोड़ी-उपरोड़ा अस्पताल पहुंचाया गया।जहां 40 फीसदी से अधिक झुलसे होने की वजह से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पुलिस ने राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में गुरुवार को वहां पीड़िता का मरणासन्न बयान लिया था। जिसमें उसने घटना का जिक्र करते हुए आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की। बयान के आधार पर बांगो थाना में तीनों आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास व छेड़छाड़ का अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट पेश किया गया। कटघोरा एसडीओपी पंकज पटेल ने बताया कि पीड़िता के बयान में तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। घटना के समय घर पर पीड़िता की 11 साल की पुत्री व 3 साल का पुत्र सो रहे थे। पुलिस ने जब पुत्री का बयान लिया तो उसने मां की चीख-पुकार सुनकर डर से आंख बंद करके लेटे रहने की बात कही है। दूसरी ओर पीड़िता को जिला अस्पताल से सिम्स बिलासपुर रेफर कर दिया गया है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस मामले में आगे की जांच-पड़ताल कर रही है।पति के घर पर नहीं होने पर बिगड़ी थी दोस्तों की नीयतपुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी पीड़िता के पति से मिलने पहुंचे थे। दरवाजा खटखटाने पर पत्नी ने दरवाजा खोला और पति के बाहर होने की बात उनसे कही। इतने में उन तीनों की नीयत खराब हो गई। उन्होंने दुष्कर्म की कोशिश की तो महिला ने विरोध करते हुए चिल्लाने लगी। इतने में उन लोगों ने पकड़े जाने के डर से घर में रखे मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दी और वहां से भाग गए। महिला की चीख-पुकार से आसपास के लोग उठकर वहां पहुंचे। आग को बुझाया गया। महिला का पति भी लौट आया। घटना की सूचना पुलिस को देते हुए महिला को पोड़ी-उपरोड़ा अस्पताल भर्ती कराया गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news होल सेल व्यापारी से 200 पैकेट पान मसाला जब्त 47 दिन में 50 लाख का गुटखा 2 करोड़ में बिका By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:41:00 GMT लॉकडाउन के दौरान 47 दिनों में प्रतिबंध के बावजूद 50 लाख का पान मसाला ब्लैक में 2 करोड़ में बिका, जबकि लॉकडाउन के कारण सभी पान दुकानें बंद हैं। मुख्यालय में पान मसाला के होल सेलर अब्दुला के यहां कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 200 पैकेट पान मसाला जब्त किया गया है।बताया जा रहा है अब्दुला पान मसाला विक्रेता के 5 अलग-अलग जगह गोदाम है, लेकिन पुलिस को पान मसाला कार में रखने की जानकारी मिली थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर खाद्य और औषधि विभाग के अफसर को सत्यापन के लिए सौंप दिया है। पान मसाला की बड़ी खेप व्यापारी के यहां उतारी गई थी, लेकिन मौके पर पुलिस को 200 पैकेट पान मसाला ही कार से मिले। लोगों में इस बात की चर्चा है कि मामले को दबाया जा रहा है, जबकि लॉकडाउन के दौरान हर दिन प्रतिबंध के बाद भी पाउच सप्लाई की जा रही थी। जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने गुटखा, पान मसाला समेत अन्य कई एैसे उत्पाद की बिक्री पर कलेक्टर ने रोक लगाई है, जिसे खाने के बाद लोगों को द्वारा सार्वजनिक जगह व सड़कों पर थूंका जाता है। इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बना रहता है। पुलिस विभाग की कार्रवाई के बाद खाद्य व औषधि विभाग की टीम मामले की जांच करने में जुटी है। मध्यप्रदेश के कटनी छत्तीसगढ़ कोरिया से लगे बार्डर से आसानी से पान मसाला की सप्लाई लग्जरी गाड़ियों से की जा रही है। वहीं फुटकर दुकानों में पान मसाला के 5 रुपए का पाउच 20 रुपए में बिक रहा है। यहीं नही होल से में एक पाउच की कीमत 10 रुपए तक हो गई।पुलिस विभाग को सौंपेंगे प्रतिवेदन: एफएसओएफएसओ सागर दत्ता ने बताया कि पकड़े गए पान मसाला की जांच करने के बाद पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा। यदि यह आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत शामिल नहीं होगा तो इसके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news ओले से प्रभावित 529 को मिली 21 लाख 48 हजार की सहायता By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:43:00 GMT राजस्व विभाग ओलावृष्टि से प्रभावितों को मुआवजा बांट रहा है। एसडीएम राजपूत ने बताया कि पत्थलगांव ब्लाक में ओलावृष्टि से लगभग 60 गांव में 2 हजार 720 मकान तथा 120 हेक्टेयर क्षेत्र पर खड़ी धान, मक्का, साग-सब्जी की फसल व्यापक रूप से प्रभावित हुई हैं। इसमे से 529 लोगों को 21 लाख 48 हजार से अधिक की राहत राशि बांटी गई है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने राजस्व अमले के साथ 27 अप्रैल को पत्थलगांव में ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों का आकस्मिक निरीक्षण करके प्रभावित हितग्राहियों से मकान एवं फसल क्षति के बारे में तत्काल जानकारी ली थी। उन्होंनें राजस्व अमला को प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि का प्रकरण बनाने के लिए निर्देश थे। जिस पर पत्थलगांव एसडीएम दशरथ सिंह राजपूत ने पटवारी, आरआई की टीम के साथ किसानों के खेतों में क्षति का आंकलन किया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news किसानों का पंजीयन शुरू ऑनलाइन होगा भुगतान By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:46:00 GMT लॉकडाउन में मक्के की खरीदारी के लिए फंड आ गया है। छत्तीसगढ़ के किसानों से भारतीय राष्ट्रीय कृषक उपज उपार्जन, प्रसंस्करण एवं फुटकर सहकारी संघ (नेकॉफ) द्वारा मक्का की खरीदी की जाएगी। किसानों को 1760 रुपए प्रति क्विंटल का भाव दिया जाएगा। किसान एक एकड़ जमीन के पीछे 10 क्विंटल मक्का मंडी में बेच सकेंगे। इसके लिए किसानों को पहले पंजीयन कराना होगा। विभाग के अफसरों के अनुसार पंजीयन के बाद मई माह में खरीदारी शुरू करा दी जाएगी। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।खाद्य विभाग से जारी आदेश के अनुसार नेकॉफ द्वारा किसानों को मक्का खरीदी की राशि का भुगतान अग्रिम रूप से किया जाएगा। किसानों को पहले उनके बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान करने के बाद ही मक्का का उठाव किया जाएगा। पंजीयन नहीं होने की वजह से किसानों का मक्का नहीं बिक पा रहा है। किसानों के मक्का का उठाव नहीं होने से वे चिंतित है।किसानों की समस्या को देखते हुए जशपुर विधायक विनय भगत ने मांग की है कि किसानों से अतिशीघ्र मक्का खरीदी कराकर उन्हें राहत दिया जाना चाहिए। बगीचा, मनोरा, सन्ना, पंडरापाठ इलाके के किसान मक्के की खरीफ और रबी की फसल का उत्पादन कर रहे है। जिले के किसान खरीफ का मक्का पंजीयन नहीं होने से नहीं बेच पाए है। किसान लॉक डाउन और सूचना के अभाव में मक्के का पंजीयन नहीं करा पाए थे।किसानों ने कहा- भारी घाटा हो रहा हैकिसान महेश्वर यादव, रमेश यादव, फागु यादव,नरेश ने बताया कि मक्का की फसल आए पांच माह से ज्यादा का समय हो गया है, तब से किसान मक्के का सही भाव मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पूर्व से ही मंडी में मक्के की आवक कम ही रही है पर इन पांच माह में मक्के के भाव किसानों को सही नहीं मिले तो अब किसान मक्के को लेकर मंडी पहुंचने लगे हैं। 