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बादल छाए, 10 मिनट हुई बूंदाबादी

शाम 6 बजे मौसम ने करवट ली। ठंडी हवा चलने के साथ काले बादल छाए। 10 मिनट हल्की बूंदाबादी भी हुई। ठंडी हवा चलने से लोगों को गर्मी से राहत मिली



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Cloudy, 10 minutes of drizzle




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17 दिन बाद भी किसानों के खाते में नहीं आए गेहूं बिक्री के रुपए

समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री के बाद किसानों की आधी राशि संस्था ने कर्ज में काट ली। यह राशि संस्था को नहीं मिल पाई। कुछ किसानों को बाकी आधी राशि का भी इंतजार करना पड़ रहा है। खरीफ बुवाई के लिए किसान को खाद-बीज की जरूरत है। लेकिन भुगतान नहीं होने से संस्था खाद-बीज नहीं दे रही। किसान बाजार से भी खरीदी नहीं कर पा रहा है। प्रबंधक का कहना है भुगतान मिलते ही खाद-बीज दिया जाएगा।
ग्राम पथाेरा के किसान बाबूलाल पटेल ने कहा उन्होंने 23 अप्रैल को निमरानी केंद्र पर 25 क्विंटल गेहूं बेचा था। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाते में राशि जमा होना थी। एक सप्ताह से बैंक के चक्कर लगा रहा हूं। लेकिन संतोषजनक जवाब भी नहीं मिल पा रहा है। खरीदी केंद्र पर बात की तो 181 पर शिकायत के लिए कहा। शिकायत का प्रयास किया, लेकिन वहां भी सिर्फ कोरोना से संबंधित शिकायतें ही ली जा रही है। उधारी चुकाने के साथ खाद-बीज के लिए रुपए की जरूरत है। ग्राम पथोरा के ही धर्मेंद्र पिता कैलाश पटेल ने बताया 32 क्विंटल गेहूं बिक्री की राशि एक सप्ताह में खाते में जमा हो गई।

कर्ज नहीं फिर भी काट लिए रुपए
ग्राम बलगांव के कड़वा धन्नालाल पटेल ने बताया उन्होंने 21 अप्रैल को 22 क्विंटल गेहूं बेचे थे। उन्होंने मार्च में ही सहकारी समिति में कर्ज की राशि जमा कर दी थी। इसके बाद भी गेहूं उपज की आधी राशि कर्ज में काट ली गई। यह राशि अब तक वापस नहीं मिली है। इस स्थिति में कई किसानों ने समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र से दूरी बना ली है। बालसमुद समिति प्रबंधक विट्‌ठल पटेल ने कहा कर्ज की राशि आगे से काटी गई है। फिलहाल संस्था को भुगतान नहीं हुआ है। राशि मिलते ही किसानों को खाद-बीज का वितरण किया जाएगा।

12 दिन किया राशि का इंतजार
गोगावां क्षेत्र के किसानों को भी उपज बिक्री की राशि का इंतजार है। सुरपाला के किसान लक्ष्मण कालू यादव ने बताया 33 क्विंटल 50 किलो गेहूं 23 अप्रैल को तौले थे। 12 दिन तक बैंक के चक्कर लगाते रहे। अदलपुरा के काले खां छितू मेवाती ने बताया 23 अप्रैल को 64 क्विंटल 50 किलो गेहूं बिक्री के बाद रुपए की जानकारी लेने लॉकडाउन में बार-बार बैंक जाना पड़ा। उपज बिक्री के एक सप्ताह में भुगतान की व्यवस्था होना चाहिए।

बैक खाते में रुपए आए, लेकिन समिति में नहीं
समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री के बाद कसरावद क्षेत्र के किसान भी भुगतान की प्रक्रिया से परेशान हो रहे हैं। किसान रोहितदास यादव व गोपाल यादव करौंदिया ने बताया गेहूं उपज में से आधी राशि ऋण में जमा कर ली। लेकिन समिति में इसकी जानकारी अब तक नहीं पहुंची। करणीबाई व सियाराम कुशवाह ने कहा गेहूं बेचने के बाद खाते में रुपए जमा हो गए। लेकिन समिति को भुगतान नहीं होने से खाद-बीज नहीं दिया जा रहा है। किसान संबंधित संस्थाओं तक पहुंचकर खातों की जांच करा रहे हैं। किसानों ने कहा गर्मी सीजन में लगाए जाने वाले कपास व अन्य फसलों को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। राशि समिति में आ जाए तो खाद-बीज की परेशानी दूर हो जाए। समिति प्रबंधक रामकृष्ण पाटीदार ने बताया भोपाल स्तर से फिलहाल काटी गई राशि की जानकारी नहीं आई है।




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Even after 17 days, the rupee sale of wheat did not come to the farmers' account




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गुमशुदा बेटे से 10 साल बाद मिल भावुक हुए पिता

10 साल से गुमशुदा लक्ष्मीदास का पता चलने के बाद उसके पिता इतवारदास मणिकपुरी 1100 किमी का सफर तय कर छत्तीसगढ़ से उसे लेने शुक्रवार रात जामली में बने क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे। एक-दूसरे को देख दोनों भावुक हो गए और गले लग गए। शनिवार सुबह सेंटर प्रभारी सहित कर्मचारियों ने बेटे को पिता को सौंप विदाई दी।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के स्याहीमुड़ी जेलमान गांव निवासी इतवारदास शुक्रवार रात 12 बजे जामली पहुंचे। पिता-पुत्र मिले तो भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और गले मिले। शनिवार सुबह राजस्व निरीक्षक (आरआई) यादव ने उन्हें भोजन करवाया। पिता-पुत्र ने हाथ जोड़कर आरआई यादव का आभार व्यक्त किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ निकल गए। 35 दिन रहने के कारण क्वारंटाइन सेंटर के स्टाफ को भी लक्ष्मीदास से लगाव हो गया था।

7 साल तक खोजा फिर छोड़ दी थी आस
इतवारदास ने बताया लक्ष्मीदास छोटा बेटा और लाड़ला होने से उसके लापता होने से परिवार परेशान था। बोल-सुुन नहीं पाने से उसकी चिंता रहती थी। दर्री थाने में 2010 में गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद कई शहरों में उसका पता किया। पुलिस पता नहीं कर पाई। 7 साल तक अलग-अलग जगहों, जिलों में उसकी खोजबीन की फिर भी नहीं मिला। ऐसा लग रहा था। बेटे के साथ कोई हादसा हो गया है। उसके बाद फरिश्ते बनकर आए आरआई यादव ने उन्हें बेटे से मिलवाया। मां उर्मिला खुशी से फूली नहीं समा रही। उसका कहना था बेटे को अभी लेकर आओ। 2 सप्ताह तक कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटे उसके बाद भी उन्होंने सिर्फ मप्र जाने की अनुमति दी।

30 हजार में की टैक्सी
बेटे को लाने के लिए टैक्सी की। इसमें 30 हजार का खर्च आया। देवरी बॉर्डर पर पुलिसकर्मियों ने पास देखने के बाद भी रोका। आरआई यादव से फोन पर बात कराई तब छोड़ा। वापस लौटते समय आरआई यादव ने लक्ष्मीदास के स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट के साथ एक पत्र लिखकर दिया।



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गुजरात से लौटे 1277 मजदूर, बोले- गांव में खेती करेंगे, हालात सामान्य होने के बाद भी नहीं जाएंगे गुजरात मजदूरी करने

लॉकडाउन ने पलायन की परिभाषा बदल दी है। लोग हालात सामान्य होने के बाद भी अब मजदूरी के लिए गुजरात नहीं जाने की बात कह रहे हैं। शनिवार को राजकोट से विशेष ट्रेन से 1277 मजदूर मेघनगर पहुंचे। इन सभी मजदूरों को 32 बस से जिला मुख्यालय लाया गया। बरूखोदरा (सिलावद) निवासी रेमा सहादर, रूणिया हरी व गुंजारिया भाया परिवार के 10 सदस्यों के साथ मेघनगर से शहर लौटे। रेमा सहादर ने कहा लॉकडाउन के कारण डेढ़ माह से जूनागढ़ जिले के विभिन्न गांवों में हम लोग फंसे हुए थे। रेल सुविधा मिलने पर वापसी हुई। मजदूरी से जमा किए रुपयों से अब तक खाना खाया। उन्होंने कहा गांव में ही रहकर खेती मजदूरी करेंगे। लेकिन हालात सामान्य होने के बाद मजदूरी करने गुजरात नहीं जाएंगे।

घर लाैटे तो खुशी से खिले चेहरे
घर वापसी से मजदूरों के चेहरे खुशी से खिल उठे। पलवट के गोटिया ने बताया 4 महीने पहले मजदूरी करने जूनागढ़ गुजरात गए थे। साथ में उनकी पत्नी सयाजीबाई व 3 बच्चे भी थे। पाटी ब्लाॅक के ग्राम रानीपुरा निवासी काशीराम, पत्नी सोनविलाबाई व 2 छोटे बच्चों के साथ गुजरात के मगरवाड़ा से लौटे। 4 माह से वहां फंसे हुए थे। राजकोट से विशेष ट्रेन से मजदूरों को मेघनगर भेजने की जानकारी मिलने पर वे भी पत्नी, बच्चों व भाई भलसिंह के साथ ट्रेन में सवार होकर आ गए। इसी तरह गुजरात से लौटे गारा निवासी गुलसिंह ने बताया पत्नी करवानबाई के साथ 5 माह पहले मजदूरी करने मगरवाड़ा गए थे।

835 लोगों की स्क्रीनिंग कोई पीड़ित नहीं मिला
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को सुतार मोहल्ला, पूजा स्टेट, रुक्मिणी नगर के आसपास दूसरा चरण के तहत 191 मकानों का सर्वे किया। इसमें 835 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 60 साल से अधिक आयु के 79 बुजुर्ग पाए गए। डॉ. सिंगारे ने बताया सर्वे के दौरान सर्दी-खांसी-बुखार से पीड़ित कोई भी व्यक्ति नहीं मिला।

मेघनगर से आज आएंगे ट्रेन से 957 मजदूर
रविवार को 957 मजदूर ट्रेन से मेघनगर पहुंचेंगे। उन्हें 25 बस से जिला मुख्यालय लाया जाएगा। रविवार सुबह 6 बजे ट्रेन मेघनगर आएगी। इसके लिए प्रभारी अधिकारियों व नोडल अफसरों को बस से सूखा नाश्ता देकर मेघनगर भेजा है। ट्रेन से उतरने के बाद मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।

पल्स ऑक्सी मीटर व थर्मल स्केनर से की जांच
1277 मजदूरों को 32 बस से मेघनगर से शहर लाया गया। जलसा गार्डन में इन सभी के हाथ-मुंह धुलवाए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पल्स ऑक्सी मीटर और थर्मल स्केनर से इनकी जांच की। खाना खिलवाकर बस से इन सभी को उनके घर तक पहुंचाया गया। कलेक्टर अमित तोमर ने बताया प्रत्येक मजदूर की व्यक्तिगत जानकारी नोट की है। इन मजदूरों की जानकारी गांव के सरपंच व सचिव से सांझा करेंगे। इससे वे इन सभी का 14 दिन का होम क्वारंटाइन पूरा कराएंगे।




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1277 laborers returned from Gujarat, said - will do farming in the village, Gujarat will not go to work even after conditions are normal




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28 वार्डों में कंटेनमेंट क्षेत्र, इनमें से 13 में सर्दी-खांसी के 531, सांस के 51 रोगी मिले

