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पंजाब से हार्वेस्टर लेकर आए 13 लोग क्वारेंटाइन

जिले में ग्रीष्मकालीन फसल की कटाई शुरू हो गई है। अन्य प्रदेशों से हार्वेस्टर एवं मजदूर फसल कटाई के लिए धमतरी आ रहे है। शनिवार को हॉट-स्पॉट पंजाब और हरियाणा से 13 लोग हार्वेस्टर लेकर फसल काटने कुरूद पहुंचे। इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो सभी को तुरंत कुरूद के क्वारेंटाइन सेंटर पंचायत भवन ले जाकर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया। अब समय अवधि पूरा होने के बाद ही इन्हें काम करने की छूट होगी।
आरडी किट से 246 लोगों की जांच, सभी निगेटिव : स्वास्थ्य विभाग को 563 नग आरडी किट मिली है। इसी से संदिग्धों की जांच कर तुरंत 20 से 25 मिनट में रिपोर्ट दे रहे है। बीते 3 दिन में 246 लोगों की जांच किया गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शनिवार को 8 संदिग्धों के सैंपल लेकर स्वास्थ्य विभाग के जांच के लिए रायपुर एम्स भेजे है। अब तक 268 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। पथर्रीडीह के क्वारेंटाइन सेंटर से 10 लोगों को छूटी देकर होम क्वारेंटाइन किया गया। वर्तमान में अब यहां 16 लोग स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं।
कलेक्टर ने अफसरों को दिए यह निर्देश
कलेक्टर रजत बंसल ने सीएमएमओ, धमतरी, कुरूद, नगरी के एसडीएम व उप संचालक कृषि को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिस गांव में हार्वेस्टर अथवा मजदूर अन्य प्रदेश से आते हैं, तो तत्काल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं पटवारी संयुक्त रूप से एसडीएम एवं उप संचालक कृषि को सूचना दें। सीएमएचओ उस गांव में जाकर दूसरे प्रदेश से आने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन किया जाएगा। इसके बाद जांच होगी। कोरोना वायरस संक्रमण नहीं होने की स्थिति में ही उनसे फसल कटाई का काम कराया जा सकेगा।
हम जरा भी रिस्क नहीं उठाएंगेः सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. डीके तुर्रे ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आने वालों की हर हाल में स्वास्थ्य जांच किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग जरा भी रिस्क नहीं उठाएगी। पंजाब से शनिवार को 13 लोग हार्वेस्टर लेकर फसल काटने आए।



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15 तक जमा करें निगम कर, अब तक 62.16% वसूली

लॉकडाउन को करीब डेढ़ महीने हो गए। इस कारण नगर निगम राजस्व वसूली में इस साल पिछड़ गया है। 62.16 प्रतिशत ही कर वसूली हो पाई है। अब कर चुकाने की तारीख 30 अप्रैल से बढ़ाकर 15 मई कर दी गई है। शहरी क्षेत्र में करीब 20 हजार नल कनेक्शन है, लेकिन जलकर में 1.1 करोड़ और संपत्तिकर में 63.49 लाख रुपए टैक्स जमा होना बाकी है।
नगर निगम क्षेत्र में करीब सवा लाख की जनसंख्या है। बड़ी मात्रा में राजस्व बकाया है। इसकी वसूली की जा रही है हालांकि निगम कर्मियों के पास अन्य काम भी हैं इस कारण वसूली पूरी नहीं हो पा रही है। धमतरी नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 62.16 प्रतिशत राजस्व वसूल कर लिया है। हालांकि अभी भी बड़ी मात्रा में कर बाकी है। इसमें संपत्तिकर, जलकर व अन्य कर बकाया है। कोरोना वायरस के कारण शासन ने सभी निकायों को शहर में नियंत्रण की जिम्मेदारी निगम कर्मियों को दी है।
वर्ष 2018-19 का 1.18 करोड़ बाकी : नगर निगम के राजस्व शाखा के अनुसार वर्ष 2018-19 का राजस्व विभाग को 1.18 करोड़ रुपए बाकी है, जिनमें से सिर्फ 50.88प्रतिशत की वसूली की गई। कुल 240.61 लाख में से 122.43लाख रुपए की वसूली हो पाई है। अभी भी पुराना बकाया 118.18लाख रुपए है।
कर्मचारियों का वेतन देने में होती है मुश्किल
निगम में 244 नियमित और 216 प्लसमेंट कर्मचारी हैं। नियमित कर्मचारियों को 70 लाख रुपए और प्लेसमेंट कर्मचारियों को 22 लाख रुपए का वेतन भुगतान हर महीने करना होता है। निगम को सालभर में टैक्स के माध्यम से लगभग 10 करोड़ मिलते हैं। ऐसे में हर महीने वेतन की समस्या आती है। इसलिए भुगतान 15 तारीख के बाद ही हो पाता है। टैक्स वसूली में थोड़ी कमी आने से वेतन भुगतान करना मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि कर वसूली को तेज हो रहा है।



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कल से मिलेगी राहत, 2 सवारी के साथ ऑटो को छूट पर दुकानें 7 से 1 बजे तक ही खुलेंगी

लॉकडाउन-2 को 2 मई को 18 दिन पूरे हो गए है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दो हफ्ते यानी 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ग्रीन जाेन वाले जिलों को कुछ छूट शर्ताें के साथ दी है। यह छूट 4 मई से लागू होंगी। धमतरी ग्रीन जोन में हैं इसलिए जिले के अंदर बसें शुरू हो सकती हैं लेकिन रायपुर रेड जोन होने से कारण वहां से बसें आना मुश्किल है। शहर में ऑटो शुरू हो जाएंगे। टैक्सी से भी लोग शर्तों के साथ यात्रा कर सकेंगे। लेकिन दुकानें सुबह 7 से 1 बजे तक ही खुलेंगी।
पान व तंबाकू की दुकानें खुल सकेंगी। इन पर भी सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाना होगा। सिनेमा घर, होटल, रेस्टोरेंट्स, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, बार, सेलून व पार्लर ़़17 मई तक बंद ही रहेंगे। शराब दुकानें भी सोमवार से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खुल सकती हैं। अंतिम निर्णय 3 मई को राज्य सरकार बैठक में लेगी। सभी दुकानों में ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए। 6 फीट की दूरी रखनी होगी।
घाटे में बस चलाना भी मुश्किल

महेश ट्रेवल्स के संचालक महेश साहू व भास्कर ट्रेवल्स के संचालक नोबल देवांगन ने कहा कि राज्य सरकार 3 मई को क्या आदेश देती है, इसका इंतजार कर रहे है। वैसे रायपुर रेड जोन में है। सभी बसें रायपुर से धमतरी ही चलती है। 50 प्रतिशत यात्री भी बैठाकर भी गाड़ी चलाई जाए, तो घाटा होगा। डीजल के दाम भी बढ़े हुए है। घाटे में बस चलाना मुश्किल हाेगा।

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने को लेकर कुछ व्यापारी और लोग लापरवाही बरत रहे है। व्यापारियों को स्पष्ट आदेश है कि दुकानों के बाहर सैनिटाइजर रखें लेकिन व्यापारी मान नहीं रहे है। सोशल डिस्टेंसिंग का तो पालन हो ही नहीं रहा है। सबसे ज्यादा नियम का उल्लंघन किराना दुकानों में ही हो रहा है। यदि ऐसी लापरवाही आगे भी जारी रही, तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।

सुबह 7 से 1 बजे तक खुलेंगी दुकानें
धमतरी ग्रीन जोन में है, लेकिन दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने सरकार काम कर रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा फिलहाल टला नहीं है। शहर में भीड़ और यातायात दबाव को नियंत्रण करना भी अफसरों के लिए चुनौती से कम नहीं है। इसलिए जिला प्रशासन अभी दुकानों को खोलने की छूट सुबह 7 से 1 बजे तक ही रहेगी।



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Relief will be available from tomorrow, shops will be open at 2 to 7 pm with discounts on autos.




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छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने जरूरतमंदों के लिए दिया अनाज

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ब्लॉक महासमुंद के ब्लॉक अध्यक्ष राजेश साहू एवं जिलाध्यक्ष नारायण चौधरी के नेतृत्व में विधायक विनोद चंद्राकर की अपील पर कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण के चलते लॉक डाउन की परिस्थिति में जरूरतमंदों के सहयोग हेतु 136 पैकेट्स सूखा अनाज बतौर सहायता प्रदान की गई। उक्त पैकेट्स विधायक के माध्यम से एसडीएम सुनील चंद्रवंशी को जरूरतमंदों के वितरण हेतु सौंपा गया। ब्लाक अध्यक्ष साहू ने संघ कार्यकारिणी की प्रशंसा करते हुए सहयोगकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
जिलाध्यक्ष नारायण चौधरी ने भी सहयोग एवं परहित धर्म के इस कार्य की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस अवसर पर जिला सचिव नंदकुमार साहू, प्रदीप वर्मा, विकास साहू, आशीष साहू, नीरज साहू, लक्ष्मण मानिकपुरी, ईश्वरी साहू, राजू दीवान, राधे पटेल, खेमिन साहू, सुधा गोस्वामी, खोशिल गेंड्रे, कुलदीप वर्मा, तुलेंद्र सागर, लीलेश साहू, माणिक साहू, छन्नू साहू, आशीष देवांगन, लक्ष्मीनाथ, संदीप साहू उपस्थित थे।



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Chhattisgarh Teachers Association gave food grains to the needy




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पेयजल समस्या वाले इलाकों के बोर में लगा रहे वाटर टैंक

शहर में जहां पाइपलाइन नहीं बिछी है, या बिछी है तो इंटरकनेक्ट नहीं हुआ है या अन्य किसी कारण से पेयजल की समस्या होती है, उन इलाकों में बोर से पानी की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए पार्षद निधि से नए बोर कराए गए हैं। उन बोरवेल्स में मोटर फीड करने का काम हो चुका है और लोगों को पानी भी मिल रहा है पर डायरेक्ट पानी देने से पानी की बर्बादी और लगातार पंप चलने से बिजली की खपत अधिक होने जैसे मामलों को देखते अब उन स्थानों पर वाटर टैंक लगाए जा रहे हैं। टैंकों में बोर से पानी भरा जाएगा और लोग अपनी सुविधा के अनुसार वहां से पानी भर सकेंगे।
नगर पालिका के जल कार्य प्रभारी विजय श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में 15 स्थानों पर वाटर टैंक लगाए जाने हैं, जिसमें से अधिक संकट वाले स्थानों में पहले लगाए जा रहे हैं। शुक्रवार को वार्ड-22 में एफसीआई गोदाम के पीछे की ओर कराए गए बोर में 2500 लीटर क्षमता का टैंक लगाया गया।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर इस कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे। इस मोहल्ले में पाइपलाइन तो बिछी है, मगर टंकी से कनेक्ट नहीं हो पाई है। इससे पहले कुशाभाऊ उद्यान में 5000 लीटर क्षमता का टैंक लगाया गया है, यहां उद्यान के आसपास रहने वाली एक बड़ी आबादी को इसका फायदा मिल रहा है। इसके अलावा दलदली रोड पर जहां पाइपलाइन ही नहीं गई है, वहां भी बोर कराकर मोटर फीड किया गया है और टैंक भी लगा दिया गया है। बाकी 12 स्थानों पर भी टैंक लगाए जाएंगे, जिसके लिए पालिका प्रशासन ने टैंक पहले ही मंगा लिए हैं।



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Water tanks are being installed in the bore of drinking water problem areas




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मनरेगा में गड़बड़ी की जांच करने लंबर पहुंचे अधिकारी

ग्राम पंचायत लंबर के आश्रित ग्राम छिर्राबाहरा में रोजगार गारंटी मनरेगा का कार्य तीन स्थानों पर बिना रोजगार सहायक के चल रहा है। मनरेगा के कार्य में कई तरह के खामियां भी देखने को मिली और मजदूरों का फर्जी मस्टररोल भरकर फर्जी तरीके से राशि आहरण के अलावा कुछ हितग्राहियों को मनरेगा का राशि अप्राप्त है कि शिकायत ग्रामीणों के द्वारा सीईओ जनपद बसना से की गई थी।
इस मामले को भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था समाचार प्रकाशन के बाद जांच के लिए टीम गठित कर सीईओ ने टीम भेजा था और सभी लोगों का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।ग्रामीणों का आरोप था कि रोजगार सहायक गांव में नहीं रहती। जांच अधिकारियों ने मस्टररोल में उल्लेखित सभी ग्रामीणों का बयान लिया गया जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वे लोग काम में गए ही नहीं हैं। वहीं कुछ लोग विगत वर्ष किए गए कार्य की राशि नहीं मिलने की शिकायत लेकर भी पहुंचे ।जमुना यादव, शांति कलार ने जांच अधिकारियों को बताया कि उनका अंगूठे का स्कैनिंग स्वाइप मशीन में रोजगार सहायक एवं बैक मित्र द्वारा यह कह कर लिया गया कि आप के आधार कार्ड की जांच की जा रही है। कुछ दिनों बाद जब वे पैसा निकालने बैक गए तब उन्हें पता चला कि आधार कार्ड नहीं बल्कि बैंक से राशि निकालने के लिए उनके द्वारा अंगूठे का स्कैनिंग लिया गया था। सभी पीड़ित एवं शिकायतकर्ताओं का बयान पंचायत भवन में लिया गया।



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Officers reached Lumber to investigate the disturbances in MNREGA




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सालों से नहीं हुई जूना तालाब की सफाई, जा रही नालियों की गंदगी

प्राचीन जूना तालाब का अस्तित्व ख़तरे में है। सरकारी अमले की उदासीनता व जन सामान्य के जागरूक न होने से तालाब सफाई नहीं हो रही है। वार्ड-6 स्थित जूना तालाब का पानी पहले साफ रहता था। बसना जब ग्राम पंचायत हुआ करता था तब यहां 40 प्रतिशत लोगों की निस्तारी इसी तालाब से होती थी। प्रशासनिक उदासीनता के कारण अब हर तरफ गंदगी का साम्राज्य है। कचरा भरने से तालाब सिकुड़ता जा रहा है। वहीं नगर पंचायत न तो तालाब की मरम्मत कराई जा रही है और न ही उसके सौंदर्यीकरण की दिशा में कोई प्रयास किया जा रहा है।इसके अलावा शहर के तीन और तालाब की हालत भी कुछ इसी तरह है।
बसना नगर के सबसे पुराने जूना तालाब की सफाई कई सालों से नहीं हुई है। इसके मेड़ पर अवैध कब्जे हो गए है और गंदगी के चलते पानी मटमैला हो चुका है। प्लॉस्टिक और कचरों के ढेर से तालाब का पानी दूषित होता जा रहा है। साथ कि वार्ड नं- 6, 7, 9 के नालियों का पानी तालाब छोड़ा जा रहा है। बता दें कि इस तालाब में लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते थे। साथ ही मूर्ति विसर्जन, ताजिया का विसर्जन होता है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पर नगरवासियों का बहुत ही ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन लोग निराश हुए। अब वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा तालाब के सौंदर्यीकरण और गहरीकरण की दिशा में कितना पहल किया जाता है, यह देखना होगा।
समस्या का समाधान होगा : नगर पंचायत सीएमओ नारायण साहू ने कोरोना महामारी के चलते लोगों की सुरक्षा को लेकर सभी कर्मचारियों के व्यस्त होने की बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद समस्या का समाधान किया जाएगा। नगर पंचायत अध्यक्ष गजेंद्र साहू ने परिसद की आगामी बैठक में इन बातों को रखते हुए जल्द ही समस्या का समाधान व गहरीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य कराए जाने का आश्वासन दिया।



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Juna pond cleaning has not been done for years, the dirt of drains going




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होने लगी पानी की किल्लत, नई पाइपलाइन से जोड़ रहे कनेक्शन

गर्मी तेज हो चली है और इसके साथ ही पानी की आवश्यकता भी बढ़ गई है। नगर में रोजाना तीन टाइम में डेढ़ लाख लीटर पानी दिया जा रहा है, लेकिन कई इलाकों में विभिन्न कारणों से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। पुरानी पाइपलाइन में टूट-फूट या लीकेज या नई पाइपलाइन से घरों के नल कनेक्शन कनेक्ट नहीं होने के कारण समस्या हो रही है। इसे देखते हुए नगर के जल संकट ग्रस्त क्षेत्रों में पालिका प्रशासन द्वारा पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कराया जा रहा है।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कुम्हारपारा वार्ड नंबर 24 में पुरानी पाइपलाइन से लोगों को पेयजल आपूर्ति में आ रही समस्या को गंभीरता से लेते हुए बिछाई गई नई पाइपलाइन से घरेलू कनेक्शन को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। नया रावणभाठा से लगे कुम्हारपारा के नागरिक लंबे अर्से से पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। वार्ड के किशन सेन, मनोज प्रजापति, देवेंद्र प्रजापति, झड़ीराम साहू, रेवती, सावित्री बरिहा, रमेश प्रजापति, गोविंद सेन, डिगेश साहू, जनक यादव सहित पार्षद पवन पटेल ने पालिका अध्यक्ष चंद्राकर को आवेदन देकर घरेलू कनेक्शन को नई पाइपलाइन से जोड़ने की मांग की है। इस पर पालिका अध्यक्ष ने शनिवार को मौके का जायजा लिया और जल प्रभारी को नई पाइपलाइन से जोड़ने के निर्देश दिए। इस दौरान वार्डवासियों ने बताया कि रोहित साहू के घर तक पुरानी पाइपलाइन की जगह नई पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन मनोज प्रजापति के घर से बरगद पेड़ तक 20 साल पुरानी जीआई पाइपलाइन होने के कारण जगह जगह लिकेज हो गई है।

