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COVID-19: Is It Safe To Wear Contact Lenses During The Pandemic?

As of today, the total number of confirmed COVID-19 cases in India is 59662, with 17847 recovered cases and 1981 deaths. The concerns related to COVID-19 pandemic is increasing day by day. The WHO and CDC along with many healthcare institutions




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COVID-19 & Hypertension: What You Need To Know

According to recent reports by WHO, there are 4,034,567 COVID-19 infected persons around the world, with 276,690 deaths. Researchers and health experts around the globe are ardently focused on studying the novel coronavirus, where new findings and understanding help in the




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COVID-19: Scientists Identify Mutation In Coronavirus, Similar To SARS

On December 2019, Wuhan Municipal Health Commission reported a cluster of cases of pneumonia which was later identified as the novel coronavirus. In May, the advent of COVID-19 is in the sixth month, which has caused 276, 690 deaths globally and




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China's Animal Crossing gamers use code words, middlemen to enter virtual world

Chinese fans of Nintendo's Animal Crossing: New Horizons are paying a premium on foreign consoles and finding ways to skirt limits imposed by local regulators on a game that has become both a breakout worldwide hit and political flashpoint.




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Rock 'n' roll pioneer Little Richard dies at age 87

Little Richard, the self-proclaimed "architect of rock 'n' roll" who built his ground-breaking sound with a boiling blend of boogie-woogie, rhythm and blues and gospel, died on Saturday at the age of 87.




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13 ಜನರಿಂದ 328 ಮಂದಿಗೆ ಕೊರೊನಾ: ಬೆಚ್ಚಿಬೀಳಿಸುವ 'ಸೂಪರ್ ಸ್ಪ್ರೆಡರ್ಸ್' ಕಹಾನಿ!

ಬೆಂಗಳೂರು, ಮೇ 9: ಕರ್ನಾಟಕ ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ಇಲ್ಲಿಯವರೆಗೂ ಒಟ್ಟು 753 ಮಂದಿಗೆ ಡೆಡ್ಲಿ ಕೊರೊನಾ ವೈರಸ್ ಸೋಂಕು ತಗುಲಿದೆ. ಆ ಪೈಕಿ ಈಗಾಗಲೇ 30 ಮಂದಿ ಕೊರೊನಾ ವೈರಸ್ ಗೆ ಬಲಿಯಾಗಿದ್ದರೆ, 376 ಜನ ಸಂಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಗುಣಮುಖರಾಗಿದ್ದಾರೆ. ಸದ್ಯ ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ 346 ಕೋವಿಡ್-19 ಆಕ್ಟೀವ್ ಕೇಸ್ ಗಳಿವೆ. ದಿನದಿಂದ ದಿನಕ್ಕೆ ಕೊರೊನಾ ಸೋಂಕಿತ ಪ್ರಕರಣಗಳು ಗಣನೀಯವಾಗಿ ಏರಿಕೆ




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ಅಬ್ಬಬ್ಬಾ.. ಕರ್ನಾಟಕಕ್ಕೆ ಬರಲು 'ಇಷ್ಟೊಂದು' ಜನ ನೋಂದಣಿ ಮಾಡಿಸಿದ್ದಾರಾ?

ಕರ್ನಾಟಕ, ಮೇ 9: ಮಾರಣಾಂತಿಕ ಕೊರೊನಾ ವೈರಸ್ ಸೋಂಕನ್ನು ತಡೆಗಟ್ಟಲು ಏಕಾಏಕಿ ದೇಶದಾದ್ಯಂತ ಲಾಕ್ ಡೌನ್ ಘೋಷಿಸಿದ ಪರಿಣಾಮ ಸಾವಿರಾರು ಕನ್ನಡಿಗರು ಹೊರ ರಾಜ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಸಿಲುಕುವಂತಾಯಿತು. ಕೆಲಸವೂ ಸೇರಿದಂತೆ ಇನ್ನಿತರ ಕಾರಣಗಳಿಗೆ ಹೊರ ರಾಜ್ಯಗಳಿಗೆ ತೆರಳಿದ್ದ ಕನ್ನಡಿಗರು ಲಾಕ್ ಡೌನ್ ನಿಂದಾಗಿ ಸಂಕಷ್ಟದಿಂದ ಒದ್ದಾಡುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಇದೀಗ ಲಾಕ್ ಡೌನ್ ನಿಯಮಗಳು ಕೊಂಚ ಸಡಿಲಗೊಂಡಿದ್ದು, ವಲಸೆ ಕಾರ್ಮಿಕರನ್ನು ಅವರವರ




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સ્પેશિયલ ટ્રેનથી ડીડીયૂ જંક્શન પહોંચ્યા પ્રવાસી મજૂરો, કહ્યું- 900 રૂપિયા ભાડું આપ્યું

ચંદૌલીઃ લૉકડાઉનમાં કામ ધંધા બંધ થઈ ગયા છે. જેને પગલે બીજા પ્રદેશોમાં ફસાયેલા પ્રવાસી શ્રમિકોનું પલાયન ચાલુ છે. વિવિધ રાજ્યોમાં ફસાયેલા લાખો શ્રમિક ઘર વાપસી માટે શ્રમિક સ્પેશિયલ ટ્રેન ચલાવવામાં આવી છે. આ કડીમાં દુજરાતના રાજકોટમાં ફસાયેલા પ્રવાસી શ્રમિકોને લઈ ટ્રેન




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Rare syndrome tied to COVID-19 kills three children in New York, Cuomo says

Three children in New York have died from a rare inflammatory syndrome believed to be linked to the novel coronavirus, Governor Andrew Cuomo said on Saturday, a development that may augur a pandemic risk for the very young.




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Egypt#39;s president Abdel-Fattah el-Sissi expands powers, citing coronavirus outbreak

An international rights group condemned the amendments, saying the government has used the global pandemic to “expand, not reform, Egypt#39;s abusive Emergency Law.”




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'പ്രശസ്തനായ മകന് കാണാന്‍ കഴിയാതെ പോയ സ്വന്തം അമ്മയുടെ ചിത്രം'! പ്രേംനസീറിനെക്കുറിച്ച് ആലപ്പി അഷ്‌റഫ്

മാതൃദിനത്തില്‍ അനശ്വര നടന്‍ പ്രേംനസീറിന്റെ മാതാവിനെക്കുറിച്ചുളള കുറിപ്പുമായി സംവിധായകന്‍ ആലപ്പി അഷ്റഫ്. മകന് അമ്മയുടെ മുഖം കൃത്യമായ് ഓര്‍ത്തെടുക്കാന്‍ കഴിയുന്നതിന് മുന്‍പേ ലോകത്തുനിന്നും വിട്ടുപിരിഞ്ഞുപോയതാണ് പ്രേംനസീറിന്റെ മാതാവെന്ന് സംവിധായകന്‍ പറയുന്നു. സഹജീവി സ്‌നേഹത്തിലൂടെ ഒരുപാട് അമ്മമാരെ അതിരറ്റ് സ്‌നേഹിച്ചിരുന്ന നസീര്‍ സാറിന് തന്റെ സ്വന്തം ഉമ്മയുടെ സ്‌നേഹ ലാളന തൊട്ടറിയാന്‍ കഴിയാതെ പോയത് ദുഖകരമായ സത്യമാണെന്ന് ആലപ്പി




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নৌবাহিনীর যুদ্ধজাহাজ জলস্বতে দেশে ফিরলেন মলদ্বীপে আটকে পড়া ৬৯৮ ভারতীয়

মলদ্বীপ থেকে নৌবাহিনীর যুদ্ধজাহাজ জলস্বতে শুক্রবার রাতে দেশে ফিরলেন ৬৯৮ জন ভারতীয়। এদের মধ্যে ৫৯৫ জন পুরুষ, ১০৩ জন মহিলা রয়েছেন। এই ১০৩ জন মহিলার মধ্যে আবার ১৯ জন সন্তান সম্ভবা। অপারেশন সমুদ্র সেতুর মাধ্যমে এদের দেশে ফিরিয়ে আনা হল। {image-pti10-26-2018-000156b-1580280980-1589035894.jpg




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পরিযায়ী শ্রমিক ইস্যুতে রেলওয়েজের বক্তব্য 'ভুল'! সংঘাতের পারদ চড়াল আলাপনের টুইট

অধীর চৌধুরী দাবি করেছেন, কেন্দ্রীয় স্বরাষ্ট্রমন্ত্রী অমিত শাহের কাছে তাঁর ফোন যাওয়ার পরই রাজ্যের জন্য ৮টি ট্রেন বরাদ্দ করে পরিযায়ী শ্রমিকজের ঘরে ফেরানো হচ্ছে। এতে রাজ্য সরকারের কোনও উজ্জ্বল উদ্যোগ নেই। আর অন্যদিকে, এই ইস্যুতে ভারতীয় রেলের টুইটকে 'অসত্য' বলে দাবি




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'ভয় পেয়েছে মমতা', ৯ দিনে মুখ্যমন্ত্রী সাংবাদিকদের মুখোমুখি না হতেই বিজেপি সরব নয়া পদক্ষেপে

এক সপ্তাহের বেশি সময় হয়ে গিয়েছে। রাজ্যে কেন্দ্রীয় পর্যবেক্ষক দল ঘুরে যাওয়ার পরই যখন নিত্যদিন প্রবল সংখ্যক করোনা রোগীর সন্ধান মিলতে শুরু করেছে, তখনই সাংবাদিকদের প্রশ্নের মুখোমুখি হচ্ছেন না রাজ্যের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। এই পরিস্থিতিতে তৃণমূল সুপ্রিমোকে আক্রমণের যাবতীয় হাতিয়ার শানিয়ে




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Rock 'n' roll pioneer Little Richard dies at age 87

Little Richard, the self-proclaimed "architect of rock 'n' roll" who built his ground-breaking sound with a boiling blend of boogie-woogie, rhythm and blues and gospel, died on Saturday at the age of 87.




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Barca's Umtiti suffers calf injury in training

Barcelona defender Samuel Umtiti sustained a calf injury on his return to individual training, the Spanish La Liga club said in a statement on Saturday.




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Cycling: Vuelta cancels stages in Portugal amid COVID-19 crisis

This year's Tour of Spain will not go through Portugal as planned because of the COVID-19 crisis, organisers said on Saturday.




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Bundesliga restart gives hope to other leagues - Schalke's Wagner

The resumption of the German Bundesliga next weekend amid the COVID-19 crisis will give hope to other European leagues that they can also successfully return, according to Schalke 04 coach David Wagner.




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Alex Morgan becomes U.S. national team's newest soccer mom

Alex Morgan, who helped the United States women's soccer team to World Cup and Olympic titles, has become the newest mom in the national squad after giving birth to her first child.




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Esports - Wehrlein ends Guenther's run of virtual Formula E success

Mahindra's Pascal Wehrlein took a lights-to-flag victory in the third round of Formula E's 'Race at Home Challenge' on Saturday to end BMW i Andretti driver Maximilian Guenther's run of success in the esports series.




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On this day: Born May 11, 1984: Andres Iniesta, Spanish footballer

A shy village boy who could not bear to leave his parents' bed, Andres Iniesta may have seemed an unlikely candidate to become one of the best footballers of all time, but anyone who saw him play rarely had serious doubts.