ये हालात शहर के लिए ठीक नहीं है। कोरोना रोकथाम की गतिविधियों के बावजूद शहर के 54 में से 28 वार्डों में कोरोना फैल चुका है। प्रशासन अब इन वार्डों में गंभीरता से फोकस करते हुए प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य का हेल्थ सर्वे करवा रहा है। इस उम्मीद के साथ की किसी में भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर उसे तत्काल इलाज दिया जाएगा।
कंटेनमेंट क्षेत्र के इन 28 में से 13 वार्डों में जिला प्रशासन दो दिन पहले ही हेल्थ सर्वे शुरू करवा चुका था। शनिवार को कंटेनमेंट क्षेत्र के बचे हुए 15 तथा नॉन कंटेमनेंट वाले 26 वार्डों में भी सर्वे के लिए दलों को प्रशिक्षण दिया गया। दावा किया जा रहा है एक-दो दिन में सभी 54 वार्डों में हेल्थ सर्वे शुरू हो जाएगा। इधर इस बीच पहले चरण में 13 वार्डों में शनिवार तक किए 8326 परिवारों के सर्वें में सर्दी-खांसी के 531, सांस लेने में तकलीफ के 51, कैंसर-हाइपरटेंशन सहित अन्य गंभीर बीमारी के 375 रोगी सामने आए हैं। 7 ऐसे परिवार भी मिले हैं जिनकी की हिस्ट्री कोरोना पॉजिटिव वाली रही हैं। उक्त बीमारों के ट्रीटमेंट शुरू किए जा चुके हैं।

सर्वे पूरी तरह सफल हो इसलिए यह करना होगा

प्रत्येक सर्वे दल के कुछ लोगों से गोपनीय स्तर पर ये फीडबैक लेते रहना होगा कि कहीं कोई तकलीफ तो नहीं, कोई असहयोग तो नहीं कर रहा? जानकारी तो नहीं छुपाई जा रही है?
जहां भी ऐसी बातें सामने आए तो संबंधित परिवारों से अधिकारी को भी बातें करना चाहिए। उन लोगों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों व उनके धर्मगुरुओं आदि की भी बातें करवाना चाहिए ताकि वे सहीं जानकारी दें।
जिन क्षेत्र व वार्ड में सर्वे चल रहा है उन क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स संचालकों से भी ये जानकारी ली जा सकती हैं उनके यहां से कौन-कौन सर्दी-खांसी, बुखार या सांस में तकलीफ आदि की दवाई ले जा रहे हैं? हो सके तो केवल डॉक्टरों के पर्चे पर ही दवाई देने का पालन करवाया जाएं।

13 वार्डों में सर्वे जारी है
कंटेनमेंट से जुड़े 28 में से 13 वार्डों में पहले ही सर्वे शुरू करवा चुके है। बचे 15 कंटेनमेंट और नॉन कंटेनमेंट क्षेत्र के 26 वार्डों में भी सर्वे करवाने जा रहे हैं।
बिदिशा मुखर्जी, अपर कलेक्टर व नोडल अधिकारी

ये वार्ड जिनमें पॉजिटिव मिले, मौतें हुई
वार्ड 4 नागेश्वर धाम कॉलोनी
वार्ड 6 गांधी नगर व शिवशक्ति नगर
वार्ड 9 नयापुरा, केडी गेट मार्ग
वार्ड11 व 13 जानसापुरा वार्ड 12 दानीगेट
वार्ड14 कमरी मार्ग व रामप्रसाद भार्गव मार्ग
वार्ड 15 रवींद्रनाथ टैगोर मार्ग, अवंतिपुरा, गीता कॉलोनी व बुधवारिया बड़े साहब की गली
वार्ड 17 ढांचा भवन वार्ड 20 निकास चौराहा
वार्ड 21 सिंहपुरी वार्ड 22 बारी मोहल्ला की गली
वार्ड 23 नईपेठ व जवाहर मार्ग
वार्ड 25 निजातपुरा
वार्ड 26 ब्राह्मण गली व बहादुरगंज
वार्ड 27 अमरपुरा, खाराकुआं नईपेठ व कोट मोहल्ला
वार्ड 28 तोपखाना व शिकारी गली
वार्ड 30 बेगमबाग कॉलोनी
वार्ड 31 कोट मोहल्ला गली नंबर 5 व अहिल्याबाई गलीनंबर 6 व 4
वार्ड 32 नलिया बाखल, तोपखाना व गुदरी
वार्ड 33 मोतीबाग
वार्ड 34 नीलगंगा से जुड़ा होने के कारण
वार्ड 43 लक्ष्मीनगर
वार्ड 46 बंगाली कॉलोनी, शास्त्रीनगर
वार्ड 48 कृष्णा पार्क वार्ड 49मुनिनगर
वार्ड 51 महानंदानगर वार्ड 54 सांई बिहार कॉलोनी
जानकारी- जिला प्रशासन से प्राप्त।



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Containment area in 28 wards, out of these, 531 cold-cough, 51 respiratory patients were found.




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गुजरात से लाए 130 मजदूरों को 700 किमी पहले छोड़कर भाग गई बस

गुजरात के मोरवी से मप्र के 130 मजदूरों को लेकर आई बस ने धोखे से मजदूरों को नरवर से 3 किमी दूर कड़छा फंटे पर उतार दिया। ये मजदूर सतना, रीवा, सागर, शहडोल, भोपाल आदि जिलों के हैं, जिन्हें शनिवार दोपहर 1 बजे बस ड्राइवर ने चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया।
कड़छा फंटे पर रहने वाले जितेंद्र वर्मा और संजय वर्मा ने भूखे-प्यासे मजदूरों के भोजन का इंतजाम किया और नरवर थाने पर इसकी सूचना दी। थाना प्रभारी हेमसिंह वर्मा, एसआई विक्रम सिंह चौहान, इंस्पेक्टर कांतिलाल चौधरी मौके पर पहुंचे। थाना प्रभारी वर्मा ने बताया मजदूरों को गंतव्य स्थान पर भेजने के लिए जिला पंचायत सीईओ को सूचना दी है। उमरिया जिले के रोहित पाल ने बताया शुक्रवार शाम 5 बजे बस 130 सवारियों को लेकर मोरबी से निकली थी और उन्हें उनके गंतव्य स्थान पर छोड़ना था, जिसके लिए बस मालिक ने प्रत्येक सवारी से ₹900 किराया लिया था लेकिन कड़छा फंटा नरवर आकर ड्राइवर ने सवारियों को चाय-पानी के लिए उतारा और बस लेकर भाग गया। उत्तरप्रदेश के संत कबीर नगर के मजदूर अर्जुन ने बताया हमें उप्र भिजवाने की व्यवस्था का बोलकर बस मालिक लाया था। यहां से हमारा घर 1400 किमी दूर है, हमारे साथ छोटे बच्चे भी है। हमारे पास न रुपए है न खाने-पीने का इंतजाम। एसआई चौहान ने बताया मजदूरों शासकीय स्कूल में रुकने के इंतजाम किया है।



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Bus escaped leaving 130 laborers brought from Gujarat 700 km ago




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पहली बार भर्ती मरीजों से बड़ा आंकड़ा ठीक हुए लोगों का, 891 पहुंचे घर; लॉकडाउन 17 बाद भी

संजय गुप्ता .कोरोना से जूझ रहे इंदौर में शनिवार का दिन एक बड़ी राहतभरी खबर लाया। 1196 सैंपल में से 78 नए पॉजिटिव मरीज मिलने से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1858 हो गई, लेकिन अब शहर में एक्टिव (भर्ती) मरीज 878 ही रह गए हैं, जबकि उससे ज्यादा यानी 891 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। लगभग 47 दिन के कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्वस्थ मरीजों की संख्या उपचाररत मरीजों से अधिक हो गई है। हालांकि मरीज और पॉजिटिव रेट कम होने के बाद भी शहर में 17 मई को लॉकडाउन नहीं खुल पाएगा। यह 30 मई तक जारी रह सकता है। चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।

-मनीष सिंह, कलेक्टर के मुताबिक, स्थिति 80% नियंत्रण में आ गई है। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भीड़ से बचना है और फिर बारिश के समय भी ध्यान रखना है। इसलिए 30 मई तक लोग घरों में ही रहें, तभी संक्रमण पूरी तरह खत्म होगा।

टीपीआर 4 फीसदी भी तो 30-40 मरीज मिलेंगे

  • अगले चार दिन तक 1 हजार लोगों के सैंपल होने से 500 से 1200 टेस्ट रिपोर्ट एक साथ आएगी। अगर टीपीआर 4 फीसदी भी रहा तो हर दिन 30-40 मरीज आएंगे।
  • चार दिन बाद इन पॉजिटिव मरीजों के करीबियों के सैंपल लेंगे। तब 500 सैंपल में से सात दिन तक औसत 15 मरीज आना संभावित हैं। यानी 17 मई तक मरीज मिलना संभावित है।
  • किसी जोन को ऑरेंज करने के लिए सात दिन और ग्रीन करने के लिए 14 दिन तक मरीज नहीं मिलना चाहिए। ऐसे में इंदौर में मई अंत तक यह स्थिति बनेगी, उसके सात दिन बाद राहत मिलना शुरू होगी।
  • प्रशासन को मरीजों का आंकड़ा 2200 से 2500 के बीच जाने की आशंका है।




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62 साल के एएसआई भगवती शरण शर्मा कोरोना से जंग जीतकर चोइथराम अस्पताल से बाहर आए तो दंग रह गए। डीआईजी व अन्य आला अफसर उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद थे। शर्मा को खुली जीप में बैठाकर घर तक छोड़ा गया। इस दौरान पुलिस बैंड देशभक्ति की धुन बजाते साथ चलता रहा।




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नायता मुंडला के गोदाम में मिली 12 टन सब्जी, सब्जियों से भरे तीन पिकअप वाहन और चार ट्रक पकड़े

नगर निगम के अपर आयुक्त शृंगार श्रीवास्तव ने शनिवार को नायता मुंडला के गोदाम में छापा मारकर 12 टन सब्जियां जब्त की। पूछताछ में पता चला कि सब्जियां चोरी-छिपे शहर में बेची जा रही थीं। इसके बदले व्यापारी लोगों से मनमानी कीमत वसूल रहे थे। हालांकि अभी गोदाम मालिक का नाम पता नहीं चला है। अपर आयुक्त ने सुबह करीब 5 बजे यह दबिश दी थी।
इसके अलावा बायपास से पत्थर मुंडला के बीच तीन पिकअप वाहन तथा देवगुराड़िया से शहर में घुसने का प्रयास कर रहे चार ट्रक पकड़े। इन सभी में सब्जियां थीं। जब्त सब्जियों को चिड़ियाघर भेजा गया है।जोन 12 में आ गई जोन एक की सब्जियां : सुबह जूनी इंदौर ब्रिज पर एक पिकअप वाहन को पकड़ा गया। इस वाहन में जोन-1 का पास लगा था। जांच में खुलासा हुआ कि व्यापारी ये सब्जियां जोन-12 में भेज रहा था। व्यापारी ने गलती मानी तो चेतावनी देकर गाड़ी छोड़ दी गई।

गलियों में भी होगी जांच

अल्ट्रावाॅयलेट किरणों से वायरस मुक्त कर नगर निगम डोर-टू-डोर सब्जी पहुंचा रहा है। इसके बाद भी जो व्यापारी चोरी-छिपे सब्जियां बेच रहे हैं उन्हें पकड़ने के लिए निगमायुक्त ने टीमें बनाई हैं। ये गलियों में घूमकर ऐसे लोगों को पकड़ेंगे, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा है।

इन जगह पर भी कार्रवाई

आजाद नगर के कंटेनमेंट एरिया में दूध बांटने के बहाने बाइक पर सब्जियां बेचने वाले, बिचौली हप्सी में वैन में सब्जी और फल बेचने, राऊ में चाय बेचने और जूनी इंदौर में घर के बाहर कोल्ड ड्रिंक बेचने के आरोप में लोगों पर कार्रवाई की गई।



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12 tons of vegetables, three pick-up vehicles loaded with vegetables and four trucks found in Naita Mundla's warehouse




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18 दिन बाद कोरोना को हराकर घर लौटा मुबारक