2500 क्विंटल मक्का प्रति क्विंटल बिकने वाली मक्का 15 सौ रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है, जिससे किसानों को भारी घाटा हो रहा है।किसानों की समस्या को देखते हुए जशपुर विधायक विनय भगत ने मांग की है कि किसानों से अतिशीघ्र मक्का खरीदी कराकर उन्हें राहत दिया जाना चाहिए। बगीचा, मनोरा, सन्ना, पंडरापाठ इलाके के किसान मक्के की खरीफ और रबी की फसल का उत्पादन कर रहे है। जिले के किसान खरीफ का मक्का पंजीयन नहीं होने से नहीं बेच पाए है। किसान लॉक डाउन और सूचना के अभाव में मक्के का पंजीयन नहीं करा पाए थे।नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक मनोज मिंज कहते कि मक्का खरीदी की राशि शासन ने जारी कर दी है। जिला में मौजूद समितियों और इंस्पेक्टरों को मक्का बेचने वाले किसानों का पंजीयन कराने को कहा है जो भी किसान अपना मक्का बेचना चाहते है। वे समितियों में अपना पंजीयन कराए शासन ने मई महीने में मक्का खरीदी के लिए निर्धारित किया है।मक्का की खरीदी कृषि उपज मंडियों में की जाएगी। मक्का खरीदी के लिए मंडियों को नियमानुसार देय मंडी शुल्क और निराश्रित शुल्क का भुगतान नेकॉफ द्वारा किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 मौसम के लिए उचित, औसत गुणवत्ता के रबी एवं खरीफ मक्का के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1760 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।खरीदार नहीं मिलने से हो रहा घाटाकिसान नेता गणेश मिश्रा बताते है कि काफी मशक्कत के बाद फसल कटकर तैयार भी हो गई तो इसे मंडी या संबंधित कारखाना तक भेजना मुश्किल हो रहा है. तैयार फसल को रखने की समस्या भी बनी हुई है.इस बार किसान दोहरी मार झेलने को विवश हैं. एक ओर ओलावृष्टि और बारिश से फसल को नुकसान हुआ, बावजूद इसके मक्के की अच्छी पैदावार हुई, लेकिन खरीदार नहीं हैं. पिछले साल 1700 के रेट तक मक्का किसानों के दरवाजे से ही बिक जाता था. मंडी जाने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी. इस बार लॉकडाउन में दरवाजे पर व्यापारी का आना तो दूर बाजार में भी मक्का के खरीदार नहीं है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news फरसाबहार सीईओ को हटाने पंचायत जनप्रतिनिधि हुए एक By Published On :: Sat, 09 May 2020 00:49:00 GMT फरसाबहार जनपद सीईओ सुभाष चंद्र कछवाहा के विरुद्ध माहौल निर्मित हो गया है और सभी एकजुट होकर सीईओ को हटाने की मांग की है। सीईओ पर करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से जमा करने व गुंडागर्दी तथा भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसे लेकर जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित फरसाबहार के समस्त जनपद सदस्यों ने मोर्चा खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए और सीईओ को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भेजा है।अनियमितता दुर्व्यवहार के साथ भारी कमीशनखोरी कर भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे फरसाबहार जनपद सीईओ कछवाहा के खिलाफ जंग तेज हो गई हैं। इसके पूर्व फरसाबहार क्षेत्र के सरपंचों ने कमीशनखोरी के साथ अनियमितता का आरोप लगाया था, लेकिन अब जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी जनपद सदस्य और पंचायत के पदाधिकारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जांच कर दूसरी जगह स्थनांतरण करने की मांग की है अब तक जिले भर के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब पत्थलगांव के बाद फरसाबहार में बेनामी संपति और इसके भ्रष्टाचार को लेकर जनप्रतिनिधि एकजुट होकर कार्रवाई की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन भेजा है।मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक को सीईओ के खिलाफ सौंपा ज्ञापनजनपद सीईओ के खिलाफ आरोप लगाते हुए फरसाबहार जनपद के सभी सदस्यों ने कलेक्टर, मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, विधायक, सांसद, जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन देते हुए बताया है कि सीईओ के भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्थलगांव में महिला जनपद सदस्यों से विवाद होने के बाद सीईओ का स्थनांतरण घरघोड़ा किया गया था। लेकिन बिना सूचना के ही फरसाबहार में ज्वानिंग किया गया। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि पंचायत के किसी भी विकास कार्यों के लिए इनके द्वारा कोरे कागज में हस्ताक्षर कराकर कमीशन मांगा जाता है। आरोपों का बौछार लगाते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि महज 7 से 8 माह के कार्यकाल में इनके द्वारा भारी अनियमितता बरती गई है। जिन पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इनकी बात नहीं मानी जाती उनसे दुर्व्यवहार किया जाता है और सरपंचों से दबाव बनाकर कमीशन मांगा जाता है। वरिष्ठ अधिवक्ता और क्षेत्र क्रमांक 14 के जनपद सदस्य विष्णु कुलदीप ने इनके बेनामी संपति के खिलाफ आंदोलन छेड़ा है।जांच होनी चाहिए, सारे आरोप बेबुनियाद हैं"मुझ पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद है। जनप्रतिनिधियों द्वारा लगाए सारे आरोपों की जांच होनी चाहिए। एक बार पूरे मामले की जांच होगी तो पूरा मामला साफ हो जाएगा।''-सुभाष चंद्र कछवाहा, सीईओ Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Full Article
india news थार के रेगिस्तान में आसमान से बरसने लगे अंगारे, लू के थपेड़ों ने झुलसाया, 45 डिग्री के पास पहुंचा तापमान By Published On :: Fri, 08 May 2020 07:25:23 GMT अपनी प्रकृति के अनुरूप थार का रेगिस्तान एक बार फिर तपना शुरू हो गया है। आसमान से बरसती आग और अंगारों के समान तपती धरा पर लोगों के लिए बाहर निकलना दुभर हो गया है। मौसम में आए बदलाव के कारण लगातार हो रही बारिश के कारण गर्मी को अपना रौद्र रूप दिखाने का अवसर ही नहीं मिल पा रहा था, लेकिन मौसम साफ होते ही प्रचंड गर्मी का दौर शुरू हो गया है। इस मौसम में पहली बार बाड़मेर-जैसलमेर में तापमापी का पारा 45 डिग्री के निकट पहुंच गया। वहीं जोधपुर में 43 डिग्री की गर्मी में लू के थपेड़े तन को झुलसा रहे है।अप्रैल के पहले पखवाड़े में गर्मी बढ़ने लगी थी, लेकिन दो-दो दिन के अंतराल से हो रही बारिश के कारण तापमान पर ब्रेक लगा हुआ था। इस कारण अब तक लू के प्रकोप से राहत मिली हुई थी। लेकिन अब मौसम साफ होते ही तापमापी का पारा तेजी से उछाल मारता नजर आ रहा है। जैसलमेर में गुरुवार को तापमान इस गर्मी के मौसम में पहली बार पारा 45 डिग्री के पास 44.9 पहुंच गया है। गुरूवार का दिन अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। वहीं बाड़मेर में 44.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जबकि जोधपुर में 42.8 डिग्री तापमान रहा।लॉक डाउन के कारण बहुत कम लोग ही घरों से बाहर निकल रहे है। जैसलमेर व बाड़मेर में सुबह से आसमान से अंगार बरसना शुरू हो जाते है। दोपहर तक सड़कें तवे के समान तप जाती है और लू के थपेड़ों के कारण घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन तक गर्मी का असर बरसरार रहने के आसार है। तापमान बढ़ने के साथ लू के थपेड़े चलेंगे।फोटो एल देव जांगिड़ Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जोधपुर में भीषम गर्मी में छतरी पकड़ सड़कों पर डटे है पुलिस के जवान। Full Article