8 इंच का पाइप बदलकर डाल रहे 10 इंची

नयापारा अटल आवास पानी टंकी के सप्लाई क्षेत्रों में भी पूर्व में लगी 8 इंची पाइप के बदले 10 इंची पाइपलाइन बिछाई जा रही है। पालिका अध्यक्ष ने बताया कि नयापारा पानी टंकी से डीआई पाइपलाइन का इंटरकनेक्शन किया जा रहा है। इस कनेक्शन के बाद नयापारा के करीब 15 हजार लोगों को सुगमता से पानी मिलने लगेगा। पालिका अध्यक्ष ने बताया कि नयापारा के कुछ टेल ऐरिया में पानी की सप्लाई नहीं हो रही थी। इसके चलते लोगों को चार फीट गढ्ढे में उतर कर पानी भरना पड़ता था। अब लोगों को इससे मुक्ति मिलेगी। अयोध्या नगर के कुछ हिस्से में पानी पहुंच नहीं पा रहा था, उन क्षेत्रों में भी पानी मिलने लगेगा।



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32 हजार मजदूर बाहर फंसे, 18 सौ ने किया संपर्क

महासमुंद जिले के करीब 32 हजार मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए थे। इनमें से करीब 4 हजार मजदूर हाल-फिलहाल में वापस अपने गांव लौटे हैं, लेकिन अब भी 28 हजार मजदूर दीगर राज्यों में मौजूद हैं। इन मजदूरों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मजदूरों से संबंधित जानकारी सभी कलेक्टर से मांगी गई है। वहीं जिला प्रशासन के पास जो डाटा है, उसके अनुसार महासमुंद जिले से केवल 1800 मजदूर दीगर राज्यों में फंसे हुए हैं।
क्योंकि इतने ही लोगों ने अब तक वापसी के लिए उनसे संपर्क किया है। जिला श्रम अधिकारी डीके राजपूत ने बताया कि राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर और जिले के नंबर पर अब तक 1734 मजदूरों ने संपर्क कर फंसे होने की जानकारी दी है। हमारे पास रोजाना फोन आ रहे हैं, उसके अनुसार हम डाटा अपडेट कर रहे हैं। जिले से 32 हजार मजदूराें के बाहर होने संबंधी किसी तरह का डाटा हमारे पास नहीं है। कोई भी मजूदर यदि किसी राज्य में फंसा है तो वह या उनके परिजन राज्य स्तर पर 9109849992 और 0712443809 के साथ ही जिला स्तर पर 8839392840 पर संपर्क कर जानकारी दे सकता है।
महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने कुछ दिन पहले ही जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अन्य राज्यों में फंसे जिले के मजदूरों की जानकारी मांगी थी। इस पर सभी जनपद पंचायत अधिकारियों ने विकासखंडवार जानकारी उपलब्ध कराई थी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार जिलेभर से करीब 32788 मजदूर दीगर राज्यों में काम करने गए हुए हैं। उनमें से करीब 4 हजार वापस लौट चुके हैं। इस जानकारी के बाद सांसद ने कलेक्टर को पत्र लिखकर वापस लौटने वाले मजदूरों को रखने और उनके जांच संबंधी तैयारी की जानकारी लेने भी पत्र लिखा था।
जिले की सीमा में ही करेंगे स्वास्थ्य परीक्षण

इधर, मजदूरों के वापस लौटने के पश्चात उनके स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करने के संबंध में कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया कि अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों का राज्य की सीमा में प्रवेश के समय ही स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। हमारे पास 135 आश्रम और छात्रावास हैं। इसके अलावा शासकीय स्कूल और अन्य भवनों में उन्हें क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह ओडिशा की सीमा से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करने वाले अन्य जिलों के मजदूरों का सीमा में ही स्वास्थ्य जांच उपरांत बसों से उनके निवास के लिए भेज दिया जाएगा।



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1 महीने में 245 लोगों से 2 हजार लीटर शराब जब्त

सरायपाली थाना क्षेत्र के ग्राम काकेनचुंआ में दो युवक को पुलिस ने बड़ी मात्रा में महुआ शराब के साथ पकड़ा है। ये दोनों एक खेत में अवैध रूप से महुआ शराब ना रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने घेराबंदी कर कार्रवाई की है। इन आरोपियों से पुलिस ने 110 लीटर महुआ शराब, 06 नग एल्युमिनियम का गंजी एवं प्लास्टिक बाल्टी बरामद की है।
जब्त शराब की कीमत 11 हजार रूपये आंकी गई है। इसी प्रकार तुमगांव पुलिस ने भी ग्राम मालीडीह में एक युवक से 10 लीटर महुआ शराब जब्त की है। जिसकी कीमत एक हजार रूपये है। पुलिस ने दोनों ही मामलों में आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। ज्ञात हो कि अंग्रेजी व ओडिशा शराब की बिक्री बंद होने के बाद महुआ शराब की बिक्री बढ़ गई है। अधिक डिमांड को देखते हुए हर गांवों में लोग
महुआ शराब बना रहे हैं। वहीं पुलिस भी इन ओरापियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार सरायपाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम काकेनचुंआ के खेत में अवैध रूप से महुआ शराब बनाया रहा है। सूचना मिलते ही टीम घटना स्थल पहुंचे, जहां देखा कि दो युवक अपने खेत में पीपल पेड के नीचे शराब बना रहे थे।
पुलिस ने घेराबंदी कर सुरीतराम सिदार पिता लाभो सिदार एवं संपतराम पिता जलीधर साहू को पकड़ा। टीम ने इन दोनों से पूछताछ की तो, बताया कि दो जगह पर महुआ शराब बनाया जा रहा है। इसके बाद टीम ने दो जगहों से 200-200 लीटर के ड्राम में 100 लीटर व 5-5 लीटर वाले दो डिब्बे में 10 लीटर शराब जब्त की। इसी प्रकार तुमगांव पुलिस ने भी ग्राम मालीडीह निवासी अजगर पिता नारायण के मकान से 10 लीटर महुआ शराब जब्त की है।
एक महीने में डेढ़ लाख का गांजा जब्त
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शराब के साथ छुटपुट गांजा की भी तस्करी हो रही थी। लॉकडाउन के चलते तस्कर अधिक मात्रा में गांजा की तस्करी नहीं कर पा रहे थे। इसके बावजूद एक महीने में पुलिस ने 7 प्रकरण दर्ज किए है। जिसमें 12 व्यक्ति को गिरफ्तार कर इसके कब्ज से 20 किलो गांजा बरादम किया है। जिसकी कीम एक लाख 52 हजार रूपए बताई जा रही है।



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2 thousand liters of alcohol seized from 245 people in 1 month




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परसदा जोशी पहुंचा हाथियों का दल, जमाया डेरा, दो जिलों की टीम कर रही हैं निगरानी

महासमुंद में घूमने वाले बार दल के 23 हाथी पहली बार गरियाबंद जिले में पहुंच गए हैं। देर शाम तक हाथियों का दल राजिम ब्लॉक के परसदा जोशी गांव में महानदी के किनारे में स्थित बाड़ियों में मौजूद थे। हाथियों की आगे बढ़ने की संभावना को देखते हुए वन विभाग ने आसपास के गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही दो अलग-अलग टीमेग बनाकर 24 घंटे उनके मूवमेंट की निगरानी की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को बार दल के हाथी महानदी के किनारे होते हुए बम्हनी, नांदगांव, चिंगरौद होते हुए गरियाबंद जिले की सीमा में पहुंचे।
सुबह हाथियों के दल को राजिम के पास धमनी-कुम्ही खार में देखा गया था। इसके बाद से वे आसपास ही मौजूद थे। दोपहर बाद हाथी कुछ दूरी तक वापस महासमुंद की जिले की ओर आए और इसके बाद फिर से वापस लौट गए। फिलहाल हाथियों का पूरा दल परसदा जोशी के पास बने डैम के पास मौजूद है। गरियाबंद डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया कि हाथियों के आने की सूचना मिलते ही राजस्व और पुलिस टीम की मदद से आसपास के गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया है। लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की जा रही है। दल के एक हाथी ने रेडियो कॉलर पहना है, जिससे उनके मूवमेंट की पूरी जानकारी मिल रही है। इसके अलावा वन विभाग की एक टीम 24 घंटे के लिए तैनात है।
दो डीएफओ के साथ मौके पर पहुंचे एससीसीएफ
इधर, हाथियों के गरियाबंद जिले में प्रवेश की सूचना पर एसीसीएफ वाइल्ड लाइन अरुण पाण्डेय शनिवार को परसदा जोशी पहुंचे। उनके साथ महासमुंद डीएफओ मयंक पाण्डेय और गरियाबंद डीएफओ मयंक अग्रवाल मौजूद थे। हाथियों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए दोनों जिलों की संयुक्त टीम बनाई गई है। डीएफओ मयंक अग्रवाल ने बताया कि हाथी किस ओर जाएंगे यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। यदि हाथी चार से पांच दिन इस ओर मूवमेंट करते हैं तो ही इनके पैटर्न के बारे में पता चलेगा।
फसल कटाई का काम पूरा इसलिए आगे बढ़े हाथी
प्राप्त जानकारी के अनुसार बार दल के हाथियों का ज्यादातर मूवमेंट सिरपुर क्षेत्र रहता है। खरीफ सीजन में क्षेत्र में फसलों की कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस समय बाड़ियों में भी मौसम के कारण काफी नुकसान हुआ है और फसल नहीं है। इसलिए हाथी नए ठिकाने की खोज पर हैं। यही कारण है कि 6 दिन पहले दो दंतैल इस ओर रेकी करने भी पहुंचे थे। राजिम क्षेत्र में अभी फसल भी है और बाड़ियों में साग-भाजी भी। इसलिए भी हाथियों का पूरा दल इस ओर आया होगा।



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A team of elephants arrived at Parsada Joshi, Jamaya Dera, teams from two districts are monitoring




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ट्रक में बैठ पंडरिया पहुंचे 45 मजदूर

प्रशासन द्वारा लगातार यह दावा किया जा रहा है कि प्रदेश व जिले के सभी बॉर्डर सील हैं। जबकि खैरागढ़ से एक ट्रक में करीब 45 मजदूर शुक्रवार रात 8 बजे नगर में पहुंचे। इस बीच कबीरधाम जिला का बॉर्डर लोहारा व जिला मुख्यालय सहित कुल 8 थाना पड़ता है। लेकिन मजदूरों को कहीं भी नहीं रोका गया। ट्रक में पंडरिया ब्लॉक के कोदवागोड़ान, झिरिया खुर्द, सोमनपुर समेत मुंगेली जिले के मजदूर थे। ये मजदूर खैरागढ़ तक पैदल व अन्य साधनों से पहुंचे थे, जिसके बाद मालवाहक ट्रक से पंडरिया पहुंच गए।
गांधी चौक में पुलिस द्वारा इन मजदूरों को रोककर प्रशासन को सूचना दिया गया। सूचना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को ही ब्लाॅक के ही ग्राम सगौना सहित कुछ गांव के 11 मजदूर पैदल हैदराबाद से अपने घर पहुंचे हैं। शनिवार को भी ग्राम करपी व मुंगेली से 7 लोग पैदल पहुंचे हैं। इनमें से कुछ मजदूरों के आने की खबर भी नहीं रहती। बड़ी संख्या में मजदूरों के पंडरिया ब्लॉक में आने के बाद प्रशासन ने तुरंत क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया है। यहां मजदूरों को 14 दिन रखा जाएगा। बाहर से आने वाले मजदूर प्रायः रेड जोन से हैं। पंडरिया ब्लाॅक के अधिकांश मजदूर लखनऊ, पुणे, हैदराबाद, जम्मू-कश्मीर में रोजगार के लिए जाते है। ये सभी जगह प्रायः रेड जोन अंतर्गत आते हैं। चियांडांड निवासी पंचराम बैगा शुक्रवार को मुंगेली जिले से आया था। इसके बारे में पता चलने पर उसे पंचायत के क्वारेंटाइन सेंटर डालामौहा रोजगार सहायक व सरपंच द्वारा ले जाया जा रहा था। सरपंच व रोजगार सहायक मोटर साइकिल में थे। वहीं पंचराम पैदल चल रहा था। ऐसे में मौके का फायदा उठाकर पंचराम ग्राम भैंसाडबरा के पास जंगल की ओर भाग गया। पंचराम की तलाश शाम तक की जा रहीं थी।

मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रख रहे
पंडरिया तहसीलदार संजय विश्वकर्मा ने बताया कि शुक्रवार रात 45 मजदूर पंडरिया पहुंचने की जानकारी मिली। इसे देखते हुए सभी मजदूरों को तुरंत पंचायत में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इसके साथ ही दूसरे प्रदेश से आने वाले मजदूरों के संबंध में पंचायत से जानकारी ली जा रहीं है। इन मजदूरों को क्वारेंटाइन में रखने निर्देश दिए गए है।



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45 laborers arrived in Pandaria sitting in a truck




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महीनेभर से बंद पंडरिया-बजाग सड़क का निर्माण कार्य हुआ शुरू

पंडरिया-बजाग अंतरराज्यीय मार्ग का निर्माण कार्य लॉकडाउन के कारण बंद हो गया था। शासन द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश के साथ निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ हो गया है। लॉकडाउन होने के चलते लोगों ने जल्द कार्य पूर्ण होने की उम्मीद छोड़ दिए थे।
इस सड़क निर्माण के लिए शासन द्वारा करीब 128 करोड़ की स्वीकृति मिली है, जिसमें पुलिया निर्माण समेत अन्य काम हो चुके हैं। नगर के हरि नाला चौक से पाढ़ी मोड़ तक का सड़क खराब था। सड़क निर्माण करने शनिवार को सड़क में मरम्मत का कार्य शुरू हुआ। करीब 3 वर्ष से नगर का यह 800 मीटर का मुख्य मार्ग जर्जर स्थिति में था। निर्माण होने के बाद अब नगर वासियों को इस समस्या से निदान मिलेगी। इसके साथ ही करीब 37 किमी पंडरिया-बजाग मार्ग बनने से क्षेत्र के वनांचल ग्राम में निवास करने वाले लोगों को आने-जाने की सुविधा मिलेगी। इसी सड़क से ग्राम कुई-कुकदूर, नेऊर, पोलमी, सेंदुरखार, तेलियापानी, कामठी, मुममुना, भेलकी, कंदावानी समेत 50 गांव पंडरिया तक जुड़ते है। इसी सड़क से होकर लोग जिला मुख्यालय कवर्धा तक जाते हंै।



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Construction of the Pandaria-Bajag road, which has been closed for a month, started




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दुकानों में नहीं पहुंची जून की राशन सामग्री, चना भी कम मात्रा में आया

राज्य सरकार ने जून माह में एपीएल कार्डधारी को छोड़ सभी को नि:शुल्क राशन सामग्री देने निर्देश दिया है। निर्देश के अनुसार राशन कार्डधारी मई माह में भी राशन उठा सकते हैं। लेकिन जिले के ज्यादातर राशन दुकानों में अभी तक राशन सामग्री नहीं पहुंची है। इसके साथ ही दूसरी समस्या यह है कि वर्तमान में एपीएल कार्डधारी को छोड़कर सभी कार्डधारी को एक किलो चना देना है। चना तो पहुंच गया है, इसमें भी ज्यादातर केन्द्र में कम मात्रा में चना आया है। ऐसे में लोगों काे समस्या हो रहीं है। इन्हीं समस्या को लेकर शनिवार को सहसपुर लोहारा तहसील क्षेत्र के राशन दुकान संचालक कलेक्टोरेट पहुंचे हुए थे।
समस्या को लेकर कलेक्टर को आवेदन दिया है। कलेक्टोरेट पहुंचे लालाराम साहू, प्रीमत कुमार, शत्रुहन ने बताया कि तहसील क्षेत्र के ज्यादातर दुकानों में चना कम मात्रा में अाया है। इस कारण लोगोंं को चना देते समय विवाद की स्थिति पैदा हो रही है। वहीं दूसरी ओर बीते दो माह से तहसील क्षेत्र के 96 दुकानों को कमीशन नहीं दिया गया है। ऐसे में दुकान संचालकों को आर्थिक रुप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मार्च व अप्रैल का एक करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन बकाया
लालाराम साहू ने बताया कि राशन दुकानों में राशन सामग्री वितरण को लेकर संचालकों को कमीशन दिया जाता है। इसी कमीशन से वे अपने घर की जरूरत को पूरा करते है। नियम अनुसार राशन सामग्री प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 30 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। इस हिसाब से बीते दो माह मार्च और अप्रैल का राशि नहीं आई है। 96 राशन दुकान का करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन अभी तक नहीं दिया है। राशि नहीं मिलने के कारण दुकान संचालक अपने ही रुपए खर्च कर दुकान संबंधित काम करा रहें है। स्थिति ऐसी है राशन सामग्री उतारने के लिए श्रमिकों को खुद के जेब से राशि दे रहें है।

मार्च व अप्रैल का एक करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन बकाया
लालाराम साहू ने बताया कि राशन दुकानों में राशन सामग्री वितरण को लेकर संचालकों को कमीशन दिया जाता है। इसी कमीशन से वे अपने घर की जरूरत को पूरा करते है। नियम अनुसार राशन सामग्री प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 30 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। इस हिसाब से बीते दो माह मार्च और अप्रैल का राशि नहीं आई है। 96 राशन दुकान का करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन अभी तक नहीं दिया है। राशि नहीं मिलने के कारण दुकान संचालक अपने ही रुपए खर्च कर दुकान संबंधित काम करा रहें है। स्थिति ऐसी है राशन सामग्री उतारने के लिए श्रमिकों को खुद के जेब से राशि दे रहें है।