बहोड़ापुर की नारायण विहार कॉलोनी निवासी मुबारक हुसैन की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 18 दिन बाद शनिवार को उसे सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। मुबारक 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। अभी तक 11 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इनमें 8 मरीज ग्वालियर तथा 3 मरीज श्योपुर के हैं।
मुबारक 19 अप्रैल को छिपकर दिल्ली से जिस ट्रक में बैठकर ग्वालियर आया था, उस ट्रक ड्राइवर सोनू शर्मा, क्लीनर नरेंद्र सिंह निवासीगण डबरा तथा ड्राइवर का दोस्त कश्मीर सिंह निवासी कश्मीर के साथ आया था। जिन्हें श्याम वाटिका में क्वारेंटाइन किया गया था।
574 सैंपल लिए और 411 मरीजों की आई रिपोर्ट
दूसरे शहरों से मजदूर बड़ी संख्या में ग्वालियर आ रहे हैं। इस कारण सैंपलों की संख्या भी बढ़ गई है। जिला अस्पताल मुरार और जेएएच की कोल्ड ओपीडी में 5 सीनियर डॉक्टरों के साथ 574 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए। उधर शनिवार को जीआरएमसी की वायरोलॉजी लैब में 411 संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की गई। इसमें 5 मरीजों को कोरोना होने की पुष्टि हुई जबकि दो सैंपल रिजेक्शन कर दिए गए। अन्य मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव रही। अभी तक जिले में 5170 मरीजों के सैंपल लिए जा चुके हैं जिसमें से 27 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 4575 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।



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Happy to return home after defeating Corona 18 days later




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खाद्य तेलों की मासिक खपत 15 लाख टन, आयात में लगातार गिरावट के बावजूद भावों में तेजी नहीं

बदली परिस्थितियों में भारत में खाद्य तेलों की मासिक खपत घटकर 14 से 15 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पाम तेल का उत्पादन इंडोनेशिया- मलेशिया में बढ़ेगा और खपत में कमी आएगी। क्रूड तेल की घोर मंदी ने बायोडीजल के कार्यक्रम को गड़बड़ा दिया है। खाद्य तेलों की आयात पड़तल कम है। अत: धीरे-धीरे भारतीय बाजारों में भाव घटते चले जाएंगे। लॉकडाउन के दौरान बड़ी मात्रा में उपभोक्ताओं ने खाद्य तेल का स्टॉक कर लिया है। आने वाले महीनों में अभी शादी- समारोह भी नहीं होंगे और गर्मी में खाद्य तेलों की खपत में स्वाभाविक रूप से गिरावट आती है। अप्रैल में 7.90 लाख टन, मार्च में 9.40 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया गया है। मई में 8 लाख टन के आसपास आयात का अनुमान लगाया जा रहा है। बेरोजरागी बढ़ने से भी खपत में गिरावट आना संभव है।
खपत में 4 लाख टन की कमी
खाद्य तेल विशेषज्ञ ने बताया लॉकडाउन से होटल, रेस्टोरेंट, गली-मोहल्ले की छोटी-बड़ी भजिए, समोसे, फाफड़े आलू बड़े आदि बेचने वाली दुकानें बंद हैं। गर्मी में खाद्य तेल की खपत कम होती है और दीपावली पूर्व विवाह समारोह भी नहीं है। लॉकडाउन से मजदूरों में घबराहट बढ़ने से रोजगार छोड़कर गांव की ओर चले गए हैं और चले जा रहे हैं। कई दशकों बाद बेरोजगारी चरम सीमा पर होगी। ऐसी स्थिति में आने वाले महीनों में खाद्य तेलों की खपत घटकर 14 से 15 लाख टन रह जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लॉकडाउन के कुछ माह पूर्व तक खाद्य तेलों की मासिक खपत औसत रूप से 18-19 लाख टन की मानी जाती रही थी। एक अनुमान के अनुसार प्रतिमाह 4 लाख टन की खपत में गिरावट आएगी। इसका प्रभाव तेल एवं तिलहन भावों पर आगे-पीछे पड़ना स्वाभाविक है। पता नहीं तेल उद्योग को आयात शुल्क में वृद्धि की धुन क्यों चढ़ी रहती है। उद्योग का प्रयास होना चाहिए कि खपत कैसे बढ़े वरन् उद्योग खपत घटाने के प्रयास करता रहता है। लाॅकडाउन की वजह से यदि सर्वाधिक दुर्गति हुई है तो तिलहन उत्पादक किसानों की हुई है। जिसकी भरपाई संभव नहीं है, उद्योग किसानों का सरकार से भला करवाने के बजाय आगे आकर कोई आदर्श प्रस्तुत करें जिसे याद रखा जा सके।
60 से 65 प्रतिशत आयात
भाव कुल खपत का 60 से 65 प्रतिशत खाद्य तेलों का आयात करता है। शेष आपूर्ति देशी खाद्य तेलों से होती है। भारत के आयातकों को विशेष परेशानी नहीं होगी। सोया तेल अर्जेंटीना से एवं पाम तेल इंडोनेशिया से आयात कर लिया जाएगा। हालांकि पिछले वर्षों में मलेशिया से सर्वाधिक मात्रा में पाम तेल का आयात होता था किंतु कश्मीर मुद्दे पर मलेशिया की टिप्पणी से संबंधों में दरार पड़ गई और केंद्र सरकार ने रिफाइन पाम तेल का आयात परमिट के माध्यम से कर दिया। इससे मलेशिया से आयात लगातार घटता जा रहा है। सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि पाम का उपयोग, होटल, हलवाई, नमकीन निर्माता, बेकरी उद्योग आदि अधिक मात्रा में करते हैं। सस्ता होने से दक्षिण भारत में मिलावट में भी जा रहा था। पिछले 54-55 दिन से होटल, रेस्टारेंट, नमकीन उद्योग बंद हैं। अत: आयात में कमी का प्रभाव भावों पर किसी प्रकार का नहीं पड़ रहा है। सस्ता होने के बावजूद मांग कम है।
बड़ी मात्रा में स्टॉक
जानकारों का मत यह भी है कि लॉकडाउन के दौरान घबराहट में अनेक परिवारों ने बड़ी मात्रा में खाद्य तेल का स्टॉक कर लिया है। इस वजह से भी आने वाले दिनों में मांग कमजोर रहेगी। सोया-सनफ्लावर तेल में मांग रहेगी। अप्रैल माह में सीपीओ 3.55 लाख टन एवं 30 हजार टन आरबीडी, 1.84 लाख टन सोया और 2.21 लाख टन सनफ्लावर का आयात हुआ है। इस माह में कनौला तेल का आयात नहीं किया गया। अत: कुल आयात 7.90 लाख टन हुआ है। मार्च में 9.40 लाख टन का आयात किया गया था। मई माह में 8 लाख टन खाद्य तेल के आयात की संभावना व्यक्त की जा रही है। खरीफ मूंगफली की फसल किसानों एवं नैफेड के पास है। गुजरात में अगले सप्ताह कुछ मंडियां खुल सकती है। इससे मूंगफली आवक बढ़ने लगेगी। आवक बढ़ने पर तेल मिलों की मांग कैसी रहेगी, यह भी विचारणीय है।
पाम तेल का उत्पादन बढ़ेगा
इंडोनेशिया एवं मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन बढ़ना लगभग तय है। इसके अलावा बायोडीजल का प्रोग्राम भी गड़बड़ा गया है। क्रूड तेल के भावों की मंदी से इन दोनों देशों की आर्थिक हालात आज नहीं तो कल खराब हो जाएगी। पाम का फल पेड़ों से तोड़कर निकाला जाता है। प्रति वर्ष पेड़ फल देते ही हैं। इन फलों का त्वरित उपयोग नहीं किया तो खराब हो जाते हैं। जहां तक उत्पादन का सवाल है, पेड़ों को खाद एवं पानी पर्याप्त मात्रा में दिया जाता है, तब उत्पादन अधिक होता है, इनका उपयोग कम होने या नहीं होने पर पेड़ों पर फल कम लगते हैं। इससे पाम तेल की उत्पादन लागत कम बैठ जाती है। इस वर्ष पाम तेल का उत्पादन अधिक होगा और भाव और घट सकते हैं। इस संबंध में पिछले दिनों दोराब मिस्त्री ने भी धारणा व्यक्त कर दी थी।



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Monthly consumption of edible oils 1.5 million tons, despite the steady decline in imports, prices are not up.




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अब 11 कंटेनमेंट जाेन, बफर एरिया में सारा शहर

इंफ्रा रिपोर्टर | ग्वालियर
शहर में काेराेना पाॅजिटिव जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, बैसे-बैसे कंटेनमेंट एरिया भी बढ़ रहे हैं। शनिवार काे चार नए कंटेनमेंट एरिया घाेषित हाेने से इनकी संख्या बढ़कर अब 11 हाे गई है। इनके बफर एरिया में लगभग सारा शहर ही शामिल हाे गया है। जबकि चेतकपुरी और टेकनपुर में मिले मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने के 28 दिन बाद इन दाेनाें क्षेत्राें काे कंटेनमेंट फ्री कर दिया गया है।
शुक्रवार को मिले पांच संक्रमितों के निवास क्षेत्रों हजीरा, कंपू, ढोकलपुर और बेंहट को नया कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। जबकि जेएएच के जूनियर डॉ.आकाश गढ़वाल के पॉजिटिव मिलने पर जेएएच को हाई रिस्क जोन में डाला गया है। यहां पर सुरक्षा कि लिहाज से आवागमन पूरी तरह बंद रहेगा। सभी कंटेनमेंट जोन और हाई रिस्क जोन में सर्वे का काम 10 मई से शुरू हो जाएगा। हालांकि कंटेनमेंट एरिया घोषित करने का आदेश जारी करने में अफसरों को पूरा दिन लग गया। अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहे। दैनिक भास्कर ने शनिवार रात जब कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन और हाईरिस्क जोन बना दिए गए हैं, वहां पूर्व की भांति तय नियमों के अनुसार ही सख्ती रहेगी।

4 नए कंटेनमेंट जोन और उनका एरिया

  • हजीरा: यहां पाॅजिटिव मिले धर्मवीर पॉजिटिव के घर को एपीसेंटर बनाकर उसके इर्दगिर्द के 38886 वर्गमीटर एरिया को कंटेनमेंट जोन घाेषित किया गया। यहां करीब 200 मकान हैं।
  • ढाेकलपुर: यहां पर पाॅजिटिव मरीज राजेंद्र माझी का परिवार रहता है। इससे सिंकंदर कंपू के ढोकलपुर क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया है। इसका एरिया 83453 वर्ग मीटर रहेगा।
  • कंपू: 14वीं बटालियन में पदस्थ राजेंद्र माझी पॉजिटिव निकला था इसलिए कंपू को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इसका एरिया 53786 वर्ग मीटर रहेगा। यहां पर सिर्फ 17 संपत्तियां हैं। यहां रहने वालाें का सर्वे किया जाएगा।
  • बेहट: यहां के दो मरीज भूरी देवी और देवेंद्र कुशवाह पॉजिटिव मिले हैं। इस कारण बेहट को कंटनेटमेंट जोन बनाया गया है। इसका एरिया 91549 वर्ग मीटर रहेगा।
  • जेएएच: डाॅ.आकाश गढ़वाल पॉजिटिव निकले थे इसलिए जेएएच को हाईरिस्क जोन में रखा है। ये हाॅस्टल में रहते हैं इसलिए यहां भी आवाजाही पर पाबंदी की गई है।

ये 5 एरिया बनेंगे कंटेनमेंट
शनिवार को पांच और पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद रविवार काे प्रशासन गुड़ा-गुड़ी का नाका, चंदन नगर, डीडी नगर, सागरताल और जीवाजीगंज को कंटेनमेंट घोषित कर सकता है। यहां पॉजिटिव मरीजों के घरों को एपीसेंटर मानकर चारों तरफ का क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से कवर किया जाएगा।
ये हैं 7 पुराने कंटेनमेंट जोन
ढोलीबुवा का पुल, सत्यदेव नगर, न्यू विजय नगर अामखाे, चंद्रबदनी नाका सिंधिया नगर, बहोड़ापुर की नारायण विहार काॅलाेनी, ट्रांसपोर्ट नगर, ‌घोसीपुरा स्टेशन क्षेत्र पहले से ही कंटेनमेंट में शामिल हैं।



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Now 11 containers go, all city in buffer area




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नई गाइड लाइन... लक्षण नहीं होने के कारण 10 मरीजों को जल्द किया जा सकता है डिस्चार्ज