india news एक डॉक्टर सहित 9 नए संक्रमित, 523 एक्टिव केस के साथ राजस्थान में पहले नंबर पर पहुंचा जोधपुर By Published On :: Fri, 08 May 2020 09:41:00 GMT मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में कोरोना का फैलाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुलांचे भर तेजी से फैलते कोरोना को लेकर शुक्रवार को अलबत्ता कुछ राहत मिली और 9 नए संक्रमित सामने आए। इनमें महात्मा गांधी अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर भी शामिल है। वहीं 523 केस के साथ जोधपुर प्रदेश में एक्टिव केस के मामले में पहले स्थान पर पहुंच गया है।साथ ही बाहरी क्षेत्र में नए मरीज मिलने से प्रशासन की मशक्कत बढ़ गई है। शहर में अब तक 851 कोरोना संक्रमित मिल चुके है। इनमें से सोलह की मौत हो चुकी है। वहीं 291 लोग ठीक होकर अपने घर लौट चुके है। जोधपुर शहर में आज नई सड़क क्षेत्र से 3, मधुबन हाउसिंग बोर्ड से 3, बलदेव नगर, शांतिप्रिय नगर व भदवासिया स्कूल के पीछे से एक-एक संक्रमित मिला है।सबसे ज्यादा एक्टिव केस जोधपुर मेंआंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में सबसे ज्यादा राेगी जोधपुर में ही मिल रहे हैं, जिससे जोधपुर में एक्टिव केस भी बढ़ गए हैं। जोधपुर ने एक्टिव केस के मामले में जयपुर को भी पीछे छोड़ दिया है। जोधपुर में 851 मरीजों में 523 एक्टिव केस हैं ताे जयपुर में 1137 केसों में 407 एक्टिव केस हैं, जाे जोधपुर से 116 कम हैं। अजमेर 130 एक्टिव केस के साथ तीसरे नंबर पर है, लेकिन ये आंकड़ा जोधपुर से चार गुना कम है। चौथे नंबर पर चित्तौड़गढ़ में 114 एक्टिव केस हैं।जयपुर-जाेधपुर में पॉजिटिव केस का अंतर भी घटाजयपुर और जोधपुर में पॉजिटिव केस का अंतर भी लगातार घटता जा रहा है। 25 अप्रैल काे जयपुर में कुल पॉजिटिव केस 792 थे और जोधपुर में 326 यानी जोधपुर में जयपुर से 466 मरीज कम थे, लेकिन पिछले 10 दिन में जोधपुर में तेजी से मरीज बढ़े हैं और अंतर घटकर 286 का ही रह गया। नए मरीज मिलने से ही एक्टिव केस के मामले में जोधपुर सबसे आगे निकल गया। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कोरोना को मात देकर अपने घर लौटते लोग। Full Article
india news राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा- दुष्कर्म पीड़िता को मुआवजा दिए जाने के बाद उसके पक्षद्रोही होने पर क्या किया, 13 मई तक जवाब देने का आदेश By Published On :: Fri, 08 May 2020 09:47:58 GMT (संजीव शर्मा)। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि दुष्कर्म मामले में पीड़िता को मुआवजा राशि देने के बाद में उसके पक्षद्रोही होने पर सरकार दिए गए मुआवजे की वसूली के लिए क्या कार्रवाई करती है? जस्टिस एसपी शर्मा ने यह अंतरिम निर्देश दुष्कर्म के आरोपी रिंकू की जमानत अर्जी पर दिया। वहीं, अदालत ने इस संबंध में सरकार से 13 मई को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।आरोपी ने यह कहा याचिका मेंआरोपी ने याचिका में कहा कि नाबालिग पीड़िता के पिता ने 31 अक्टूबर को भरतपुर के भुसावर पुलिस थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में दुकान का शटर गिराकर पीड़िताके साथ दुष्कर्म करने की बात कही थी, लेकिन ट्रायल में पीड़िता ने दुष्कर्म से इनकार कर दिया और कोर्ट ने उसे पक्षद्रोही घोषित कर दिया,इसलिए उसे जमानत दी जाए।इसके विरोध में सरकार ने कहा कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों में अपराध को दोहराया था,इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दें। जिस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि दुष्कर्म मामलों में सरकार पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत जो मुआवजा राशि देती है यदि पीड़िता पक्षद्रोही हो जाती है तो वह दिए मुआवजे की वसूली के लिए क्या करती है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Rajasthan High Court on Ashok Gehlot Govt Over Bharatpur Bhusawar case Full Article
india news कोरोना से आर्थिक-सामाजिक गतिविधियां हुईं लॉक, लेकिन प्रदूषण खत्म होने से नदियां हुईं साफ तो पर्यावरण हुआ स्चच्छ By Published On :: Fri, 08 May 2020 10:23:00 GMT देशभर में लॉकडाउन सेभले ही सामाजिक और आर्थिक गितिविधियों पर ताला जड़ दिया हो, लेकिन सृजन पर कोई रोक नहीं है, सृजनजारी है। बल्कि लोग पहले से कहीं अधिक कल्पनाशीलहो गए हैं और उनकेभीतर छिपी प्रतिभा निखर उठी है। शहर की एक गृहिणी स्नेहलता परिहार ने वर्तमान परिदृश्य पर एक पेंटिग बनाई है जिसमें मौजूदा हालातों को दर्शाया गया है।इसमें सरकार के प्रमुख विभागों स्वाथ्य, पुलिस, सफाई, कर्मचारी वर्ग सहित मिडिया और किसान का परिश्रम दिखाया गया है। पेंटिंग में लॉकडाउन से बिगड़े हालातों और आर्थिककमजारी से उबरने के लिए किसान को परिश्रम करते दिखाया गया है। लॉकडाउन से लोग बेरोजगार हो गए हैं,मजदूर की रोजी-रोटी पर किसी की नजर लग गई है।वैज्ञानिक और चिकित्सक कोरोना की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रात-दिन इसकी दवाई बनाने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ अच्छा भी घट रहा है।पेंटिंग में कोरोना से उपजे हालातों केउजले पक्ष को भी दर्शाया गया है। लॉकडाउन के चलते कारखानों-वाहनों के बंद होने से प्रदूषण खत्म होने के कारण नदियों एंव वायु प्रदूषण को भी स्वच्छ होता दिखाया गया है। और यह आशा भी की गई है कि खुशहाल जिन्दगी की रौनक थोड़े समय बाद लौट आएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today स्नेहलता परिहार ने कोरोना से उपजे हालातों को पेंटिंग में दर्शाया। Full Article
india news जयपुर एयरपोर्ट को लॉकडाउन के चलते हुआ 29 करोड़ के राजस्व का नुकसान By Published On :: Fri, 08 May 2020 11:56:00 GMT (शिवांग चतुर्वेदी).जयपुर एयरपोर्ट पर पिछले 40 दिनों से फ्लाइट्स का संचालन बंद है। ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले 40 दिनों में एयरपोर्ट प्रशासन को करीब 29 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। दरअसल कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में फ्लाइट्स का संचालन प्रभावित हो रहा है।गौरतलब है कि इंटरनेशनल फ्लाइट्स का संचालन 22 मार्च से बंद कर दिया गया था।वहीं घरेलू फ्लाइट्स का संचालन 25 मार्च से बंद कर दिया गया। एयरपोर्ट प्रशासन को फ्लाइट्स के आवागमन के दौरान लैंडिंग चार्ज, नाइट हाल्ट चार्ज, यात्रियों से मिलने वाली पैसेंजर सर्विस फीस, यूजर डेवलपमेंट फीस और अन्य कमर्शियलगतिविधियों से राजस्व की प्राप्ति होती है।पिछले 40 दिन से सब बंद पड़ा है। जिससे जयपुर एयरपोर्ट कोकरीब 29 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।लॉकडाउन के फेज-2 में केवल मेडिकल फ्लाइट्स का संचालन ही जयपुर एयरपोर्ट से हो सका है। कार्गो फ्लाइट्स का भी संचालन हो सकता है, लेकिन कमबुकिंग के चलते कोई कार्गो फ्लाइट संचालित नहीं हुई है।