एक-एक किलो चना का वितरण करने के दौरान विवाद की स्थिति
इस तहसील क्षेत्र कीे दुकानों में चना भेजा तो गया है, लेकिन कम मात्रा में आया है। ऐसे में वितरण के दौरान जिन लाेगों को चना नहीं मिल रहा, वे विवाद कर रहे हैंै। कलेक्टोरेट पहुंचे दुकान संचालकों ने बताया कि गेंदपुुर में 500 कार्डधारी है, जिन्हें एक-एक किलो चना देना है। यहां 39 किलो चना कम आया है। मजगांव में 369 कार्डधारी है, यहां 13 किलो कम चना है। नवघटा में 291 कार्डधारी के पीछे केवल 269 किलो चना दिया है। यहां 22 किलो चना कम है। दनियाखुर्द में तो 444 कार्डधारी के लिए अभी तक चना नहीं भेजा गया है। यही स्थिति कवर्धा, बोड़ला, पंडरिया तहसील क्षेत्र की राशन दुकानों में भी है।

भंडारण कर रहे हैं जल्द राशन मिलेगा
इस समस्या को लेकर जिला खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम का कहना है कि वर्तमान में सभी दुकानों में भंडारण का काम जारी है। शुक्रवार तक करीब 139 दुकानों में भंडारण किया जा चुका है। भंडारण के दौरान वनांचल व जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में पहले फोकस किया जाता है। उसके बाद मैदानी क्षेत्र में राशन भेजा जाता है। वहीं दुकान संचालकों को कमीशन देने राज्य शासन राशि जारी करेगी। ं



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Ration material of June not reached in stores, gram also came in small quantity




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राउतपारा के लोग 35 साल से पी रहे कुएं का गंदा पानी

ग्राम नेवारखेड़ा के राउतपारा के ग्रामीण 35 साल से कुएं के पानी पर ही निर्भर है। ग्रामीणों ने कई बार पारा में हैंडपंप खनन की मांग की गई, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल पाया। इसके चलते आज भी ग्रामीण कुएं का प्रदूषित पानी पीने मजबूर हैं।
नेवारखेड़ा राउतपारा के ग्रामीण अशोक यादव, संतु यादव, नारायण यादव ने बताया हमारे पारावासी लगभग 35 साल से कुएं का पानी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा पारा में एक ही कुआं होने के कारण खाने पीने के लिए ही उपयोग करते हैं। हम सभी पारावासी नहाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर नदी में जाकर काम चला लेते हैं। मई-जून के महीने में कुआं जब पूरी तरह सूख जाता है, तो दूसरे मोहल्ले जाकर पानी लाना पड़ता है या फिर नदी में झरिया का बनाकर पानी लाते हैं। कभी-कभार कुएं एवं झरिया का पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त की चपेट में भी ग्रामीण आ चुके हैं। इस संबंध में हम पारावासी पंचायत एवं संबंधित विभाग जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन आश्वासन ही मिलता है।



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The people of Rautpara have been drinking dirty water for 35 years




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रेडक्रॉस ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने किया जागरूक

साप्ताहिक बाजार में प्रशासन, पुलिस प्रशासन, तहसीलदार व रेडक्रॉस सोसाइटी जागरूकता अभियान चला रही है। इस दौरान ग्रामीणों को मास्क का प्रयोग व मास्क के स्थान पर रुमाल, गमछा या दुपट्टा का प्रयोग व सामाजिक दूरी के साथ लेनदेन करने करने जागरूक किया।
वालेंटियर्स संजय वस्त्रकार, हेमंत श्रीवास्तव द्वारा माइक के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की जानकारी दी और इसके बचाव के लिए स्वयं जागरूक होने की अपील की। इस दौरान ग्रामीणों को जिले के बाहर या फिर राज्य अन्य जिलों से आने वाले व्यक्ति की जानकारी सरपंच, सचिव व प्रशासन को देने कहा।
अभियान में सरपंच पार्वती सोरी, तहसीलदार लोमेश मिरी, नायब तहसीलदार आशीष देवहारी, डीआर नाग, दिलेश्वर साव, भूपेंद्र गुप्ता, जय प्रकाश चौधरी, बंगोमा चक्रवर्ती, रीता वस्त्रकार, थामेश्वरी गौतम, उमेश दुग्गा आदि शामिल थे।



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Red Cross aware of following social distancing




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केसीसी से खाद व बीज उठाकर बारिश से पहले सुरक्षित कर लें

धान की अच्छी पैदावार किया जा सके, इसके लिए बारिश के पहले पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद एवं धान बीज का भंडारण किया गया है। किसानों द्वारा केसीसी बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। वरिष्ठ कृषि अधिकारी एनआर नेताम ने बताया खरीफ फसल के लिए आदिम जाति सहकारी समिति भानुप्रतापपुर, संबलपुर, कोरर व असुलखार धान बीज किस्म 1001, 1010, आईआर 64, सरना एवं रासायनिक खाद पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जा चुका है।
बारिश के पहले के पहले ही इसका उठाव कर सुरक्षित कर लें। अल्पकालीन केसीसी के माध्यम से प्रकरण बनाना भी शुरू कर दिया गया है। पंजीकृत किसानों के नगद राशि एवं खाद बीज दिया जा रहा है। खाद बीज का उठाव कर विभाग की योजना का लाभ उठाएं। लॉकडाउन में कृषकों को छूट दी गई है वहीं कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंस, मास्क और सैनिटाइजर के प्रति जागरूक करे रहे हैं। भानुप्रतापपुर लैम्पस के अंतर्गत कुल 33 गंाव आते हंै। इनमें कृषकों की संख्या 5600 हैं, जिनमें 1984 किसान एक्टिव हंै। क्षेत्र के कुल खेती रकबा 4211,67 हेक्टेयर भूमि हैं। किसानों को खाद वितरण परमिट के आधार पर किया जा रहा है।
वहीं कर्ज के संबंध में किसानों को प्रति हेक्टेयर 22 हजार 200 दिए जाने का प्रावधान है। रासायनिक खाद का वितरण अप्रैल माह से ही प्रारंभ हो गया है, जो जून-जुलाई तक जारी रहेगा।



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Pick fertilizer and seeds from KCC and secure them before the rain




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‘सर! जियो हजारों साल... मेरा बार-बार प्रणाम, मुझे पास कर देना’

कोरोना वायरस के कारण 10 वीं 12 वीं बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन शिक्षकों के घर में ही किया जा रहा है। 10 वीं का गणित का पेपर छात्रों को इतना ज्यादा कठिन लग रहा है कि छात्र फेल होने पर आत्महत्या करने की बात उत्तरपुस्तिका में लिखे हैं। वही एक अन्य छात्र ने पास करने की गुहार लगाई है।
10 वीं, 12 वीं का पेपर पिछले साल तक लट्टीपारा के मूल्यांकन केंद्र कन्या शाला होता था, लेकिन इस बार पेपर बंडल की जांच शिक्षकों के घर में ही किया जा रहा है। 10 वीं गणित का पेपर छात्रों को काफी ज्यादा कठिन लगा। इसमें छात्रों ने उत्तरपुस्तिका में मूल्यांकन कर्ता से पास करने की गुहार लगा रहे हैं। एक छात्र ने फेल होने पर आत्महत्या करने की भी तक लिख दी है। उत्तरपुस्तिका में यह उत्तर की जगह यह सब लिखे होने को लेकर शिक्षकों को हैरानी हो रही है। उत्तरपुस्तिका के प्रश्न 14 में छात्र ने गणित का उत्तर लिखने की जगह पर लिखा है, आपको मंै पैर छुके प्रणाम करता हूं कि मुझे गणित कुछ समझ में नहीं आता है। मेरे से कुछ भी नहीं बना है। सब विषय अच्छा बना है, लेकिन गणित नहीं बना। मुझे ग्रेस लगाकर पास कर देना। तुम हजारों साल जियो, सर, मेरा बार-बार प्रणाम कि मुझे जबरदस्ती नंबर देकर पास कर देना। नहीं तो में फांसी लगाके मर जाऊंगा। आत्महत्या कर लूंगा। उक्त छात्र को 75 में से सिर्फ चार नंबर ही मिल पाए हैं।
एक अन्य छात्र ने लिखा है कि मैं बहुत गरीब छात्र हूं, सर मुझ पर थोड़ा सा दया करके मेरे को कुछ बनने लायक बना दीजिए। मुझे उम्मीद रहेगी। आपको अपनी सबसे प्यारी चीज की सौगंध, आप भी एक समय हमारे जैसे बच्चे थे।
इतनी उत्तरपुस्तिका पहुंची है : 10 वी में 77,167 पेपर जांच होने के लिए पहुंची है। वहीं 12 वीं में 41,152 पेपर जांच होने के लिए पहुंचा है।
दूसरे चरण का पेपर जांच होनेके लिए 1 मई को पहुंचा
प्रथम चरण का पेपर बंडल 20 मार्च को मूल्यांकन होने के लिए पहुंचा। इसमें 26 मार्च से जांच होना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण जांच मूल्यांकन केंद्र में नहीं हो पाया। 21 अप्रैल को घरों में ले जाकर संबंधित विषय शिक्षकों के घर में पेपर बंडल जांच के लिए भेजवाया गया। 10 वीं का हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान जांच होने के लिए पहुंचा था। वहीं 12 वीं में हिंदी, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, भौतिक विषय, व्यावसायिक अध्ययन, कृषि जांच होने के लिए पहुंचा है। वही द्वितीय चरण में अभी 1 मई को पेपर जांच होने के लिए पहुंचा है। इसमें द्वितीय चरण में 12 वीं में राजनीति, रसायन, लेखाकन, अंग्रेजी, कृषि विज्ञान जांच होने के लिए पहुंचा हैं। वही 10 वीं में संस्कृत पेपर जांच होने के लिए पहुंचा है। इसे 3 मई को मूल्यांकनकर्ता के घर पहुंचाया जाएगा।



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'head! Live thousands of years ... My repeated greetings, pass me '




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रेल लाइन का काम कर रहे मजदूर फंसे, लगाई गुहार

रावघाट रेलवे परियोजना के तहत केंवटी से अंतागढ़ तक रेलवे लाइन के काम में बिलासपुर क्षेत्र के 14 मजदूर फंस गए हैं। वे अंतागढ़ से भानुप्रतापपुर पहुंचे थे और वे बिलासपुर जाने के लिए शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। ठेकेदार उन्हें भानुप्रतापपुर छोड़ दिया है और ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मजदूर सुनील राठौर व साथियों ने बताया कि वर्तमान में तेज धूप होने लगी है। तपती धूप में काम कराया जाता है, जिससे परेशानी हो रही थी। घर पेड्रोरोड जाना भी है। ठेकेदार द्वारा भानुप्रतापपुर में छोड़ दिया गया है, हमें बिलासपुर जाना है। इसके लिए प्रशासन से मदद मांग रहे हैं। तहसीलदार आनंद
नेताम ने बताया कि मजदूरों को भोजन, रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कुछ दिन पहले ही मजदूरों को बस से बिलासपुर भेजा गया। इस समय ये लोग नहीं गए थे। ठेकेदार को निर्देश कर उनको घर पहुंचाया जाए।



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Rail line workers trapped, pleaded




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गांव में साप्ताहिक बाजार बंद हुए तो सब्जी वाले पहुंच रहे शहर, उठने लगा बाहरी-स्थानीय विवाद

कोरोना की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन में सबसे ज्यादा सब्जी विक्रेता प्रभावित हो रहे हैं। गांव-गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार बंद करा दिए गए हैं। गांव के विक्रेता भी सब्जी बेचने शहर पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि कांकेर के साप्ताहिक बाजार में सामान्य दिनों की अपेक्षा दो गुना सब्जी विक्रेता पहुंच रहे हैं। जिससे बाजार में आए दिन स्थानीय पसरा लगाने वालों तथा बाहरी सब्जी विक्रेताओं के बीच बार बार विवाद हो रहा है।
इसे लेकर शनिवार को स्थानीय सब्जी विक्रेताओं ने जिला कार्यालय पहुंच कलेक्टर से शिकायत करते व्यवस्था दुरूस्त करने की मांग की। गांव-गांव के सब्जी विक्रेताओं के शहर में पसरा लगाने के कारण यहां भीड़ बढ़ रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए रेडक्रॉस, नगरपालिका, प्रशासन, पुलिस कई बार समझाइश देकर थक चुके हैं। इसके लिए अब यहां कोई प्रयास नहीं हो रहा है।
24 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के साथ लगभग सभी गांवों में साप्ताहिक बाजार लगना बंद हो गए हैं। जिस गांव में बाजार लगाने की अनुमति दी भी गई तो वह भी कुछ ही घंटे के लिए है। जिसमें सब्जी पूरी तरह बिक नहीं पाती। जिससे सब्जी उत्पादकों को काफी परेशानी हो रही है। ग्राम ईच्छापुर में ग्रामीणों व पंचायत ने वहां का सब्जी बाजार बंद करवा दिया जिसमें आमाझोला, घोटिया, मर्दापोटी, गढ़पिछवाड़ी के साथ कांकेर से भी सब्जी व्यावसायी आते थे। वे अब कांकेर बाजार में ही पसरा लगाने लगे हैं। माकड़ी के जयप्रकाश नेगी ने कहा कि पहले दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक बाजार लगता था। अब सीमित समय होने के कारण सब्जी बिक नहीं पाती हैं। गोविंदपुर में दोपहर 3 से 4.30 बजे तक ही सब्जी बाजार लगता है।

ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी, ग्राहकों को फायदा
नया बाजार में अचानक गांव से बड़ी संख्या में सब्जी विक्रेताओं के आने से स्थानीय स्तर पर सब्जी की भी बंपर आवक होने लगी है। इससे उसके दाम गिर गए हैं और शहरवासियों को सस्ते दामों में सब्जी मिल रही है। वहीं दूसरी ओर गांव में बाजार बंद होने से ग्रामीणों को अब सब्जी खरीदने कांकेर तक आना पड़ रहा है। ईच्छापुर के शिवचंद नेताम, भगवान सिंह कांगे ने कहा कि गांव में मंगलवार को लगने वाला बाजार लॉकडाउन शुरू होने के बाद नहीं लग रहा है। सब्जी लेने 5 किमी दूर कांकेर बाजार जाना पड़ता है।

गांव में बाहरी सब्जी विक्रेताओं को रोका

शहर में तो गांव के सब्जी विक्रेता दुकान लगा रहे हैं। लेकिन शहर के स्थानीय सब्जी व्यवसायियों की शिकायत है कि जब वे आसपास गांव में सब्जी लेकर जाते हैं तो उन्हे गांव में व्यापार करने घुसने तक नहीं दिया जाता। जबकि उन गांव के लोग यहां सब्जी पसरा लगाने पहुंच रहे हैं। जिससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है। सब्जी बाजार में इतना ज्यादा पसरा लग रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो पा रहा है। कोई समझाने वाला भी नहीं है। ग्राम मर्दापोटी में शुक्रवार को सब्जी पसरा लगता था, अब गांव के बाजार में बाहर से दुकान लगाने वालों को आने नहीं दिया जाता। जिन गांवों में बाजार लग रहा है, वहां बाहर के विक्रेताओं को पसरा लगाने नहीं दिया जा रहा है।



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When the weekly markets are closed in the village, the vegetable people are reaching the city, external and local disputes arise.