कोरोना संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज करने के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो नई गाइडलाइन जारी की है। उसके लागू होते ही ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल (कोविड हाॅस्पिटल) में इलाज करा रहे 18 में से 10 मरीज बिना दूसरा टेस्ट कराए डिस्चार्ज कर दिए जाएंगे, क्योंकि नई गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों को कोविड केयर फैसिलिटी (सीसीसी) में भर्ती किया गया है। यदि दस दिन तक उनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे, तीन दिन तक बुखार नहीं आएगा और सांस लेने में कोई तकलीफ भी नहीं होगी तो ऐसे संक्रमितों का दूसरी बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं कराया जाएगा और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि घर पहुंचने के बाद उन्हें सात दिन तक होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन करना होगा।
पुराने 13 मरीजों में से 10 में लक्षण नहीं
शनिवार को पांच नए संक्रमित सामने आए हैं। उनमें किस प्रकार के लक्षण है, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल सकी है। जबकि शेष 13 मरीज, जिनका वहां पहले से इलाज चल रहा है। उनमें से केवल एनएमक्यू शमशी के वृद्ध पिता फकरुद्दीन को आॅक्सीजन दी जा रही है। डाॅ. आकाश गढ़वाल, आरक्षक राजेंद्र मांझी और धर्मवीर में हल्के से लक्षण हैं। शेष संक्रमितों में बीमारी के लक्षण नहीं है। ऐसे में गाइडलाइन लागू होने के बाद इन सभी को 10 दिन की अवधि पूरी होते ही डिस्चार्ज करा जा सकता है। केवल शमशी के पिता का दूसरी बार आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा।
विधिवत आदेश मिलने के बाद ही कार्रवाई करेंगे
सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल में संक्रमितों का इलाज कर रहे डाॅ. विजय गर्ग ने बताया कि गाइडलाइन के संबंध में उन्हें भी जानकारी प्राप्त हुई है। लेकिन अभी तक विधिवत आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में जब तक आदेश प्राप्त नहीं होता। संक्रमित मरीजों को पूर्व की गाइडलाइन के अनुसार डिस्चार्ज किया जाएगा।



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New guide line… 10 patients can be discharged soon due to no symptoms




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30 साल के लड़के से हो रहा था 14 वर्षीय बालिका का विवाह, टीम ने रोका

विशेष किशोर पुलिस इकाई ने मालथौन के हरिपुर गांव में 14 वर्षीय बालिका के साथ होने जा रही 30 साल के लड़के की शादी रोक दी है। इकाई की ज्योति तिवारी ने बताया कि शनिवार को दोपहर के वक्त मुखबिर ने मालथौन थाने के तहत आने वाले हरिपुर गांव में एक 14 साल की लड़की का विवाह रचाए जाने की सूचना दी थी।
सूचना मिलते ही टीम पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देश पर मौके पर रवाना हो गई। टीम जब गांव पहुंची तब लड़की को हलदी लगाने की रस्म अदा की जा रही थी। टीम ने परिवार से लड़की की उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। जांच करने पर लड़की की उम्र 14 वर्ष निकली। चूंकि लड़का भी गांव का ही था। लिहाजा टीम उसके घर भी पहुंची। दस्तावेज जांचने पर उसकी उम्र 30 वर्ष पाई गई। टीम ने लड़की पक्ष के लोगों को बुलाकर यह विवाह राेकने की बात कही। काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्ष शादी रोकने तथा बालिग होने के बाद लड़की का ब्याह करने के लिए तैयार हुए। टीम में अविनाश रजक, भानु प्रताप, कल्याण सिंह लोधी तथा अन्य शामिल थे।
मजदूरों को राशन बांटा
इसी दौरान टीम ने जन साहस विकास युवा मंडल की मदद से खुरई ब्लॉक में पलायन कर आए मजदूरों के परिवारों को 1 माह का राशन बांटा। टीम ने ग्राम अंडेला, खिमलासा, पथरिया जेगन में अलग-अलग स्थानों पर मिले आदिवासी व गरीब वर्ग के लोगों को एक बोरी आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो दाल, 3 किलो शक्कर, 5 लीटर तेल, नमक, हल्दी तथा साबुन दिया।



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हरियाणा से फिर 1280 लोगों को लेकर स्पेशल ट्रेन पहुंची, सागर के सिर्फ 16

लॉकडाउन में हरियाणा में फंसे सागर समेत मप्र के 18 जिलों के मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन दूसरे दिन शनिवार को भी सागर पहुंची। इस ट्रेन में सागर के 16 समेत कुल 1280 श्रमिक समेत उनके बच्चे भी शामिल थे। जिनकी जांच करते हुए उन्हें अपने जिलों के लिए बसों से रवाना किया गया। हरियाणा के रेवाड़ी से स्पेशल ट्रेन शनिवार को सुबह 6 बजे सागर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस दौरान सभी श्रमिकों को बारी-बारी उनके कोच से उतारा गया।
अलग-अलग जिलों के श्रमिकों को परिसर के बाहर खड़ी बसों तक पहुंचाने के लिए निकासी भी अलग-अलग बनाई गई थी। निकासी गेट पर ही उनके हाथों को सैनिटाइज से साफ कराया गया। रेलवे स्टेशन पर पहले से ही तैनात मेडिकल टीमों ने उनका जांच की तो उनके नाश्ता, भोजन आदि पानी की व्यवस्था की गई थी।
मजदूरों की घर वापसी को लेकर उनकी चेहरों पर सुकून भी नजर आया है तो उनके बच्चे भी खुश थे। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराते हुए परिसर के बाहर तक ले जाया गया। जहां सैनिटाइज बसों से अपने-अपने जिलों को रवाना किया। इस दौरान कलेक्टर प्रीति मैथिल, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार, उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे, अपर कलेक्टर अखिलेश जैन, संयुक्त कलेक्टर अंजली शाह, सिटी मजिस्ट्रेट पवन वारिया, सीएचएमओ डॉ. एमएस सागर, नोडल अधिकारी डॉ. धीरेंद्र मिश्रा,आरटीओ प्रदीप शर्मा, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत, एसडीएम संतोष चंदेल, तहसीलदार नरेंद्र बाबू यादव, स्टेशन प्रबंधक नरेन्द्र सिंह, आरआरटी टीम, आरपीएफ, जीआरपी, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य, राजस्व, स्कूल शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी मौजूद थे।

यह बोले श्रमिक
महाप्रसाद पाल ने बताया कि डेढ़ महीने से काम बंद था। पैसे की कोई व्यवस्था नही थी। काफी परेशान होना पड़ रहा था। लेकिन सरकार मजूदरों की सुध ली और घर वापसी का इंतजाम कराया।
घनश्याम कोरी वहां मजदूरों की सबसे खराब हालात है। राहत सामग्री पहुंचाई तो मिल रही थी, लेकिन बच्चों दूध के लिए परेशान हो जाते थे। घर वापस आकर खुश हूं।

ट्रेन और बसों को कराया गया सैनिटाइज
मजदूरों को लेकर आई स्पेशल ट्रेन को उनके जाने के बाद सैनिटाइज किया गया। वहीं अधिकारियों के वाहन भी समेत जिन बसों में मजदूरों को भेजा गया है। वह सभी भी सैनिटाइज किए गए।



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असम से आए 25 छात्र 14 दिन तक घर में रहेंगे

जवाहर नवोदय विद्यालय में शनिवार को असम के सोडलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से जिले के लगभग 25 छात्र आए। यहां आने के बाद प्रशासन व डॉक्टरों की टीम ने सभी बच्चों का परीक्षण किया। साथ ही जिस बस से वह आए थे उसे तथा पूरे सामान को सेनेटाइज किया। इसके बाद बच्चों को उनके घर पहुंचाने के साथ होम क्वारेंटाइन किया जाएगा।
जवाहर नवोदय विद्यालय पिछोर डबरा से 21 बच्चों को लेकर 6 मई को बस असम के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद असम से शनिवार को ग्वालियर जिले के 25 बच्चे जवाहर नवोदय विद्यालय पिछोर वापस आए। बस से वापस आए कृष्ण कुमार चौबे, विवेक रावत, लव-कुश लोधी, किरण पाल, अंजलि राठौर, उन्नति कुशवाह, सरिता भगत, करिया, मुस्कान सहित 17 बालक एवं 8 बालिका जवाहर नवोदय विद्यालय वापस आए। डॉक्टर उदयभान कुशवाह ने बच्चों एवं साथ में आने वाले शिक्षकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इस मौके पर आनंद गोस्वामी, प्राचार्य अजय राज सिंह, नेतराम पचौरी, विनोद तिवारी, सुरेंद्र कुशवाह मौजूद थे।



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औद्योगिक क्षेत्र की 125 इकाइयों में सिर्फ15 चालू, उनमें भी 5 प्रतिशत श्रमिक ही कर रहे काम, पिछड़ रहा उत्पादन

औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर की 125 में 15 कंपनियां लॉकडाउन के दौरान चल रही हैं। इनमें भी महज 5 प्रतिशत श्रमिक ठेकेदारी प्रथा पर काम कर रहे हैं। बाकी फैक्टरी इसलिए चालू नहीं हो पा रही हैं क्योंकि काम करने वाली लेबर नहीं पहुंच रही है। ऐसे में इंडस्ट्रीज एरिया में काम करने वाले 15 हजार वर्करों में से 700 से 800 श्रमिक ही काम कर रहे हैं।
यहां बता दें कि सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र की सभी कंपनियों को चलाने का आदेश जारी किया है। लेकिन इंडस्ट्रीज में काम करने वाला 90 फीसदी स्टाफ ग्वालियर से अपडाउन करता है। लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने कंपनी प्रबंधकों को स्पष्ट कहा है कि वह वर्करों को बार-बार न ले जाएं। अगर लेबर ले जानी है तो कंपनी में ही रखें। ऐसे में फैक्टरी मालिक इतने वर्करों को एक साथ रखने को तैयार नहीं हैं। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार के निर्णय अनुसार क्षेत्र के लोकल लोगों से ही काम कराया जाएगा।
कंपनियों में प्रोडक्शन हुआ कम
मालनपुर में एसआरएफ, नोवा, पारस, गोदरेज, सुप्रीमो, सूर्या जैसी बड़ी कंपनियां ही चल रही हैं जबकि अन्य फैक्टरी पूरी तरह से बंद हैं। इन कंपनियों में भी प्रोडक्शन बेहद कम हो गया है। उत्पादन न होने की वजह से माल का निर्यात भी घट गया है। इन परिस्थितियों में छोटी इकाइयों पर दबाव बढ़ गया है। क्योंकि इनमें बिजली, पानी का बिल हर महीने भरना होता है। साथ ही जो कंपनियां संचालित हैं वह बसों का भाड़ा दे रही हैं जबकि वर्कर कम पहुंच पा रहे हैं।



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अहमदाबाद से बस में बेहट के कोरोना संक्रमितों के साथ सिरसा के 10 लोग भी आए थे, वहां एक ही मकान में रहते थे

जिले में कोरोना का संकट मंडरा रहा है। दतिया के गाड़ी खाना क्षेत्र में मिले संदिग्ध के साथ उसके तीन परिजनों की रिपोर्ट का इंतजार बना हुआ है। इससे क्षेत्र के लाेग दहशत में हैं लेकिन इस बीच एक अाैर खतरा पैदा हाे गया है। सेंवढ़ा अनुभाग के ग्राम सिरसा में एक साथ 10 संदिग्ध और मिले हैं। सिरसा के दस लाेगाें काे इस अाधार पर संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि यह लोग ग्वालियर के बेहट में मिले दो कोरोना संक्रमितों के साथ अहमदाबाद में एक ही परिसर में रहते थे। सभी ने इन दोनों संक्रमितों के साथ यात्रा की थी। 6 मई को यह लोग गांव पहुंचे। ग्वालियर के बेहट में संक्रमित सामने आने के बाद ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर सेंवढ़ा में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम सिरसा पहुंची। सभी 10 लोगों को जिला अस्पताल लाकर आइसोलेट किया। संदिग्धों के घरों को सेनेटाइज कराया गया। इसी के साथ जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की संख्या अब 22 हो गई। इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग रविवार को भेजेगा।
शनिवार को जैसे ही लोगों ने समाचार पत्र में देखा कि ग्वालियर की बेहट निवासी भूरी कुशवाह व देवेन्द्र कुशवाह कोरोना संक्रमित है तो सेंवढ़ा में हड़कंप मच गया। कारण भूरी अहमदाबाद में जिस परिसर में रहती थी, उसी परिसर में ग्राम सिरसा के 8 लोग रहते थे। इन 8 लोगों के साथ गांव के 2 अन्य लोग 6 मई को बेहट के संक्रमितों के साथ उसी बस से सेंवढ़ा पहुंचे थे। सुबह 9 बजे जैसे ही सिरसा के ग्रामीणों का संक्रमित लोगों के साथ रहने की बात फैली।
ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच को सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम पहुंची। एसडीएम राकेश परमार व तहसीलदार कल्पना कुशवाह भी मौके पर पहुंची। इन सभी के साथ 2 उन लोगों को भी आइसोलेशन के लिए जिला अस्पताल लाया गया जो उन्हें ट्रैक्टर में बैठा कर गांव तक लाए थे। इसके अलावा परिजनों को घर पर ही होम क्वारेंटाइन कर दिया गया है।