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1985 की जीत ने भारतीय क्रिकेट का भविष्य तय किया, टीम इंडिया ने खुद को साबित किया था

टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने पिछले दिनों कहा कि 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ क्रिकेट जीतने वाली टीम विराट कोहली की वर्तमान वनडे टीम को हरा सकती है। यह बयान कुछ लोगों को विवादास्पद लग सकता है। 1980 के लोगों के लिए यह जीत विशेष थी। शास्त्री ने ऑलराउंड प्रदर्शन किया। श्रीकांत और जावेद मियांदाद को पीछे छोड़ते हुए शास्त्री प्लेयर ऑफ द सीरीज भी बने थे। शास्त्री को ऑडी कार मिली जो उस समय काफी चर्चित रही।

1983 वर्ल्ड से पहले टीम इंडिया का वनडे में प्रदर्शन अच्छा नहीं था। 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में विंडीज पर अप्रत्याशित जीत ने दुनिया काे अचंभित कर दिया। इसने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी। 1984 में टीम ने शारजाह में एशिया कप जीता। इसी जगह एक साल बाद रोथमैंस कप जीता। इन दोनों के बीच 1985 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप की जीत शानदार थी।

भारतीय टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी
इसने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को तय किया। रंगीन कपड़ों में खेल रहे खिलाड़ी और टीवी पर कवरेज ने इसे और शानदार बनाया। टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया। टीम टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला हारी ही नहीं। इसने साबित किया कि 1983 वर्ल्ड कप में मिली जीत अप्रत्याशित नहीं थी। शास्त्री की बात आंकड़ों से बेमेल खाती है। लेकिन 1983-1985 की टीम कागजों पर मजबूत नहीं थी लेकिन खिताब जीतने के मामले में आगे थी। जब तक विराट कोहली और उनकी टीम ऐसा नहीं कर सकती और भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी छाप छोड़ सकती है। तब तक 1985 और 2020 की टीमों के बीच बात चलती रहेगी।



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भारतीय टीम ने 1985 वर्ल्ड चैम्पियनशिप के फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। टीम टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला हारी ही नहीं।




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ब्रह्मपुर में जल-जमाव काे ले परेशान लोगों ने किया प्रदर्शन, एनएच 19 पर पर पहुंच कर की नारेबाजी

शहर के ब्रह्मपुर पुल के पास वार्ड नं 2 में सड़क पर जलजमाव के कारण लोग वर्षो से परेशान हैं। इसको लेकर लोगों ने एनएच 19 पर प्रदर्शन किया।बताया जाता हैं कि जलजमाव के कारण दर्जनों घर के परिवारों को नाला में घुस कर सड़क पार करना पड़ता हैं जिसे बच्चे, बुजुर्ग साईकिल सवार हमेशा गिरते पड़ते रहते हैं। जिसे दर्जनों परिवारों के लोगों को घर से निकलने में भाड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। यह मुख्य सड़क एनएच 19 को जोड़ती हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि जलनिकासी को मांग को लेकर स्थानीय विधायक एवं वार्ड पार्षद को अवगत कराने पर विधायक द्वारा जलजमाव का स्थिति का जायजा लिया गया। लेकिन फिर भी उचित कार्रवाई नही की गई।

वहीं विकलांग राजेश शर्मा ने कहा की वर्षो से जल एकत्रित होने के कारण यहां कीड़े मकोड़े एवं मच्छरों का अंबार लगा है जिसे मेरे और परिवारों के सदस्यों का हमेशा तबियत खराब रहता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बाद में मरेंगे पहले हमलोग दूषित जल के गन्ध से मर जाएंगे। उन्होंने कहा जल एकत्रित होने कारण मैं केवल दिव्यांग पेंशन लेने के लिए बाहर जाता हूं। वही भूषण राय ने कहा की नाला का पानी के गन्ध से यहाँ रहना दुष्वार हो गया हैं हमेशा घरों के दरवाजे खिड़की बंद रखना पड़ता हैं।

बताया जाता हैं उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक एवं वार्ड पार्षद को इस समस्या को लेकर कई बार अवगत कराया गया।जिसके बाद प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकरने वाले में सुनीता देवी ,अनिता देवी, जानकी देवी ,राजेश शर्मा, भूषण राय, रमेश श्रीवास्तव,पवन मिश्रा,बिगन चौधरी,अनिल कुमार के अलावा आदि लोग मौजूद रहे।



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People agitated over water logging in Brahmapur, sloganeering on NH 19




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कोविड-19 संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन बहुत ही उपयोगी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कोविड-19 के संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन व्यवस्था एक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण माध्यम बताया है। यह वरदान से कम नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं जिससे घर बैठे लोग अपने अस्पतालों में टेलीमेडिसिन के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे युवा विकास सोसायटी के वाईवीएस विड़ मेड टेलीमेडिसिन एेप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुभारंभ करते हुए अपने विचार रखें।

उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टेलीमेडिसिन बहुत उपयोगी है।यह भारत के लिए बहुत आवश्यक है और कोविड 19 जैसे महामारी के वर्तमान समय में बहुत अधिक आवश्यक है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने बताया कि वर्तमान सरकार ने मौजूदा कॉलेजों में मेडिकल कॉलेजों और सीटों की संख्या में वृद्धि की है। इसके साथ हमें प्रौद्योगिकी और चिकित्सा का एकत्रित रूप, टेलीमेडिसिन को व्यापक रूप में विभिन्न डॉक्टरों और रोगियों द्वारा अपनाया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थकेयर और हेल्थकेयर डिलीवरी में डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में कई पहल की हैं। ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की खाई को कम करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भारत में टेलीमेडिसिन (टीएम) के उपयोग के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जानकारी आईटी सेल के नितीन मुकेश ने दी।



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Telemedicine very useful during Kovid-19 transition




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सासाराम में 4 लाख 98 हजार घरों में 121 लोगों को सर्दी-खांसी

राज्य सरकार के निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड-19 हाउस टू हाउस व्यापक सर्वे कराया गया। विगत 20 दिन से चल रहा हाउस होल्ड सर्वे का काम जिले में शुक्रवार को पूरा हो गया। शनिवार को जारी सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में 4 लाख 98 हजार से अधिक घरों में 20 दिन तक सर्वे कार्य कराया गया।

राज्य सरकार के निर्देश पर कराया गया कोविड-19 हाउस टू हाउस व्यापक सर्वे पूरा हो गया। 20 दिन से हाउस होल्ड सर्वे का काम चल रहा था। रोहतास जिले में यह सर्वे शुक्रवार को पूरा हो गया। शनिवार को सर्वे की रिपोर्ट भी जारी कर दी गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में 4 लाख 98 हजार से अधिक घरों में 20 दिन तक सर्वे कार्य कराया गया, जिसमें सर्दी-खांसी बुखार वाले मात्र 121 मामले मिले हैं। राज्य सरकार भले ही सर्वे रिपोर्ट पर अपनी पीठ थप-थपा ले लेकिन 28 लाख से अधिक लोगों में इतने कम मामले पर सवाल उठने लगे हैं।

यह सर्वेक्षण कार्य गत 18 अप्रैल को शुरू हुआ था। 20 दिन तक चले सर्वे में जिले के सभी 245 पंचायतों में हाउस टू हाउस सर्वे कराया गया। दो सदस्यीय टीम डोर-टू-डोर सर्वे में शामिल रही। दो सदस्यीय टीम में आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता शामिल थी। जबकि पर्यवेक्षिकाओं के द्वारा सर्वे कार्य की मानीटरिंग की जा रही थी। 8 मई को पूर्ण हुए सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 4 लाख 98 हजार 405 घरों के 28 लाख 61 हजार 935 सदस्यों का सर्वे किया गया है। सर्वे का मुख्य उद्देश्य घरों के उन सदस्यों को चिंहित करना था जो बुखार, कफ एवं सांस लेने में तकलीफ की बीमारी से ग्रसित हो। सर्वे रिपोर्ट बताती है कि 28 लाख से अधिक सदस्यों में मात्र 121 लोग बुखार, कफ एवं सांस लेने में तकलीफ से ग्रसित थे।
बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के 114 मामले: सर्वे रिपोर्ट बताती है कि बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के अर्थात ऐसे लोग जो राज्य से बाहर नहीं गए थे, उनमें सबसे अधिक कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं। बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्री के ऐसे लोगों की संख्या कुल 114 हैं। जबकि किसी अन्य राज्य से लौटे लोगों में ऐसे मामलों की कुल संख्या मात्र 7 है। जबकि विदेश से लौटे लोगों में बुखार, कफ एवं सांस में तकलीफ के मामलों की संख्या शून्य बताई गई है।
सर्वे के नाम पर पूरा किया गया काेरम: अब जब सर्वे में 4 लाख 98 हजार से ज्यादा घरों में 28 लाख से अधिक सदस्यों पर किए गए सर्वे में मात्र 121 लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं, तब सर्वे पर सवाल उठने लगे हैं। या तो सर्वे के नाम पर कोरम पूरा किया गया, या फिर लोगों ने ही सर्वे टीम काे सही-सही जानकारी नहीं दी। इस संबंध में पूछने पर आइसीडीएस के डीपीओ सुनीता कहती है कि जिले में कोविड 19 का हाउस होल्ड सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। सर्वे रिपोर्ट में कुल 121 लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं। कम संख्या के संबंध में कहा कि सर्वे तो यही संख्या बताते हैँ, इसमें क्या कहा जा सकता है। इस संबंध में सीएस जनार्दन शर्मा ने बताया कि हाउस होल्ड सर्वे में जिन लोगों में कफ, बुखार एवं सांस में तकलीफ के मामले सामने आए हैं, उनमें से कुछ का सैँपल जांच किया गया, अन्य का भेजा जाएगा।

तीन श्रेणियों में किया गया सर्वे: सर्वे के दौरान सर्वे टीम को घरों में जाकर यह जानकारी लेनी थी। घर के सदस्यों के ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर जानकारी लेने थी। प्रत्येक घर में सर्वे टीम ने यह पूछा कि क्या कोई सदस्य विदेश से लौटा है, अगर लौटा है तो क्या उसे बुखार, कफ या सांस की तकलीफ की समस्या है। दूसरा सवाल पूछना थ कि कोई सदस्य बिहार के बाहर किसी अन्य राज्य से लौटा है क्या?



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121 people cough and cough in 4 lakh 98 thousand houses in Sasaram




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सूबे में जमुई इकलौता जहां अब तक नहीं पहुंचा कोरोना, जांच के लिए भेजे गए 397 सैंपल

कोरोना से लड़ाई की जंग अब जमुई में बेहद ही संवेदनशील और निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। सूबे में जमुई इकलौता जिला है, जहां अबतक कोरोना का एक भी पॉजिटिव नहीं है। सभी सैंपल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। अबतक भेजे गए 397 सैंपल में 322 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि 75 की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इस बीच विभिन्न प्रदेशों से आने वाले परदेसियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जिन्हें संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। क्वारेंटाइन करने से पहले प्रवासियों की जांच स्टेडियम मैदान में चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। जिले में प्रवासियों के लिए 63 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। अबतक जिले में दो हजार प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों से आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रवासियों का सैंपल भी जांच के लिए भेजा जा रहा है।
शहर से सटे पॉलिटेक्निक कॉलेज में बने आपदा राहत केंद्र से एक संदिग्ध मरीज को इलाज के लिए सदर अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। उक्त संदिग्ध को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उक्त युवक महाराष्ट्र से तीन दिन पहले आया है जो आपदा राहत केन्द्र में रह रहा था। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक सुधांशु नारायण लाल ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध में कोई वैसा लक्षण नहीं मिला है।

क्वारेंटाइन सेंटर से घर जा रहे प्रवासी, बढ़ा खतरा

जिले के सोनो, खैरा, चकाई सहित अन्य क्वारेंटाइन केंद्रों से प्रवासी अब घर लौट रहे हैं। प्रशासन की सहमति के बाद वे होम क्वारेंटाइन के लिए शपथपत्र भरने के बाद अपने घर जा रहे हैं। इससे गांव वालों में कोरोना का भय समाया है।दरअसल प्रारंभिक जांच स्क्रीनिंग कर प्रवासियों को होम क्वारेंटाइन में भेजने से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। वैसी स्थिति में जब मुबई, तमिलनाडू, दिल्ली जैसे बड़े हॉटस्पाट से प्रवासी लौटे हों, ऐसे में यह कदम बिहार के इकलौते कोरोना मुक्त जिला के लिए खतरा है।



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प्रवासी की जांच करते चिकित्सक।




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9 बीएओ और 66 कृषि समन्वयकों को मिलेगा लैपटॉप, योजना की ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग