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सीईओ ने थामा गैंती-फावड़ा, बढ़ाया मजदूरों का मनोबल

नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए किए गऐ लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के कार्यों में शासन द्वारा दिए गए छूट के फलस्वरूप जिले के सभी 7 ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्य हो रहे हैं। जिले के 401 ग्राम पंचायतों में 56, 275 मजदूरों को मनरेगा में रोजगार मुहैय्या हो रहा है। जिला पंचायत के सीईओ डॉ. संजय कन्नौजे ने शनिवार को भानुप्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत हरनपुरी में निर्माणाधीन तालाब गहरीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान वे मजदूरों के साथ स्वयं तालाब गहरीकरण कार्य में गैंती व फावड़ा थाम कर श्रमदान करके मनरेगा के मजदूरों का मनोबल बढ़ाया। इसके बाद वे भैसाकन्हार के आश्रित ग्राम नरसिंहपुर में मनरेगा के तहत संचालित डबरी निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय चैतूराम पिता मनबोध के खेत में डबरी निर्माण का कार्य चल रहा था। कृषक को उन्होंने मछली पालन किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया तथा मनरेगा के मजदूरों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने व मास्क लगाकर कार्य करने कहा।
मनरेगा श्रमिकों व ग्रामीणों से सीईओ ने पेयजल की व्यवस्था, अन्य राज्यों में गए श्रमिक, मनरेगा की मजदूरी भुगतान इत्यादि के संबंध में जानकारी ली। ग्राम पंचायत भैसाकन्हार में जरूरतमंदों को राशन सामग्री भी बांटी। उन्होंने ग्राम नरसिंहपुर व सेलेगांव में निर्मित गोठान व चारागाह का निरीक्षण किया। स्वसहायता समूह द्वारा गौठान में उड़द की खेती व वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाए जाने पर खुशी जाहिर की। गंठान को मल्टीएक्टीविटी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। ग्राम पंचायत के सचिव को 14 वित्त की राशि से गंठान का फेसिंग करने कहा। उन्होंने अन्य राज्यों में गए श्रमिकों के वापस आने पर उन्हें ग्राम पंचायत में 14 दिनों तक क्वारंंटाइन करने के लिए बस्ती से बाहर स्कूल, सामुदायिक भवन का चिन्हांकन करने व प्रवासी मजदूरों के लौटने पर उन्हें चिन्हांकित भवनों में क्वारंंटाइन किए जाने कहा।



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The CEO held the Ganti-shovel, boosted workers' morale




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क्वारेंटाइन किए गए लोग बोल-हमें तोड़ने दिया जाए तेंदूपत्ता, ग्रामीणों ने किया विरोध

कटेकल्याण के भूसारास ग्राम पंचायत में आंध्रप्रदेश से लौटे 25 लोग क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं। एक सप्ताह से रह रहे ग्रामीण आने वाले दिनों में पैसे की कमी से परेशानी न हों इसलिए वे अब काम मांगने लगे हैं। शनिवार को क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले ग्रामीणों ने कहा कि हम जंगल में दिन भर बैठे-बैठे परेशान हो रहे हैं। इस समय पूरे जिले में तेंदूपत्ता तुड़ाई चल रही है उन्हें भी इस काम को करने का अवसर दिया जाए।
वहीं क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वाले ग्रामीणों के तेंदूपत्ता तोड़ने के काम की मांग का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि 28 दिन से पहले कवारेंटाइन किए गए ग्रामीणों को सार्वजनिक जगह में आने सहित काम में लगाने से सब एक दूसरे से मिलेंगे जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। भूसारास के जंगल में रह रहे सभी ग्रामीण स्वस्थ हैं लेकिन गांव के लोग कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। इसलिए उनकी मांग का विरोध कर रहे हैं ।
क्वारेंटाइन में रह रहे ग्रामीणों ने कहा कि 28 दिन का क्वारेंटाइन काफी लंबा समय है। यह काम मिलने से जहां हमें अतिरिक्त आमदनी हो जाएगी। वहीं अकेले बैठे रहने से निजात मिल जाएगी। ग्रामीणों ने कहा कि वे पड़ोसी राज्यों में जाकर मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। काम नहीं करने से उनके परिवार को परेशानी होगी इससे निजात पाने के लिए वे काम की मांग कर रहे हैं। जनपद पंचायत सीईओ गौतम गहीर ने कहा कि इस मामले को लेकर वे कलेक्टर से बात करेंगे उनके निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।



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Quarantined people speak - let us break Tendupatta, villagers protest




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डेढ़ लाख घरों में पहुंचाना था पानी, साल भर बाद सिर्फ 35 हजार कनेक्शन लगाए

बस्तर जिले में इस साल फिर से जलसंकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। इधर जिले में नल-जल योजना को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। पिछले साल मंजूर योजना में ग्रामीण इलाकों में डेढ़ लाख से ज्यादा घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जाना था, लेकिन इस साल 30 अप्रैल तक की स्थिति में 35 हजार घरों तक ही पानी पहुंचाया जा सका। अब भी तकरीबन 77 प्रतिशत काम बाकी है। इसे लेकर कोई भी पहल नहीं की जा सकी है।
काम पूरा न होने पर विभाग के अफसर लॉकडाउन का हवाला दे रहे हैं। बस्तर जिले में सबसे ज्यादा बस्तर ब्लॉक में योजना पहुंचाई जानी थी, जिसमें करीब 24 फीसदी काम ही हो पाया है। इसके अलावा जगदलपुर ब्लॉक में ही तकरीबन 43 प्रतिशतकाम हो पाया है। बाकी ब्लॉकों में काम शुरू करने के बाद ही बंद कर दिया गया।
1.5 लाख में से 1.15 लाख घरों में कनेक्शन लगाना बाकी, बकावंड में काम सबसे धीमा

बस्तर जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में कुल करीब डेढ़ लाख घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया जाना था। इसमें से अब तक लगभग 35 हजार कनेक्शन ही पहुंचाए जा सके हैं। वहीं अब भी 1.15 लाख कनेक्शन बाकी हैं। इनमें से बस्तर ब्लॉक के 33024 कनेक्शनों में से 7961 घरों तक ही नल पहुंच पाया है। वहीं बकावंड ब्लॉक के 32321 में से 3615 घरों तक नल कनेक्शन दिया गया है। नल-जल योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के काम में बकावंड ब्लॉक सबसे पीछे है।

पहले लोकसभा चुनाव ने रोका काम अब लॉकडाउन ने: ईई

पीएचई ईई एसके पांडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के कारण पिछले साल काम नहीं हो पाए। वहीं इसके बाद जब काम शुरू करने की बारी आई तो लॉकडाउन के कारण कम नहीं हो पाया। लॉकडाउन के खुलने के बाद काम शुरू करते हुए घरों तक पानी पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही इस साल के अंदर काम शत-प्रतिशत पूरा हो पाए, इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
अप्रैल से अक्टूबर तक पूरी तरह ठप रहा काम

बस्तर जिले में नल-जल योजना के तहत घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का काम अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक नहीं हो सका। जबकि नवंबर से काम शुरू हुआ, जिसमें से जगदलपुर और दरभा में काम ही नहीं हो पाए, लेकिन दूसरे ब्लॉकों में काम की रफ्तार काफी धीमी रही। इधर दिसंबर, फरवरी और मार्च में बास्तानार ब्लॉक में काम हुआ ही नहीं। इसके अलावा लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में जनवरी, फरवरी, मार्च में और तोकापाल ब्लॉक में फरवरी, मार्च में काम को आगे बढ़ाया ही नहीं जा सका।

किस ब्लॉक में कितने कनेक्शनलगने थे और कितने लगाए गए
ब्लॉक लक्ष्य लगे काम बाकी
जगदलपुर 26890 11472 15418
बस्तर 33024 7961 25063
बकावंड 32321 3615 28706
तोकापाल 17724 2668 15056
दरभा 12806 3488 9318
लोहंडीगुड़ा 17318 4580 12738
बास्तानार 10419 1444 8975
योग 150502 35228 115274



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Water had to be delivered to one and a half lakh homes, after 35 years only 35 thousand connections were made




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दावा शहर साफ, इधर हर तरफ है गंदगी

शहर को सैनिटाइज कर कोरोना वायरस से बचाव का दावा नगर निगम कर रहा है, लेकिन नालों में फैली गंदगी को साफ करने कोई सुध ही नहीं ली जा रही है। शहर में तमाम जगहों पर खुले पड़े बड़े नालों में जमा गंदगी को साफ न किए जाने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
शहर के गीदम रोड, गायत्री मंदिर के सामने, संजय बाजार चौक, शहीद पार्क तिराहा सहित अन्य जगहों पर बने बड़े नालों में गंदगी को साफ करने नगर निगम ने कोई पहल ही नहीं की है, जबकि शहर में जगह-जगह सैनिटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है।
नालों में गंदगी फैली, अब तक नहीं की सफाई: शहर की नाली-नालों में फैली गंदगी को साफ करने का काम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। शहर में सफाई अभियान नहीं चलाए जाने से जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। संक्रमण की रोकथाम करने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई जरूरी है, लेकिन यहां सिर्फ सैनिटाइजर का छिड़काव करते हुए शहर को संक्रमण से बचाने का दावा किया जा रहा है, जबकि नालों में गंदगी जस की तस पड़ी हुई है।
जमा पानी से मच्छरों की पैदावार बढ़ी

शहर के गीदम रोड स्थित पुराना गीदम नाका के पास बने नाले में गंदगी का आलम ये है कि यहां से बहने वाला पानी पूरी तरह से काला हो चुका है। यही नहीं, डिस्पोजल और प्लास्टिक से नाला भरा हुआ है। इसे साफ करने को लेकर कोई पहल ही नहीं की जा सकी है। इसी नाले से लगकर एक मकान है, जहां के लोग मच्छरों से खासे परेशान हो चुके हैं। इसके अलावा आस-पास के इलाकों में भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

शहर मे सफाई होरही, नाला साफ होगा

नगर निगम के स्वच्छता अधिकारी अरूण यादव ने बताया कि शहर में सफाई पर लगातार काम किया जा रहा है। सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने के साथ ही शहर में सफाई अभियान जारी है। इधर नालों की सफाई को लेकर उन्होंने बताया कि बारिश से पहले नालों की सफाई के लिए मुहिम चलाई जाएगी। इस काम को इसी महीने पूरा कर लिया जाएगा। शहर के सभी बड़े नालों की गंदगी साफ की जाएगी।



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Dawa city is clean, there is dirt everywhere




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गमपुर में तेलंगाना से लौटे किसी भी मजदूर की मौत नहीं, गांव के बाहर हैं क्वारेंटाइन

जिले के गमपुर में तेलंगाना से लौटने वाले किसी मजदूर की मौत नहीं हुई है, इलाके के अवलमगुड़ी में 15 दिन पहले एक व्यक्ति की मौत हुई थी लेकिन वह भी पिछले 7-8 साल से बीमार था और उसे फायलेरिया बीमारी की शिकायत थी। गमपुर या इसके आसपास के इलाके में हाल ही में लौटने वाले किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।
गमपुर में बाहर से लौटे दो मजूदरों की मौत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम शुक्रवार की देर शाम यहां जांच के लिए पहुंची हुई थी। घोर नक्सल प्रभावित और बीहड़ों में बसे इस गांव में स्वास्थ्य अमले की टीम को पहुंचने में आठ घंटे लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम गंगालूर से कई नदी नालों व 4 से ज्यादा पहाड़ियों को पार कर मल्लूर, एड़समेटा,
पेद्दापाल, डोंडी तुमनार से होते हुए पीडिया से आगे गमपुर पंचायत पहुंची। टीम शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे गंगलूर से रवाना हुई और शाम 6 बजे गमपुर पहुंची। यहां पहुंचने के बाद टीम रात में गांव में ही रुक गई और मौत से संबंधित जानकारियां जुटाई। इसके बाद शनिवार को दोपहर बाद स्वास्थ्य टीम गंगालूर पहुंची। वापस लौटी टीम के सदस्य डाॅ युधिष्ठिर साहू ने बताया कि गांव में लगभग 700 परिवार के रहते हैं गांव पहुंचविहीन है।

50 से ज्यादा लोग तेलंगाना से लौटे थे

इधर टीम जांच में पता चला कि तेलंगाना के भद्राचलम व उसके आसपास के इलाकों में मिर्ची तोड़ने गए 50 से 60 लोग करीब एक सप्ताह पहले गांव लौटे हैं। इनके गांव लौटेने के बाद ग्रामीणों ने इन्हें गांव में नहीं घुसने दिया और सभी लोगों को गांव से दूर डोंडी तुमनार व गमपुर गांव के बीच नदी के पास पेड़ के नीचे क्वारेंटाइन में रखा है। बाहर से आये लोग यहीं पर खुद खाना बना रहे हैं और खा रहे हैं। किसी को भी गांव में आने की इजाजत नहीं है।



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मृत शिक्षक के खाते से 4 दिन में निकाले 70 हजार, 4 गिरफ्तार

विश्रामपुरी थाना क्षेत्र के ग्राम हरवेल निवासी मृत शिक्षक के साले ने तीन साथियों के साथ फर्जी हस्ताक्षर करके शिक्षक के खाते से चार दिन में 70 हजार निकाल लिए। आरोपी पांचवीं बार 40,000 रुपए निकालने पहुंचा था।
रकम ज्यादा देखकर शाखा प्रबंधक ने शक के आधार पर युवकों से पूछताछ की। इससे युवक घबरा गए। शाखा प्रबंधक ने शक के आधार पर युवकों के बैंक में आने की सूचना विश्रामपुरी थाना प्रभारी भापेंद्र साहू को दी। थाना प्रभारी को देखते ही एक युवक फरार हो गया। इसके बाद खुलासा हुआ। पुलिस ने मृत शिक्षक के मास्टरमाइंड साले समेत चार युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मृत शिक्षक मनीराम मंडावी का पासबुक उसके साले रूपदेव के पास था। कलगांव का रूपदेव ने मृत शिक्षक के हस्ताक्षर की व्यवस्था कर पासबुक से 3 साथियों चंपेश शोरी (गमरी), हेमलाल मरकाम (गमरी), रमेश कोर्राम (कोरेगांव) के साथ मिलकर रुपए निकाल लिए।



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तीनों संदिग्धों के कोरोना टेस्ट निगेटिव

बीजापुर में होम क्वारेंटाइन में रखे दो मजूदरों और दंतेवाड़ा के एक युवक के कोराना संदिग्ध होने के बाद इनका रैपिड टेस्ट शनिवार को किया गया। रैपिड टेस्ट में तीनों में एंटी बॉडी पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद दोनों ही जिलों में हडकंप मच गया और फिर तीनों के कोरोना पीसीआर टेस्ट के लिए नमूने जगदलपुर भेजे गये।
यहां माईक्रोबॉयालजी डिपार्टमेंट में कोरोना की पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। दरअसल बीजापुर में तेलंगाना से लौटे मजूदरों को होम क्वारेंटाइन में रखा गया था यहां गंगालूर की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किट से रैंडम जांच की तो किट में एंटीबॉडी पॉजिटिव पाये गये। इसके बाद एहतियातन इनकी कोरोना जांच पीसीआर लैब से करवाई गई।
इधर दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लॉक के गुड़से के रहने वाले ग्रामीण में कोरोना पॉज़िटिव की अफवाह फैलते ही शनिवार को ज़िले में हड़कम्प मच गई। दरअसल ग्रामीण को शुक्रवार को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लक्षण दिखने पर सैम्पल जगदलपुर भेजा गया था। जहां रिपोर्ट निगेटिव आई है। ग्रामीण आंध्रप्रदेश मजदूरी करने गया था। वहां से 22 अप्रैल को लौटा था। यहां आने के बाद तबियत बिगड़ने लगी। जिसे परिजन कटेकल्याण अस्पताल लेकर आए थे। सर्दी, खांसी के लक्षण मिलने पर जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां के आइसोलेशन वार्ड में इसे रखा गया व सैम्पल जगदलपुर भेजे गए थे। दरअसल ये वही गांव है जहां के ग्रामीण की हाल ही में मौत आंधप्रदेश में हुई थी।



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दूसरे राज्यों से आने ऑनलाइन फॉर्म भरें

दूसरे राज्यों में फंसे छात्र और मजदूरों के लिए प्रशासन ने ऑनलाइन फॉर्म जारी किया है। इस फॉर्म के जरिए वे अपने साधन से भी वापस आ सकते हैं, लेकिन इसके लिए पूरी जानकारी उन्हें प्रशासन को देनी होगी। ये व्यवस्था प्रशासन ने गूगल फॉर्म्स के जरिए दी है। बताया जाता है कि कई छात्र और मजदूर अब भी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, जिन्हें वापस लाने के लिए प्रशासन ने पहल की है।
कोटा से छात्रों को लाए जाने के बाद अब मजदूरों और दूसरे वर्गों में भी वापसी की उम्मीद जागी है। ऐसे में प्रशासन ने उनकी मदद करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म जारी करते हुए उनसे जानकारी में ये भी मांगा है कि उनके पास आने-जाने का साधन है या नहीं। दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिक https://forms.gle/jdeBmR8zQRvwzgoj6 पर और छात्र https://forms.
gle/5U4rX4kWFsws9MZN7 लिंक पर अपनी जानकारी दे
सकते हैं।

छात्रों और मजदूरों की वापसी की जानकारी के लिए अलग-अलग फॉर्म जारी किए प्रशासन ने

दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे छात्रों और काम कर रहे मजदूरों या दूसरे कामकाजी वर्गों के लिए अलग-अलग फॉर्म जारी किए हैं। इन फॉर्मों के जरिए मिलने वाली जानकारी सीधे प्रशासन के पास जाएगी। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा उनकी वापसी की पहल की जाएगी। मालूम हो कि पिछले दिनों कोटा से वापस लाए गए करीब डेढ़ सौ छात्रों को कांकेर में क्वारेंटाइन पर रखा गया है। ऐसे ही गूगल फॉर्म्स के जरिए आवेदन करने वालों को भी वापस लौटकर क्वारेंटाइन पर रहना होगा।



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पहले दिन आधी दुकानों को मौका, बाकी को दूसरे दिन

कोरोना संक्रमण के चलते 40 दिनों से लॉकडाउन में चल रहे शहरवासियों को सोमवार से बड़ी राहत मिल जाएगी। ग्रीन जोन में होने के कारण यहां लगभग सभी तरह की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। लेकिन इन दुकानों के खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक का ही रखा गया है। शाम 5:00 बजे के बाद सिर्फ मेडिकल खोलने की अनुमति होगी।
भीड़ पर नियंत्रण के लिए शहरभर में पहले दिन सिर्फ आधी दुकानों को ही खोला जाएगा, शेष आधी दुकानें अगले दिन खुलेंगी। भीड़ न हो इसलिए एक दिन छोड़कर एक दिन के अंतराल में दुकानों को खोलने का फैसला लिया गया है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में कवायद शुरू की है जिसके मुताबिक एक दिन में मुख्य सड़क के एक ओर की दुकानें ही खोली जा सकेंगी। अगले दिन सड़क के दूसरी ओर की दुकान खुलेगी जबकि पहले दिन खुलने वाली दुकानें दूसरे दिन बंद रहेगी। इस तरह लोगों को सप्ताहभर दुकानें खुली मिलेंगी। शहर के लगभग हर हिस्से में यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जिससे भीड़ न हो। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के अलावा आवागमन के लिए ऑटो रिक्शा को अनुमति दी गई है लेकिन चालक के अलावा सिर्फ दो सवारी को ले जाने की इजाजत होगी।
रेस्टोरेंट्स में बैठकर खाने की अनुमति नहीं : रेस्टोरेंट और जलपान गृह को खोलने की अनुमति दी गई है लेकिन वहां सिर्फ पार्सल की सुविधा उपलब्ध होगी।