सिरसा के संदिग्धों की यह है ट्रेवल हिस्ट्री
ग्राम पंचायत सरपंच ममता रजक के पति नबाब बताते हैं कि सभी लोग 6 मई की दोपहर में गांव पहुंचे थे। इनमें 3 बच्चे, 3 महिलाएं व 4 पुरुष शामिल हैं। यह अहमदाबाद के मेहदानी क्षेत्र में पानी की टिकिया बेचने का काम करते थे। इनके साथ इसी परिसर में बेहट निवासी संक्रमित भूरी देवी अाैर देवेंद्र कुशवाह भी रहते थे।

इन 10 लोगों को किया गया आइसोलेट, 24 लोगों को किया गया है होम क्वारेंटाइन
जंाच के लिए अर्जुन पुत्र ग्यासी कुशवाह 32 वर्ष, शकुंतला पत्नी अर्जुन कुशवाह 28 वर्ष, राहुल पुत्र अर्जुन कुशवाह 16 वर्ष, मुकेश पुत्र राजाराम कुशवाह 32 वर्ष, लाड़ो पत्नी मुकेश कुशवाह 28 वर्ष, राज पुत्र मुकेश कुशवाह 10 वर्ष, कृष्णा पुत्र मुकेश कुशवाह 8 वर्ष, मुंशी जाटव पुत्र परशुराम जाटव 28 वर्ष, राजकुमारी पत्नी मुंशी 26 वर्ष, कार्तिक पुत्र मुंशी 5 माह शामिल हैं। यह तीन परिवार अहमदाबाद से उसी बस से आए थे जिससे आए 13 लोगों की जांच में 2 पॉजिटिव निकले हैं। इसके अलावा इन लोगों को लाने वाले राजाराम कुशवाह 55 वर्ष तथा चालक वीर सिंह कुशवाह को भी जांच के लिए दतिया ले जाया गया है।

4 दिन में 22 आइसोलेट, 12 की रिपोर्ट का इंतजार
जिला अस्पताल में बुधवार से शनिवार तक 22 लोग आइसोलेट किए जा चुके हैं। बुधवार को प्रदीप विश्वकर्मा और उसके माता-पिता व बहन को आइसोलेट किया गया था। इसके बाद सेंवढ़ा से आए 10 लोगों को आइसोलेट किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को दो और सैंपल जांच के लिए डीआरडीओ ग्वालियर भेजे हैं। अब तक 86 संदिग्धों के सैंपल भेजे जा चुके हैं। जिसमें से 74 की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई है। अब 12 लोगों के सैंपल रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें प्रदीप और उसके परिवार की रिपोर्ट भी शामिल है। साथ ही सेंवढ़ा से आए 10 संदिग्धों के सैंपल रविवार को भेजे जाएंगे।



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10 people from Sirsa also came along with the corona infects of Behat in a bus from Ahmedabad, lived in the same house.




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8 दिन में राशन के लिए आए 1700 आवेदन, अब सत्यापन का काम शुरू

नगर पालिका के कंट्रोल रूम में राशन के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। प्रतिदिन 300 से अधिक लोग राशन की मांग के लिए आवेदन करने आ रहे है। अभी तक 1700 आवेदन नगर पालिका में आ चुके हैं। इनके सत्यापन का काम शुरू हो चुका है। सत्यापन का काम पूरा होने के बाद इसकी सूची खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को भेजी जाएगी, उसके बाद पात्र और जरूरतमंद लोगों को 10-10 किलो गेहूं का वितरण किया जाएगा।
कंट्रोल रूम के राशन के प्रभारी अनुज शिवहरे के अनुसार 1 मई से लेकर 8 मई तक 1700 जरूरतमंद लोगों ने राशन की मांग के लिए आवेदन किए हैं। चूंकि राशन पात्र लोगों के पास ही पहुंचे इसलिए शासन के निर्देश पर इनका सत्यापन का काम किया जाना है।
सत्यापन का काम निकाय के विभिन्न 30 वार्डों में बनाए गए निगरानी समिति के माध्यम से किया जा रहा है। वार्ड प्रभारियों को उनके वार्डों की सूची तैयार कर दे दी गई है। उस सूची के माध्यम से इन टीमों के सदस्यों ने सत्यापन का काम शुरू कर दिया है।

इसलिए बढ़ रही आवेदनों की संख्या
दरअसल लॉक डाउन शुरू होने के बाद कई सामाजिक संस्थाओं ने जरूरतमंद लोगों को कच्चा राशन और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए थे। लेकिन लॉक डाउन बढ़ता गया तो सामाजिक संस्थाओं द्वारा दी गई राशन सामग्री भी खत्म हो गई। अब अधिकांश सामाजिक संस्थाओं ने राशन सामग्री और भोजन के पैकेट भी बांटना बंद कर दिए हैं। जिससे लोग अब खाने-पीने के लिए मोहताज हो गए हैं, जिससे वह राशन की मांग के लिए नगर पालिका आवेदन करने पहुंच रहे हंै।



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1700 applications for ration in 8 days, now verification work started




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17 ग्राम पंचायतों में नलजल योजना बंद, पानी की टंकियां बनीं शोपीस

कैलारस जनपद में कुल 65 ग्राम पंचायत हैं, इनमें से 20 ग्राम पंचायतों में नल जल योजना चालू थी, लेकिन इस वर्ष भीषण गर्मी में 17 ग्राम पंचायतों की नल जल योजना पूर्ण रूप से बंद पड़ी है। पानी की किल्लत हो रही है। कुछ ग्राम पंचायतों में हैंडपंप भी खराब पड़े है। पथरीले क्षेत्र एवं आदिवासी परिवार पानी की समस्या से जूझ रहे है। लोग एक किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। जबकि कोरोना बीमारी का दौर चल रहा है और लॉक डाउन में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। सरपंच, सचिव और पीएचई विभाग शिकायत के बाद भी लोगों की समस्या नहीं सुन रहा है। इसकी शिकायत खेड़ाकला सरपंच मीरा रमेश शाक्य ने कई बार शिकायत की। उनका कहना है गांव में खुदाई करवा दी है लेकिन पाइप आज तक नहीं पहुंचे हैं, कोई सुनवाई नहीं हुई। नलजल योजना के लिए बनाईं गईं पानी की टंकियां शोपीस बनी हुई हैं। पनिहारी, मामचौन गांव के आदिवासी परिवार के लोग कुआं एवं नदी का पानी पी रहे हैं। वहीं गुलपुरा, खेड़ाकला, डमेजर, डुगरावली, देवरी, किसरौली, पनिहारी, नेपरी, पचेखा, चमरगवा, सगोरिया, सुजर्मा, उचाड़, बधरेटा, शहदपुर, कुटरावली, डोगरपुर ग्राम पंचायत में नलजल योजना बंद पड़ी है। पानी की भारी किल्लत से ग्रामीण जूझ रहे हैं। कैलारस की कोटसिथरा, दीपेरा में नलजल योजना संचालित हो रही है। हालांकि इनमें भी कुछ क्षेत्र में पाइप नहीं बिछाए गए हैं। कुछ मोहल्लों में पानी नहीं जाता है। दीपेरा गांव के लोग पानी के लिए शिकायत कर रहे हैं।

सरपंच, सचिवों की नहीं रूचि
पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच सचिवों को पानी के काम में कुछ मिलता नहीं है, इस कारण यह लोग ध्यान नहीं देते। सरकार के आला अधिकारियों को इस और ध्यान देना चाहिए। पानी टैंकर परिवहन के नाम पर फर्जी रूप से पैसा आहरण किया जा रहा है। कैलारस जनपद के रीझोनी गांव से जनपद सदस्य रेखा ऋषिकेश शर्मा ने भी नल जल योजना की शिकायत की है। पर आज तक बंद पड़ी नल जल योजना को पीएचई विभाग ने चालू नहीं कराया है। इस विभाग का कैलारस में कोई कार्यालय नहीं है, सबलगढ़ है। इस कारण और परेशानी होती है।

कलेक्टर ने दिए निर्देश फिर भी असर नहीं
चार दिन पहले ही मुरैना कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि नलजल योजनाओं को चालू कर ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से उबरा जाए, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि पानी की समस्या से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
जल्द चालू करवा देंगे
बीके पांडे, सहायक यंत्री पीचई विभाग सबलगढ़ के मुताबिक, कैलारस जनपद के सरपंच सचिव नल जल योजना में रुचि नहीं लेते हैं, ऐसे में नलजल योजना कैसे चालू कराएं। गांवों में विवाद होता है। इस कारण नलजल योजना बंद पड़ी है। कैलारस सीईओ को आवेदन भी दिया, पर किसी का सहयोग नहीं मिला। हालांकि जिलास्तर पर समस्या बताकर बंद नल जल योजना जल्द ही चालू करवा देंगे।



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Nal water scheme closed in 17 gram panchayats, water tanks became showpiece




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12 लाेग संक्रमण से मुक्त हुए, 86 की रिपाेर्ट भी निगेटिव, लेकिन जिले में काेराेना से दूसरी माैत

जिले के लिए राहत के साथ ही दु:ख की खबर है। एक और जहां 12 मरीज संक्रमण से मुक्त हुए हैं, साथ ही 86 लाेगाें की रिपाेर्ट निगेटिव अाई है ताे दूसरी अाेर जिले में दूसरी काेराेना के चलते दूसरी माैत हो गई है। कुक्षी की महिला ने इंदाैर में इलाज के दाैरान शनिवार काे दम ताेड़ दिया।
इधर 108 एंबुलेंस के पायलट की भी इंदाैर में माैत हाे गई। शुक्रवार काे उसकी तबीयत बिगड़ी थी। उसका सैंपल लिया गया है। डाॅक्टराें काे प्रथम दृष्टया उसकी माैत हार्ट अटैक से हाेने की अाशंका है। इधर धार के कंटेनमेंट एरिया से दाे लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया गया है। एरिया के जिन घराें में विभिन्न कारणाें से माैत हुई थी, उन घराें का भी सर्वे किया जा रहा है।
कंटेनमेंट एरिया से 2 लाेगाें काे क्वारेंटाइन किया
कंटेनमेंट एरिया उटावद दरवाजा में दाे लाेगाें की स्क्रीनिंग के बाद उनका तापमान बढ़ा हुअा पाया। उनमें अन्य लक्षण भी दिखे। इस पर उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। यह कार्रवाई प्रशासन अाैर स्वास्थ्य अधिकारियाें के निर्देश पर की गई। इधर कंटेनमेंट एरिया के जिन घराें में विभिन्न कारणाें से जिन लाेगाें की मृत्यु हुई थी, उनके घराें का टीम सर्वे कर रही है। उन्हें भी गाेली अाैर अन्य दवाइयां दी जा रही है। यह बात भी सामने अाई है कि कंटेनमेंट क्षेत्र में लाेग स्वास्थ्य विभाग का सहयाेग नहीं कर रहे थे। इस पर पुलिस की टीम भी पहुंची थी।