कृषि विभाग से संचालित योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए बीएओ और कृषि समन्वयक को लैपटॉप मिलेगा। विभागीय निर्देश के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभागीय कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने के लिए सभी बीएओऔर कृषि समन्वयक को लैपटॉप मुहैया कराया जाएगा। इससे उन्हें मोबाइल से ऑनलाइन काम करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा कार्य में भी तेजी आएगी। विभाग को भी समय से सभी आंकड़े मिल जाएंगे। इसके अलावा कागजी दस्तावेजों के रखने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। डीएओ शंकर झा ने बताया कि कृषि कार्यों के लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए विभाग द्वारा यह पहल की गई है। कृषि निदेशालय ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए जिले से सूची की मांग की गई है। योजना के तहत बीएओ और कृषि समन्वयकों को योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए उन्हें लैपटॉप उपलब्ध करवाया जाएगा।
ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन डाटा रखने में सहूलियत होगी : बीएओ ने बताया कि सरकार के द्वारा कृषि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों तक मिल सके इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकार की चलाई जा रही योजनाओं की ऑनलाइन रियल टाइम मॉनिटरिंग की की जा रही है। वहीं बिना निबंधित किसानों को सरकार के द्वारा किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता है। कई बार बीएओ और कृषि समन्वयकों के डाटा उपलब्ध नहीं रहने के कारण से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। वहीं लैपटॉप मिल जाने के बाद ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन डाटा रखने में सहूलियत होगी। इससे समय की भी बचत होगी।
50 हजार तक का खरीद सकते है लैपटॉप : लैपटॉप खरीद कर विभाग में मूल विपत्र जमा करना होगा। विभागीय निर्देशानुसार सभी कृषि समन्वयक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी को लैपटाप मुहैया कराया जाना है। इसके लिए कृषि समन्वयक एवं बीएओ को लैपटॉप खरीद का मूल विपत्र जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। अधिकतम 50 हजार की राशि से लैपटॉप की खरीद की जा सकती है।
बिना निबंधन के नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ
बिना निबंधन के किसानों को किसी भी योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। चाहे फसल सहायता योजना हो या किसान सम्मान निधि योजना जिन किसानों ने ऑनलाइन निबंधन कराया है। उन्हें ही इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। सभी प्रखंडों में डीबीटी किसान पोर्टल पर अधिकार किसानों ने निबंधन करा लिया है। किसानों से संबंधित सभी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जाएगी।



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1298 हेक्टेयर में मकई की फसल हुई नष्ट, सभी को मिलेगी मुआवजे की राशि

प्रखंड मुख्यालय स्थित संयुक्त ई -किसान भवन में रबी फसल एवं अप्रैल माह में असमय आंधी और बारिश व ओलावृष्टि के कारण चौसा में मक्के की फसलों को काफी प्रभावित हुई है।
डीएओ राजन बालन ने शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय के आसपास खेतों का आकलन कर प्रखंड कृषि पदाधिकारी सहित अन्य कर्मियों के साथ बैठक आयोजित कर कर्मियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि चौसा से 1298 हेक्टर मक्के की प्रभावित होने की आकलन प्राप्त हुआ है। कर्मी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों का काम करेंगे। साथ ही सरकार की बहुआयामी योजना को शत प्रतिशत किसानों तक योजनाओं का लाभ समय से पहुंचे। चौसा प्रखंड से 1298 हेक्टेयर मक्का फसल क्षति का प्रतिवेदन प्राप्त है। इसके अनुरूप ऑनलाइन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आवेदन में रकवा को डिसमिस में लिखेंगे। एक एकड़ को 100 डिसमिस में अंकित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पति पत्नी को लाभ नहीं दिया जाएगा। किसान सलाहकार सहित कृषि अधिकारी को इन सब बातों पर ध्यान रखने की बात कही। इस योजना के पात्र किसानों को लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा।
इस मौके पर जिला कोऑर्डिनेटर सोहन सिंह ने कहा कि सभी कृषि कर्मी अपने-अपने पंचायत में रहकर किसानों के हित में आवश्यक कार्यों का संपादन करें। ताकि किसानों को ससमय अनुदान का लाभ मिल सके। मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्याम सुंदर यादव, मुखिया प्रतिनिधि अभिनंदन मंडल, पंचायत समिति प्रतिनिधि सुमन कुमार, आत्मा अध्यक्ष विजय यादव, किसान मोहम्मद इफ्तिखार, सहायक तकनीकी प्रबंधक क्यूरी कुमारी, लेखापाल अमित कुमार, किसान सलाहकार धीरज कुमार, पंकज कुमार, अनुज कुमार, सुनील कुमार, मणिकांत कुमार, केशव कुमार एवम कुंज बिहारी शास्त्री आदि उपस्थित थे।



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शनिवार को बैठक करते जिला कृषि पदाधिकारी व अन्य।




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अब तक 497 संदिग्धों की कोरोना जांच में 450 की रिपोर्ट निगेटिव

प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार तक जिले में एक भी कोरोना के संदिग्ध नहीं मिले हैं। फिलहाल जिले में ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और टेस्टिंग का कार्य जारी है। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक कुल 497 संदिग्धाें की सैंपलिंग की गई है। जिनमें 450 रिपोर्ट निगेटिव आए हैं। शुक्रवार को 47 संदिग्धों की सैंपलिंग जांच हेतु डीएमसीएच दरभंगा भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी हैं। सभी संदिग्धों को रिपोर्ट आने तक सदर अस्पताल के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है।
बीते दिनों से बाहर से आने वाले अप्रवासी मजदूरों की संख्या को देखते हुए सैंपलिंग कार्य में भी तेजी आई है। जिला प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले अब तक कुल 4986 लोगों का पंजीकरण किया गया है। सदर प्रखंड 315, किसनपुर 284, सरायगढ़ भपटियाही 257, पिपरा 155, त्रिवेणीगंज 257, छातापुर 702, राघोपुर 179, प्रतापगंज 154, बसंतपुर 2215, मरौना 347 व निर्मली में 121 हैं। बाहर से आने वाले सभी लोगों को जांचोपरांत उन्हें संबंधित प्रखंड मुख्यालय के क्वांरेटाइन सेंटर में 21 दिनों के लिए क्वाॅरेंटाइन किया जा रहा है। डीएम महेंद्र कुमार ने कहा है कि कोटा से आने वाले ऐसे छात्र जिनमें कोई लक्षण प्रकट नहीं हुए हैं, उन्हें होम क्वारेंटाइन में रखा जा सकता है। बशर्तें छात्रों को निर्धारित अवधि तक स्वेच्छा से सेल्फ आइसोलेशन का कराई से पालन करने का प्रपत्र जमा करना होगा।



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24 घंटे में 50 नए केस आए, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 629; 37 जिले कोरोना की चपेट में

बिहार में पिछले तीन दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। शनिवार दोपहर से रविवार सुबह तककोरोना के 50 मामले सामने आए हैं। इसमें 32 प्रवासी मजदूर हैं जो दूसरे राज्यों से लौटे हैं। शनिवार को 32 केस सामने आए थे। रविवार को 18 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें सहरसा और मधेपुरा के 7-7, दरभंगा के दो और बेगूसराय-अररिया के एक-एक मरीज शामिल हैं। अच्छी खबर ये है कि पिछले 24 घंटे में 51 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।

37 जिलों में फैला संक्रमण
बिहार के 37 जिलों में कोरोनावायरस का संक्रमण फैल गया है। शनिवार को मुजफ्फरपुर में भी कोरोना के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। सिर्फ जमुई ही ऐसा जिला बचा है जहां अब तक कोरोना के मरीज नहीं मिले हैं।

ये तस्वीर बिहार के जमुई जिले की है जहां अब तक कोरोना का संक्रमण नहीं फैला है। यहां करीब दो सौ लोग आहर में मछली पकड़ने आए हैं।

रिकवरी में बिहार चौथे नंबर पर
बिहार के लिए अच्छी बात यह है कि कुल संक्रमित मरीजों में से 54% इस वायरस को हराने में सफल रहे हैं। यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है। राष्ट्रीय औसत 29 फीसदी है। शनिवार को राज्य के 51 लोगों ने कोरोना को मात दी। अभी तक 318 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

बक्सर-कैमूर में तेजी से ठीक हो रहे मरीज
पिछले दिनों बक्सर और कैमूर में तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही थी। लेकिन, अब दोनों जिलों में मरीज तेजी से रिकवर हो रहे हैं। बक्सर के 56 में से 54 और कैमूर के 32 में से 27 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। बिहार का गया ही एकमात्र जिला हैजहां अब तक सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां अब तक 6 केस आए और सभी स्वस्थ हो गए।

पटना के बीएमपी-5 में निरीक्षण करने पहुंचे डीएम कुमार रवि और एसएसपी उपेंद्र शर्मा। यहां जवान कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

आरा: नया मरीज मिलने से डर कायम
आरा जिले में अब तक 18 केस मिले जिसमें सभी लोग स्वस्थ हो गए। शनिवार को नया केस मिलने के बाद फिर हड़कंप मच गया। अगिआव प्रखंड में नया केस सामने आया है। एक ओर जहां जिले के सभी मरीजों के स्वस्थ होने से लोग राहत में थे वहीं, नया मरीज मिलने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

हॉट स्पॉट मुंगेर: 24 घंटे में दो नया केस
हॉट स्पॉट मुंगेर में पिछले 24 घंटे में दो नए मरीजों की पुष्टि हुई है। इससे पहले तीन दिनों तक यहां कोई नया केस सामने नहीं आया था। जो दो नए केस सामने आए हैं वे खड़गपुर के क्वारैंटाइन सेंटर में पिछले दो दिनों से रह रहे थे। जिले में दूसरे राज्यों से आए लोगों से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। मुंगेर में अब तक कोरोना के 104 मरीज मिले जिसमें 43 ठीक होकर घर लौट गए और 58 का इलाज चल रहा है।

बक्सर: कंटेंटमेंट एरिया नया भोजपुर में 63 लोगों पर केस दर्ज
बक्सर के कंटेंटमेंट एरिया नया भोजपुर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 63 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस दिन भर सभी इलाकों में गश्त कर रही है और सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा रही है। जिले में अब तक 56 मरीज मिले हैं जिसमें 54 ठीक हो गए।

कोरोना से प्रभावित टॉप 10 जिले-

जिला मरीज ठीक हुए मौत
मुंगेर 104 43 1
रोहतास 59 40 1
बक्सर 56 54 0
नालंदा 40 35 0
सीवान 33 26 0
कैमूर 32 27 0
बेगूसराय 26 8 0
मधुबनी 24 0 0
गोपालगंज 18 17 0
भोजपुर 19 10 0


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ये तस्वीर पटना के कंटेंटमेंट जोन खाजपुरा की है जहां कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को भी खाजपुरा के पांच नए मरीज मिले थे।




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40 वर्ष पूर्व बना कंकराला माइनर आरडी 9 पर टूटा, 35 फीट के कटाव से बिजाई की वरीयता बाधित

आईजीएनपी की पूगल ब्रांच से निकलने वाला 40 साल पुराना कंकराला माइनर जर्जर होकर शुक्रवार रात को टूट गया। इससे आरडी 9 के आस-पास के खेतों में पानी भर गया। माइनर में करीब 35 फीट का कटाव आ गया। हालांकि खेतों में सरसों, चना व गेहूं की फसलें निकालने के बाद कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन आगामी फसलों की बिजाई के लिए तैयार की गई जमीन खराब हो गई। कई किसानों की बिजाई की वरीयता टूट गई। किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों व क्षेत्रीय विधायक गोविंदराम मेघवाल को माइनर टूटने की जानकारी दी। इसके बाद शनिवार को विभागीय अधिकारी व खाजूवाला प्रधान सरिता चौहान मौके पर पहुंची। टूटे माइनर को सही करने का कार्य प्रारंभ किया गया। वहीं दूसरी ओर किसान मुमताज खान पड़िहार ने माइनर टूटने से बाधित हुई वरीयता का पानी दुबारा देने की मांग की है। माइनर की पूर्ण मरम्मत की मांग भी उठाई है। माइनर की मरम्मत के लिए विधायक गोविंदराम मेघवाल ने दो लाख रुपए स्वीकृत किए हैं।



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40 years ago on Kankrala Minor Rd 9 broken, 35 feet erosion interrupted sowing preference




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ब्यावर में अब सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी किराना दुकानें

सप्ताह में एक ही बार किराणा दुकानें खाेले जाने के किराणा कारोबारियों के फैसले से शनिवार काे ब्यावर प्रशासन बैकफुट पर अा गया। प्रशासन ने शनिवार काे कारोबारियों से चर्चा कर उनकी परेशानियों के बारे में जाना।

चर्चा के बाद किराणा कारोबारियों ने अपनी दुकानें खाेलने का निर्णय किया। अब दुकानें रविवार से प्रतिदिन सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी। प्रशासन कारोबारियों की कुछ प्रमुख समस्याओं काे देखते हुए उनकी बात मानने काे तैयार हाे गया है।