नियमों का पालन जरूरी: कलेक्टर
कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने बताया कि तीसरे फेस में लाडला उनके साथ ही ग्रीन जोन को कुछ रियायत मिली है, लेकिन असली खतरा और चुनौती अब शुरू हो रही है, जब शहर में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी लोग एक दूसरे के संपर्क में आएंगे तब संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिए तय मापदंड का पालन करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखनी जरूरी है। दुकान के बाहर हाथ धोने की व्यवस्था होनी चाहिए। सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाना चाहिए, इन सब के साथ ही दुकानदार और वहां आने वाले सभी को मास्क अनिवार्य रूप से लगाया जाना है। पालन न करने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संजय बाजार वॉकिंग जोन बना ही रहेगा
संजय बाजार में तीन स्थानों पर पार्किंग होगी। इसमें विवेकानंद स्कूल परिसर में, कांग्रेस भवन के पास और डीईओ कार्यालय के पास पार्किंग बनाए गए हैं। यहां वाहन खड़े करने के बाद लोग पैदल ही बाजार तक जाएंगे। आकांक्षा होटल के पास के रास्ते से सामग्री परिवहन वाले वाहनों के प्रवेश की अनुमति होगी।



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जिन्होंने दूसरे राज्य में एमबीबीएस किया उन्हें भी मिलेगी पीजी सीट

जिन छात्रों ने दूसरे राज्यों में एमबीबीएस किया है, उन्हें भी प्रदेश में पीजी की सीटों में एडमिशन दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में चार इन सर्विस केटेगरी के डॉक्टरों की याचिका पर यह निर्णय दिया है। डीएमई कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट ने मेरिट के अनुसार एडमिशन देने के निर्देश दिए हैं। इसलिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग में इन चार डॉक्टरों को पीजी सीटों का आवंटन किया जाएगा। प्रदेश में केवल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस करने वालों को पीजी सीट में एडमिशन देने का नियम है। इस नियम के खिलाफ सरकारी सेवा यानी इनसर्विस केटेगरी के डॉक्टरों ने आपत्ति की है। उनकी याचिका पर डीएमई कार्यालय को मेरिट के अनुसार एडमिशन देने काे कहा है। आल इंडिया कोटे के दूसरे चरण की काउंसिलिंग के बाद खाली सीटें स्टेट कोटे में कन्वर्ट हो जाती है। इसके बाद स्टेट कोटे के कुल खाली सीटों के बारे में पता चलेगा। इस साल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पीजी की 137 सीटें हैं। रेडियो डायग्नोसिस, मेडिसिन, गायनी व चेस्ट समेत 33 सीटें खाली हैं। दूसरी ओर सिम्स बिलासपुर में 10, रायगढ़ व जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में तीन-तीन सीटें खाली हैं। खाली 85 सीटों को भरने के लिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग शुरू हो गई है।छात्र 3 मई तक ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं।



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साढ़े 7 हजार नलों से नहीं आ रहा पर्याप्त पानी

सरोदा बांध के मुख्य केनाल (नहर) की मरम्मत का कार्य चल रहा है, जिसके चलते पिछले 2 दिन से कवर्धा शहर के साढ़े 7 हजार घरेलू नलों से पर्याप्त पानी नहीं आ रहा है। लॉकडाउन में पेयजल के लिए लोगों को घरों से निकलने मजबूर होना पड़ रहा है। संकट के बाद भी वार्डों में पेयजल के लिए टैंकर नहीं भेजे जा रहे हैं।
45 हजार आबादी वाले कवर्धा शहर को रोज 60 लाख लीटर पीने का पानी चाहिए। इसके लिए खैरबना कला में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है। ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सरोदा बांध से पानी आता है। लेकिन जिस जगह से प्लांट में पानी पहुंचने के लिए पाइप लाइन लगी है, वहां बांध के मुख्य नहर लाइनिंग की मरम्मत का काम चल रहा है। इस कारण पाइप लाइन में सीमेंट व रेत का मलबा फंस रहा है, जिसके चलते प्लांट को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए व्यवस्था गड़बड़ाई है। गंभीर बात तो यह है कि समस्या के बावजूद नगर पालिका पेयजल आपूर्ति के लिए वार्डों में टैंकर भेज रहा है। नपाध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा का कहना है कि मरम्मत कार्य 1-2 दिन में पूरा हो जाएगा, उसके बाद पेयजल व्यवस्था सुधर जाएगी।
शुक्रवार सुबह नल से कम पानी आया, शाम को देर रात को खुला: शुक्रवार सुबह नल खुले तो सही, लेकिन कम पानी आया। एक घंटे की बजाय कहीं आधे घंटे तो कहीं 40 मिनट में नल बंद हो गए। शाम को निर्धारित समय में नल नहीं खुला। देर रात साढ़े 9 से 10 बजे नल खोला गया। शनिवार को कम पानी मिलने की शिकायतें आई है।



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Not enough water is coming from seven and a half thousand tubes




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50% यात्री ही सफर कर सकेंगे, 35 सीट की बस में बिलासपुर जा सकेंगी 15 सवारी

कोरोना संक्रमण के बीच 3 मई को लॉकडाउन को दूसरा चरण खत्म हो रहा है। सरकार ने लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने की घोषणा कर दी है, लेकिन ग्रीन जोन वाले जिलों में अधिकांश पाबंदियों को हटा दिया गया है। कबीरधाम जिला भी ग्रीन जोन में है। यहां कोरोना के एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं। लॉकडाउन- 3 में जाे रियायत मिली है, उससे हमारा जिला भी अछूता नहीं रहेगा।
कबीरधाम में 50 फीसदी सवारी के साथ कल यानि 4 मई से बसों के संचालन की छूट दी गई है। लेकिन इस छूट से बस ऑपरेटर्स ज्यादा खुश नहीं हैं। बस ऑपरेटर करन बंजारे बताते हैं कि अगर 35 सीटर बस में 15 सवारी बैठकर बिलासपुर जाते हैं तो घाटा ही होगा। हम 17 मई तक का इंतजार करेंगे। इधर अपर कलेक्टर जेके ध्रुव ने बताया कि लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ गई है। शासन के गाइडलाइन के अनुसार जो सेवाएं संचालित होंगी उसका पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
जानिए, लॉकडाउन- 3 में शहर में क्या खुलेंगे और क्या बंद रहेंगे
ये सेवाएं चालू रहेंगी: गाइडलाइन के मुताबिक 50 फीसदी यात्रियों के साथ बसें चलेंगी। इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर व कारपेंटर सेवाएं, मोबाइल-लैपटॉप, स्टेशनरी और कपड़े दुकानें खुल सकेगी। सेलून, शराब, गुटखा, पानी, दूध, सब्जी, किराना की दुकानें खोल सकेंगे। लेकिन वहां एक बार में 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे और लोगों के बीच 6 फीट की दूरी बनाए रखनी हाेगी। शॉपिंग मॉल को छोड़कर सामान बेचने वाली सभी दुकानें खुली रहेंगी।
निगरानी नहीं, क्वारेंटाइन सेंटर भेजे मजदूरों के बीच मारपीट
दूसरे राज्यों से पैदल आ रहे मजदूरों को रोकने बोड़ला ब्लॉक के ग्राम पालक में स्कूल भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं। सेंटर में बालाघाट के 10-12 मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया है। निगरानी नहीं होने से शनिवार को क्वारेंटाइन किए गए मजदूरों के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि मारपीट तक हो गई। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। बताया जा रहा है कि मजदूरों का 14 दिन का क्वारेंटाइन अवधि खत्म हो चुका है। पंचायत से उन्हें अपने घर जाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन मजदूर लॉकडाउन तक यही रहने की जिद पर अड़े हैं।
बंद रहेंगे मंदिर-मस्जिद, शराब दुकानें खोलने की तैयारी
सहसपुर लोहारा| लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है। वहीं तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक रहेगा। इस दौरान भीड़ के मद्देनजर मंदिर और मस्जिद खोलने पर प्रतिबंध है, लेकिन शराब दुकानों को खोलने की तैयारी शुरु हो गई है। सहसपुर लोहारा में लॉकडाउन के बीच शनिवार को सरकारी शराब दुकान में भीड़ को रोकने के लिए बेरीकेड लगाने का कार्य शनिवार किया जा रहा था। इसे लेकर लोनिवि ने मजदूरों लगाए थे।
यह तर्क दे रहे: डीजल का खर्चा ही नहीं निकाल पाएंगे ऑपरेटर तो होगा नुकसान
कवर्धा.हमेशा भीड़ से भरा रहने वाला बस स्टैंड लॉकडाउन के चलते सूना नजर आ रहा है।
ये पाबंदी 17 मई तक लागू ही रहेंगी: स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टिट्यूट बंद ही रहेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल बंद रहेंगे। हर तरह के राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक जारी रहेगी। धार्मिक स्थान भी बंद रहेंगे। धार्मिक मकसद से जमावड़ों पर रोक रहेगी।



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Only 50% passengers will be able to travel, 15 passengers will be able to go to Bilaspur in 35 seat bus




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अर्धसैनिक बल का जवान बताकर कार दिलाने युवक से 92 हजार रुपए की ठगी

नांदघाट थाना के अंतर्गत ग्राम नारायणपुर में एक युवक से कार दिलाने के नाम पर 92 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक ने मारो चौकी में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस जांच में जुट गई है। नारायणपुर निवासी गिरीशचंद्र पिता राजकुमार पांडे (28) ने बताया कि वह एक फार्मेसी कंपनी में एमआर के पद पर है। उन्होंने 13 अप्रैल को फेसबुक में स्विफ्ट डिजायर वाहन क्रमांक सीजी 27 बी 6870 के बिक्री के लिए विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में गाड़ी सहित क्रेता का मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था। गाड़ी खरीदने की इच्छा पर विज्ञापन में लिखे मोबाइल नंबर 6370686538 पर संपर्क किया। कॉल रिसीव करने वाला व्यक्ति अपना नाम विनोद कुमार डेविड बताया।
साथ ही अपने स्वयं को अर्द्ध सैनिक बल का जवान बताते हुए नागपुर एयरपोर्ट में तैनात रहने की बात कही। कार खरीदने के बारे में उनसे पूछने पर गाड़ी की कीमत 2.80 लाख रुपए बताया। इस तरह दोनों के बीच 2.50 लाख रुपए में सौदे की बात हुई। पीड़ित ने युवक की बात मानकर ऑनलाइन पेमेंट बैंक के माध्यम से 92500 रुपए का भुगतान कर दिया। खाते में राशि जाने के बाद ठग ने कार को कंटेनर वाहन में भेज देने की बात कही। लेकिन कार नहीं मिली। पीड़ित युवक ने ठगी का अहसास होने पर शुक्रवार को मारो चौकी में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मोबाइल नंबर 6370686538 धारक ठग के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।



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15 मई तक पटा सकते हैं टैक्स

जिले के 4500 करदाताओं के लिए अच्छी खबर है कि संपत्ति, जल व अन्य करदाताओं को नगरीय प्रशासन ने राहत देते हुए 15 दिनों का और अतिरिक्त समय दिया है। 15 मई तक कर की राशि जमा करने में अब लोगों को किसी भी प्रकार का कोई सरचार्ज नहीं लगेगा। हालांकि कर की राशि में किसी प्रकार की छूट के लिए कुछ भी नहीं दिया गया है।
नपा के राजस्व निरीक्षक हरिश कुमार साहू ने कहा कि कर की राशि जमा करने के लिए तिथि बढ़ाई गई है। नए आदेश के अनुसार अब 15 मई तक सभी प्रकार के कर जमा किए जा सकते हैं। विदित हो कि नगर पालिका में संपत्ति कर व जल कर सहित अन्य करों की राशि मार्च के अंत तक जमा करना रहता है लेकिन मार्च के अंत में लाॅकडाउन घोषित होने के बाद इस तिथि को बढ़ाते हुए 30 अप्रैल तक कर दिया गया था। चूंकि लाॅकडाउन पूरा अप्रैल भर रहा और 3 मई तक फिर बढ़ा दिया गया,ऐसी स्थिति में उक्त कर की राशि जमा करना लोगों के लिए मुसीबत थी। इस मुद्दे को भास्कर ने 28 अप्रैल को प्रकाशित किया था। नगर पालिका बलौदाबाजार में आॅनलाइन कर पटाने की व्यवस्था नही‌ं होने के चलते नगरीय प्रशासन द्वारा जारी पत्र मेंऑफलाइन कर जमा करने को कहा गया है।
इसमें साफ कहा गया है कि कार्यालय में आकर नागरिकों द्वारा संपत्तिकर भुगतान करने की स्थिति में फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन अनिवार्य कराया जाए। हालांकि नल कनेक्शन के लिए अभी नगर पालिका द्वारा घर-घर जाकर आवेदन और कनेक्शन शुल्क लिया जा रहा है।



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वायु सेना का हेलीकॉप्टर आज एम्स के ऊपर बरसाएगा फूल

कोरोना बीमारी से लड़ने वाले वारियर्स पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारियों का सम्मान देशभर में लगातार किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय वायु सेना के फैसले के अनुसार रविवार को राजधानी के एम्स अस्पताल के ऊपर भी फूलों की बारिश की जाएगी। देश के कई राज्यों में तीनों सेनाओं की ओर से अलग-अलग तरीके से इनका सम्मान किया जाएगा।
रायपुर एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश आर सहाय ने बताया कि वायु सेना का हेलीकॉप्टर सुबह 11 बजे रायपुर एयरपोर्ट से टेकऑफ होकर एम्स के ऊपर जाएगा। इसी हेलीकॉप्टर से अस्पताल के ऊपर फूलों की बारिश की जाएगी। इसके लिए शनिवार को ही सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए 600 टन से ज्यादा चिकित्सा उपकरणों के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को एक राज्य से दूसरे राज्यों में एयरलिफ्ट किया गया है। यही वजह है कि एयरपोर्ट के स्टाफ का भी सम्मान किया जाएगा। भारतीय वायु सेना के अफसरों ने रायपुर विमानतल के अफसरों को फूलों की बारिश का प्लान भेज दिया है।

इससे रायपुर भी उन शहरों में शामिल हो गया है जहां भारतीय वायु सेना मेडिकल स्टाफ का सम्मान कर रही है।



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Air Force helicopter will rain on AIIMS today




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लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में कल से खुलेंगे सभी सरकारी दफ्तर, आधे कर्मचारी ही करेंगे काम

लॉकडाउन के बीच प्रदेश में 4 मई से सरकारी दफ्तरों में काम शुरू होगा। आधे कर्मचारियों के साथ ही कामकाज की व्यवस्था की गई है। इस दौरान जरूरी फाइलों पर तत्काल काम किया जाएगा। लॉकडाउन के सारे नियमों का पालन किया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी शासकीय दफ्तरों को सैनिटाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि प्रदेश की जनता शराब दुकानें खोलने पर जोर दे रही है, इसलिए इस पर फैसला रविवार को किया जाएगा। लॉकडाउन के बाद कुछ दिन से जरूरी कार्यालयों में कामकाज चल रहे हैं, लेकिन सभी तरह के काम पटरी पर नहीं आ पाए थे। 4 मई से लॉकडाउन-थ्री शुरू होने के साथ ही मंत्रालय, संचालनालय समेत सभी शासकीय कार्यालयों को खोलने की तैयारी के साथ ही कर्मचारियों को भी इसकी सूचना दे दी है। कर्मचारियों को यह भी कहा गया है कि कोरोना
संक्रमण से बचाव के लिए जारी किए गए सभी गाइडलाइनों का पालन काम के दौरान करना होगा। सभी को मॉस्क लगाना अनिवार्य और दफ्तरों के गेट पर सैनिटाइजर रखना होगा। शेष|पेज 5

वहीं कार्यालय आने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को फिजिकल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए काम करना है। मंत्रालय और संचालनालय के अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी शासकीय बसों में आवाजाही करते हैं।

इसके लिए पुराने रायपुर से नवा रायपुर तक 65 से अधिक बसें चलाई जाती है, लेकिन अभी बसों को लेकर अभी तक काेई निर्णय नहीं हो पाया इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि कर्मचारयों की संख्या कम रहेगी इसलिए उन्हें निजी वाहनों से आने के लिए कहा जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत यह भी है कि कार में तीन और बाइक में एक से ज्यादा नहीं चल सकता ऐसे में कर्मचारियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।

अभियान चलाकर साफ-सफाई कर सैनिटाइजेशन करने के निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए रायपुर स्थित राज्य स्तरीय कार्यालयों सहित जिला और मैदानी क्षेत्रों में स्थित सभी शासकीय कार्यालयों में साफ-सफाई कर सैनिटाइजेशन करने के निर्देश दिए है। इस संबंध में मुख्य सचिव आरपी मंडल ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओऔर वनमंडलाधिकारियों को पत्र जारी कर कार्यालयों में अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन करने के निर्देश जारी दिए हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन समाप्त होने पर समस्त कार्यालयों में कार्य शुरू किया जाएगा। आमलोगों एवं अधिकारियों व कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान मेंरखते हुए सभी जिला, तहसील, जिला पंचायत, जनपद और ग्राम पंचायतों के कार्यालय सहित अन्य मैदानी कार्यालय में साफ-सफाई कर सैनिटाइजेशन करने कहा गया है। वहीं सभी शासकीय कार्यालयों में सैनिटाइजेशन, नियमित साफ-सफाई, रंग-रोगन, हाथ धोने के लिए हैंडवाश की व्यवस्था करने कहा है।



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Amid lockdown, all government offices will open in Chhattisgarh from tomorrow, only half of employees will work




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अगर रेलवे मुफ्त में ट्रेनें नहीं देता है तो 2 करोड़ में सरकार वापस ला सकती है फंसे मजदूरों को