शुक्रवार काे डेहरी से कोरोना मरीज को लेकर धार अा रहे 108 एम्बुलेंस के पायलट कबरसिंह पिता भूरसिंह चाैहान की तबीयत बिगड़ गई थी। साथी ड्राइवर ने उसे पानी पीने के लिए कहा था लेकिन उसने पीपीई किट पहन रखा था इसलिए पानी नहीं पिया। जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद वह बेहाेश हाे गया था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर जैसे-तैसे ड्राइवर उसे धार लेकर आया। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने पीपीई किट फाड़ कर उसका इलाज किया। ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उसे इंदौर रैफर कर दिया गया था। जहां शनिवार काे बाॅम्बे हाॅस्पिटल में उसकी मौत हो गई है। कबरसिंह 24 अप्रैल से लगातार ड्यूटी कर रहा था। 108 एंबुलेंस संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप परमार ने शासन की घाेषणा के अनुसार 50 लाख का बीमा देने की मांग की है। परमार ने कहा कि एंबुलेंस चालक सबसे बड़े कोरोना वाॅरियर्स हैं जो लगातार कम तनख्वाह पर कोरोना संदिग्धों को लाने ले जाने का लगातार काम कर रहे हैं। कबरसिंह बाग में तैनात थे। परमार ने अाराेप लगाया कि कई लाेगाें काे बिना किट अाैर सुरक्षा साधनाें के ही काम करना पड़ रहा है। यदि बीमा नहीं दिया जाता है ताे हम अांदाेलन करेंगे।


4 दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हाेने पर इंदाैर रैफर किया था
कुक्षी की काेराेना पाॅजिटिव मंजुला जैन 60 साल काे चार दिन पहले सांस लेने में तकलीफ हाेने पर उन्हें इंदाैर के अरबिंदाे अस्पताल में रैफर किया गया था। उनका अाॅक्सीजन लेवल भी कम हाे गया था। शनिवार काे उनकी मृत्यु हाे गई। जिला महामारी नियंत्रण अधिकारी डाॅ. भंडारी के अनुसार उनका इंदाैर में ही पुलिस अभिरक्षा में अंितम संस्कार कर दिया गया। उनकी मृत्यु की सूचना उनके परिजन काे दे दी गई थी। गाैरतलब है कि उनके बेटे-बहू काे भी पाॅजिटिव पाया था। हालांकि परिवार के कुछ लाेग अब निगेटिव हाे चुके हैं।

पुलिस प्रशासन ने बाहर घूमने वालाें पर दिखाई सख्ती
धरमपुरी में 8 मई काे काेराेना पाॅजिटिव मरीज मिलने से कलेक्टर श्रीकांत बनोठ के निर्देश पर मनावर एसडीएम दिव्या पटेल ने धरमपुरी तहसील क्षेत्र में आगामी अादेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। शनिवार सुबह से ही पुलिस प्रशासन ने धामनोद नगर सहित तहसील में बाहर घूमने वालाें पर सख्ती दिखाई।
धरमपुरी के मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री ने शासन-प्रशासन को चौंका दिया था। इसके चलते धरमपुरी के डॉक्टरों एवं धामनोद के एक दंत चिकित्सक से उपचार कराने पर धरमपुरी के 36 एवं धामनोद के 18 लोगों को क्वारेंटाइन करने के बाद कर्फ्यू लगाया है। धरमपुरी, धामनोद से बाहर जाना एवं भीतर आना प्रतिबंधित है। पूर्व में जारी सभी अनुमति व पास निरस्त कर दिए। शासकीय, अशासकीय कार्यालय,औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। परिवहन के सभी साधन पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अनिवार्य सेवाओं काे ही छूट रहेगी।
दूध की होम डिलीवरी करने वाले विक्रेता सुबह 7 से 11 एवं सायं 5 से 7 बजे तक बांट सकेंगे। गेहूं उपार्जन के लिए जिन किसानों को शासन से एसएमएस प्राप्त हुए वे ही दाे लाेग मय ट्रैक्टर-ट्राॅली के उपार्जन केंद्रों तक आने-जाने की छूट रहेगी। एसडीओपी एनके कंसाेटिया ने भी लाेगाें से घर में रहकर कानून व्यवस्था का पालन करने की समझाइश दी।



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12 people were free from infection, the report of 86 was also negative, but the second outbreak of Kerena in the district




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उज्जैन से आए 21 प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर होम क्वारेंटाइन किया

उज्जैन से आए 21 प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर उन्हें होम क्वारेंटाइन किया गया। जनपद पंचायत सीईओ जोशुआ पीटर को सूचना मिली थी कि उज्जैन से एक बस में 21 लोग आ रहे हैं।
उन्होंने बीएमओ डॉ. जीएस चौहान को इसकी जानकारी दी। बस में आए 21 में से 7 लोग रामा ब्लॉक के थे। शेष में से 8 लोग ग्राम वगाई बड़ी और 6 ग्राम धामनी कटारा के थे। अस्पताल परिसर में इनकी जांच हुई। आवश्यक निर्देश देकर इन्हें वाहनों से इनके गांव पहुंचाया गया।



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Screened 21 migrant laborers from Ujjain and quarantined home




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गुजरात में फंसे कामठ के 15 मजदूर घर लाैटे

लॉकडाउन में गुजरात के मोरवी जिले में फंसे करीब 15 मजदूराें को शुक्रवार शाम को बागली लाया गया। ये सभी खेती कार्य करने के लिए गुजरात गए थे। सभी बेहरी के समीप चारबड़ी पंचायत के कामठ गांव के निवासी हैं। बागली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सभी काे रात करीब 9 बजे बस से चौपाल तक छोड़ा गया। प्रशासन द्वारा बस की व्यवस्था कर लोगों को घर तक पहुंचाया गया।



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3 साल का बच्चा था मरीज, अस्पताल में14 दिन साथ रहने पर भी मां को नहीं हुआ संक्रमण

जिले के सबसे कम उम्र के काेराेना पाॅजिटिव 3 साल के मुमताज की मां साहिबा संक्रमित नहीं थीं। 14 दिन तक अपने बच्चे के साथ रहीं और उसे काेराेना के जाल से निकाल लाईं। काेराेना उनकी ममता काे छू न सका, क्याेंकि बच्चे के साथ रहने के बाद भी उनकी जांच रिपाेर्ट निगेटिव ही आई। बच्चे काे ठीक हुए एक सप्ताह हाे चुका है और अब वह घर में मुस्कान बिखेर रहा है।
साहिबा जिला अस्पताल में बिताए उन 14 दिनाें काे याद करते हुए बताती हैं- जब बच्चे की रिपाेर्ट पाॅजिटिव आई और कहा गया कि बच्चे काे लेकर मुझे परिवार से अलग एक कमरे में रहना पड़ेगा ताे घबरा गई थी लेकिन बच्चे की जान बचाने के लिए यह जरूरी था। डाॅक्टर ने कहा बच्चे काे खुद से दूर रखाे लेकिन इतने छाेटे बच्चे काे कैसे दूर रख सकती थी। पूरे समय मास्क लगाती थी, हाथ में ग्लब्ज पहने रखती थी। बच्चा बड़ी मुश्किल से मास्क पहनता, क्याेंकि उसकी साइज बड़ी थी। फिर सिस्टर अपने घर से बच्चे के लिए उसकी साइज का छाेटा मास्क बना कर लाई।
वीडियाे काॅलिंग कर परिवार से बात कराती थी
मुमताज को जब याद आजाती, बाेलता- पापा के पास चलाे, दादा के पास चलाे। वीडियाे काॅलिंग कर उनसे बात कराती। कभी उसके पापा, कभी दादा-दादी, कभी बुअा वीडियाे काॅल कर बात कर उसका समय काटते। दिन में उसे बहलाकर सुला देती। दाे-तीन घंटे एेसे निकल जाते थे। माेबाइल में पाेयम सुनाती, बाेलता था मम्मी जाॅनी-जाॅनी यस पापा वाली सुनाअाे। लूडाे गेम खेलने के लिए माेबाइल दे देती ताे उसमें समय बीतता। कभी जिद करने लगता ताे बाेलती थी, बाहर पुलिस है। यह डर ताे कभी रहा ही नहीं कि इससे मुझे भी काेराेना हाे जाएगा।
चाॅकलेट दी ताे सिस्टर काे कहने लगा दादी
साहिबा बताती हैं- बच्चा एक जैसा खाकर कई बार बाेर हाे जाता था। एक बार ताे डाॅक्टर से ही बाेल दिया कि राेज राेज दाल खिलाते हाे, कभी पनीर नहीं खिलाते हैं। सिस्टर ने चाॅकलेट लाकर दी ताे उन्हें दादी कहने लगा। स्टाफ कभी बिस्किट, कभी चाॅकलेट, कभी अंगूर लाकर देते थे।



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3-year-old child was a patient, mother did not get infection even after 14 days stay in hospital




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78 नए मरीज मिलने से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1858 पर पहुंचा, शहर में 30 मई तक जारी रह सकता है लॉकडाउन

शहर में कोरोनावायरस के नए मरीज मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार रात आई रिपोर्ट में 78 लाेगों में इस बीमारी की पुष्टि की गई जिससे शहर में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1858 पर पहुंच गया है। वहीं लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने से 17 मई को लॉकडाउन खुलने की संभावना नगण्य है, इंदौर में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रह सकता है। हालांकि इसमें चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।

शनिवार रात आई रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1858 हो गई है। शनिवार को 1196 सैंपलों में से 1118 की रिपोर्ट निगेटिव आई जबकि 78 की पॉजिटिव। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार अब तक इंदौर जिले में 13940 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। वहीं अब तक इस बीमारी से 89 लोगों की मौत हो चुकी है। एक राहत वाली बात यह है कि 891 मरीज इस बीमारी से पूरी तरह से ठीक भी हो चुके है। वर्तमान में 878 कोरोना पॉजिटिव मरीजाें का उपचार विभिन्न अस्पतालों में किया जा रहा है।

घर के पास वाली बैंक शाखा से ले सकेंगे पेंशन, जाकर देना होगा आवेदन
बैंक बंद होने से पेंशनरों को पेंशन लेने मेंसमस्या आरही है। एेसे में कलेक्टर मनीष सिंह ने आदेश जारी किया है कि पेंशनरों को घर के पास वाली पेंशन संबंधी बैंक की शाखा में जाकर आवेदन करना होगा। संबंधित बैंक लीड बैंक मैनेजर को ई-मेल कर इसकी जानकारी देंगे और ऑनलाइन मंजूरी लेंगे। मंजूरी मिलने पर बैंक पेंशनर को तय समय देकर उन्हें बुलाएंगे। यह मंजूरी 11 से 25 मई तक के लिए जारी की है। पेंशनर काे बैंक जाने-आने के लिए अलग पास की जरूरत नहीं होगी। उन्हें पेंशन बुक, पेंशन पेमेंट आर्डर आदि साथ में रखना होगा। बैंक पेंशनराें तक पहुंचने के लिए मोबाइल वैन के जरिए कियोस्क भी चला सकते हैं। इसके लिए बैंक प्रबंधन एडीएम बीबीएस तोमर के पास आवेदन कर कियोस्क की मंजूरी ले सकते हैं। जिले में अभी करीब सवा लाख पेंशनर हैं।



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इंदौर में लगातार पॉजिटिव मरीज मिलने से 17 मई को लॉकडाउन खुलने की संभावना नगण्य है, इंदौर में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रह सकता है।




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शहडोल में 9 मजदूरों के शवों को परिजनों की इच्छा पर एक साथ दफनाया, उमरिया के पांच श्रमिकों की अंत्येष्टि

शुक्रवार कोऔरंगाबाद में रेल हादसे का शिकार हुए 16 मजदूरों के शव शनिवार को सुबह 11.30 बजेट्रेन से जबलपुर लाए गए। इसके बाद उनके गृह जिलों शहडोल और उमरिया मेंउनके गांवममान और चिल्हारी ले जाया गया।देर शाम शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपनों केक्षत-विक्षतशव देखकर परिजन बदहवास हो गए। घर कीमहिलाओं को संभालना मुश्किल हो गया। शहडोल के अंतौली गांवमें 9 मजदूरों के शवकोपरिजनोंकी इच्छा पर एक साथदफनाया गया। वहीं उमरिया के ममान गांव में 4 औरएकमजदूर की चिल्हारी गांव मेंअंत्येष्टि की गई।प्रशासन ने परिजनों को तत्कालिक राहत के तौर पर एक-एक लाख रुपए केचेक सौंपे हैं।