प्रशासन दुकान तक सामान खाली कराने और चढ़ाने के लिए ट्रक व लोडिंग टेम्पो सहित अन्य वाहनों को आने की छूट देने, दुकान के नजदीकी गली में स्कूटर रखने की छूट देने पर सहमत हाे गया है।

मालूम हो कि दो दिन पहले ही एसोसिएशन सदस्यों ने प्रशासन के रवैये काे देखते हुए तय किया था कि मुख्य बाजार में लागू किए गए कर्फ्यू को ध्यान में रखते हुए फिलहाल एक सप्ताह तक किराणा दुकानें बंद रखेंगे। एसोसिएशन के इस निर्णय के बाद दो दिन से किराणा दुकानें बंद थीं।

बताते हैं कि कुछ लोगों ने प्रशासन के समक्ष इन दुकानों के बंद होने से परेशानी होने की बात कही थी। जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए शनिवार को एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में मीटिंग की।

उपखंड अधिकारी और पुलिस उप अधीक्षक ने व्यापारियों को यह आश्वासन दिया कि कोरोना की इस जंग में नागरिकों को खाद्य सामग्री के परेशान न होना पड़े, इसके लिए व्यापारियों की समस्याओं का समाधान तत्काल किया जाएगा।

मीटिंग में उपखंड अधिकारी जसमीत सिंह संधू, पुलिस उप अधीक्षक हीरालाल सैनी, तहसीलदार रमेशचंद बहेड़िया, सिटी थाना प्रभारी रमेंद्र सिंह हाडा, किराणा मर्चेंट एसोसिएशन अध्यक्ष रमेश बंसल, उपाध्यक्ष रामरतन भूतड़ा और सचिव राकेश खंडेलवाल मौजूद थे।



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Grocery shops will now open in Beawar from 9 am to 2 pm




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अब कर्फ्यूग्रस्त जसवंतपुरा का युवक काेराेना पॉजिटिव, 9 परिजन क्वारैंटाइन

खरवा क्षेत्र में कोरोना महामारी धीरे धीरे पांव पसारती जा रहा है। केसरपुरा में एक गर्भवती सहित दाे, कान्हा खेड़ा में एक पॉजिटिव आने के बाद आज फिर जसवंतपुरा में एक युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली है।

खरवा चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. राधाकृष्ण शर्मा ने बताया कि जिन 32 संदिग्ध लोगों के 7 मई को सैंपल लिए गए थे उनमें से जसवंतपुरा के एक युवक की आज पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। पॉजिटिव पाया गया युवक पहले से ही ब्यावर में क्वॉरेंटाइन में था।

रिपोर्ट आने के बाद उसे आज अजमेर जेएलएन भेज दिया गया। चिकित्सा टीम ने पॉजिटिव पाए गए युवक के परिवार के 9 लोगों को होम आइसोलेट कर दिया। इनके सैंपल लिए जा रहे हैं।

दूसरी तरफ पहले से ही सर्वे में जुटी टीम ने चिकित्सा विभाग की 15 टीमों ने आज जसवंतपुरा सहित लूलवा, नीम गढ़, लहरी, गुवारड़ी, खरवा खरी में 1450 घरों में 6870 लोगों का सर्वे किया। चिकित्सा टीम में डॉ. रंजीत, डॉ. लोकेश और डॉ. विपिन कुमार और संयुक्त पैरामेडिकल स्टाफ शामिल रहा।

प्रशासन ने किया दौरा

जसवंतपुरा में युवक को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मसूदा प्रशासन भी हरकत में आ गया। एसडीएम मसूदा मोहनलाल खटनावलिया के निर्देश पर मसूदा तहसीलदार प्रभात त्रिपाठी, नायब तहसीलदार धर्म सिंह, भू अभिलेख निरीक्षक लोकेश कुमार, पटवारी प्रेम प्रकाश और ग्राम विकास अधिकारी हैदर काठात मौके पर पहुंचे।

दोपहर तक नहीं हुआ सेनेटाईजेशन

क्षेत्र में पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद भी प्रशासन इतना सतर्क नहीं है जितना होना चाहिए। इसका सीधा उदाहरण यह है कि सुबह 9:00 बजे जसवंतपुरा में युवक के पॉजिटिव आने की रिपोर्ट के बाद भी वहां सेंनेटाइजेशन कार्य नहीं करवाया गया। केसरपुरा में पहले ही गर्भवती महिला पॉजिटिव पाए जाने के बाद से ही जसवंतपुरा भी कर्फ्यू की परिधि में आया हुआ है। जहां 30 अप्रैल से ही कर्फ्यू प्रभावित है।



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Now curfewed Jaswantpura youth, Karenna positive, 9 family quarantine




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बागोड़ा में सख्ती से लॉकडाउन का पालनउल्लंघन करने वाले 91 लोगों को किया गिरफ्तार

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा किए गए लॉक डाउन के दौरान बागोडा पुलिस द्वारा लॉक डाउन के नियम तोडऩे वालों के दुपहिया व चार पहिया वाहनों के 74 चालान, 31 वाहन चालान के साथ सीज किए हैं। वहीं लॉक डाउन के दौरान नियमों को उल्लंघन करने एवं शांति भंग करने के मामले में अब तक 22 मार्च से 8 मई तक पुलिस ने 91 आरोपियों को गिरफ्तार किए। थानाधिकारी सूरज भान सिंह राणावत ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी करने की लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। लॉक डाउन के तीसरे चरण में भी पुलिस द्वारा कस्बे के विभिन्न जगह पर कस्बे के सिणधरी सर्किल, खेतलाजी तिराहा, कुडा सर्किल, भीनमाल सर्किल सहित विभिन्न जगहों पर बेरिकेट्स लगाकर काफी नाके लगाए गए हैं। पुलिस के जवान दिन व रात्रि गस्त कर के आने-जाने वाले लोगों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
पुलिस हाथ जोड़कर मास्क पहनने का कर रही अपील :
वहीं पुलिस मास्क बिना पहनने आने वाले लोगों के खिलाफ एक बार हाथ जोड़कर मास्क पहनने की अपील करती हैं। जबकि वही व्यक्ति दोबारा बिना मास्क पहनने घूमने पर उनके खिलाफ कार्यवाही कर रही। कुड़ा सर्किल पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस के जवान कांस्टेबल मनोज कुमार कुशवाहा, होम गार्ड दिनेश कुमार, महेन्द्र जोड सहित पुलिस के जवानों ने बिना मास्क घूम रहे युवाओं को हाथ जोड़ कर अपील की कि आप घर पर रहे साथ ही मास्क लगाने सहित बिना कार्य बेवजह नहीं घूमने हेतु हिदायत दी। उपनिरीक्षक सुरज भान सिंह राणावत ने बताया कि लॉक डाउन में पुलिस द्वारा कोई ढील नहीं बरती गई हैं।



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मंड्रेला रोड से क्वारैंटाइन 29 लोगों में से 21 के सैंपल भिजवाए

शहर की मंड्रेला रोड से श्रीधर यूनिवर्सिटी सेंटर पर क्वारेंटाइन करवाये गए 29 लोगों में से 21 के शुक्रवार को कोरोना सैंपल लिए गए। जिसकी जांच रिपोर्ट रविवार को आएगी।

गौरतलब है कि ये सभी लोग फरीदाबाद हरियाणा से क्वारेंटाइन तोड़कर चिड़ावा पहुंचे नर्सिंगकर्मी के सीधे संपर्क में आये थे। जिसपर स्थानीय प्रशासन-पुलिस और चिकित्सा विभाग ने इस भी को दो-तीन मई को क्वारेंटाइन करवा दिया था।

बीसीएमओ डॉ. संतकुमार जांगिड़ ने बताया कि उपरोक्त सभी लोग फिलहाल सेंटर पर ही चिकित्सकीय निगरानी में है। उधर, उपखंड-तहसील प्रशासन और पुलिस इस मामले के बाद से पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।

मामले की जानकारी मिलने के बाद से मंड्रेला रोड के साथ लगते एक किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया था। जिसमें मंड्रेला-पिलानी रोड को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में शुक्रवार से किराना दुकानें सुबह पांच घंटे और दूध व फल-सब्जी की दुकानें शाम छह बजे तक खोलने की थोड़ी ढील दी गई। हालांकि शहरभर में लॉक डाउन-3 के दौरान भी निर्देंशों की पालना करवाने के लिए पूरी सख्ती बरती जा रही है।

शनिवार को एसडीएम जेपी गौड़ ने कबूतरखाना से मैन मार्केट तक गश्त लगाकर किराना दुकानों के बाहर निकाला गया सामान अंदर रखवाया। वहीं दुकानदारों-ग्राहको को मास्क लगाने-सोशल डिस्टेंस रखने के लिए पाबंद भी किया। पुरानी नगरपालिका रोड स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले मंडी में 11 मई से कारोबार फिर शुरू होगा। मंडी समिति अध्यक्ष महेश कटारिया एवं सदस्य सुरेंद्र सैनी ने ये जानकारी दी।

सोमवार सुबह से लागू की गई व्यवस्था के तहत मंडी में फल-सब्जी की आधी दुकानें एक दिन छोड़कर खोली जाएंगी। दुकानदारों को सोशल डिस्टेंस रखने, मास्क लगाने, सेनेटाईजर उपयोग में लेने की हिदायत दी गई है। शनिवार को मंडी समिति की बैठक में अध्यक्ष कटारिया, सचिव श्याम सुंदर मावंडिया, सदस्य विनोद माखरिया, विक्रम मावंडिया, सुनील सैनी, बृजलाल माखरिया और मनोनीत सदस्य सुरेंद्र सैनी ने भाग लिया। समिति ने कारोबार शुरू करने के निर्णय की जानकारी प्रशासन को भी दी।

मध्यप्रदेश के मजदूरों को वापस मंड्रेला भिजवाया

लॉक डाउन से उकताये रीवा मध्यप्रदेश के सात मजदूर पांच मई को मंड्रेला स्थित एक मुर्गी फार्म (पोल्ट्री) से निकल भागे। शनिवार दोपहर ये सभी मजदूर चिड़ावा रेलवे स्टेशन पहुंचे। पूर्व पार्षद महेश शर्मा धन्ना ने मामले से स्थानीय प्रशासन को अवगत करवाया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ज्वालासहाय मीणा और सहायक प्रशासनिक अधिकारी कैलाशसिंह कविया मजदूरों को लेकर तहसील पहुंचे। मीणा और कविया ने मजदूरों को चाय-बिस्किट खिलाकर दिलासा दी। सरकारी प्रक्रिया पूरी किए बिना गांव नहीं लौटने की बात कही।



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Quarantine from Mandrela Road sent samples of 21 out of 29 people, report will come today




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गुमजाल पंप पर 5 दिन से बैठे थे 9 लोग ,अनुमति मिली तो दो माह बाद पहुंचे घर

कोरोना महामारी के कारण कैसे-कैसे हालात पैदा हो रहे हैं यह दुखदायी है। श्रीगंगानगर शहर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर ठाकरांवाली गांव के 9 लोग 10 मार्च को बीकानेर जिले के जझू गांव में जीरे की फसल कटाई की मजदूरी करने गए थे। 21 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन शुरू हाे गया। वापस आने के रास्तों पर पुलिस का पहरा था और वाहनों की व्यवस्था नहीं थी। 4 मई को पंजाब के मजदूरों की बस आ रही थी। इसमें प्रशासन से अनुमति लेकर ठाकरांवाली निवासी इंद्राज और उसका चचेरा भाई साहबराम अपनी पत्नी सुमनदेवी, सुनीतादेवी, 12 साल की बेटी पायल और तीन मासूम बच्चों के साथ बस में सवार हो गए।