नॉन एयरोनॉटिकल रेवेन्यू भी हुई जीरो एरोनॉटिकल रेवेन्यू के अलावा जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन को नॉन एयरोनॉटिकल रेवेन्यू भी प्राप्त होता है। इनमें सबसे ज्यादा कमाईकमर्शियलगतिविधियों के जरिए होती है। जयपुर एयरपोर्ट पर डिपार्चर और अराइवल एरिया में विभिन्न कंपनियों के काउंटर, रेस्टोरेंट्स और अन्य सुविधाओं की दुकानों से औसतन 80 लाख रुपए प्रति माह का किराया मिलता है। फिलहाल फ्लाइट बंद रहने से यह सभी गतिविधियां बंद पड़ी हुई हैं। पार्किंग ठेके में भी एयरपोर्ट प्रशासन को हर माह करीब 20 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है।लॉकडाउन अभी 17 मई तक बढ़ गया है। विमानों का संचालन 31 मई से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि 31 मई तक जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन का आर्थिक नुकसान 45 से 48 करोड़ रुपए तक हो सकता है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जयपुर एयरपोर्ट पर डिपार्चर और अराइवल के साथ अन्य कमर्शियल गतिवधियां नहीं होने से बढ़ रहा नुकसान। Full Article
india news राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट- कोरोनावायरस का खतरा बना हुआ, जैसे-जैसे प्रवासी लौट रहे हैं, सभी को अधिक सतर्क रहना होगा By Published On :: Fri, 08 May 2020 12:02:16 GMT मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह ट्वीट करते हुए लोगों से लॉकडाउन की आगे भी पालन करने की अपील की। उन्होंने लिखा किकोरोनावायरस का खतरा बना हुआ है।हम सभी को सतर्क रहने के साथलॉकडाउन नियमों का पालन करना होगा। अब जैसे-जैसे प्रवासी लौट रहे हैं, सभी को अधिक सतर्क रहना होगा। आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से 14 दिनों तक क्वारैंटाइन में रहना होगा।गहलोत ने लिखा मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंस बनाए रखना, बिना किसी वैध कारण के बाहर जाने से बचना, ये कुछ सावधानियां हैं जिनका हमें लगातार पालन करना है। बार-बार हाथ धोना और सड़कों पर थूकना नहीं है। राज्य सरकार आपके साथ है। हर तरह से मदद करने की कोशिश कर रही है। हमारी जान बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। जब परीक्षण और रिकवरी की बात आती है तो राजस्थान अन्य राज्यों से आगे है। यह डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के समर्पण और लोगों के समर्थन से ही मुमकिन हो पाया है। हम कोरोना को पूरी तरह से हराने के लिए आपका सहयोग चाहते हैं।मुख्यमंत्री गहलोत का ट्वीट Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। (फाइल फोटो) Full Article
india news पैरा मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव आया, 48 घंटे तक संपर्क में आए कर्मचरियों की नहीं हुई जांच By Published On :: Fri, 08 May 2020 12:38:00 GMT (शिवांग चतुर्वेदी).हसनपुरा स्थित रेलवे केंद्रीय अस्पताल को कोविड़ डेडीकेटेड अस्पताल (20 बेड) बनाए जाने को राज्य सरकार ने स्वीकृति दे दी है। हालांकि अभी तक यहां मरीजों को शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन रेलवे अस्पताल प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के आदेशों की खुले धड़ल्ले से अवहेलना की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि दो दिन पहले यहां कार्यरत एक पैरा मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। जिसके बाद से ही यहां कर्मचारियों में भय का माहौल पैदा हो गया है।अस्पताल में कार्यरत स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव आने के 48 घंटे बाद भी रेलवे ने अन्य किसी भी कर्मचारी को ना तो जांच के लिए भेजा और ना ही किसी को भी क्वारैंटाइन किया। जबकि पॉजिटिव आए कर्मी ने बुधवार तक नौकरी की थी और इस दौरान वो कई कर्मचारियों के संपर्क में आया था।प्रशासन बना रहा है कार्रवाई का दबावकोरोना पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि कोरोनाके लक्षण दिखने पर उसने तुंरत एक निजी अस्पताल में स्वयं और परिवार की कोरोना जांच करवाई। रिपोर्ट में वह पॉजिटिव आया, जबकि अन्य सभी परिजन निगेटिव आए। जिसके बाद वह महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती हो गया। ऐसे में अब अस्पताल के उच्च अधिकारी उस पर ये कहते हुए कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं कि उसने विभाग को बिना सूचना दिए जांच कैसे करवाई?जिन कर्मचारियों को क्वारैंटाइन किया, वे पैसा देकर खाना खाने को मजबूर हाल ही में लोको कॉलोनी में एक बच्ची कोरोना पॉजिटिव मिली। जिसके बाद उसे रेलवे अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया और थोड़ी देर बाद महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया, जहां बच्ची पॉजिटिव मिली। ऐसे में काफी विरोध करने पर उसके साथ गए दोनों मेडिकल स्टाफ को रेलवे अस्पताल में ही क्वारैंटाइन किया गया। उनसे दोनों वक़्त के खाने के लिए 100-150 रुपए वसूल किए जा रहे हैं। जो कि नियम विरुद्ध है। वहीं जिस वॉर्ड में बच्ची भर्ती रही थी, रेलवे ने ना तो उस वॉर्ड में पहले मौजूद मरीजों की जांच की। नही उस वार्ड को सैनिटाइज किया है।एनडब्लयूआरईयू के महामंत्री मुकेश माथुर ने कहा किरेलवे अस्पताल में जबरदस्त अनियमितता देखने में आ रही हैं। रेलवे अस्पताल में बिना काम सभी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। जो कर्मचारी कोरोना वार्ड में कार्य कर रहे हैं, उनके लिए खाने और रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मैंने इस संबंध में जीएम और सीएमडी को पत्र भी लिखा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो हम इसके खिलाफ उपयुक्त कदम उठाएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जयपुर स्थित रेलवे चिकित्सालय। Full Article
india news जूनियर लीगल ऑफिसर परीक्षा का परिणाम जारी, 458 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए पात्र By Published On :: Fri, 08 May 2020 12:45:04 GMT (आरिफ कुरैशी)।राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा जूनियर लीगल ऑफिसर भर्ती परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित कर दिया गया। आयोग ने कुल 458 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित किया है। इनमें टीएसपी क्षेत्र (ट्राइबल सबप्लान्स)के 23 और नॉन टीएसपी क्षेत्र के 435 अभ्यर्थी शामिल हैं। इंटरव्यू की तिथि बाद में घोषित की जाएगी।आयोग सचिव आशीष गुप्ता ने बताया कि विधि एवं विधिक कार्य विभाग के लिए आयोग द्वारा नॉन कनिष्ठ विधि अधिकारी के पदों के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन 26 और27 दिसंबर-2019 को किया गया था। परीक्षा में 458 अभ्यर्थियों कोउनकी पात्रता की शर्त पर पूर्णतया अस्थायी रूप से से साक्षात्कार के लिएसफल घोषित किया जाता है। इन अभ्यर्थियों की पात्रता संबंधी जांच अभी नहीं की गई है। यह जांच साक्षात्कार के समय की जाएगी।इसलिएअभ्यर्थी स्वयं सुनिश्चित कर लें कि वे नियमों के तहत पात्रता की सभी शर्तें पूरा करते हों। साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in से विस्तृत आवेदन पत्र डाउनलोड कर दो प्रतियों में भरकर समस्त आवश्यक प्रमाण पत्रों सहित साक्षात्कार के समय लेकर उपस्थित हों।आयोग द्वारा आवेदकों की पात्रता की जांच विज्ञापन की शर्तोंके अनुसार किए जाने पर पात्र पाए गए अभ्यर्थियों को ही साक्षात्कार में सम्मिलित किया जाएगा। टीएसपी क्षेत्र के साक्षात्कार के लिए सफल अभ्यर्थियों के रोल नम्बर वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं।लॉकडाउन के बीच पहला परिणामदेशभर में जारी लॉकडाउन के बीच राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा यह पहला परिणाम जारी किया गया है। आयोग में मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होने के बाद 20 मार्च से कामकाज शुरू हुआ था। इसके बाद आयोग ने यह परिणाम जारी किया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Results of Junior Legal Officer Exam released, 458 candidates eligible for interview Full Article