अमनेश दुबे|प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने मजदूरों की प्रदेश वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने केंद्र से मांग की है कि 16 शहरों से 28 ट्रेनें चलाई जाएं और यह निशुल्क हो। अब अगर केंद्र ने यह मांग नहीं भी मानी तो भी राज्य सिर्फ दो करोड़ के खर्च पर अपने मजदूरों को वापस बुलवा सकता है।
स्लीपर क्लास की स्पेशल ट्रेनों के लिए रेलवे ने पिछले दिन शुक्रवार को ही किराए से संबंधित नया सर्कुलर जारी कर दिया है। रेलवे के इस नए फेयर सिस्टम के तहत भास्कर टीम ने किराए का पूरा आंकड़ा निकाला है। रेलवे के कॉमर्शियल अधिकारियों से किराए की जानकारी ली गई। बेसिक पैसेंजर फेयर के तहत ही 14 रूट से आने वाली ट्रेनों का किराया 1 करोड़ 90 लाख 21 हजार रुपए होगा। ऐसे में यदि रेलवे निशुल्क ट्रेन देने से मना भी करता है तो काफी किफायती दर पर मजदूरों को आसानी से लाया जा सकता है।

बता दें कि रेल मंत्री पीयूष गोयल को सीएम ने मानवीय आधार पर मुफ्त में ट्रेनों के परिचालन के लिए पत्र लिखा है। लेकिन रेल मंत्रालय फिलहाल किसी भी राज्य को निशुल्क ट्रेन देने की मूड में नहीं है। बताया गया है कि झारखण्ड के लिए चलाई गई पहली ट्रेन के लिए भी रेलवे ने किराया वसूल किया है। इसके बाद केंद्र सरकार की छूट के बाद रेलवे ने सभी राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलान की मंजूरी दे दी है, लेकिन किराया देने की शर्त पर।

28 ट्रेनों में 34 हजार आ सकेंगे श्रमिक
मुख्यमंत्री ने रेलवे से 28 ट्रेनें चलाने की सूची भेजी है। एक ट्रेन में अधिकतम 24 कोच ही लग सकते हैं। चूंकि करोना संक्रमण से बचाव भी करना है, इसलिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा। ऐसे में 72 बर्थ वाले एक स्लीपर कोच में अधिकतम 52 लोगों को ही बैठाया जाएगा। रेलवे अफसरों ने बताया कि एक ट्रेन में औसतन 1200 यात्री ही सफर कर सकेंगे। इस तरह से 28 ट्रेनों में अधिकतम 34 हजार मजदूरों को ही लाया जा सकता है। सीएम ने सबसे अधिक जम्मू से रायपुर व बिलासपुर के लिए सात ट्रेनें चलाने कही है, क्योंकि इसी राज्य में छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं।

सुपरफास्ट चार्ज सहित 50 रुपए एक्सट्रा जोड़ेगा रेलवे
स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे स्लीपर क्लास का किराया राज्य सरकारों से लेगा। इसके अलावा किराए में सुपरफास्ट चार्ज 30 रुपए और अतिरिक्त चार्ज के तौर पर 20 रुपए जोड़े जाएंगे। बेसिक फेयर में 50 रुपए अतिरिक्त जोड़कर रेलवे ने स्पेशल ट्रेन का किराया तय किया है। इसी के तहत 28 ट्रेनों के लिए करीब दो करोड रुपए प्रदेश शासन को देने होंगे।

पौने दो करोड़ रुपए में आए छात्र
कोटा से प्रदेश तक लाए गए करीब 2200 छात्रों के लिए राज्य शासन ने पौने दो करोड़ रुपए खर्च किए हैं। प्रदेश से छात्रों को लाने के लिए 97 एसी बसें रवाना की गई थी। इसी तरह ट्रेनों के माध्यम से विभिन्न राज्यों से 3400 मजदूरों को लाने के लिए सिर्फ दो करोड़ रुपए ही खर्च होंगे।

फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
"रेलवे बोर्ड ने स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। इसी के तहत ट्रेनों का किराया तय होगा। एक ट्रेन अधिकतम 24 कोच के साथ चलेगी और इसमें फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रहेगा।"
-तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम, रायपुर मंडल



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If the Railways does not provide trains for free, then the government can bring back the trapped laborers for 2 crores




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प्रदेश में 100 साल पुराना आपदा प्रबंधन कानून लागू, थूकने पर रोक जैसे कानून भी 50 साल पुराने पर अमल पहली बार

जाॅन राजेश पाॅल।कोरोना को लेकर प्रदेश और देश में 100 बरसों से कानून की किताबों में दबे पड़े आपदा प्रबंधन नियम अचानक झाड़कर बाहर निकाले और लागू किए गए। कुछ नए नियम नौकरी व हेल्थ सेक्टर को ध्यान में रखकर भी लागू किए। थूकने पर अपराध व सजा के 50 साल पुराने कानून व शादियों की अनुमति के नियमों में कुछ में बदलाव करके लागू किए हैं। धारा 144 के भी मायने ही बदल गए। इस धारा ने तो सबसे लंबे वक्त अब तक 45 दिन तक रहने का इतिहास बना दिया। इसमें सबसे तगड़ा होकर उभरा सन 1897 का पुराना डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट यानी आपदा प्रबंधन कानून। डिजास्टर मैनेजमेंट के इस प्रभाव को कानून के जानकार इसे कानून पर ओवरराइड इफैक्ट कहते हैं। दिलचस्प यह भी है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट छत्तीसगढ़ तो क्या कभी सेंट्रल जोन में तूफान, आंधी, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर लागू नहीं हुआ। इस एक्ट के सेक्शन 61 को पहली दफे इसे इतनी कड़ाई से लागू किया गया वह भी लोगों को घर में कैद रखने के लिए। आपदा भी प्राकृतिक न होकर कृत्रिम वह भी अदृश्य है। इस एक्ट के तह तीन स्तर पर कमेटियां बनती हैं। और डीएम ही हेड होते हैं। समाज को एकजुट रहने का संदेश देने वाले देश में इस महामारी के चलते घरों, दुकानों सभी जगह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब केवल लॉ एंड आर्डर को काबू में रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली धारा 144 का उपयोग आज तक (44 दिन) तक अब तक के सबसे लंबे समय के लिए किया गया।

करीब पांच दशक पहले तुलसी कांड, 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या, 1992-93 में बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद भी इतने लंबे समय तक यह धारा प्रभावी नहीं रही। महत्वपूर्ण बात यह भी कि पहली दफे धारा 144 के उल्लंघन में थोक में 1605 एफआईआर हुईं। ज्वाइंट कलेक्टर यूएस अग्रवाल के अनुसार इंदिरा हत्या कांड व बावरी मस्जिद के समय भी अविभाजित मध्यप्रदेश में प्रमुख शहरों में एक महीने तक ही यह धारा प्रभावशील रही। इसे केवल आठ दिनों के लिए लगाया जा सकता है। फिर इसमें समय-समय पर एक्सटेंशन कर जिला प्रशासन अधिकतम 60 दिनों तक लागू कर सकता है। इसके बाद उसे राज्य शासन की अनुमति लेनी होगी।
एक और खास बात यह कि धारा 144 के मायने चार या अधिक लोगों के एक स्थान पर जमा होने से रोकने को लिए हैं। यहां इसका उपयोग लोगों को घरों में कैद रखने के लिए किया गया। यानी अकेले-दुकेले को भी निकलने व घूमने की मनाही। धर्मगुरु तो यहां तक कहते हैं किसी भी युग में शादियों और अंतिम संस्कार को लेकर सख्ती नहीं की गई जो इस कलयुग में देखने को मिल रही है। सभी धर्मों के त्योहार और धार्मिक संस्कार कोरोना की भेंट चढ़ गए।

थूकने पर प्रतिबंध और डाक्टरों पर हमला
कोरोना के चलते सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर बैन लगाया है। हालांकि यह कानून 50 साल पहले से ही बना था। इसके बाद नया मंत्रालय ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक की धारा 51 में इसका प्रावधान किया। थूकने को अपराध माना और ऐसा करते पाए जाने पर छह महीने की सजा का प्रावधान किया। इसका पालन करना और करवाना है दोनों ने ही इसे गंभीरता से नहीं लिया। कोरोना ने 16 अप्रैल 2020 से इसका सख्ती से पालन करवा दिया। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट में यह ताकत है कि वह किसी भी गतिविधि को रोक या लागू कर सकता है। आजादी के बाद पहली दफे डाक्टरों पर हमले पर सजा का कानून का उपयोग हुआ।
शादी-अंतिम संस्कार भी सरकारी अनुमति से
प्रशासन 144 का उपयोग शादियों और अंतिम संस्कार में भी कर रहा है। वर्तमान में शादियां भी पहली बार सरकार की मर्जी से हो रही है। शादियों के लिए अनुमित व मुहूर्त की तारीख तहसीलदार दे रहे हैं। कैपिटल डिस्ट्रिक्ट में करीब 40 लोगों को अनुमति दी जा चुकी है। जबकि दर्जनभर के आवेदनों पर विचार हो रहा है। शादियों में दुल्हा-दुल्हन समेत दस से अधिक लोगों के विवाह में शामिल होने की अनुमित नहीं दी जा रही है। लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने शहर के बाहर नहीं जा पा रहे हैं। रिश्तेदारों ने या परिवार की लड़कियों ने बेटों की जगह चिता को मुखाग्नि दी। विशेष बात यह कि अब भी कई अस्थियां इलाहाबाद या अन्य धार्मिक शहरों में ही विसर्जन के लिए रोककर रखी हैं।



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100-year-old disaster management law implemented in the state, laws like banning spitting are also implemented for the first time.




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केवल दो मरीजों ने किया 32 को संक्रमित, 7 जिलों में अब तक 45 पीड़ित

छत्तीसगढ़ में कोरोना के दो मरीजों ने 32 लोगों को संक्रमित कर दिया। प्रदेश के सात जिलों में कोरोना के 45 मरीज मिले हैं। इस हिसाब से प्रदेश के मरीज केवल दो संक्रमितों की देन है। बाकी आठ मरीज विदेश से लौटे थे। इनमें रायपुर से चार, भिलाई, कोरबा, राजनांदगांव व बिलासपुर के एक मरीज शामिल हैं। चार अन्य मरीजों में एक एम्स का नर्सिंग स्टाफ व रामनगर का 68 वर्षीय बुजुर्ग, बैकुंठपुर कोरिया में मिले झारखंड के दो मरीज शामिल हैं।
प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज 18 मार्च को समता कॉलोनी में मिला था। लंदन से लौटी 23 वर्षीय युवती को एम्स की जांच में कोरोना की पुष्टि हुई थी। उसके सात दिन बाद 31 मार्च तक कुछ पांच मरीज मिले गए। जबकि 24 अप्रैल को रायपुर में छठवां मरीज एम्स का नर्सिंग स्टाफ मिला। कटघोरा में कोरोना का पहला मरीज 4 अप्रैल को मिला।
महाराष्ट्र कामठी का 16 वर्षीय बालक तब्लीगी जमात के लोगों से संपर्क में आने के बाद कटघोरा आया। उसी नाबालिग से संपर्क में आने वाले 26 लोगों संक्रमित हुए। ये 26 मरीज केवल 10 दिनों में सामने आए। यानी 14 अप्रैल तक कटघोरा में 27 मरीज मिले। सूरजपुर में 28 अप्रैल को गढ़वा झारखंड का एक मजदूर कोरोना से संक्रमित हुआ। ये मजदूर महाराष्ट्र से राजनांदगांव, कवर्धा होते हुए सूरजपुर पहुंचा था। वह क्वारेंटाइन सेंटर में था। उसके संपर्क में आने वाले दो मजदूर को अलावा पुलिस जवान, ग्राम सचिव व रसोईया संक्रमित हुआ। सूरजपुर में 28 अप्रैल को एक, 30 को दो व 1 मई को तीन मरीज मिले। वहीं 30 अप्रैल को ही बैकुंठपुर कोरिया में झारखंड के दो मजदूरों को कोराेना की पुष्टि हुई। उनकी जांच पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में हुई थी। वे माइग्रेशन सेंटर बैकुंठपुर में रह रहे थे। स्वाब का सैंपल देने के बाद झारखंड चले गए थे। मजदूरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आने चार संदिग्धों का सैंपल लिया गया। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई, इसलिए स्वास्थ्य विभाग दोनों मजदूरों के आंकड़ों को कुल मरीजों में शामिल नहीं कर रहा है। चंूकि दोनों की जांच आरटीपीसीआर किट से हुई है, इसलिए उनका केस कंफर्म है।
जिलों में मरीज
जिले मरीज
रायपुर 06
कोरबा 28
दुर्ग 01
राजनांदगांव 01
बिलासपुर 01
सूरजपुर 06
कोरिया 02
कुल 45

संपर्क में आने पर कर सकता है बीमार
कोरोना मरीजों के संपर्क में आने के बाद अगर पर्याप्त सावधानी नहीं बरती गई तो यह बीमार कर सकता है। कटघोरा से लेकर सूरजपुर में इसका प्रमाण भी है। एम्स का नर्सिंग स्टाफ भी बीमार हुआ क्योंकि वह आइसोलेटेड वार्ड में ड्यूटी करता था। वह भी कटघोरा के मरीजों के संपर्क में आने के कारण बीमार हुआ। नर्सिंग आॅफिसर की ड्यूटी 4 से 14 अप्रैल तक एम्स में थी। रामनगर के बुजुर्ग क्यों बीमार हुए? इस पर सस्पेंस बना हुआ है। दरअसल उसकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं थी। उनका बेटा जरूर जहां काम करता है, वहां के लोग दुबई से लौटे थे। विदेश से लौटे लोग वहां से वायरस लेकर आए थे।

"कटघोरा व सूरजपुर में दो लोगों ने बाकी लोगों को संक्रमित किया, यह जांच में प्रमाणित हो चुका। एक संक्रमित कई लोगाें को संक्रमित कर सकता है, अगर पर्याप्त सावधानी न बरती जाए। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मॉस्क लगाना, सैनिटाइजर व साबुन का उपयोग करना जरूरी है।"
डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी, कोरोना सेल



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Only two patients infected 32, 45 victims in 7 districts so far




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काेराेना पाॅजिटिव युवक का उपचार करने वाले डाॅक्टर व बेटे सहित 6 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव

कुक्षी के काेराेना पाॅजिटिव युवक का उपचार करने वाले सरदारपुर अस्पताल के डाॅक्टर व उनके बेटे सहित 6 लाेगाें काे मानव सेवा हाॅस्पिटल में क्वारेंटाइन किया था। सुरक्षा के लिए प्रशासन ने राजगढ़, सरदारपुर व कुक्षी में कर्फ्यू लगाया था। शनिवार को डॉक्टर, उनके बेटे सहित 6 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाई है। हमेशा मरीजों के बीच रहने वाले डाॅक्टर ने अाइसोलेट होने के बावजूद कई मरीजों को मोबाइल के माध्यम से उपचार दिया।
डाॅक्टर ने बताया पूरी सावधानी के साथ मैंने मरीज को डिस्टेंसिंग बनाकर रखा था इसलिए हम बचे हुए हैं। कोरोना संक्रमित कोई भी हो सकता है। इससे घबराए नहीं एकजुट होकर लड़ें।
इधर एसडीएम विजय राय ने नगर के 6 व्यक्तियों को होम क्वारेंटाइन करते हुए लगाई गई पाबंदियाें काे हटा दिया।आदेश जारी करते हुए बस स्टैंड व मानव सेवा हॉस्पिटल मार्ग पर लगाई रोक को हटा दी है।
सभी से लाॅकडाउन का पालन करने काे कहा। सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को आम नागरिकों को पूर्व आदेश के तहत छूट मिलेगी। इधर प्रशिक्षु डीएसपी शक्तिसिंह चौहान, थाना प्रभारी लोकेश सिंह भदोरिया सहित सभी पुलिसकर्मी और अधिकारियों का स्वास्थ्य परीक्षण डॉ. राहुल कुलथिया और डॉ. आशीष वैद्य ने किया। डाॅ. वैद्य ने बताया सभी स्वस्थ हैं। एक दो को वायरल बुखार मिलने पर दवाई दी।



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6 will be reported negatively, including doctors and sons treating Karenna positive youth




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ओले-बारिश से सब्जी की 500 एकड़ बाड़ियां बर्बाद, 2 करोड़ का नुकसान

किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ दिनों पहले जहां सब्जी को बस्तर जिले को छोड़ अन्य जिलों में नहीं भेजने से परेशान किसान लोगों को मुफ्त में सब्जी बांट रहे थे वहीं एक पखवाड़े में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने से किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
लॉकडाउन के बीच बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जिले के सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। इस प्राकृतिक विपदा के कारण जिले में 250 हेक्टेयर यानि करीब 500 एकड़ रकबे में ली गई फसल बरबाद हो गई। इससे किसानों को 2 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
किसानों को नुकसान से राहत देने के लिए बार-बार मिल रही शिकायत के बाद उद्यानिकी विभाग की टीम ने फसल क्षति का आंकलन कर लिया है और इसकी रिपोर्ट इसकी रिपोर्ट संचालनालय को भेज दी है। किसानों को कब तक राहत मिलेगी। इस संबंध में अफसर कुछ नहीं बता रहे हैं । उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक अजय कुशवाहा ने कहा कि यह बात सही है कि जिस समय किसानों को अपनी उपज बेचने का सबसे अच्छा मौका था उस समय हुई बारिश और ओलावृष्टि ने कई किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया है। किसान अब बड़े पैमाने पर नुकसान होने से परेशान हैं।
6 हजार हेक्टयेर में की गई थी खेती