रात को साधुवाली बाॅर्डर पर पहुंची बस के चालक ने इनको राजस्थान की सीमा पार करने के बाद गुमजाल के पंप पर उतार दिया। चालक से पूछा तो उसने बताया कि आपकी बस में मंजूरी पंजाब बाॅर्डर पार करने तक थी। अब घर चले जाओ। ये लोग सामान की गठरियां सिर पर और बच्चों को गोद में उठाए नाके पर पहुंचे तो राजस्थान प्रशासनिक अधिकारियों ने पंजाब से राजस्थान आने के लिए पास मांग लिया। 5 मई को इंद्राज का बड़ा भाई लीलूराम इन सभी के आधार कार्ड और पहचान पत्र लेकर पंजाब सीमा पर पहुंचा। इसे अपने परिवार से मिलने पंजाब भेज दिया। दस्तावेज तो सभी के पास पहुंच गए लेकिन अब लीलूराम भी उनके साथ ही अटक गया। उसे भी वापस नहीं आने दिया। इन सभी लोगों ने कलेक्टर से ऑनलाइन अनुमति मांगी। शनिवार दोपहर इनको अनुमति मिल गई। इसके बाद इनको राजस्थान में वापस प्रवेश दिया गया। ठाकरांवाली के सरपंच ने इनको ऑनलाइन अनुमति दिलवाई तथा साधुवाली से ट्रैक्टर ट्राली से घर तक लेकर गए।



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9 people were sitting at the gumjal pump for 5 days, if permission was received, they reached home after two months




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स्वस्थ पिता ने हाॅस्पिटल में रुक तीन मासूमों काे काेराेना से जंग जिताई, 9 दिन भांजे के लिए भी रुके रहे, निराेगी कर घर ले ही आए

एक पिता के साये तले बच्चे क्यों हर संकट से महफूज महसूस करते हैं। लाडले भांजे की जान बचाने मामा किस हद तक जाेखिम उठा सकता है। इसका उदाहरण पेश किया उदयमंदिर के रविंद्र चांवरिया ने। रविंद्र के अपने बच्चे प्रतिभा (6), विनित (12), उदिता (13) के साथ ही भांजा मयंक (11) 18 अप्रैल काे पाॅजिटिव आए थे। पूरे परिवार काे क्वारेंटाइन किया गया था। मासूमाें काे काेराेना की जंग जिताने रविंद्र स्वस्थ हाेते हुए भी बच्चाें के साथ एमडीएम हाॅस्पिटल में रुके थे। बच्चाें काे याेग-प्रार्थना, खेल, आराम करवाकर शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत रखा। इसका नतीजा भी निकला और 29 अप्रैल काे रविंद्र के तीनाें बच्चे स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। हालांकि भांजा मयंक तब भी काेराेनाग्रस्त ही आया। रविंद्र ने पिता का फर्ज पूरा होने पर एक मामा का कर्तव्य भी निभाने की ठानी। तीनों बच्चों को तो घर भेज दिया और अकेले भांजे के लिए भी हॉस्पिटल में रुके रहे।
डेढ़ माह से बेटे को नहीं देख सकी है मां

मासूम बच्चे के डॉक्टर भी अलग से ड्राइफ्रूट भिजवाते। मामा की मेहनत, मयंक का आत्मविश्वास और मेडिकल टीम की देखरेख आखिर रंग लाई। पूरे 9 दिन बाद शुक्रवार को मयंक की रिपोर्ट निगेटिव आई। रविंद्र चांवरिया की 20 दिन की मेहनत सफल हुई। शुक्रवार को वे स्वस्थ मयंक को लेकर हॉस्पिटल से घर पहुंचे। मयंक लॉकडाउन से पहले ही ननिहाल आ गया था। वह पॉजिटिव आया तो मां शांता बिलख पड़ी थी। भाई रविंद्र ने उन्हें भरोसा दिलाया। शांता को जब बेटे मयंक के स्वस्थ होने का पता चलता तो खुशी के आंसू छलक उठे।
तीनाें ममेरे भाई-बहनों के घर लौट जाने से मयंक बेहद उदास हो गया था। मामा रविंद्र ने उसे हाैसला दिया कि जल्दी ही वे भी स्वस्थ होकर घर चलेंगे। वे मयंक को याेग, प्रार्थना, पढ़ाई करवाने के साथ ही उसके साथ खेलते भी। उसे खुश रखने के सारे जतन के साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ाते। दिन में कई-कई बार घर पर उसके भाई-बहनों से उसकी बात करवाते। सुरक्षा के लिए वे मास्क के साथ सोशल डिस्टेंस भी बनाए रखते।​​​​​​



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Healthy father made three innocents stay in hospital, fight with Kerena, stayed for 9 days nephew, disarmed and brought home




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अब तक 692 संक्रमित; राज्य में कोरोना से 10वीं मौत, फरीदाबाद में 73 साल की शुगर पेशेंट ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ा

लॉकडाउन फेज-3 का आज7वां दिन है। फरीदाबाद में कोरोना से तीसरी मौत हो गई, जबकि प्रदेश में यह 10वीं मौत है। फरीदाबाद के ईएसआई अस्पताल में भर्ती 73 साल की एक शुगर पेशेंट महिला ने दम तोड़ दिया। महिलाआशा सूरी फरीदाबाद के सेक्टर-29 की रहने वाली थी। बीती 6 मई को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें ईएसआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हरियाणा में कुल मरीजों का आंकड़ा 692 पहुंच गया है। गुड़गांव के बाद सोनीपत में मरीजों की कुल संख्या 100 पहुंच गई है।

हरियाणा में इंडस्ट्री का चक्काचला

  • हरियाणा में न केवल स्थापित इंडस्ट्री का चक्का चलाने के भरसक प्रयास किए जा रहें हैं बल्कि निवेश के लिए भी अफसरों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। एमएसएमई इंडस्ट्री अब शुरू होने लगी हैं। राज्य में 24 लाख श्रमिकों-कर्मचारियों में 13 लाख को काम मिल गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नाम संबोधन में दी। उन्होंने कहा कि जहां 6 लाख श्रमिकों ने अपने राज्यों में जाने के लिए पंजीकरण कराया है, वहीं एक लाख 10 हजार प्रवासी श्रमिक हरियाणा में आने के इच्छुक भी हैं।
  • चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक औरआर्थिक गतिविधियों में औरतेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। चीन से जो देश अपने औद्योगिक कार्यों स्थानांतरित अन्य देशों में करने इच्छुक है, वे अब भारत में निवेश करना चाहते हैं, उन्हें हरियाणा में प्राथमिकता देने की पहल की जा रही है। जापान, अमेरिका, कोरिया, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान के निवेशकों के साथ हरियाणा लगातार प्रयासरत है। हरियाणा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में तीसरे स्थान पर हैं।

कोरोना से जान गंवाने वाली युवती का परिजनने शव लेने से इनकार
कोरोना से जान गंवाने वाली पानीपत की 20 साल की युवती का अंतिम संस्कार भी खानपुर के डॉक्टरों को कराना पड़ा, क्योंकि परिजनों ने शव लेने से ही इनकार कर दिया था। प्रोटोकॉल के अनुसार,ऐसे वक्त में परिवार से किसी न किसी सदस्य कोमौजूद रहना चाहिए। दरअसल, युवती फरीदाबाद की थी और यहां बहन के पास आई थी। पानीपत के लोग फरीदाबाद औरफरीदाबाद के परिजन पानीपत में अंतिम संस्कार कराने की बात कह रहे थे। अंतत: अंतिम यात्रा में भी अपनों का साथ भी नहीं मिला।

सिंगापुर से लाए गए 19 युवकों ने अव्यवस्था पर सवालउठाए
शुक्रवार को सिंगापुर से लाकर गुड़गांव के डूंडाहेड़ा सामुदायिक केंद्र में क्वारैंटाइन किए गए 19 युवकों ने शनिवार को वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए। युवकों ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट की। उन्होंने बताया कि जिस हॉल में उन्हें ठहराया गया है, वहां गंदगी फैली है। शौचालयों में न ही हाथ धोने और न ही नहाने के लिए पानी है। जब से उन्हें यहां लाया गया है, तब से कोई भी उनकी जांच करने तक नहीं आया है। खामियों को दिखाते हुए सरकार से उन्हें दूर कराने की मांग की। मामला बिगड़ता देख प्रशासन ने उन्हें बाद में दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।


हरियाणा में 10 की कोरोना से मौत, लेकिन सरकार गुड़गांव के एक मरीज को नहीं गिन रही

  • हरियाणा में अब तक कोरोना संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग 9 मौत मान रहा है। गुड़गांव के सेक्टर-18 के 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत रोहतक पीजीआई में इलाज के दौरान हुई थी, उन्हें सरकार ने अपने आंकड़े में नहीं जोड़ा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक, पहली मौत 2 अप्रैल को अम्बाला के 67 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। दूसरी मौत 3 अप्रैल को हुई थी, जब रोहतक की कोरोना पॉजिटिव महिला ने दिल्ली में दम तोड़ा था।
  • तीसरी मौत 5 अप्रैल को करनाल के बुजुर्ग की हुई थी। चौथी मौत 28 अप्रैल को फरीदाबाद में 68 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। पांचवीं मौत 2 मई को 63 वर्षीय कोरोना पीड़ित महिला की चंडीगढ़ पीजीआई में हुई थी। छठी मौत 4 मई को फरीदाबाद में हुई थी। 7वीं मौत भी 4 मई को पानीपत में एक युवक की हुई थी लेकिन उसकी कोरोना होने की पुष्टि 6 मई को हुई। 8वीं मौत 6 मई को पानीपत के झट्टीपुर गांव में एक 28 वर्षीय युवक की हुई, जिसे टीबी, खांसी और बुखार भी था। उसकी रिपोर्ट 7 मई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। 9वीं मौत 8 मई को फरीदाबाद की युवती की हुई, जो पानीपत में अपनी बहन के घर रहने आई हुई थी। उसने खानपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। 10वीं मौत फरीदाबाद में हुई है, यहां 73 वर्षीय महिला ने ईएसआई अस्पताल में दम तोड़ दिया।

हरियाणा में 692 पहुंचा पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा

  • हरियाणा में अब तक गुड़गांव में 142, सोनीपत में 100, फरीदाबाद में 94, झज्जर में 74, नूंह में 59, अम्बाला में 41, पलवल में 36, पानीपत में 36, पंचकूला में 20, जींद में 17, करनाल में 14, यमुनानगर में 8, सिरसा में 7, फतेहाबाद में 7, महेंद्रगढ़, हिसार, रोहतक में 4-4, भिवानी और रेवाड़ी में 3-3, कुरुक्षेत्र और कैथल में 2-2, चरखी दादरी में एक पॉजिटिव मिला। इसके अलावा, मेदांता अस्पताल गुड़गांव में 14 इटली के नागरिकों को भी भर्ती करवाया गया था, जिन्हें हरियाणा ने अपनी सूची में जोड़ा है।
  • प्रदेश में अब कुल 290 मरीज ठीक हो गए हैं। नूंह में 57, गुड़गांव में 51, फरीदाबाद में 55, पलवल 32, पंचकूला में 17, अम्बाला में 11, झज्जर में 10, सोनीपत में 9, पानीपत में 6, करनाल में 5, सिरसा में 4, यमुनानगर, भिवानी और हिसार में 3-3, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में 2-2, चरखी दादरी, फतेहाबाद 1-1 मरीज ठीक होने पर घर भेजा गया। 14 मरीज इटली के भी ठीक हुए हैं। इनके समेत कुल आंकड़ा 241 हो जाता है।


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जींद में बीच बाजार खड़ी एक कार की पुलिसवाले ने हवा निकाल दी। इस समय हरियाणा में पुलिस बाजारों में गश्त करके लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जागरूक कर रही है।




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आज से सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुलेगा बाजार, परिवहन नहीं होगा