india news युवक की संदिग्धावस्था में मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका; शव से 200 फीट दूर मिलीं चप्पलें, शरीर पर कई जगह घाव By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:15:00 GMT (अशोक भारती)। तहसील के गांव बल्लभगढ़ निवासी एक युवक शुक्रवार तड़के गाय चराने जंगल में गया। सुबह 11 बजे उसका शव जंगल में संदिग्ध अवस्था में मिलने पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया।प्रथम दृष्टया मृतक के शरीर पर जगह-जगह घाव होने तथा उसकी चप्पल काफी दूर मिलने पर ग्रामीणों ने हत्या का शक जताया। हांलाकि पुलिस जांच में जुटी है और एफएसएल टीम ने मौके से सबूत जुटाए है। वहीं मृतक के बड़े भाई ने हत्या की आशंका जाहिर करते हुए परिवाद दिया है।गांव बल्लभगढ़ के ग्रामीणों ने बताया कि धर्मेन्द्र जाट (25) पुत्र फत्ते सिंह जाट प्रतिदिन गाय-भैंस चराने जंगल में जाता था। शुक्रवार को ग्रामीण महिलाओं ने धर्मेंद्र जाट के घर सूचना दी कि वह जंगल में एक खेत की मेढ़ पर पड़ा है।सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे तब तक क्षेत्र में सनसनी फैल गई। परिजन पुलिस को सूचित करते उसे अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को मोर्चरी पर रखवाया। एफएसएल टीम को सूचित किया और जांच में जुट गई।थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि बल्लभगढ़ निवासी वीरेन्द्र सिंह जाट ने दिए परिवाद में बताया कि घर पर कुछ महिलाएं आईं उन्होंने बताया कि उसका भाई धर्मेन्द्र बलवीर मीना के खेत की मेढ़ पर पड़ा है। सूचना मिलते ही परिजन के साथ वह धर्मेंन्द्र को अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृतघोषित कर दिया। उसके शरीर पर जगह-जगह निशान मिले हैं। उन्हें उसकी हत्या की आशंका है। पुलिस जांच में जुटी है। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Corona Lockdown In Bharatpur Updates; Man dies in suspicious condition In Rajasthan Ballabhgarh Full Article
india news नहीं थम रहा है संक्रमितों की मौत का सिलसिला, बीजेएस निवासी 47 वर्षीय व्यक्ति ने गंवाई जान By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:32:00 GMT कोरोना संक्रमण के कारण सूर्यनगरी में लोगों के मरने का क्रम थम नहीं रहा है। शुक्रवार को शहर में बीजेएस निवासी 47 वर्षीय रामसिंह की एमडीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्हें यहां पर लीवर में तकलीफ होने के कारण भर्ती कराया गया था। इस तरह शहर में कोरोना से अब तक 17 जनों की मौत हो चुकी है। जबकि अब तक 851 करोना संक्रमित मिल चुके है।सीएमएचओ की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि रामसिंह को लीवर में काफी समय से तकलीफ़ थी। इस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एहतियात के तौर पर उनका सैंपल लिया गया था। जांच में वे पॉजिटिव पाए गए। आज दोपहर पश्चात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहर में गुरुवार को भी आत्महत्या करने वाला एक युवक मरने के बाद लिए गए सैंपल में कोरोना संक्रमित पाया गया था। शहर में सबसे पहले प्रताप नगर निवासी एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। इसके बाद से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।अब तक इनकी हो चुकी है मौतशहर में कोरोना से सबसे पहले प्रताप नगर निवासी 77 वर्षीय लालचंद की मौत हुई थी। इसके बाद से खेतानाडी क्षेत्र के 59 वर्षीय मोहम्मद हाफिज, मोहनपुरा पुलिया क्षेत्र के दिनेश परिहार, प्रताप नगर की रमजान बानो व उदय मंदिर निवासी रोशन आरा , बम्बा मौहल्ला निवासी 70 वर्षीय अब्दुल गनी, नई सड़क निवासी 56 वर्षीय जुबैदा, नई सड़क निवासी 72 वर्षीय मोहम्मद हुसैन, 27 वर्षीय सबीना, 67 वर्षीय सलीम मोहम्मद व 85 वर्षीय मुनबीब की मौत हो चुकी है। जबकि सोमवार को घंटाघर निवासी 52 वर्षीय अयूब व दर्पण सिनेमा के पीछे रहने वाले 67 वर्षीय शब्बीर हुसैन की मौत हो गई थी। इसके अलावा मंगलवार को खेतानाडी क्षेत्र निवासी 53 वर्षीय अब्दुल रशीद व मानसागर निवासी 82 वर्षीय कृष्णा दवे में कोरोना की पुष्टि उनकी मौत के बाद हुई। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today प्रतीकात्मक फोटो। Full Article
india news आबूरोड के निकट दो कारों की जोरदार भिड़ंत में 6 की मौत, 2 घायल By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:32:35 GMT संभाग के सिरोही जिले में आबूरोड के निकट शुक्रवार शाम दो कारों की जोरदार भिड़ंत में छह जनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। महाराष्ट्र से सिरोही आ रहे एक परिवार की कार डिवाइडर पार कर सामने से आ रही एक अन्य कार से जा भिड़ी। अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों कारों में कितने-कितने लोग सवार थे।सिरोही पालनपुर हाइवे पर आज शाम महाराष्ट्र से सिरोही की तरफ आ रही एक इनोवा कार किंवरली के निकट बेकाबू हो गई। चालक कार पर से नियंत्रण खो बैठा और तेज रफ्तार के कारण कारण इनोवा डिवाइडर के उपर से होकर सामने से आ रही एक स्विफ्ट कार से जा टकराई। तेज रफ्तार के साथ हुई भिड़ंत के कारण दोनों कारें एक-दूसरे टकरा कर पूरी तरह से चकनाचूर हो गई। दोनों कारों में सवार लोग अंदर ही फंस गए। वहां से निकलने वाले अन्य वाहन चालकों ने ग्रामीणों की मदद से राहत कार्य शुरू कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कारों में फंसे लोगों को बड़ी मुश्किल से बाहर निकलवाया। तब तक छह लोगों की मौत हो चुकी थी। गंभीर रूप से घायल दो जनों को इलाज के लिए अहमदाबाद रवाना किया गया। ऐसे में अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मृतक कौन लोग थे। साथ ही दोनों कारों में कितने-कितने लोग सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद स्वयं मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कराया। ऐसा माना जा रहा है कि लॉक डाउन में मिली छूट के तहत महाराष्ट्र से अनुमति लेकर एक परिवार के लोग अपने निजी वाहन से सिरोही लौट रहे थे।फोटो जयदीप पुरोहित, सिरोही Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today सिरोही जिले के आबूरोड के निकट हुए सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त कारें। Full Article