जिले के किसान पिछले कुछ सालों से सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इस साल भी किसानों ने 6 हजार हेक्टेयर में खेती की थी। इसमें सबसे अधिक नुकसान मिर्च, बरबट्टी, लौकी, पपीता, बैगन और गोभी की फसलों को हआ है। बस्तर किसान कल्याण संघ के कोषाध्यक्ष रमेश चावड़ा ने कहा कि सब्जियों की खेती करने में किसानों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। इस साल सब्जी उत्पादक किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान हआ है। केवल ओला और बारिश के चलते करीब दो करोड़ रूपए का नुकसान बस्तर के किसानों को हुआ है।

बस्तर-बकांवड ब्लॉक में सबसे अधिक नुकसान

तेज बारिश और ओले के चलते सबसे अधिक नुकसान बस्तर और बकावंड ब्लाक के किसानों को हुआ है। किसान कल्याण संघ और उद्यानिकी विभाग से मिली जानकारी के मुताबकि जहां बस्तर ब्लाक में करीब 80 एकड़ तो वहीं बकावंड ब्लाक में यह रकबा बढ़कर 350 एकड़ है। जबकि तोकापाल ब्लाक में यह रकबा 40 और जगदलपुर में करीब 30 एकड़ की फसल को नुकसान हुआ है।
इन ब्लॉक के इन गांवों में को ज्यादा नुकसान
बकावंड
राजनगर, कौड़ावंड, बकावंड, सतलावंड, ओडि़यापाल, बोरीगांव, सोनपुर, नरावंड, डिमरापाल, सौतपुर, चिखलकमरी, मंगलनार।
जगदलपुर
बालीकोंटा, तितिरगांव, घाटपदमूर, कालीपुर।
बस्तर
सालेमेटा 1, पखनाकोंगेरा, खंडसरा।
तोकापाल
कोएपाल, केशलूर, रायकोट, पलवा बारूपाट, आरापुर, डोगरी गुड़ा, बड़ेमारेंगा, तेली मारेंगा, कलेपाल, सिंगनपुर और डिमरापाल।



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500 acres of vegetable fence destroyed due to hailstorm, loss of 2 crores




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पीजी स्टूडेंट परीक्षा के बाद भी करते रहेंगे ड्यूटी क्योंकि प्रैक्टिकल फ्लाइट व ट्रेन शुरू होने के बाद

लॉकडाउन के कारण नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीजी स्टूडेंट को लिखित परीक्षा के बाद भी ड्यूटी करनी होगी। दरअसल लॉकडाउन के कारण देशभर में फ्लाइट व ट्रेन सेवा बंद है। इस कारण एक्सटर्नल मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंच सकेंगे। 17 मई तक लॉकडाउन है इसलिए 15 मई से शुरू होने वाली एमडी व एमएस की परीक्षा अब 19 मई से होगी। अगर लॉकडाउन बढ़ा तो परीक्षा स्थगित कर दी जाएगी और नया टाइम-टेबल जारी किया जाएगा।
आयुष विवि ने शनिवार को एमडी-एमएस व डिप्लोमा परीक्षा का नया टाइम-टेबल जारी कर दिया है। अब एमडी व एमएस की परीक्षा 19 मई से 26 मई तथा डिप्लोमा की परीक्षा 19 से 23 मई तक होगी। प्रेक्टिकल परीक्षा अंतर्राज्यीय परिवहन शुरू हाेने के बाद होगा। इस कारण लिखित परीक्षा देने के बाद भी पीजी स्टूडेंट यानी जूनियर डाॅक्टरों को अस्पताल व कॉलेज में ड्यूटी करनी होगी। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पीजी में एडमिशन का पहला चरण पूरा हो गया है। लॉकडाउन के कारण स्टूडेंट ने ऑनलाइन एडमिशन तो ले लिया है लेकिन वे कॉलेज नहीं पहुंच सके हैं। ऐसे में सीनियर पीजी स्टूडेंट के चले जाने से अस्पताल में इलाज की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। आल इंडिया के साथ स्टेट कोटे वाले स्टूडेंट भी एडमिशन लेने के बावजूद काॅलेज ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। कॉलेज में फाइनल ईयर में 122 से ज्यादा स्टूडेंट हैं। इनमें क्लीनिकल से लेकर नॉन क्लीनिकल विभाग के स्टूडेंट शामिल हैं। मेडिसिन से लेकर ऑर्थोपीडिक, पीडियाट्रिक, जनरल सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी, कैंसर में अभी भी मरीज आ रहे हैं। अगर फाइनल ईयर के छात्र चले जाएंगे तो ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सर्जरी में परेशानी होगी। इसलिए कॉलेज प्रबंधन ने लिखित परीक्षा के बाद भी फाइनल ईयर पीजी स्टूडेंट से ड्यूटी कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्हें हर माह 42 से 48 हजार रुपए महीना स्टायपेंड मिलता रहेगा।

मेडिसिन छात्राें की आपत्ति
नया टाइम टेबल आने के बाद मेडिसिन विभाग के छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई है। छात्रों का दावा है कि विवि ने विभाग से पूछे बिना नया टाइम टेबल घोषित किया है। हालांकि जानकारों के अनुसार विवि परीक्षा के पहले हर विभाग से पूछे, ऐसा कोई नियम नहीं है। छात्रों का कहना है कि 19 मई को परीक्षा देने के बाद प्रेक्टिकल के लिए इंतजार करते रहेंगे। अच्छा होता कि परीक्षा में बाद में कराते। अब लिखित परीक्षा के लिए अलग तैयारी करनी होगी और प्रेक्टिकल के लिए अलग। कोरोना के कारण वैसे भी ज्यादातर डॉक्टर परेशान हैं। ऐसे में लिखित परीक्षा व प्रेेक्टिकल एक साथ करना जरूरी था।
दूसरी बार बदली है परीक्षा की तिथि
लॉकडाउन के कारण विवि प्रशासन को दूसरी बार पीजी की परीक्षा स्थगित कर नई तारीख का एलान करना पड़ा है। 19 मई से जो परीक्षा होनी है, निश्चित नहीं है कि यह हो। दरअसल केंद्र सरकार लॉकडाउन की तारीख अगर बढ़ाएगी तो परीक्षा की तारीख भी बढ़ जाएगी। इसलिए छात्रों को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार रहना होगा।
"एमडी-एमएस व डिप्लोमा कोर्स की परीक्षा 19 मई से होगी। जब फ्लाइट व ट्रेन शुरू हो जाएगी, तब प्रेक्टिकल होगा। दरअसल बिना एक्सटर्नल के प्रेक्टिकल नहीं हो सकता।"
डॉ. राजेश हिशीकर, कुलसचिव आयुष विवि



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PG students will continue to do duty even after exam because after practical flight and train starts




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बैंक के बाहर स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता करवा रहे नियमाें का पालन

ग्रामीण क्षेत्र के लाेग भूखे, प्यासे खाताें से राशि निकालने के लिए बैंक पहुंच रहे हैं। जन अभियान परिषद के कार्यकर्ता नियमाें का पालन करवा रहे हैं। विकासखंड समन्वयक दयाराम मुवेल ने बताया क्षेत्र की प्रस्फुटन समितियों एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को कोरोना वाॅरियर्स बनाकर जिम्मेदारी दी है। कार्यकर्ता आमजन में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने के साथ ही बुजुर्ग व्यक्तियों की मदद के लिए एसबीआई, बीओआई, नर्मदा झाबुआ बैंक व सभी कियोस्क पर जाकर सेवा दे रहे। राकेश मोटसरा, भारत डोडवे, दिनेश मुवेल, मनीष आमले, राजेश गेहलोद, अनिल चौहान, राजू माैर्य अादि करीब 11 कार्यकर्ता सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक सेवा दे रहे हैं। इधर नगर से अाठ किमी दूर गांव भगियापुर जाकर मप्र ग्रामीण बैंक के कियोस्क संचालक अरुण मालवीय 100 खाताधारकाें की राशि निकाल कर दे रहे। सुबह 8 से शाम 4 बजे तक सेवा देने से ग्रामीणाें काे गंधवानी नहीं अाना पड़ रहा।



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Workers of voluntary organizations outside the bank are following the rules




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रायपुर में फंसे झारखंड के 3000 मजदूरों और लोगों की आज होगी वापसी

राजधानी में फंसे झारखंड के श्रमिकों, यात्रियों और लोगों की वापसी 3 मई को होगी। यहां फंसे झारखंड के लोगों की वापसी के लिए वहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार ने 150 से ज्यादा बसें रायपुर के लिए रवाना की है। इन सभी बसों को राधास्वामी सत्संग व्यास, ऑफिसर्स कॉलोनी के पास, कृषि महाविद्यालय के सामने धरमपुरा में एक-एक कर खड़ी की जाएंगी। इसकी जानकारी
झारखंड में यातायात विभाग के सचिव रवि कुमार ने रायपुर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन को चिट्ठी लिखकर दी है।
जिले के नोडल अधिकारी एवं उपपंजीयक सहकारी समिति एनआरके चंद्रवंशी ने बताया कि झारखंड के श्रमिक, यात्री और नागरिक रविवार को निर्धारित स्थान में झारखंड जाने के लिए उपस्थित हो सकते हैं। प्रशासन के पास अभी झारखंड के करीब 2000 लोगों की सूची है जिन्हें लॉकडाउन के दौरान हर तरह की मदद दी गई थी। लेकिन वापसी की खबर फैलने के बाद माना जा रहा है 1000 से ज्यादा लोग और तय समय पर वहां पहुंचेंगे। इनके फोन आने भी शुरू हो गए हैं। रविवार को सुबह से ही इन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कागजी दस्तावेजों में समय लगने पर माना जा रहा है कि बसें दोपहर 3 बजे के बाद ही रवाना हो पाएंगी। इस संबंध में किसी भी तरह की जानकारी के लिए नोडल अफसर चंद्रवंशी के मोबाइल नंबर (7987774020), झारखंड के नोडल अधिकारी नितांत कुमार सिंह (9472749978) और कुमार कौशमभ (7250818520) से संपर्क किया जा सकता है। प्रशासन की ओर से झारखंड के लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसलिए जिला प्रशासन के अफसर भी वहां मौजूद रहेंगे। एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों को भेजा रहा है इसलिए इस काम की मॉनिटरिंग कलेक्टर खुद कर रहे हैं। उन्होंने अफसरों से कहा है कि वे हर समय की रिपोर्ट उन्हें देते रहे।

लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

श्रम विभाग ने लॉकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के श्रमिकों की घर वापसी और अन्य जरूरी सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं। स्टेट हेल्पलाइन नंबरों के लगातार व्यस्तता को देखते हुए वर्तमान 03 हेल्पलाइन नंबर को बढ़ाकर 7 कर दी गई है जो कि 30 लाइनों के साथ संचालित होगी। यह सभी नंबर सभी राज्यों के लिए उपलब्ध रहेगी। ये हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। छत्तीसगढ़ वापसी के लिए ट्रेन की मांग की गई है, ट्रेन की अनुमति मिलने पर चलायी जाएगी। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर के अलावा राज्य वापसी के लिये इच्छुक व्यक्ति अथवा उनके रिश्तेदार के द्वारा छत्तीसगढ़ के संबंधित जिले के कलेक्टर कार्यालय में श्रमिकों, व्यक्तियों के पूर्ण नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं आधार कार्ड इत्यादि के विवरण लिखित आवेदन कर सकते हैं। अनुमति प्राप्त होने पर, वे आ सकेंगे। हॉटस्पाट जिलों को छोड़कर अन्य जिलों से अपने स्वयं के साधन, व्यय से छत्तीसगढ़ आने वाले व्यक्तियों द्वारा अपनी पूर्ण विवरण के साथ वर्तमान में जहां हैं, वहां के जिला कलेक्टर कार्यालय से अनुमति लेकर आ सकेंगे। स्टेट हेल्पलाइन नंबर : 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986, 88277-73986 ये जारी किए गए है।

हेल्पलाइन नंबर के काम नहीं करने की शिकायत
इधर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल रिसीव नहीं करने की शिकायतें भी आ रही हैं। अलग- अलग हिस्सों से लगातार लोग छत्तीसगढ़ वापसी के लिए संपर्क कर रहे हैं। महासमुंद के 40 मजदूर यूपी के अमेठी में फंसे हैं। मजदूर किरण बंजारे की मां की तबीयत खराब है। ठेकेदार ने पैसा नहीं दिया। इनकी शिकायत है कि राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर नहीं लग रहा है। ऐसे में ये अपनी बात कैसे पहुंचाएं?



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तस्वीर दुर्ग संभाग के मजदूरों की है जो इन दिनों लखनऊ के गोमतीनगर के विराजखंड में है।




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कोरोना संकट में फेसबुक हैकिंग से ठगी, मदद के बहाने खातों में सेंध

लॉकडाउन में फेसबुक हैकिंग और उसके जरिये ठगी का बड़ा खेल चल रहा है। ऑन लाइन ठगी में माहिर जालसाज लोगों की फेसबुक हैक कर उसे खुद ऑपरेट कर रहे हैं। फेसबुक हैकिंग के बाद हैकर फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगों से चैट कर रहे हैं। वे बताते हैं कि वे लॉकडाउन फंस गए हैं। उन्हें मदद की जरूरत है। इस तरह वे झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। पिछले 30 दिन में 32 केस राजधानी में दर्ज कराए जा चुके हैं। ठगी के शिकार होने वालों में पुलिस के अफसर भी शामिल हैं। कोरोना संकट में फंसने की बात सुनकर कोई भी मदद के लिए तैयार हो रहा है। ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं।
ठगी के लिए बाकायदा खाता या ई-वायलेट का नंबर दिया जा रहा है। फेसबुक हैकिंग के अलावा कैशबैक, ई-रिचार्ज के नाम पर भी ऑन लाइन ठगी की जा रही है। पुलिस अफसरों के अनुसार करीब एक दर्जन शिकायतें अभी जांच में हैं। उनका परीक्षण किया जा रहा है। मोबाइल नंबर और खाता नंबरों के आधार पर पड़ताल की जा रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि ज्यादातर उन लोगों की फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो रहा हैं, जिन्होंने अपने ही नाम, सरनेम या मोबाइल नंबरों को पासवर्ड रखा है। जन्म की तारीख को पासवर्ड रखने वालों की आईडी भी हैक हो रही है। आईडी हैक करने के बाद हैकर फ्रेंड लिस्ट देखकर चैट मैसेंजर से अर्जेंट मदद मांग रहे हैं। अपने साथी, रिश्तेदार या करीबी का मैसेज देखकर लोग बिना बातचीत किए ही खाते में पैसा जमा कर रहे हैं।
नाम और नंबर पर नहीं होना चाहिए पासवर्ड

एडीजी तकनीकी सेवा आरके विज ने लोगों से अपील की है कि जो भी अपने सोशल मीडिया लेकर बैकिंग सेक्टर में भी अपना पासवर्ड नाम, मोबाइल नंबर, सरनेम या जन्म तारीख पर न रखें। हैकर आईडी हैक करने के लिए सबसे पहले इसी ऑप्शन को खंगालते हैं। इन विकल्पों पर प्रयास करने से एक न एक की का पासवर्ड वही निकल जाता है और हैकर आसानी से आईडी हैक कर लेते हैं।

भोजन बनाने का दिया ऑर्डर, फिर ठगी
नवा रायपुर राखी थाना में भोजन के नाम पर ठगी की गई है। एक महिला को फौज के अधिकारी के नाम सेे कॉल आया। अधिकारी ने कहा कि उन्हें कोरोना संकट में फंसे गरीबों को भोजन के पैकेट बंटवाना है। उनके पास बांटने की सुविधा नहीं है। महिला को 40 लोगों के भोजन बनाने का ऑर्डर दिया गया। कुछ देर बाद कॉल करके कहा कि पहले पेमेंट कर देते हैं, उसके बाद भोजन बनाइगा। महिला के ई-वायलेट का नंबर लिया गया। महिला के नंबर पर एक ओटीपी नंबर आया फिर खाते से दस हजार निकाल लिया गया।

ऑनलाइन रिचार्ज और फूड डिलीवरी में चूक पड़ रही महंगी
लॉकडाउन में अब ज्यादा से ज्यादा लोग मोबाइल से लेकर टीवी रिचार्ज ऑनलाइन करवा रहे हैं। ऑनलाइन पेमेंट या रिचार्ज कराने पर कैशबैक भी मिल रहा है। जालसाज कैशबैक के फार्मूले से ही आसानी से जाल में फंसा रहे हैं। कैशबैक देने का झांसा देकर ठग फर्जी लिंक भेज रहे हैं, जिसे खोलते ही खाते से पैसे पार रहे हैं। इंटरनेट या गुगल में जाकर मोबाइल और टीवी रिचार्ज का एप व नंबर सर्च करते समय सावधानी जरूरी है। ठगों ने इंटरनेट पर फर्जी एप और नंबर अपलोड कर रखा है। नेट पर सर्च करने के दौरान जालसाजों का फर्जी नंबर सामने आता है और लोग उसी में कॉल कर फंस जाते हैं।

साइबर की टीम लगी है जांच में
एएसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि उनकी साइबर की टीम 24 घंटे काम कर रही है। शिकायत लेकर आने वाले हर पीड़ित के लिए पुलिस की पहली प्राथमिकता पैसा लौटाना होता है। केस बाद में दर्ज किया जाता है, पहले उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया की जाती है। संबंधित कंपनी जिस माध्यम से पैसाें का ट्रांजेक्शन हुआ है, उन्हें मेल किया जाता है। उसके बाद पुलिस की बाकी प्रक्रिया की जाती है।



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Facebook hacking in Corona crisis cheated, breaching accounts under the pretext of help




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वायुसेना ने रायपुर एम्स पर हेलीकॉप्टर से बरसाए फूल, मेडिकल स्टाफ बोला- हमारे लिए गर्व की बात