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए निवाड़ी जिले में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था। जिला प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप निवाड़ी की बैठक मेें लॉकडाउन को चरण बद्ध तरीके से छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत 9 से 17 मई की मध्य रात्रि तक जिले की सीमाएं सील रहेंगी और साप्ताहिक हाट बाजार बंद रहेंगे। कोई भी व्यक्ति बिना मास्क पहने सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जा सकेगा।
लॉकडाउन के दौरान आदेश में दी गई छूट, मुक्ति, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन, मास्क उपयोग के निर्देश, सुरक्षा के अन्य निर्देश के पालन पर ही मानी जाएगी। ऐसा न होने पर आदेश में दी गई छूट स्वत: ही निरस्त हो जाएगी। दोषी के खिलाफ आगे वर्णित प्रावधानों के तहत दांडिक कार्यवाही की जाएगी। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के आदेशानुसार निवाड़ी में 10 से 17 मई तक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक बाजार खोला जाएगा। जिले में लॉकडाउन 3.0 की शुरूआत से पूर्ण लॉकडाउन की कलेक्टर ने लागू किया था।
यहां प्रतिबंध लागू रहेगा
स्कूल, कोचिंग संस्थान, जिम, सभी धार्मिक स्थल बंद रहेंगे। किसी भी सामाजिक एवं धार्मिक आदि जमावड़े की अनुमति नहीं होगी। सभी मिठाई की दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल, सैलून, चाट के ठेले, अंडा, फाॅस्ट फूड, आईसक्रीम, पान, गुटखा दुकानें बंद रहेंगी। लोक परिवहन जिसमें बस, ऑटो 17 मई 2020 तक बंद रहेंगे। आरटीओ, टीकमगढ़ एक सप्ताह में लोक परिवहन शुरू करने, किराया के दर आदि पर प्रतिवेदन देंगे, जिसके बाद लोक परिवहन चालू करने पर निर्णय लिया जाएगा।
इनके लिए वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे
आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को घर जाकर सामग्री पहुंचाने वाले वाहन और व्यक्ति और वन विभाग के नर्सरी, वन्यजीव, अग्निशमन, प्लांटेशन, पेट्रोलिंग जैसे कार्यों में लगे लोग सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का पालन करते लगातार काम करने के लिए प्रतिबंध से मुक्त होंगे। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं थाना प्रभारी मुख्य मार्ग पर हर 3 से 5 किमी के अंतराल पर मालवाहन के चालकों के लिए एक-एक ढ़ाबा, होटल, रेस्टोरेंट खुलवाना सुनिश्चित करेंगे। इन स्थानों पर भोजन परोसने के लिए डिस्पोजेवल मटेरियल के बने प्लेट, गिलास आदि का उपयोग किया जाए। इसके बाद उन्हें किसी बड़े थैले में संग्रहित कर जलाकर नष्ट कर दिया जाए।
कंट्रोल रूम की व्यवस्था
जिले में कंट्रोल रूम 24X7 की व्यवस्था जनपद पंचायत निवाड़ी फोन नं. 07680-232114, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवाड़ी मो. नंबर 7024780108 एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पृथ्वीपुर मो. नंबर 7999596785 स्थापित किया गया है। जिस पर बीमारी, आवश्यक सामग्री पूर्ति, आवश्यक अन्य मदद आदि की जानकारी दी जा सकती है। बैठक में सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार, निवाड़ी विधायक अनिल जैन, पुलिस अधीक्षक एमके श्रीवास्तव, एसडीएम निवाड़ी वंदना राजपूत सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

यह दुकानें प्रतिबंध से रहेंगी मुक्त
मेडिकल दुकान, अस्पताल, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस, हार्वेस्टर, थ्रेसर, कृषि कार्य में लगे वाहन तथा कृषि यंत्रों की दुकानें खुली रहेगी। इमरजेंसी ड्यूटी अमला, पेट्रोल पंप, एलपीजी के प्रतिष्ठान, वाहन स्पेयर्स दुकान, वाहन मरम्मत दुकान, दाल, आटा मील, राशन दुकान, किराना, जनरल स्टोर, डेयरी ब्रेकरी, पोल्ट्री, बारदाना एवं पशु आहार की दुकानें खुलेगी। दूध विक्रेता, खाद, बीज, कीटनाशकों, इलेक्ट्रीकल, पंखे एवं सामान, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बढ़ई, मोटर मैकेनिक, लेटर, निर्माण सामग्री, सीमेंट, लोहा, हार्डवेयर, बर्तन, ज्वेलरी शॉप, फर्नीचर, स्टूडियो, स्टेशनरी, सीएसी, एमपी ऑनलाइन, कियोस्क, मोबाइल रिपेयर, रिचार्ज, चश्मा, फुटवेयर, कपड़े आदि की दुकानें सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खोली जा सकेंगी। साथ ही माल वाहन प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।



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निवाड़ी। डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप निवाड़ी की हुई बैठक।




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मुंबई से निकले 49 लोग रास्ता भटककर पहुंचे बिस्टान

मुंबई व नासिक से निकला मप्र, उत्तरप्रदेश व बिहार के 49 मजदूरों का दल रास्ता भटककर शनिवार शाम यहां पहुंचा। पुलिस ने थाना परिसर में इन्हें रोककर स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। एएनएम नरेश जाटव व वार्डबॉय अरविंद भावसार ने स्क्रीनिंग की। आरक्षक रोशनी परिहार, मनीषा सोलंकी, ब्रजलता शर्मा, चंदरसिंह कनासे, प्रधानारक्षक बालू पाटिल, अमजद खान आदि ने 600 रुपए का स्वल्पाहार बुलाकर इन्हें खिलाया। पन्ना के राजकुमार पिता अर्जुन ने बताया वे ट्रक से आ रहे थे। किराया देने के बाद भी ट्रक चालक उन्हें भुसावल के पास ही छोड़कर चला गया। जौनपुर उत्तरप्रदेश के गौरवचंद्र प्रसाद व झारखंड के अशोक पिता महानंद ने बताया कुछ लोगों ने बिस्टान में नेशनल हाइवे होना बताया।



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49 people came out of Mumbai wandering the way




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पहली बार भर्ती मरीजों से बड़ा आंकड़ा ठीक हुए लोगों का, 891 पहुंचे घर; लॉकडाउन 17 बाद भी

संजय गुप्ता .कोरोना से जूझ रहे इंदौर में शनिवार का दिन एक बड़ी राहतभरी खबर लाया। 1196 सैंपल में से 78 नए पॉजिटिव मरीज मिलने से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1858 हो गई, लेकिन अब शहर में एक्टिव (भर्ती) मरीज 878 ही रह गए हैं, जबकि उससे ज्यादा यानी 891 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। लगभग 47 दिन के कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्वस्थ मरीजों की संख्या उपचाररत मरीजों से अधिक हो गई है। हालांकि मरीज और पॉजिटिव रेट कम होने के बाद भी शहर में 17 मई को लॉकडाउन नहीं खुल पाएगा। यह 30 मई तक जारी रह सकता है। चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।

-मनीष सिंह, कलेक्टर के मुताबिक, स्थिति 80% नियंत्रण में आ गई है। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भीड़ से बचना है और फिर बारिश के समय भी ध्यान रखना है। इसलिए 30 मई तक लोग घरों में ही रहें, तभी संक्रमण पूरी तरह खत्म होगा।

टीपीआर 4 फीसदी भी तो 30-40 मरीज मिलेंगे

  • अगले चार दिन तक 1 हजार लोगों के सैंपल होने से 500 से 1200 टेस्ट रिपोर्ट एक साथ आएगी। अगर टीपीआर 4 फीसदी भी रहा तो हर दिन 30-40 मरीज आएंगे।
  • चार दिन बाद इन पॉजिटिव मरीजों के करीबियों के सैंपल लेंगे। तब 500 सैंपल में से सात दिन तक औसत 15 मरीज आना संभावित हैं। यानी 17 मई तक मरीज मिलना संभावित है।
  • किसी जोन को ऑरेंज करने के लिए सात दिन और ग्रीन करने के लिए 14 दिन तक मरीज नहीं मिलना चाहिए। ऐसे में इंदौर में मई अंत तक यह स्थिति बनेगी, उसके सात दिन बाद राहत मिलना शुरू होगी।
  • प्रशासन को मरीजों का आंकड़ा 2200 से 2500 के बीच जाने की आशंका है।




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62 साल के एएसआई भगवती शरण शर्मा कोरोना से जंग जीतकर चोइथराम अस्पताल से बाहर आए तो दंग रह गए। डीआईजी व अन्य आला अफसर उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद थे। शर्मा को खुली जीप में बैठाकर घर तक छोड़ा गया। इस दौरान पुलिस बैंड देशभक्ति की धुन बजाते साथ चलता रहा।




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रकम दोगुनी करने का लालच, कियोस्क संचालक से तांत्रिक ने ठगे 9 लाख रुपए

कराहल कस्बे में कियोस्क संचालक दोस्त को रकम दोगुनी करने का लालच देकर एक तांत्रिक 9 लाख रुपए लेकर चंपत हो गया। पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार कराहल कस्बे के चार खंभा मोहल्ला निवासी रामसिंह गुर्जर (37) पनवाड़ा तिराहे पर हलवाई की दुकान लगाता है। उसने अपने घर पर भैरो जी और पठान बाबा का चबूतरा बना रखा है। वह अपने शरीर में देवता आने का दावा करता था। बरगंवा में कियोस्क संचालक भोला राठौर ने पुलिस को आवेदन में बताया कि उसने अपने पिता की फसल और केसीसी लोन पर उठाए नौ लाख रुपए तांत्रिक के कहे अनुसार 27 अप्रैल को शाम को उसके घर पर आटे की टंकी में रख दिए थे। तांत्रिक ने उसे नौ लाख रुपए तंत्र मंत्र से 19 लाख रुपए होने का भरोसा दिया था। इसके बाद 30 अप्रैल को सप्तमी तिथि पर तांत्रिक के शरीर में पठान बाबा आया। पठान बाबा उसे नागदा जाकर विशेष पूजा कराने का आदेश दिया। इसके बाद 1 मई को वह तांत्रिक रामसिंह के साथ मोटरसाइकिल से नागदा पहुंचा। जहां सीप नदी किनारे पूजा की गई। तत्पश्चात शाम को वापस कराहल पहुंचे। 2 मई को वह सुबह तांत्रिक के घर पर दीपक जलाने गया था। इसके बाद वे दोनों एक साथ घर से निकले थे। बाजार में तांत्रिक को छोड़कर वह अपने कियोस्क सेंटर के लिए रवाना हो गया। उसके गायब होने का पता 3 मई को चला।



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Greed to double the amount, Tantric cheated 9 lakh rupees from Kiosk operator




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शहडोल में 9 मजदूरों के शवों को परिजनों की इच्छा पर एक साथ दफनाया, उमरिया के पांच श्रमिकों की अंत्येष्टि

शुक्रवार कोऔरंगाबाद में रेल हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव शनिवार को सुबह 11.30 बजेट्रेन से जबलपुर लाए गए। इसके बाद उनके गृह जिलों शहडोल और उमरिया मेंउनके गांवममान और चिल्हारी ले जाया गया।देर शाम शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपनों केक्षत-विक्षतशव देखकर परिजन बदहवास हो गए। घर कीमहिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया। शहडोल के अंतौली गांवमें 9 मजदूरों के शवकोपरिजनोंकी इच्छा पर एक साथदफनाया गया। वहीं उमरिया के ममान गांव में 4 औरएकमजदूर की चिल्हारी गांव मेंअंत्येष्टि की गई।प्रशासन ने परिजनों को तत्कालिक राहत के तौर पर एक-एक लाख रुपए केचेक सौंपे हैं।

उमरिया के गांव ममान में मृतक श्रमिकों की अंत्येष्टि की गई।

उमरिया से शवों को उतारकर ट्रेन रवाना हुई तो4 बजे बजे शहडोल पहुंची। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शवों को ट्रेन से उतरवाकर एंबुलेंस में गांव के लिए रवाना किया गया। हादसे में मारे गए 11 लोगशहडोल के अंतौली गांव के रहने वाले थे, यह सभीआपस में सगे-संबंधी थे। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। ऐसे मेंपूरे गांव में मातम पसरा रहा। मृतकों में तीन भाई भीथे। यहां 9 शवों को परिवार की इच्छा के बाद दफनाया गया।

उमरिया में हादसे में मारे गए मजदूर की मां का बुरा हाल था। प्रशासन ने मौके पर तत्कालिक आर्थिक सहायता दी है।
इसके पहले शाम को शवों को एंबुलेंस से गांव लाया गया।

उमरियामें प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार

उमरिया जिले में आज औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मरने वाले 5 श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन द्वारा लाकर उनके गृह ग्राम ममान ले जाया गया, जहां पर प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया।ट्रेन के पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोगस्टेशन के बाहर पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने सभी को बाहर रोक दिया। इसके बाद एंबुलेंस में चार मजदूरों के शवों कोममान पाली भेजागया। इस एंबुलेंस में ही हादसे में जीवित बचे वीरेंद्र सिंह को भेजा गया। वीरेंद्र, शवों के साथ ही ट्रेन से पहुंचेथे। वहीं, एक अन्य मजदूर का शवचिल्हारी मानपुर भेजा गया।