india news मिर्धा अपहरण कांड के अभियुक्त आतंकी हरनेक सिंह को हाईकोर्ट से मिली 28 दिन की विशेष पैरोल, 2007 से जयपुर जेल में बंद है By Published On :: Fri, 08 May 2020 13:36:00 GMT (संजीव शर्मा)। कोर्ट ने राजेन्द्र मिर्धा अपहरण केस में जयपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी अभियुक्त हरनेक सिंह को सशर्त 28 दिन की विशेष पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है। वहीं राज्य सरकार के 17 अप्रैल 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया जिमें अभियुक्त को 13 अप्रैल को दी गई विशेष पैरोल पर रिहा करने का आदेश निरस्त कर दिया था।सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस एसके शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश शुक्रवार को हरनेक सिंह की आपराधिक याचिका पर दिया। अदालत ने कहा कि अभियुक्त 13 साल से ज्यादा की सजा काट चुका है और पूर्व में मिली पैरोल के तय समय में वापस आ गया था। उसे भी 13 अप्रैल के आदेश से 147 अन्य कैदियों के साथ राज्य स्तरीय पैरोल कमेटी की सिफारिश पर विशेष पैरोल मिली थी, लेकिन उसे पैरोल पर नहीं छोड़ा और बाद में 17 अप्रैल को पैरोल आदेश रद्द कर दिया। इस दौरान न तो परिस्थतियों में कोई बदलाव हुआ और न ही पैरोल रद्द करने का कोई उचित कारण दिया है। ऐसी स्थिति में प्रार्थी अभियुक्त को पैरोल मंजूर करने व राज्य सरकार का 17 अप्रैल का आदेश रद्द किया जाता है।प्रार्थी के अधिवक्ता विश्राम प्रजापति ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने केवल इस आधार पर हरनेक की मंजूर की गई विशेष पैरोल को रद्द कर दिया था कि वह बाहरी राज्य का है और राजेन्द्र मिर्धा अपहरण कांड का अभियुक्त है। कानूनी रूप से दी गई पैरोल रद्द करने के लिए यह कोई आधार नहीं है। इसलिए प्रार्थी अभियुक्त को विशेष पैरोल पर रिहा किया जाए। हरनेक सिंह फरवरी 2007 से ही जयपुर जेल में बंद है।यह है मामलाप्रदेश में चर्चित रहे इस मामले में कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के बेटे राजेन्द्र मिर्धा का 17 फरवरी, 1995 को सी-स्कीम स्थित घर से अपहरण हुआ था। आतंकियों ने मिर्धा का अपहरण खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया देवेन्द्रपाल सिंह भुल्लर को रिहा करने के लिए किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जयपुर के मॉडल टाउन कॉलोनी में मकान नंबर बी-117 पर छापा मारा और गोलीबारी की।पुलिस कार्रवाई में आतंकी नवनीत सिंह कांदिया मारा गया जबकि दयासिंह लाहौरिया व उसकी पत्नी सुमन सूद और हरनेक सिंह फरार हो गए थे। बाद में लाहौरिया व सुमन सूद अमेरिका भाग गए थे। इन दोनों को तीन फरवरी, 1997 को प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया।कोर्ट ने लाहौरिया को उम्रकैद व सुमन को पांच साल कैद की सजा दी। इस दौरान पंजाब पुलिस ने हरनेक सिंह को 2004 में गिरफ्तार किया और 26 फरवरी 2007 को राजस्थान पुलिस के सुपुर्द किया। मिर्धा अपहरण कांड में महानगर की एडीजे कोर्ट ने 7 अक्टूबर 2017 को हरनेक सिंह को उम्रकैद की सजा दी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Rajendra Mirdha kidnapping case accused harnek singh gets 8 days parole Full Article
india news रात पौने 12 बजे कराहती गर्भवती महिला को निजी गाड़ी से दो पुलिसकर्मियों ने अस्पताल पहुंचाया, परिजनों ने कहा- दोनों फरिश्ता बनकर आए By Published On :: Fri, 08 May 2020 14:12:38 GMT राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गश्त पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों ने दर्द से तड़प रही गर्भवती महिला की मदद की। रात पौने 12 बजेइन दोनों पुलिसकर्मियों नेमहिला की मदद कर निजी कार से उसे महिला चिकित्सालय पहुंचाया। वहीं, महिला के आस-पड़ोस में रहने वाले लोग उसकी मदद के लिए आगे नहीं आए। पुलिसकर्मियों की इस मदद की लोग सराहना कर रहे हैं।यह है पूरा मामलाजानकारी के अनुसार जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के नार्थ जिले में जालुपरा थाने में मौजूद एएसआई सुनील कुमार रात्रिकालीन जाब्ता चेकिंग के इनचार्ज की ड्यूटी कर रहे थे। करीब पौने 12 बजे जालुपूरा निवासी साबिर की गर्भवतीपत्नी को तेज दर्द उठाऔर उसकी तबियत बिगड़ गई। ऐसे में परिवार के लोग घबरा गए।साबिर ने पड़ोसियोंसे मदद के लिए गाड़ी मांगी। ताकि वह अपनी पत्नी को जल्द से जल्द महिला चिकित्सालय पहुंचा सके,लेकिन किसी ने उन्हें अपनी गाड़ी नहीं दी।ऐसे में किसी तरह साबिर अपनी पत्नी को लेकरपरिवार के सदस्यों के साथकरीम होटल तक पहुंचे।घर से करीब 200 मीटर दूर तक पहुंचते वक्त बिगड़ गई हालतड्यूटी प्वाइंट पर एएआई सुनील कुमार व हेडकांस्टेबल दुर्गाप्रसाद नजर आए। होटल तक पहुंचने में गर्भवती महिला की तबियत और बिगड़ गई थी,तब उनके परिजनों नेपुलिसकर्मियों से किसी तरह अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई,लेकिन वहां कोई गाड़ी नजर नहीं आई। ऐसे में एएसआई सुनील कुमार ने खुद अपनी निजी कार से गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि महिला अपने पति के साथ बाइक पर बैठकर हॉस्पिटल पहुंचने की स्थिति में नहीं थी।एएसआई सुनील कुमार नेसाथी हेडकांस्टेबल दुर्गाप्रसाद के साथ तत्काल महिला को कार से चांदपोल स्थित जनाना हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां महिला का उपचार शुरू किया गया।एएसआई सुनील ने महिला के पति को किसी भी तरह की मदद के लिए अपने मोबाइल नंबर भीदिए। इसके बाद पुलिसकर्मियों की इस मानवीय मदद की चर्चा सुबह तक इलाके में पहुंच गई। परिवार के सदस्यों ने भी कहा- जब मदद के लिए पड़ोसीआगे नहीं आए,तब जालुपुरा थाने के ये दोनों पुलिसकर्मी फरिश्ता बनकर आए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जालूपूरा थाने के एएसआई सुनील कुमार व हेडकांस्टेबल दुर्गाप्रसाद, जिन्होंने रात 12 बजे दर्द से कराह रही गर्भवती महिला को कार से अस्पताल पहुंचाया। Full Article
india news संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच एक साथ 71 जने कोरोना का मात देकर लौटे अपने घर By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:11:15 GMT शहर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से बने दहशत भरे माहौल के बीच शुक्रवार शाम एक अच्छे समाचार ने सभी का हौसला बढ़ा दिया। एक साथ 71 लोग कोरोना को मात देकर खुशी-खुशी अपने घर के लिए विदा हुए। इस तरह शहर में अब तक मिले 851 कोरोना संक्रमितों में से 339 लोग अस्पताल से एकदम स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके है। इन सभी लोगों को इनका इलाज करने वाले डॉक्टरों व अन्य चिकित्साकर्मियों ने तालियां बजाकर विदा किया।आज कोरोना को पराजित कर घर लौटने वालों में 45 पुरुष व 26 महिलाएं शामिल है। इनमें सबसे अधिक 84 वर्ष के घोड़ा का चौक निवासी राधा किशन व सबसे कम महज नौ माह की इनायत भी शामिल है। इसके अलावा डेढ़ वर्ष की वैदिका भी कोरोना से ठीक होकर आज अपने परिजनों के साथ घर के लिए रवाना हुई। आज डिस्चार्ज हुए लोगों में 11 जने 60 वर्ष से अधिक व 17 जने 20 वर्ष से कम आयु के है।