देश की सुरक्षा और रक्षा के लिए फ्रंट लाइन में खड़े होने वाले जवान रविवार को कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करने उतरे। एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर रायपुर एम्स के ऊपर पहुंचा और पुष्प वर्षा की। इस दौरान कोरोना संक्रमितों के उपचार में दिन-रात जुटे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टरर्स, सफाई कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। मेडिकल स्टाफ ने कहा- यह हमारे लिए गर्व का पल है।

हेलीकॉप्टर की तेज आवाज सुनाई दी तो एम्स परिसर में भी डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टाफ भी बाहर निकल गया।

सुबह के करीब 10.30 बजे तेज एम्स के ऊपर हेलीकॉप्टर की तेज गड़गड़ाहट सुनाई दी। इसके साथ ही सड़कों पर लोग निकल आए। वहीं आस-पास के लोग अपनी छतों पर पहुंच गए। एम्स परिसर में भी डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टाफ भी बाहर निकल गया। दूर से ही एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर फूलों की वर्षा करते हुए चले आ रहे थे। इस दौरान एम्स परिसर में तो सोशल डिस्टेंसिंग थी, लेकिन सड़क पर निकले लोग वीडियो बनाने की चक्कर मे इसे भूल गए।

अब एयरपोर्ट पर होगा एयरफोर्स के जवानों का सम्मान
दरअसल, कोरोना से लड़ने वाले वारियर्स पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारियों का सम्मान देशभर में लगातार किया जा रहा है। इसी के तहत रायपुर एम्स अस्पताल के ऊपर भी फूलों की बारिश की गई। हालांकि तय समय से आधाघंटे पहले ही एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर पहुंच गए। वहीं चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई, बड़ी संख्या में लोगों, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को एक एयरलिफ्ट करने पर एयरपोर्ट पर एयरफोर्स जवानों का सम्मान किया जाएगा।



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कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में एयरफोर्स के हेलीकाप्टर ने रविवार को रायपुर एम्स के ऊपर फूलों की बारिश की। लोगों की जान बचाने के लिए कोरोना से लड़ रहे पुलिसकर्मी, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों के लिए ये सेना की ओर से सम्मान था। मेडिकल स्टाफ ने कहा- यह हमारे लिए गर्व का पल है। 




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प्रदेश में 4 मई से खुलेंगी शराब दुकानें, सभी कलेक्टर को आदेश जारी; डब्ल्यूएचओ ने कहा- प्रदेश में कारोना का खतरा टला नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

लॉकडाउन का फेज-2 का आज आखिरी दिन है। राज्य सरकार सोमवार से शासकीय कार्यालय खोलने का निर्णय ले चुकी है। वहीं अब शराब दुकानें खाेलने के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में कुछ देर पहले हुई बैठक मेंमुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी जिला कलेक्टर को आदेश दिए गए हैं। इसमें शराब की दुकानों को जहां राजस्व के लिए जरूरी बताया गया है, वहीं कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं।दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है।

रायपुर में सोमवार से सरकारी कार्यालय खुलने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य कुछ और भी चीजें सामान्य होंगी। रोज की तरह शहर में भीड़ देखने को मिली।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना से लंबे समय तक जूझना पड़ सकता है। ज्यादा से ज्यादा जांच, संक्रमित मरीजों का इलाज और सोशल डिस्टेंसिंग से ही इसे काबू पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने भविष्य के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधन जुटाने की भी सलाह दी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण

  • छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के अब तक 43 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें क्वारैंटाइन सेंटर से भागेझारखंड के पॉजिटिव दो मजदूरों को जाेड़ दें तो यह संख्या 45 होती है।
  • संक्रमितों में अब तक सबसे ज्यादा कोरबा जिले से 28, सूरजपुर 6, रायपुर 6, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर से एक-एक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं।
  • प्रदेश में अब एक्टिव केस की संख्या 7 है। इसमें रायपुर एम्स का एक मेडिकल स्टाफ समेत पुलिस कांस्टेबल, पंचायत सचिव भी शामिल है। सभी एम्स में भर्ती हैं।
  • केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल काे जारी अपनी सूचीमें रायपुर को रेड, कोरबा को ऑरेंज औरअन्य जिलों को ग्रीन जोन में रखा है। ग्रीन जोन में सूरजपुर भी शामिल है।
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से बात कर रायपुर को रेड जोन से हटाने की मांग रखी है।

श्रमिकों के ट्रेन टिकट काे लेकर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद सुनील सोनी ने श्रमिकों के निशुल्क वापसी की राज्य सरकार की मांग पर कहा- केंद्र से सौदेबाजी कर राज्य सरकारनिकृष्ट राजनीतिक आचरण का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आई। सांसद ने कहा कि एक ओर सरकार प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बताकर वाहवाही बटोरती है और दूसरे दिन केंद्र से राशि मांगती है। केंद्र सरकार की नीति सभी राज्यों के लिए एक जैसी तय हुई है। सभी राज्य जब उस पर सहमत हैं तोफिर छत्तीसगढ़ को आपत्ति क्यों है।


वहीं, कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने टिकट का पैसा पीएम केयर फंड से दिए जाने की मांग की है। त्रिवेदी ने कहा है कि विशेष ट्रेन चलाने के गृह मंत्रालय के आदेश में यह कहा गया है कि यात्रियों को टिकट लेना होगा। उन्होंने कहा कि मार्च से बाहर के प्रदेशों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के पास दैनिक जीवन में उपयोगी वस्तुओं के लिए पैसा नहीं हैं। टिकट का पैसा कहां से लाएंगे? छात्रों और फंसे यात्रियों से भी यह अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

कोरोना अपडेट्स


भिलाई : बाहर राज्यों में फंसे जिले के 2150 श्रमिकों की वापसी को देखते हुए 165 फेसलिटी आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है। ये सेंटर गांव से बाहर होंगे। धमधा ब्लॉक के सबसे ज्यादा श्रमिक फंसे हैं,इसलिए यहां 119 आइसोलेशन सेंटर बनेंगे। जनपद और जिलास्तर पर भी एक-एक आइसोलेशन सेंटर बना रहे। यहां 14 दिनों तक श्रमिकों को रखा जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सब कुछ सही पाए जाने पर उन्हे उनके घर भेजेंगे।

यह बिलासपुर का शनिश्चरी चौक है। रोज ही भीड़-भाड़ से भरा रहने वाला इलाका। रविवार को जिले में पूरी तरह से लॉकडाउन के कारण यहां भी सन्नाटा पसरा है।

बिलासपुर : जिले में रविवार को सब्जी, अनाज, फल, किराना की मंडी, बाजार औरदुकानें पूरी तरह बंद हैं। हालांकि, मिल्क पार्लर, मेडिकल स्टोर्स, पेट्रोल पंप, राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ढाबे, टेक अवे, होम डिलीवरी रेस्टोरेंट तय समय के मुताबिक खुल गए हैं। सिम्स में सामान्य ऑपरेशन एक बार फिर से शुरू किए जाएंगे। इसके लिए संयुक्त संचालक और अधीक्षक ने नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

रायगढ़ : जिले के ग्रीन जोन में होने के कारण निगम क्षेत्र के संचालकों ने लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों को खोलने की मांग की है। बोईरदादर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया 50 उद्योग हैं। ये करीब दो महीनों से बंद हैं। वहीं, 50 फीसदी यात्रियों के साथ सीमित क्षेत्र में बसों को अनुमति दी गई है। बस ऑपरेटर का कहना है जब 4 मई के बाद शुरू किया जाएगा तो एक हफ्ते तक चलाएंगे। नुकसान ज्यादा हुआ तो सेवा बंद करनी पड़ सकती है। फिलहाल, सरकार के फैसले का इंतजार है।

यह तस्वीर रायगढ़ की है। जिला ग्रीन जोन में है, लेकिन प्रशासन ने सख्ती बरतने में कोई कमी नहीं की है। बाजार- मॉल, सड़कें सब बंद हैं।


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बिलासपुर में भी कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया। ड्यूटी पर निकले पुलिसकर्मियों के लिए स्थानीय लोग सड़क पर निकल आए। उनके ऊपर फूल बरसाए और आरती की। पुलिसकर्मियों ने भी इस सम्मान से भावुक होकर लोगों के सामने हाथ जोड़ लिए। 




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लाॅकडाउन में ड्यूटी कर रहे पुलिस, निकाय, जिला प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों को माना जाए स्वास्थ्यकर्मी, उन्हें भी मिले बीमा लाभ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को फिर एक पत्र लिखा है। इस बार मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी, निकाय कर्मचारी, जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारियों को बीमा योजना का लाभ देने की मांग रखी है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह भी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में इन्हें भी 50 लाख रुपए की बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिए।

पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा योजना की घोषणा की है। इस योजना में स्थानीय स्तर पर ड्यूटी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत शामिल किया जाए।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रुपए के बीमा योजना की घोषणा की गई है। इस योजना में स्थानीय स्तर पर ड्यूटी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत शामिल किया जाए। ये हजारों कर्मचारी औरअधिकारी दिन-रात लाॅकडाॅउन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।


महामारी रोकने में यह भी शामिल, तो योजना में भी हों
पत्र में कहा गया, अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई कर्मचारी औरअधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं। अध्यादेश के तहत ‘स्वास्थ्य सेवाकर्मी' में महामारी को रोकने के लिए ड्यूटी करने वाले भी शामिल हैं। इसे देखते हुए उन सभी को भी स्वास्थ्यकर्मी की श्रेणी में लाते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होना चाहिए। योजना में पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल किए जाएं।

मुख्यमंत्री का ट्वीट-



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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लॉकडाउन में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी, निकाय कर्मचारी, जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों को बीमा योजना का लाभ देने की मांग रखी है।




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छत्तीसगढ़ में 4 मई से शुरू होगी रजिस्ट्री, लेकिन रायपुर, कोरबा और सूरजपुर में नहीं खुलेंगे कार्यालय

लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए 4 मई (सोमवार) से खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह पंजीयन कार्यालय लॉकडाउन के बाद 23 मार्च से ही बंद थे। हालांकि रायपुर, कोरबा और सूरजपुर को इस छूट से बाहर रखा गया है। वहीं पंजीयन से पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना होगा। इसके बिना कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा।


वाणिज्यिक कर पंजीयन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि स्टाफ की क्षमता अनुसार एक तिहाई अधिकारी-कर्मचारियों की डयूटी रोस्टर बनाकर लगाई जाएगी। कार्यालय के संचालन के समय का पालन किया जाएगा। अगर किसी कारण से अंतिम पक्षकार रह जाता है ताे पंजीयन कार्य पूरा होने तक कार्यालय खुला रखा जाएगा।

विभागीय पोर्टल या एप से मिलेगा अपाॅइंटमेंट

  • विभाग के पोर्टल पर जाकर या मोबाइल एप के जरिए अपॉइंटमेंट लेना होगा। पहले से अपॉइंटमेंट होने पर ही पंजीयन कार्यालय में प्रवेश मिलेगा।
  • सभी कर्मचारियों और पक्षकारों को मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टाॅल करना अनिवार्य होगा। जिससे संक्रमित व्यक्ति का पता चल सके।
  • पंजीयन कक्ष में एक बार में केवल एक दस्तावेज से संबंधित पक्षकारों-गवाहों को प्रवेश दिया जाएगा। अन्य पक्षकारों को प्रतीक्षा हाॅल में बैठने की व्यवस्था होगी।
  • पंजीयन कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों व सर्विस प्रोवाइडरके कंप्यूटर ऑपरेटर व डिवीजनल इंजार्च के लिए पास की व्यवस्था की होगी।
  • सभी जिलों में स्टाॅक होल्डिग कॉरपोरेशन के ई-स्टाम्प सेंटर खुले रहेंगे। साथ ही ई-स्टाम्प प्रदान करने वाले एसीसी (अधिकृत संग्रहण केंद्र) होंगे।
  • कार्यालय में सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य होगा। पंजीयन के दौरान सिगनेचर पैड व बोयोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग करने के पहले मशीन व हाथ सैनिटाइज करने होंगे।
  • प्रत्येक दिन पंजीयन कार्यालय खुलने और बंद होने के पहले सैनीटाइज किया जाएगा। जहां भीड़ ज्यादा होगी, वहां कार्यालयों के बाहर बैरिगेट लगाए जाएंगे।
  • केवल ई-स्टाम्प को ही इस अवधि में विक्रय की अनुमति दी जाएगी। लाॅकडाउन अवधि में लेखक/अधिवक्ता अपने घर या आॅफिस से ही दस्तावेज तैयार करेंगे।
  • अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और स्टांप वेंडरों को पंजीयन कार्यालय में प्रवेश वर्जित है। जहां संपत्ति स्थित है उसी से संबंधित दस्तावेज पंजीयन के लिए स्वीकार किए जाएंगे।
  • अन्य तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन जिला मुख्यालय में वर्जित होगा। कार्यालयों में दस्तावेजों के पंजीयन के अलावा सर्च और नकल के आवेदन आगामी आदेश तक स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
  • पंजीयन प्रक्रिया के दौरान कार्यालय में पीओएस मशीन और ऑनलाइन भुगतान लिया जाएगा। स्टांप खरीदी के दौरान भी ऑनलाइन भुगतान कर ई-स्टाम्प की खरीदी कर सकेंगे।


तीन वर्गों में बांटे गए पंजीयन कार्यालय
पक्षकारों की संख्या को सीमित करने के लिए राज्य के सभी पंजीयक कार्यालयों को तीन वर्गों अ, ब व स में विभाजित किया गया है।

  1. वर्ग "अ' : वे कार्यालय जहां पंजीयन के लिए दस्तावेजों की संख्या अधिक है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह के प्रत्येक कार्य दिवस में खुल रहेंगे।
  2. वर्ग "ब' : वे कार्यालय, जहां दस्तावेजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह में केवल 2 दिन ही खुले रहेंगे।
  3. वर्ग "स': इसमें उन कार्यालय को शामिल किया गया है, जहां पर दस्तावेजों की संख्या कम है। ऐसे पंजीयन कार्यालय सप्ताह में केवल एक दिन ही खुलेंगे।

रेड जोन और हॉटस्पॉट क्षेत्र में नहीं खुलेंगे कार्यालय
भारत सरकार के आदेशानुसार, रेड जोन और हाॅटस्पाट क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्रों में पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। इसके चलते छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले के उप पंजीयक कार्यालय एक, दो, तीन और चार, कोरबा जिले के उप पंजीयक कार्यालय कोरबा व कटघोरा और सूरजपुर जिले का उप पंजीयक कार्यालय सूरजपुर बंद रहेगा। इनको छोड़कर छत्तीगढ़ के अन्य सभी जिलों के उप पंजीयक कार्यालय खुलेंगे।



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छत्तीसगढ़ सरकार ने लॉकडाउन के बीच सोमवार से 4 मई से उपपंजीय कार्यालय खोलने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस आदेश से रायपुर, कोरबा और सूरजपुर को बाहर रखा गया है। रायगढ़ के सक्ता स्थित उपपंजीयक कार्यालय में ताला पड़ा है। सैनिटाइजेशन के बाद इसे खोलने की तैयारी है।




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शराब की होम डिलीवरी होगी; भीड़ न जुटे, इसलिए एक व्यक्ति काे 6 बोतलें लेने की सुविधा दी, अब तक दो ही मिलती थीं

छत्तीगसढ़ में सोमवार से शराब दुकानों को खोलने की हरी झंडी मिल गई। इसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़ का भी ध्यान रखा जाएगा। होम डिलीवरी करने के साथ ही प्रति व्यक्ति 5000 एमएल (छह बोतल) शराब मिल सकेगी। अब तक यह लिमिट दो बोतलों की थी।इसको लेकर सभी जिलाें के कलेक्टर को निर्देश दे दिए गए हैं।


मुख्यमंत्री आवास में रविवार कोबैठक में शराब दुकानें खोलने पर मुहर लगा दी गई। दुकानें ग्रीन जोन के साथ ही रेड और ऑरेंज जोन में भी खोली जाएंगी। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करना होगा और हॉटस्पॉट औरकोर जाेन से बाहर ही खुलेंगी। इसके लिए सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक या फिर जिलों के लिहाज से लॉकडाउन के दौरान तय किया गया समय लागू होगा।


होम डिलीवरी पर देना होगा अतिरिक्त चार्ज
वर्तमान में देशी औरविदेशी शराब खरीदने की सीमा प्रति व्यक्ति 2 बोतल और बीयर खरीदने की सीमा 4 बोतल है। लाॅकडाउन के दौरान भीड़ में कमी लाने के लिए देशी-विदेशी शराब बिक्री की सीमा 3000 एमएल और बीयर की 6 क्वार्टर बोतल ली जा सकेगी। हालांकि ग्राहक अगर दुकान पर विक्रय काउंटर से खरीदता है तो शराब 5000 एमएल मिल सकेगी। वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।


राज्य सरकार ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए शराब की होम डिलेवरी करने की छूट भी दी है। इसके लिए डिलवरी ब्वाय नियुक्त किया जाएगा। हालांकि होम डिलीवरी का अतिरिक्त चार्ज देना होगा। डिलीवरी ब्वाय की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी करेगी और होम डिलीवरी का चार्ज भी वहीं तय करेगी। प्लेसमेंट एजेंसी को लेकर जिला प्रशासन अपने स्तर पर निर्णय लेगा।



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ये तस्वीर लॉकडाउन के फेज-1 के खत्म हाेने के दौरान भिलाई की है। शराब दुकानें खुलने की संभावनाओं को देखते हुए आबकारी विभाग ने तैयारी शुरू कर दी थी। अब राज्य सरकार ने 4 मई से शराब दुकानें खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। शराब की होम डिलीवरी की सुविधा भी दी जाएगी।