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औरंगाबाद हादसे का शिकार हुए शहडोल के 9 मजदूरों को उनके घर वालों की मर्जी पर दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया।




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9 वाहन चुराए,भाई से मिल बेचता, काबू

लॉकडाउन में चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देने के आरोपी को थाना डेहलों की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान अरुण कुमार उर्फ सोनी शर्मा के रूप में हुई है। उसके मामा का बेटा दिनेश भारद्वाज उर्फ बनी उर्फ सोनू फरार है। अरुण के कब्जे से चोरी के 2 बाइक बरामद किए थे। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो वही वाहन चुराते थे, जिसमें चाबी लगी होती थी। आरोपी की निशानदेही पर 7 एक्टिवा बरामद की गई। अरुण ने बताया कि दिनेश उसके मामा का बेटा है, वो उसके चोरी किए वाहनों को खन्ना में बेचता था।



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Stole 9 vehicles, sold mill to brother, got control




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सोमवार से खुलेंगे सेवा केंद्र, सुबह 9 से दोपहर 1 बजे बिना पास के नागरिक आ सकते हैं, इसके बाद ‘कोवा एप’ से लेनी होगी मंजूरी

डीसी कुलवंत सिंह ने बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग, पंजाब सरकार के अादेशाें के मुताबिक जिले में नागरिकों को एक छत के नीचे सेवाएं मुहैया करवाने के मंतव्य से बनाए गए सेवा केंद्र जो कि कोरोनावायरस के फैलते खतरे को देखते हुए 23 मार्च बंद थे, अब सभी को खाेलने के लिए सरकार ने 6 मई की तारीख निश्चत की है, जिसके अंतर्गत जिले में पहला टाइप-1 सेवा केंद्र डीसी दफ्तर छावनी, टाइप-2 सेवा केंद्र म्यूंसिपल कौंसिल, मार्केट समिति दफ्तर मल्लांवाला, सिविल अस्पताल नजदीक मेन बस स्टैंड मुदकी, नजदीक निवास स्थान एसडीएम जीरा, सेवा केंद्र तहसील कांप्लेक्स गुरुहरसहाए, सब-तहसील दफ्तर ममदोट, सब -तहसील दफ्तर नजदीक एक्सचेन्ज तलवंडी भाई, तहसील मखू और टाइप-3 सेवा केंद्र अटारी, लोहके कलों, बारेके, फिरोजशाह, गांव जीवा अराई, करी कला, खाई फेमे कर, खोजा दल सिंह, लक्खा हाजी, मल्लवाल पुराना, मेघा राय उताड़, मोड़ कुसू वाला, पंजे के उताड़, रुकना बेगू, गांव शाह अबू बुकर और शेरखा वाला को खोला जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यह सेवा केंद्र सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे, लेकिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक नागरिक बिना पास के सेवा केन्द्रों में आ सकते हैं, जबकि 1 बजे से 5 बजे तक आने वाले नागरिकों को पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई ‘कोवा एप’ में सेवा केंद्र अप्वाॅइंटमेंट टैब से पास मंजूरी लेनी जरूरी होगी।

उन्होंने बताया कि इसमें नागरिकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, जिला, तहसील, स्लाट जिस दिन वह सेवा केंद्र आना चाहता है, भरेगा। जिसके उपरांत वह अपने नजदीक के सेवा केंद्र को चुनेगा और फिर विभाग का नाम, सर्विस नाम आदि सिलेक्ट करने के बाद जिस समय वह सेवा केंद्र आना चाहता है चुनेगा। उन्होंने बताया कि नागरिक अपनी अप्वाॅइंटमेंट पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई एम सेवा एप के द्वारा भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन सेवा केन्द्रों में सेहत विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक सामाजिक दूरी बनाई रखना जरूरी होगा।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को देखते जिले के सभी सेवा केन्द्रों को सैनिटाइज किया गया है जिससे सेवा केन्द्रों के अधिकारियों को यहां आने वाले लोगों को कोरोना वायरस के फैलने का खतरा न हो।



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The service center will open from Monday, 9 am to 1 pm, without citizens can come nearby, after this, approval will have to be taken from 'Kova App'




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

एक तरफ पूरा संसार कोरोना वायरस की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, वहीं कुछ महिलाएं जो पेशे से डॉक्टर, सिविल अधिकारी, पुलिस अधिकारी के साथ माताएं भी हैं, वह इन दिनों अपनी ड्यूटी आगे होकर कर रही हैं। आज भास्कर मदर्स डे पर ऐसी ही महिलाओं की कहानियां लेकर आया है जो अपने परिवार में रहते हुए अपने छोटे-छोटे बच्चों को घरों में छोड़कर समाज के लिए आगे होकर कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी से दो-दो हाथ कर रही हैं।

8 माह की बेटी को पति के पास छोड़कर कोरोना वाॅरियर्स के तौर पर दे रहीं ड्यूटी
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में शहर के प्रीत नगर निवासी महिला सब इंस्पेक्टर रिंपल रानी अपनी 8 माह की बच्ची को घर में अपने पति के पास छोड़कर कोरोना यौद्धा के तौर पर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। रिंपल की ड्यूटी के दौरान घर में उनके पति बच्ची की देखभाल कर रहे हैं। रिंपल सुबह बच्ची के लिए दूध आदि की व्यवस्था कर अपनी ड्यूटी पर जाती हैं तो उसके बाद पूरा दिन उनके पति ही बच्ची की देखभाल कर रहे हैं।

वहीं जब वह ड्यूटी के बाद शाम को घर पहुंचती हैं तो बच्ची उन्हें लिपटने को होती है मगर कोरोनावायरस महामारी के चलते वह नहाने के बाद बच्ची को मिलती हैं। छावनी के मेन बाजार में लगाए गए नाके पर तैनात महिला सब इंस्पेक्टर रिंपल रानी ने बताया कि हालांकि छोटी बच्ची होने के चलते कई बार उन्हें लगता है कि उसकी देखभाल बहुत जरूरी है मगर जब पूरे देश पर संकट की घड़ी आ खड़ी हुई है तो लोगों की सुरक्षा के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है।

वहीं उन्होंने कहा कि उनके पति प्यारा सिंह सरकारी अध्यापक हैं और लॉकडाउन होने के चलते वह अभी घर में हैं जोकि उसका हौंसला बढ़ाते हैं कि वह बच्ची की िंचंता न करे और अपनी ड्यूटी पर जाए। रिंपल ने कहा कि वह जब घर पहुंचती हैं तो छोटी बच्ची अवरीन कौर उनके पास आने को बेताब होती है तो वहीं वह भी उसे मिलना चाहती हैं मगर कोरोना महामारी के चलते घर में पहुंचते ही वह नहाने के बाद पूरे एहतियात बरतने के बाद ही अवरीन को मिलती हैं।
मां का फर्ज निभाते हुए महिलाओं पर अत्याचारों को लेकर कोरोनाकाल में 50 मामले निपटाए
कांशी नगरी निवासी रीतू पलता जोकि दो बच्चों की मां हैं व प्रतिदिन सुबह उठकर घर का काम काज निपटाने के बाद अपने कार्यालय में जाकर पूरा दिन महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मामलों को निपटाने में जुटी रहती हैं। कोरोनावायरस महामारी से बचाव को लेकर जारी कर्फ्यू के पहले दिन से लगातार कार्यालय में जाकर महिलाओं के घर बिखरने से व बहुत सी महिलाओं को अपने बच्चों से मिलाने के लिए कार्य कर रही हैं। 23 मार्च से लेकर अब तक वह 50 से अधिक मामलों का निपटारा करवा चुकी हैं।

अपनी मां की इस हिम्मत और हौंसले को देखकर उनके बच्चे उन्हें यूनिवर्स बेस्ट माॅम कहते हैं। सिविल अस्पताल स्थित वन स्टॉप सेंटर सखी में कोऑर्डिनेटर के तौर पर तैनात रीतू पलता 23 मार्च से अब तक सेंटर में आए मामलों में से 22 मामलों में राजीनामे करवा चुकी हैं, 18 मामलों में पीड़िताओं को पुलिस हेल्प मुहैया करवाई हैं तो 2 पीड़िताओं को लीगल हेल्प प्रोवाइड करवाई हैं। इसके अलावा उनके पास आने वाली महिलाओं की अन्य कॉल में लोगों द्वारा उन्हें अश्लील कॉल करने जैसे कई मामलों को ट्रेस करवाया गया है।

लाॅकडाउन के पीरियड के दौरान सेंटर में महिलाओं के साथ अत्याचार व ऐसे ही कुछ अन्य करीब 50 मामलों का हल करवा चुकी हैं जिससे कई महिलाओं का घर बिखरने से बच गया तो बहुत से महिलाएं अपने बच्चों से मिल सकी हैं। मदर-डे के अवसर पर उनके बच्चों ने अपनी मां को वर्ल्ड की बेस्ट मदर कहा जोकि घर का पूरा कामकाज संभालने व कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच लोगों के मामले सुलझाने के साथ-साथ उनका भी पूरा ध्यान रख रही हैं।



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Female staff working on frontline against Kovid-19 by creating balance in their children and duty




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

दो छोटे बेटों को सास-ससुर के पास छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं डॉ. साक्षी

कोरोना वायरस की महामारी को लेकर 22 मार्च से लगातार पंजाब में कर्फ्यू लगा हुआ है। ऐसे में महिला डॉक्टर अपने दो छोटे बच्चों को सास-ससूर के पास छोड़कर मरीजों की सेवा करने के लिए ड्यूटी पर चली जाती है। जबकि महिला डॉ़क्टर के पति पिछले तीन साल से अमृतसर में सरकारी मेडिकल काॅलेज में आर्थो विभाग में पीजी कर रहे हैं। पिछले 22 मार्च से वह घर नहीं आए हैं। ऐसे में महिला डॉक्टर का त्याग चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस बार कोरोना वायरस की महामारी के दौरान पूरे विश्व की गति थम सी गई है। लेकिन महिलाओं ने इस महामारी में भी अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया है। मेडिकल अफसर डॉक्टर साक्षी जैन जोकि सरकारी अस्पताल ढूडीके में मेडिकल अफसर के तौर पर तैनात हैं, वह शादीशुदा होने के साथ उनके 6 साल व पौने दो साल के बेटे हैं। पति सौरभ जैन वह भी मेडिकल अफसर होने के साथ पिछले तीन साल से सरकारी मेडिकल काॅलेज अमृतसर में आर्थो विभाग में पीजी कर रहे है। ऐसे में वह अपने दोनों बेटों को घर छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं।

वहां हर तरह के मरीजों की चेकअप करनी पड़ती है। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले उनके इलाके की चार आशा वर्कर कोरोना पॉजिटिव आनेे के बाद ढूडीके सरकारी अस्पताल के सभी स्टाफ मेंबरों के कोरोना संबंधी सैंपल लिए गए थे। लेकिन सभी स्टाफ मेंबरों के सैंपल निगेटिव आने से राहत की सांस ली है। वहीं महिला डॉक्टर का कहना है कि 22 मार्च के बाद से अपने बच्चों व परिवार से दूरी बनाए हुए है। वह ड्यूटी से घर लौटने के बाद घर ऊपर अलग हिस्से में जाती है।

ड्यूटी पर पहने कपड़ों को धोती है और नहाने के बाद अपना खाना बनाती है। खाना बनाते समय भी पूरी सावधानी बरती जाती है। जैसे ही मास्क, हाथों में ग्लब्स व सिर पर कैप डालकर खाना बनाती है। कई बार ड्यूटी से लौटते समय बच्चे भाग कर उनकी तरफ लपकते हैं। लेकिन वह अपनी ममता को विराम दे उनको पास आने से रोकती हैं। क्योंकि वह डयूटी से आती हैं। ऐसे में वहां हर तरह के मरीजों की जांच होती है।
उनका कहना है कि तीन साल पहले वह एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गई थी।

लेकिन अपनी हिम्मत, मेहनत, लगन व ससुराल परिवार के सहयोग से उस बीमारी से कुछ समय पहले ही छुटकारा मिला है। अब वह पूरी तरह से तंदुरूस्त हैं। महिला डॉक्टर का कहना है कि इस समय जो माहाैल देश व दुनिया भर में बना हुआ है। ऐसे में लोगों की सेवा करने के बाद घर लौटने पर अलग तरह का सुकून मिलता है। उसे गर्व है कि उसकी डॉक्टरी की पढ़ाई इस मुश्किल दौर में देश के काम आ रही है। वह अपनी ड्यूटी को आगे भी तनदेही से निभाती रहेंगी।