कोविड केयर सेंटर बोरानाडा से आज 44 व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। जिला प्रभारी अधिकारी कोविड-19 व उपनिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बिष्ट ने उन सभी को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर मोहन दान देथा, डॉ विष्णु अग्रवाल, डॉ दिनेश व्यास ,डॉक्टर पंकज सहित भंवरलाल ग्वाला, गिरधारी व सभी नर्सिंग स्टाफ ने उनको शुभकामनाएं दी। डिस्चार्ज होने वालों ने सभी डॉक्टर्स व नर्सेज एवं अन्य कार्मिकों का आभार जताया।सबसे ज्यादा एक्टिव केस जोधपुर मेंआंकड़ों के अनुसार पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में सबसे ज्यादा राेगी जोधपुर में ही मिल रहे हैं, जिससे जोधपुर में एक्टिव केस भी बढ़ गए हैं। जोधपुर ने एक्टिव केस के मामले में जयपुर को भी पीछे छोड़ दिया है। जोधपुर में 851 मरीजों में 523 एक्टिव केस हैं ताे जयपुर में 1137 केसों में 407 एक्टिव केस हैं, जाे जोधपुर से 116 कम हैं। अजमेर 130 एक्टिव केस के साथ तीसरे नंबर पर है, लेकिन ये आंकड़ा जोधपुर से चार गुना कम है। चौथे नंबर पर चित्तौड़गढ़ में 114 एक्टिव केस हैं।फोटो एल देव जांगिड़ Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जोधपुर में शुक्रवार को कोरोना से ठीक होकर अपने घर लौटते लोग। Full Article
india news जोधपुर में अब कोरोना का होगा प्लाज्मा थैरेपी से इलाज, मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:22:01 GMT डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को प्लाज्मा थैरेपी ट्रायल स्टडी की अनुमति मिली है। यह अनुमति दिल्ली के आईसीएमआर ने दी है। अब मेडिकल कॉलेज के अधीन अस्पतालों में भर्ती कोरोना के गंभीर बीमार मरीजों को यह थैरेपी दी जाएगी। प्रदेश में जयपुर एसएमएस के बाद सरकारी दूसरा सेंटर है जहां प्लाज्मा थैरेपी की अनुमति मिली है। इसके साथ ही जयपुर के निजी महात्मा गांधी अस्पताल को भी अनुमति प्रदान की गई है।इस तकनीक से कोरोना के गंभीर मरीजों, जिनमें किसी भी कारण से एंट्री बॉडी नहीं बन पा रही है उनका इलाज किया जाएगा। थैरेपी लेने वाले सभी डोनर और मरीजों का पूरा डाटा आईसीएमआर के पास भेजा जाएगा। जिससे वे आगे दूसरे अनुमति लेने वाले मेडिकल कॉलेजों के लिए गाइडलाइन बना सकें। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि मेडिकल काॅलेज की और से अनुमति के लिए 22 अप्रेल से प्रयास किया जा रहा था। इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया जिसे पहले एथिकल कमेटी से पास कराकर दिल्ली आईसीएमआर में भेजा गया। जहां शुक्रवार को अनुमति मिल गई है।क्या होती है प्लाज्मा थैरेपीएमडीएम ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. जीसी मीणा ने बताया कि कोरोनावायरस से पीड़ित जो लोग अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं उनके ब्लड में जो एंटीबॉडीज बन जाती हैं उन्हें ही प्लाज्मा कहते हैं । इस थैरेपी में ठीक हुए व्यक्ति के ब्लड से एंटीबॉडीज निकालकर कोरोनावायरस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में डाली जाती हैं। यह एंटीबॉडी संक्रमण को खत्म करने में मदद करती हैं। और ज्यादातर मामलों में जब पर्याप्त एंटी बॉडी बन जाती हैं तो वायरस नष्ट हो जाता है। ऐसे में वह व्यक्ति, जो वायरस को मात देकर स्वस्थ हो गया है, अगर ब्लड डोनेट करता है, तो उसके खून से प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी को दूसरे मरीज में डाला जा सकता है। और बीमार या संक्रमित शरीर में जाकर ये एंटीबॉडी फिर से अपना काम शुरू करते हैं और मरीज को ठीक होने में मदद करते हैं।कौन दे सकता हैप्लाज्मा थैरेपी में कोरोना संक्रमित मरीज जो कि लक्षण मुक्त हो गया है। और उसके बाद 28 दिन भी पूरे कर चुका है। वह व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता है।क्या प्रक्रिया हैकोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए व्यक्ति का प्लाज्मा लिया जाएगा। जिसके लिए एमडीएम ब्लड बैंक में एफेरेसिस मशीन है। उस पर व्यक्ति की पूरी जांच कर फीट होने पर लिया जाएगा। एक व्यक्ति से करीब 35 मिनट के इस प्रोसेस में करीब 500 एमएल प्लाज्मा निकाला जाएगा। बाकि ब्लड मरीज को फिर से चढ़ा दिया जाएगा। यह एसडीपी वाली मशीन पर ही एसडीपी की तरह ही होगा। निकाला गया प्लाज्मा बीमार व्यक्ति की अनुमति के बाद उसे चढ़ाया जाएगा। इसमें एक समान ग्रुप वाले व्यक्ति को ही दे सकेगा। एक व्यक्ति से निकाला हुआ प्लाज्मा दो संक्रमित व्यक्तियों के काम आ सकता है। गाइडलाइन के अनुसार प्लाज्मा की दो डोज एक व्यक्ति को दी जाएगी। यदि पहली डोज के बाद कोई रिएक्शन या समस्या नहीं होती है तो 24 घंटे बाद दूसरी डोज दी जाएगी। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Now corona will be treated with plasma therapy in Jodhpur, medical college gets permission Full Article
india news डीआरएम ऑफिस में छत गिरने से महिलाकर्मी हुई घायल, बड़ा हादसा टला By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:26:00 GMT (शिवांग चतुर्वेदी). रेलवे स्टेशन रोड स्थित रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय (डीआरएम ऑफिस) में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा होने से टल गया। डीआरएम ऑफिस की दूसरी मंजिल पर पे-बिल सेक्शन के कमरे की छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया। छत का हिस्सा गिरने से वहां कार्य कर रही कार्यालय अधीक्षक कौशल्या दासवानी घायल हो गई। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए रेलवे अस्पताल भिजवाया गया। इसके अलावा कंप्यूटर सेट भी क्षतिग्रस्त हो गया। इस सेक्शन में करीब 20 कर्मचारी कार्य करते हैं। लेकिन लॉक डाउन के चलते कर्मचारियों की संख्या कम होने से बड़ा हादसा होने से टल गया।रेलवे से जुड़े सूत्रों ने हादसा होने की बड़ी वजह प्रशासनिक लापरवाही को बताया। ऐसा इसलिए क्योंकि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त संगठनों और एसोसिएशन द्वारा पिछले लंबे समय से पीएनएम और अन्य बैठकों में प्रशासन से हॉल कि मरम्मत की मांग की जा रही थी। लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। ऐसे में लापरवाही की वजह से ही यह हादसा हुआ। छत गिरने के बाद कर्मचारी संगठन ने प्रशासन से जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today कार्यालय में रखे कंप्यूटर सेट भी क्षतिग्रस्त हो गए। Full Article
india news महिला कल्याण संगठन ने स्टेशन पर कुलियों को बांटी राहत सामग्री, राशन के सामान के पैकेट बांटे By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:33:00 GMT लॉकडाउन के चलते ट्रेनें बंद होने से ट्रेनों के संचालन पर आश्रित दिहाड़ी मजदूरों (कुली, वेंडर) के समक्ष लंबे समय से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में रेलवे के विभिन्न विभाग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को उत्तर पश्चिम रेलवे महिला कल्याण संगठन की ओर से जयपुर जंक्शन परिसर में कुलियों की सहायता के लिए राशन और जरूरी समान के पैकेट का वितरण किया गया।संगठन की अध्यक्षा यशा प्रकाश और सचिव शिखा गोयल ने जंक्शन पर कुलियों और वेंडर्स को 250 राशन और जरूरी सामग्री में पैकेट बांटे। इस दौरान उनके साथ संगठन की संयुक्त सचिव पारुल त्यागी, डीआरएम मंजूषा जैन सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व महिला रेलकर्मी मौजूद रहीं। गौरतलब है कि इस दौरान रेलवे महिला कल्याण संगठन की ओर से बनाए गए मास्क भी सभी जरूरतमंद लोगों को बांटे गए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जयपुर जंक्शन परिसर में कुलियों को राहत सामग्री दी गई। Full Article