उमरिया के गांव ममान में मृतक श्रमिकों की अंत्येष्टि की गई।

उमरिया से शवों को उतारकर ट्रेन रवाना हुई तो4 बजे बजे शहडोल पहुंची। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शवों को ट्रेन से उतरवाकर एंबुलेंस में गांव के लिए रवाना किया गया। हादसे में मारे गए 11 लोगशहडोल के अंतौली गांव के रहने वाले थे, यह सभीआपस में सगे-संबंधी थे। यह लोग एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। ऐसे मेंपूरे गांव में मातम पसरा रहा। मृतकों में तीन भाई भीथे। यहां 9 शवों को परिवार की इच्छा के बाद दफनाया गया।

उमरिया में हादसे में मारे गए मजदूर की मां का बुरा हाल था। प्रशासन ने मौके पर तत्कालिक आर्थिक सहायता दी है।
इसके पहले शाम को शवों को एंबुलेंस से गांव लाया गया।

उमरियामें प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार

उमरिया जिले में आज औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मरने वाले 5 श्रमिकों के शव विशेष ट्रेन द्वारा लाकर उनके गृह ग्राम ममान ले जाया गया, जहां पर प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया।ट्रेन के पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोगस्टेशन के बाहर पहुंच गए। हालांकि, पुलिस ने सभी को बाहर रोक दिया। इसके बाद एंबुलेंस में चार मजदूरों के शवों कोममान पाली भेजागया। इस एंबुलेंस में ही हादसे में जीवित बचे वीरेंद्र सिंह को भेजा गया। वीरेंद्र, शवों के साथ ही ट्रेन से पहुंचेथे। वहीं, एक अन्य मजदूर का शवचिल्हारी मानपुर भेजा गया।



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औरंगाबाद हादसे का शिकार हुए शहडोल के 9 मजदूरों को उनके घर वालों की मर्जी पर दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया।




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खतरनाक संक्रमण ने दो जान और ली, राज्य में मौत का आंकड़ा अब 31; लुधियाना में नांदेड़ से लौटे श्रद्धालु की मौत का पहला मामला

पंजाब में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम ही नहीं ले रहा। शनिवार को सूबे में दो और लोगों की जान इस खतरनाक वायरस ने ले ली।लुधियाना मेंश्री हुजूर साहिब नांदेड़से लौटे56 वर्षीय गुरजंट सिंह को शनिवार तड़केहार्ट अटैक हुआ। जिले के गांव मानूके के रहने वाले गुरजंट की 30 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद सिविल हॉस्पिटल लुधियाना में एडमिट किया गया था। जिले में अब 6 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन नांदेड़ से लौटने वाले किसी व्यक्ति की पहली मौत है।

उधर, होशियारपुर जिले में शनिवार कोएक मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। तलवाड़ा के 62 वर्षीय ओंकार सिंह की बीती 7 मई को मौत हो चुकी है, लेकिन कोरोना संक्रमण की पुष्टि शनिवार को हुई है। बताया जाता है कि सिर पर चोट लगने की वजह से काफी समय पीजीआई चंडीगढ़ से नियमित उपचाराधीनचल रहा था। इस संबंधी सिविल सर्जन डॉ.जसवीर सिंह ने बताया कि इस मौत के साथ जिला होशियारपुर में कोरोना वायरस के चलते मरने वालों की संख्या 4 हो गई है।

कहां कितने लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई आज

शनिवार को जालंधर जिले मेंसबसे ज्यादा 17 लोगों को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके अलावा फतेहगढ़ साहिब में 5, रोपड़ में 4, पठानकोट में 2 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसी तरह होशियारपुर, पटियाला और कपूरथला में भी आज 1-1 व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला। इनमें से होशियारपुर में पुष्टि मौत के बाद हुई है।

किस जिले में फिलहाल क्या स्थिति है?

जिले का नाम कुल संक्रमित ठीक हो चुके अब तक हुई मौतें
अमृतसर 287 8 3
जालंधर 175 17 5
तरनतारन 157 0 0
लुधियाना 125 8 6
गुरदासपुर 116 0 1
नवांशहर 103 18 1
पटियाला 96 14 2
मोहाली 95 52 3
होशियारपुर 90 6 4
संगरूर 88 3 0
मुक्तसर 65 1 0
मोगा 56 4 0
फरीदकोट 45 3 0
फिरोजपुर 43 1 1
बठिंडा 40 0 0
फाजिल्का 39 0 0
पठानकोट 29 10 1
फतेहगढ़ साहिब 28 2 0
कपूरथला 24 2 2
बरनाला 21 1 1
मानसा 20 5 0
रोपड़ 20 2 1


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Amritsar Ludhiana (Punjab) Coronavirus Cases Update | Punjab Corona Cases District Wise Today News; Amritsar Jalandhar Ludhiana Patiala Gurdaspur Hoshiarpur




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सोमवार से खुलेंगे सेवा केंद्र, सुबह 9 से दोपहर 1 बजे बिना पास के नागरिक आ सकते हैं, इसके बाद ‘कोवा एप’ से लेनी होगी मंजूरी

डीसी कुलवंत सिंह ने बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग, पंजाब सरकार के अादेशाें के मुताबिक जिले में नागरिकों को एक छत के नीचे सेवाएं मुहैया करवाने के मंतव्य से बनाए गए सेवा केंद्र जो कि कोरोनावायरस के फैलते खतरे को देखते हुए 23 मार्च बंद थे, अब सभी को खाेलने के लिए सरकार ने 6 मई की तारीख निश्चत की है, जिसके अंतर्गत जिले में पहला टाइप-1 सेवा केंद्र डीसी दफ्तर छावनी, टाइप-2 सेवा केंद्र म्यूंसिपल कौंसिल, मार्केट समिति दफ्तर मल्लांवाला, सिविल अस्पताल नजदीक मेन बस स्टैंड मुदकी, नजदीक निवास स्थान एसडीएम जीरा, सेवा केंद्र तहसील कांप्लेक्स गुरुहरसहाए, सब-तहसील दफ्तर ममदोट, सब -तहसील दफ्तर नजदीक एक्सचेन्ज तलवंडी भाई, तहसील मखू और टाइप-3 सेवा केंद्र अटारी, लोहके कलों, बारेके, फिरोजशाह, गांव जीवा अराई, करी कला, खाई फेमे कर, खोजा दल सिंह, लक्खा हाजी, मल्लवाल पुराना, मेघा राय उताड़, मोड़ कुसू वाला, पंजे के उताड़, रुकना बेगू, गांव शाह अबू बुकर और शेरखा वाला को खोला जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यह सेवा केंद्र सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलेंगे, लेकिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक नागरिक बिना पास के सेवा केन्द्रों में आ सकते हैं, जबकि 1 बजे से 5 बजे तक आने वाले नागरिकों को पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई ‘कोवा एप’ में सेवा केंद्र अप्वाॅइंटमेंट टैब से पास मंजूरी लेनी जरूरी होगी।

उन्होंने बताया कि इसमें नागरिकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, जिला, तहसील, स्लाट जिस दिन वह सेवा केंद्र आना चाहता है, भरेगा। जिसके उपरांत वह अपने नजदीक के सेवा केंद्र को चुनेगा और फिर विभाग का नाम, सर्विस नाम आदि सिलेक्ट करने के बाद जिस समय वह सेवा केंद्र आना चाहता है चुनेगा। उन्होंने बताया कि नागरिक अपनी अप्वाॅइंटमेंट पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई एम सेवा एप के द्वारा भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन सेवा केन्द्रों में सेहत विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक सामाजिक दूरी बनाई रखना जरूरी होगा।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को देखते जिले के सभी सेवा केन्द्रों को सैनिटाइज किया गया है जिससे सेवा केन्द्रों के अधिकारियों को यहां आने वाले लोगों को कोरोना वायरस के फैलने का खतरा न हो।



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The service center will open from Monday, 9 am to 1 pm, without citizens can come nearby, after this, approval will have to be taken from 'Kova App'




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

एक तरफ पूरा संसार कोरोना वायरस की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, वहीं कुछ महिलाएं जो पेशे से डॉक्टर, सिविल अधिकारी, पुलिस अधिकारी के साथ माताएं भी हैं, वह इन दिनों अपनी ड्यूटी आगे होकर कर रही हैं। आज भास्कर मदर्स डे पर ऐसी ही महिलाओं की कहानियां लेकर आया है जो अपने परिवार में रहते हुए अपने छोटे-छोटे बच्चों को घरों में छोड़कर समाज के लिए आगे होकर कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी से दो-दो हाथ कर रही हैं।

8 माह की बेटी को पति के पास छोड़कर कोरोना वाॅरियर्स के तौर पर दे रहीं ड्यूटी
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में शहर के प्रीत नगर निवासी महिला सब इंस्पेक्टर रिंपल रानी अपनी 8 माह की बच्ची को घर में अपने पति के पास छोड़कर कोरोना यौद्धा के तौर पर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। रिंपल की ड्यूटी के दौरान घर में उनके पति बच्ची की देखभाल कर रहे हैं। रिंपल सुबह बच्ची के लिए दूध आदि की व्यवस्था कर अपनी ड्यूटी पर जाती हैं तो उसके बाद पूरा दिन उनके पति ही बच्ची की देखभाल कर रहे हैं।

वहीं जब वह ड्यूटी के बाद शाम को घर पहुंचती हैं तो बच्ची उन्हें लिपटने को होती है मगर कोरोनावायरस महामारी के चलते वह नहाने के बाद बच्ची को मिलती हैं। छावनी के मेन बाजार में लगाए गए नाके पर तैनात महिला सब इंस्पेक्टर रिंपल रानी ने बताया कि हालांकि छोटी बच्ची होने के चलते कई बार उन्हें लगता है कि उसकी देखभाल बहुत जरूरी है मगर जब पूरे देश पर संकट की घड़ी आ खड़ी हुई है तो लोगों की सुरक्षा के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है।

वहीं उन्होंने कहा कि उनके पति प्यारा सिंह सरकारी अध्यापक हैं और लॉकडाउन होने के चलते वह अभी घर में हैं जोकि उसका हौंसला बढ़ाते हैं कि वह बच्ची की िंचंता न करे और अपनी ड्यूटी पर जाए। रिंपल ने कहा कि वह जब घर पहुंचती हैं तो छोटी बच्ची अवरीन कौर उनके पास आने को बेताब होती है तो वहीं वह भी उसे मिलना चाहती हैं मगर कोरोना महामारी के चलते घर में पहुंचते ही वह नहाने के बाद पूरे एहतियात बरतने के बाद ही अवरीन को मिलती हैं।
मां का फर्ज निभाते हुए महिलाओं पर अत्याचारों को लेकर कोरोनाकाल में 50 मामले निपटाए
कांशी नगरी निवासी रीतू पलता जोकि दो बच्चों की मां हैं व प्रतिदिन सुबह उठकर घर का काम काज निपटाने के बाद अपने कार्यालय में जाकर पूरा दिन महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मामलों को निपटाने में जुटी रहती हैं। कोरोनावायरस महामारी से बचाव को लेकर जारी कर्फ्यू के पहले दिन से लगातार कार्यालय में जाकर महिलाओं के घर बिखरने से व बहुत सी महिलाओं को अपने बच्चों से मिलाने के लिए कार्य कर रही हैं। 23 मार्च से लेकर अब तक वह 50 से अधिक मामलों का निपटारा करवा चुकी हैं।

अपनी मां की इस हिम्मत और हौंसले को देखकर उनके बच्चे उन्हें यूनिवर्स बेस्ट माॅम कहते हैं। सिविल अस्पताल स्थित वन स्टॉप सेंटर सखी में कोऑर्डिनेटर के तौर पर तैनात रीतू पलता 23 मार्च से अब तक सेंटर में आए मामलों में से 22 मामलों में राजीनामे करवा चुकी हैं, 18 मामलों में पीड़िताओं को पुलिस हेल्प मुहैया करवाई हैं तो 2 पीड़िताओं को लीगल हेल्प प्रोवाइड करवाई हैं। इसके अलावा उनके पास आने वाली महिलाओं की अन्य कॉल में लोगों द्वारा उन्हें अश्लील कॉल करने जैसे कई मामलों को ट्रेस करवाया गया है।