दो बेटियों की मां महिला पुलिस कर्मी को मिला सम्मान

शनिवार को अच्छी सेवाओं के लिए एसपी(डी) द्वारा जिन पुलिसकर्मियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया उनमें दो पुलिस महिला कर्मी भी शामिल हैं। इनमें से एक महिला कर्मी शादीशुदा होने के साथ दो छोटी बच्चियों की मां भी है। सीनियर सिपाही कर्मजीत कौर रोजाना अपनी दोनों बेटियों को सास-ससुर के पास रखकर ड्यूटी आती हैं। बेटियों की चिंता भी सताती है लेकिन इस कोरोना वायरस महामारी के दौर में ड्यूटी भी जरूरी है। पुलिस ड्यूटी के साथ लोगों को कोरोना बीमारी के प्रति जागरूक करने के साथ लोगों के घरों में दवाइयां सप्लाई से लेकर बर्थडे केक व शादियां करवाकर नवदपंति को नई शुरूआत के लिए शुभकामनाएं भी दे रही है।



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Female staff working on frontline against Kovid-19 by creating balance in their children and duty




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंट लाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

एक तरफ पूरा संसार कोरोना वायरस की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, वहीं कुछ महिलाएं जो पेशे से डॉक्टर, सिविल अधिकारी, पुलिस अधिकारी के साथ माताएं भी हैं, वह इन दिनों अपनी ड्यूटी आगे होकर कर रही हैं। आज भास्कर मदर्स डे पर ऐसी ही महिलाओं की कहानियां लेकर आया है जो अपने परिवार में रहते हुए अपने छोटे-छोटे बच्चों को घरों में छोड़कर समाज के लिए आगे होकर कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी से दो-दो हाथ कर रही हैं।

सैंपल लेने की ड्यूटी, कई बार 6 साल की बेटी को घर में अकेला छोड़ आना पड़ता है

मनीषा सैनी, माइक्रो बायोलॉजिस्ट

सिविल अस्पताल में तैनात माइक्रो बायोलॉजिस्ट मनीशा सैनी 2015 से सिविल अस्पताल रोपड़ में तैनात हैं। उनके पति गौरव सैनी बद्दी की कंपनी में इंजीनियर हैं तथा 6 वर्षीय बेटी नव्या फर्स्ट में पढ़ती है। मनीशा की ड्यूटी कोविड-19 के सैंपल लेने और सैंपल को पैक करके लैब भेजने की है। वह 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। वैसे ड्यूटी रात 8 बजे से अस्पताल में शुरू होती है। कभी भी रात में सैंपल लेने के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल बुलाया जाता है और वह पहुंच जाती हैं।

मनीशा ने कहा कि जब से कर्फ्यू लगा है, उन्होंने घर में खाना नहीं बनाया। पति ही खाना बनाते हैं। कई बार पति को अॉफिस जाना पड़ता है तो वह घर को लॉक लगाकर अपनी बेटी को अकेले छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं। वह ड्यूटी में इतनी व्यस्त हैं कि बेटी को एक माह से स्कूल का होमवर्क भी नहीं करवा पाई। शुरू-शुरू में जब वह देरी से घर जातीं तो बेटी नव्या कई तरह के सवाल करती थी कि आप लेट क्यों आते हो और खाना भी नहीं बना कर देते। पर अब उसको इसकी आदत हो गई है।

घर जा खुद को सैनिटाइज करने में लगता है एक घंटा, बेटा रोए भी तो उठा नहीं सकती

डॉ. प्रभजीत कौर, इमरजेंसी में तैनात

सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. प्रभजीत कौर का बेटा मात्र 10 माह का है। वह उसको घर छोड़ कर ड्यूटी कर रही हैं। प्रभजीत कहती है कि 8 घंटे की उनकी ड्यूटी में कभी-कभी 10 घंटे भी लग जाते हैं। वह कहती हैं कि इन दिनों कोरोना वायरस के चलते ड्यूटी के दौरान काफी सावधानी रखनी पड़ती है। वह घर जाकर सीधे अपने बेटे को नहीं उठा पातीं। पहले बाथरूम में जाकर अपने कपड़े धोकर, नहाकर ही बच्चे को उठाती हैं। इस सभी काम को करीब एक घंटा लग जाता है। उनका बेटा अंगद तब तक उन्हें देख कर रोता रहता है। चाहकर भी उसे गोद में नहीं उठा सकतीं।

संदिग्धों के लेती हैं सैंपल, इनको मरीजों की, मां को इनकी चिंता
डॉ. रमनदीप कौर, डेंटल

सिविल अस्पताल में बतौर डेंटल डॉ. रमनदीप कौर तैनात हैं। उनकी अभी शादी नहीं हुई है लेकिन वह पिछले दो माह से अपने घर नहीं गई। उनको लोगों की चिंता है अौर उनकी मां को उनकी। वह 24 घंटे ड्यूटी पर हैं और अब तक उन्होंने अकेले 150 से 200 सैंपल कोरोना वायरस संबंधी संदिग्ध मरीजों के लिए हैं। डॉ. रमनदीप कौर ने बताया कि उनकी माता जसवीर कौर व पिता कुलविंदर सिंह मोहाली में रहते है। मां दिन में कई बार फोन करके हालचाल पूछती हैं। कई बार तो व्यस्तता के चलते फोन भी नहीं उठा पाती। रात को ही अपने घर वालों से वह बात कर पाती हैं। उनकी मां को उन पर गर्व है।




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सीजन में 93 फीसदी गेहूं की खरीद, 74% लिफ्टिंग भी

अनाज मंडी में आढ़ती एसो. के प्रधान हरबंस सिंह रोशा ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मार्केट कमेटी चेयरमैन हरदीप रसूलड़ा, वाइस चेयरमैन वरिंदर गुड्डू के नेतृत्व में मार्केट कमेटी, खरीद एजेंसियों व लोकल प्रशासन का अहम रोल रहा है।

खन्ना मंंडी में खरीद के आंकड़े

एजेंसी खरीद फसल (क्विंटलों में) लिफ्टिंग (फीसदी में)
पनग्रेन 156300 70.04
एफसीआई 154420 57.16
मार्कफेड 196150 82.89
पनसप 104040 92.27
वेयर हाउस 199240 75.29
प्राइवेट 022740 96.66
कुल टोटल 832890 75.44

पिछले साल आठ मई तक पहुंची थी 10,25,920 क्विंटल फसल
पिछले साल गेहूं सीजन में मंडी में खरीद शुरू हुई तो तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। कभी किसानों की हड़ताल कभी मजदूरों की हड़ताल हुई थी। यहां तक की लिफ्टिंग की बहुत समस्या आई थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के उम्मीद जताई जा रही थी कि पिछली बार से भी ज्यादा परेशानी होगी। लेकिन हुआ बिल्कुल उलट।

पिछले साल आठ मई तक खन्ना अनाज मंडी और तीन सब सेंटरों में कुल मिलाकर 10,25,92,0 क्विंटल गेहूं की फसल पहुंची थी। लेकिन इस बार 971780 क्विंटल फसल पहुंच चुकी है। जोकि पिछले साल की खरीद का कुल मिलाकर 93 फीसदी हो चुका है। जिस हिसाब से खरीद चल रही है कि उस हिसाब से इस बार मंडी में गेहूं की आमद होने की संभावना बन गई है।

खन्ना मंंडी के तीन सब सेटरों के आंकड़े
मंडी आमद खरीद लिफ्टिंग
रौणी 93390 93390 53.27
ईसड़ू 30230 30230 75.09
रायपुर 15270 15270 81.86
कुल 971780 971780 73.04

मार्केट कमेटी सेक्रेटरी सहित अधिकारी मंडी में ही रहे
इस बार खरीद के पहले कुछ दिन पास व टोकन को लेकर आढ़तियों को शिकायतें भी थी। लेकिन एसडीएम के आदेशों के बाद मार्केट कमेटी अधिकारी पूरी मेहनत से खरीद में जुटे थे। मार्केट कमेटी सेक्रेटरी दलविंदर सिंह खुद 14 दिन से मंडी में रहे हैं। पूरा स्टाफ भी मंडी में ही मौजूद रहा और 24 घंटे तक काम हुआ है।
जतिन/राजू.खन्ना|कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप के बीच अनाज मंडी में गेहूं की फसल को लेकर सुखद खबर आई है। इस बार खन्ना अनाज मंडी व इसके सब सेंटरों में खरीद के 24 दिन में ही 93 फीसदी गेहूं की आमद हो चुकी है। जिसमें से 93 फीसदी की ही खरीद हो चुकी है। इसमें 74 फीसदी की लिफ्टिंग भी हो चुकी है। खरीद के पहले कुछ दिन परेशानी जरूर आई थी, लेकिन एसडीएम के नेतृत्व में मार्केट कमेटी चेयरमैन, अफसरों व स्टाफ की मेहनत, आढ़ती एसाे. का सहयोग, खरीद एजेंसियों की सतर्कता से सीजन 24 दिन में ही अंतिम पड़ाव में पहुंच चुका है।

हालांकि, अभी भी 26 फीसदी लिफ्टिंग होना बाकी है। लेकिन मार्केट कमेटी अफसरों का कहना है कि अगले दो या तीन दिन में स्पेशल लगने के बाद लिफ्टिंग भी 90 फीसदी तक पहुंच जाएगी। एक हफ्ते में सीजन खत्म होने के करीब होगा।



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93% wheat procurement in season, 74% lifting also




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कर्फ्यू उल्लंघन के 14895 चालान, भुगतेंगे कैसे- कोई प्लानिंग नहीं

कर्फ्यू लगने के बाद नियमों के उल्लंघन के तहत शहर में 14895 से अधिक चालान काटे गए हैं लेकिन कर्फ्यू के दौरान हुए चालान की फीस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कैसे जमा करेगा, इसकी अभी तक विभाग ने कोई रूप-रेखा नहीं तैयार की है। फिलहाल आरटीए इन्हें ऑनलाइन जमा कराने की तैयारी में है ताकि कार्यालय में भीड़ भी न लगे और पेनल्टी भी जमा हो जाए। इन चालान में वे लोग शामिल हैं, जो बेवजह घरों से बाहर निकले और उनके चालान कटे हैं।

बताया जा रहा है कि विभाग की अगली तैयारी उन दुकानदारों पर कार्रवाई करने की है, जो दुकानें खोलकर बैठे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। इन्हें जुर्माना भी लगाया जाएगा।इस बारे आरटीए बरजिंदर सिंह का कहना है कि अभी चालान जमा करने को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। विभाग की तरफ से आदेश मिलते ही चालान जमा करने का काम शुरू किया जाएगा।


लोगों के इस तरह कटे चालान
कोविड-19 के कर्फ्यू मानदंडों का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14895 चालान जारी किए हैं। पुलिस द्वारा 1280 वाहनों का चालान काटा गया है। इसमें बिना मास्क वाले लोगों के खिलाफ 206 सहित 657 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें कर्फ्यू मानदंडों को पूरा न करने पर 827 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 10 लोग बिना मास्क वाले हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आने वाले दिनों में पुलिस और सख्ती की तैयारी में है।


किस चालान का कितना वसूला जाएगा जुर्माना, यह भी अभी क्लियर नहीं
अभी आरटीए में सबसे बड़ी समस्या यह है कि चालान जमा कैसे किए जाएं? कर्फ्यू के दौरान कटे चालान किस आधार पर जमा होंगे और उनका रेट क्या होगा, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को भी नहीं है। इसको लेकर आरटीए कर्मचारी भी परेशान हैं क्योंकि उन्हें दफ्तर आने का फरमान जारी हो चुका है और दफ्तर आते ही चालान जमा करने और लाइसेंस बनाने का काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। उधर, राजनगर के रहने वाले गौरव वर्मा का कहना है कि उनकी स्कूटी का चालान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो गया था, तब से उनकी स्कूली थाने में जमा है। चालान जल्दी क्लियर हो तो वह अपना वाहन ले सके। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सरकार के रेवेन्यू लॉस के लिए कहीं उन्हें मोटे जुर्माने न लगा दिए जाएं।



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