india news राजस्थान में अभी तक सामान्य से 224 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, अगले 48 घंटों में अधिकतम तापमान में होगी 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी By Published On :: Fri, 08 May 2020 15:50:34 GMT राज्य में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है। साथ ही प्रदेश में पिछले सप्ताह 305 प्रतिशत अधिक बरसात हुई है। अब अगले 48 घंटों में राज्य में अधिकतम तापमान में चार डिग्री तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसके तापमान में गिरावट आएगी।मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले सप्ताह 30 अप्रैल से सात मई के बीच पश्चिमी राजस्थान में 4.8 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.5 मिमी से 222 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी राजस्थान में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 418 प्रतिशत अधिक है। यानी प्रदेश में 5.7 मिमी बारिश हुई जो सामान्य 1.4 मिमी से 305 प्रतिशत अधिक है।साथ ही राजस्थान में इस गर्मी के मौसम में अभी तक 224 प्रतिशत अधिक बरसात हो चुकी है।पश्चिमी राजस्थान में 29.9 प्रतिशत बारिश हो चुकी है जो सामान्य 10.9 मिमी से 174 प्रतिशत अधिक है। वहीं पूर्वी राजस्थान में 34.1 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 8.5 मिमी से 3.1 प्रतिशत अधिक है। पूरे राजस्थान की बात करें तो अभी तक 31.8 मिमी बारिश हो चुकी है जो औसत 9.8 एमएम से 224 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार कम दबाव के क्षत्र से पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण अब उत्तरपश्चिमी राजस्थान के ऊपर आ गया है। इसके प्रभाव से प्रदेश में मौसम इस प्रकार रहेगा -1 (8-14 मई)नौ मई से राज्य में बादल गरजने, धूलभरी आंधी, तथा बिजली गरजने के साथ 30 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस दौरान वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।2 (15-21 मई)दूसरे सप्ताह भी वर्षा का औसत सामान्स से कम रहने का अनुमान है।तापमान (8-14 मई)राज्य में अगले 48 घंटों में राज्य के कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। इसके बाद तापमान में गिरावट आएगी। नौ मई को जोधपुर संभाग में तापमान 44 से 45 डिग्री तक जा सकता है।राज्य में पहले सप्ताह में तापमान सामान्य से अधिक और दूसरे सप्ताह में तापमान सामान्य से कम रह सकता है। शुक्रवार को सबसे गर्म जैसलमेर रहाप्रदेश में लगातार जारी बारिश और ओलावृष्टि के बीच गर्मी अपना असर दिखाने लगी है। गुरुवार को सबसे अधिक तापमान जैसलमेर में 44.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 44.7, चूरू में 44.7 तथा कोटा में 44.1 डिग्री तापमान रहा। कोटा में तेज गर्मी से बचने के लिए जू में पानी का छिड़काव किया गया। बीती रात सबसे अधिका तापमान जोधपुर में 28.8 डिग्री रहा। बाड़मेर में 28.4 डिग्री तापमान रहा। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए कोटा के जू में पानी का छिड़काव किया गया। पैंथर के बाड़े में पानी का छिड़काव करता जू का कर्मचारी। फोटो : प्रवीण जैन Full Article
india news आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं होने पर विद्यार्थी का नाम नहीं काटें निजी स्कूल: सीएम अशोक गहलोत By Published On :: Fri, 08 May 2020 17:24:33 GMT प्रदेश केमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार कोकहा है कि लॉकडाउन के कारण कोई अभिभावक आर्थिक स्थिति के चलते फीस जमा नहीं करा पाता है तो निजी स्कूल ऐसे विद्यार्थी का नाम नहीं काटें। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो राज्य सरकार उसकी मान्यता निरस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग इस बात का भी परीक्षण कराए कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को फीस एवं अन्य शुल्कों में किस प्रकार राहत दे सकते हैं और उन विद्यालयों का संचालन प्रभावित नहीं हो। सीएम गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंसके जरिए स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विषयों पर समीक्षा कर रहे थे।सीबीएसई के अनुरूप लेंगे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णयमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं बारहवीं कक्षाओं की शेष परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रहेंगी। बाद में सीबीएसई द्वारा लिए जाने वाले निर्णय के अनुरूप फैसला किया जाएगा, ताकि दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एकरूपता बनी रहे और प्रदेश के विद्यार्थियों का अहित न हो। इसी प्रकार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में भी परीक्षाओं का आयोजन स्थितियां सामान्य होने पर करवाया जा सकेगा |आरटीई की आय सीमा फिर से एक लाख से बढ़ाकरढाई लाख होगीगहलोत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय शिक्षा का अधिकार अधिनियम लाकर गरीब वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। विगत कुछ वर्षों में इस कानून की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कानून की पारदर्शिता के साथ पालना सुनिश्चित करवाई जाए। इसके लिए अभिभावकों की आय सीमा को एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रूपए किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरटीई के जरिए बच्चों को बड़े नामी निजी स्कूलों में भी पढ़ने का अवसर मिले ।ग्रीष्मावकाश में मिड-डे मील का हो पारदर्शी वितरणसीएम गहलोत ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग ग्रीष्मावकाश में बच्चों को मिड-डे मील के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना संभव नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को सूखी राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।सभी भर्तियों में मेरिट एवं काउंसलिंग से होगी प्रथम नियुक्तिमुख्यमंत्री ने लिपिक ग्रेड द्वितीय भर्ती परीक्षा - 2018 के अभ्यर्थियों को जिला एवं विभागों का आवंटन पुनः नई प्रक्रिया से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को मेरिट के आधार पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप चयनित अभ्यर्थियों की सूची उपलब्ध कराएं। उसके बाद संबंधित विभाग मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर उन्हें जिला आवंटित करे। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि भविष्य में सभी भर्तियों में प्रथम नियुक्ति सभी विभागों द्वारा मेरिट एवं काउंसलिंग के आधार पर ही दी जाए। Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत Full Article