लाॅकडाउन के पीरियड के दौरान सेंटर में महिलाओं के साथ अत्याचार व ऐसे ही कुछ अन्य करीब 50 मामलों का हल करवा चुकी हैं जिससे कई महिलाओं का घर बिखरने से बच गया तो बहुत से महिलाएं अपने बच्चों से मिल सकी हैं। मदर-डे के अवसर पर उनके बच्चों ने अपनी मां को वर्ल्ड की बेस्ट मदर कहा जोकि घर का पूरा कामकाज संभालने व कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच लोगों के मामले सुलझाने के साथ-साथ उनका भी पूरा ध्यान रख रही हैं।



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Female staff working on frontline against Kovid-19 by creating balance in their children and duty




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15 निगेटिव आए लोगों को उनके गांवों में बने एकांतवास केंद्र भेजा

रयात कैंपस रैलमाजरा में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर (एकांतवास) में रखे गए विभिन्न गांवों से संबंधित 15 व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद शनिवार को इन लोगों को उनके गांवों में बनाए गए एकांतवास सेंटरों में शिफ्ट कर दिया गया है। एसडीएम जसबीर सिंह ने बताया कि इन लोगों को अपने गांवों के एकांतवास केंद्रों में जाकर नवांशहर आने के बाद से 21 दिन पूरे करना लाजिमी करार दिया गया है। इन लोगों में 5 व्यक्ति जिले के गांवों रत्तेवाल तथा भेड़ियां से संबंधित हैं, जबकि 10 लोग जिले से बाहरी क्षेत्रों से संबंधित हैं।

यह 10 व्यक्ति इन 5 लोगों को लाने वाली बसों के स्टाफ में से थे। इस दौरान तहसीलदार चेतन बंगड़ ने बताया कि इन लोगों को ले जाने वाली बसों को सैनिटाइज किया गया और उन्हें अपना एकांतवास समय जरूरी पूरा करने का संदेश दिया गया। कस्बा काठगढ़ सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि दो बार रिपोर्टें निगेटिव आने पर इन लोगों को कोविड प्रोटोकाल का भूलकर भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए और अपने परिवारों को इस वायरस से बचाने के लिए अपने गांवों के बाहर बने एकांतवास केंद्रों में ही ठहरना चाहिए और दिन पूरे होने के बाद ही पारिवारिक सदस्यों के साथ घुलना-मिलना चाहिए।



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आशा वर्करों को ~10 हजार वेतन देने व बीमा करवाने को मेडिकल प्रैक्टिशनरों ने किया प्रदर्शन

आशा वर्कर व फैसिलिटेटर वर्करों की मांगों को लेकर गांव मानुके में मेडिकल प्रैक्टिशनर के आह्वान पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। गुरुद्वारा बाबा रामानंद में मेडिकल प्रैक्टिशनर्स यूनियन के ब्लाक अध्यक्ष डॉक्टर केवल सिंह खोटे ने कहा कि आशा वर्कर घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं। लेकिन राज्य सरकार की ओर से उन्हें न तो पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर व दस्ताने दिए गए हैं। इसके कारण पिछले दिनों मोगा जिले में चार आशा वर्कर करोना बीमारी से पीड़ित पाई गई थीं। आशा वर्करों को 10 हजार रुपए प्रति महीना वेतन व सेहत बीमा सरकार द्वारा किया जाए। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धन्नामल गोयल, जिला अध्यक्ष डॉक्टर गुरमेल सिंह, चेयरमैन बलदेव सिंह, हरजिंदर कौर, राजिंदर कौर, कर्मजीत कौर, जसपाल कौर, वीरपाल कौर, प्रीत कौर, अमनदीप कौर आदि उपस्थित थे।



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Medical practitioners demonstrate to give ~ 10 thousand salary to Asha workers and get insurance




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सरबत का भला ट्रस्ट ने 150 लोगों को पेंशन व राशन बांटे

सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के फरीदकोट यूनिट द्वारा जरूरतमंदों को मासिक पेंशन के चेक और राशन वितरित किया गया। संस्था के अध्यक्ष करमजीत सिंह हरदिलेआना प्रदीप चमक और भरपूर सिंह ने बताया कि जरूरतमंदों की मदद के अंतर्गत इस बार दो महीने की पेंशन के चेक और सुखा राशन भी वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते सरबत का भला ट्रस्ट द्वारा स्वस्थ विभाग, पुलिस विभाग और प्रशासन को पीपीई किटों, सेनिटाइजर, एन 95 मास्क, धोने योग्य मास्क, कपड़े के मास्क व सुखा राशन भी वितरित किया गया। इस अवसर पर मनदीप सिंह, करमजीत सिंह ढिल्लों, मास्टर भरपूर सिंह आदि ट्रस्ट के अधिकारी उपस्थित थे।



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Sarbat Bhal Trust distributed pension and ration to 150 people




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समाजसेवी शशिकांत ने ‘साडी रसोई’ को 10 हजार रुपए भेंट कर शादी की वर्षगांठ मनाई

पंजाब सरकार द्वारा मनोनीत समाजसेवी तथा सोशल वेलफेयर सोसायटी फाजिल्का के अध्यक्ष शशिकांत ने शनिवार काे अपनी शादी की 36वीं वर्षगांठ जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा चलाई जा रही साडी रसोई के लिए 10 हजार रुपए की राशि दान देकर मनाई।इस राशि का चेक शशिकांत ने जिला रेडक्रॉस सोसायटीफाजिल्का के सचिव सुभाष अरोड़ा को उनके कार्यालय में वरिष्ठ समाजसेवी तथा सिद्ध श्री हनुमान मंदिर फाजिल्का के संरक्षक एडवोकेट सुभाष चंद्र कटारिया की उपस्थिति में भेंट किया।
शशिकांत गत वर्ष से साडी रसोई के आजीवन सदस्य बने हैं तथा आज उन्होंने अपनी दूसरी वार्षिक राशि का भुगतान कर दिया। इस अवसर पर जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव सुभाष अरोड़ा तथा सुभाष कटारिया ने शशिकांत का आभार व्यक्त किया। श्री अरोड़ा ने बताया कि पंजाब में सर्वप्रथम फाजिल्का में साडी रसोई अप्रैल 2017 में स्थापित की गई थी, जहां पर किसी भी व्यक्ति को मात्र 10 रुपए में पौष्टिक तथा स्वच्छ खाना मुहैया करवाया जाता रहा है। प्रतिदिन 400 से 500 व्यक्ति भोजन करके जाते रहे हैं तथा 21 मार्च 2020 तक 3 लाख 50 हजार से अधिक लोग यहां से भोजन कर चुके हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते कर्फ्यू लगाए जाने के कारण 22 मार्च से रसोई का कार्य निलंबित है। सचिव अरोड़ा ने बताया कि हालात के सामान्य होने पर तथा डिप्टी कमिश्नर फाजिल्का से आदेश मिलने पर साडी रसोई का कार्य आरंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक साडी रसोई के 43 वार्षिक सदस्य बन चुके हैं जोकि प्रतिवर्ष 10 हजार या इससे अधिक राशि का सहयोग देते हैं।
इसके अतिरिक्त नगर के अन्य समाजसेवियों का भी साडी रसोई के संचालन में सक्रिय योगदान रहता है तथा बहुत से लोग अपने परिवार के सदस्यों की वर्षगांठ, पुण्यतिथि व अन्य अवसरों पर जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए रसोई में अपना सक्रिय योगदान देते रहते हैं। शशिकांत की शादी की वर्षगांठ के अवसर पर सुभाष अरोड़ा तथा सुभाष चंद्र कटारिया ने उन्हेंहार्दिक शुभकामनाएं दी और लंबे सुखमय विवाहित जीवन व्यतीत करने की प्रार्थना की।



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Social worker Shashikant celebrated the wedding anniversary by offering 10 thousand rupees to 'Sadi Rasoi'




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

दो छोटे बेटों को सास-ससुर के पास छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं डॉ. साक्षी

कोरोना वायरस की महामारी को लेकर 22 मार्च से लगातार पंजाब में कर्फ्यू लगा हुआ है। ऐसे में महिला डॉक्टर अपने दो छोटे बच्चों को सास-ससूर के पास छोड़कर मरीजों की सेवा करने के लिए ड्यूटी पर चली जाती है। जबकि महिला डॉ़क्टर के पति पिछले तीन साल से अमृतसर में सरकारी मेडिकल काॅलेज में आर्थो विभाग में पीजी कर रहे हैं। पिछले 22 मार्च से वह घर नहीं आए हैं। ऐसे में महिला डॉक्टर का त्याग चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस बार कोरोना वायरस की महामारी के दौरान पूरे विश्व की गति थम सी गई है। लेकिन महिलाओं ने इस महामारी में भी अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया है। मेडिकल अफसर डॉक्टर साक्षी जैन जोकि सरकारी अस्पताल ढूडीके में मेडिकल अफसर के तौर पर तैनात हैं, वह शादीशुदा होने के साथ उनके 6 साल व पौने दो साल के बेटे हैं। पति सौरभ जैन वह भी मेडिकल अफसर होने के साथ पिछले तीन साल से सरकारी मेडिकल काॅलेज अमृतसर में आर्थो विभाग में पीजी कर रहे है। ऐसे में वह अपने दोनों बेटों को घर छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं।

वहां हर तरह के मरीजों की चेकअप करनी पड़ती है। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले उनके इलाके की चार आशा वर्कर कोरोना पॉजिटिव आनेे के बाद ढूडीके सरकारी अस्पताल के सभी स्टाफ मेंबरों के कोरोना संबंधी सैंपल लिए गए थे। लेकिन सभी स्टाफ मेंबरों के सैंपल निगेटिव आने से राहत की सांस ली है। वहीं महिला डॉक्टर का कहना है कि 22 मार्च के बाद से अपने बच्चों व परिवार से दूरी बनाए हुए है। वह ड्यूटी से घर लौटने के बाद घर ऊपर अलग हिस्से में जाती है।

ड्यूटी पर पहने कपड़ों को धोती है और नहाने के बाद अपना खाना बनाती है। खाना बनाते समय भी पूरी सावधानी बरती जाती है। जैसे ही मास्क, हाथों में ग्लब्स व सिर पर कैप डालकर खाना बनाती है। कई बार ड्यूटी से लौटते समय बच्चे भाग कर उनकी तरफ लपकते हैं। लेकिन वह अपनी ममता को विराम दे उनको पास आने से रोकती हैं। क्योंकि वह डयूटी से आती हैं। ऐसे में वहां हर तरह के मरीजों की जांच होती है।
उनका कहना है कि तीन साल पहले वह एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गई थी।

लेकिन अपनी हिम्मत, मेहनत, लगन व ससुराल परिवार के सहयोग से उस बीमारी से कुछ समय पहले ही छुटकारा मिला है। अब वह पूरी तरह से तंदुरूस्त हैं। महिला डॉक्टर का कहना है कि इस समय जो माहाैल देश व दुनिया भर में बना हुआ है। ऐसे में लोगों की सेवा करने के बाद घर लौटने पर अलग तरह का सुकून मिलता है। उसे गर्व है कि उसकी डॉक्टरी की पढ़ाई इस मुश्किल दौर में देश के काम आ रही है। वह अपनी ड्यूटी को आगे भी तनदेही से निभाती रहेंगी।

दो बेटियों की मां महिला पुलिस कर्मी को मिला सम्मान

शनिवार को अच्छी सेवाओं के लिए एसपी(डी) द्वारा जिन पुलिसकर्मियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया उनमें दो पुलिस महिला कर्मी भी शामिल हैं। इनमें से एक महिला कर्मी शादीशुदा होने के साथ दो छोटी बच्चियों की मां भी है। सीनियर सिपाही कर्मजीत कौर रोजाना अपनी दोनों बेटियों को सास-ससुर के पास रखकर ड्यूटी आती हैं। बेटियों की चिंता भी सताती है लेकिन इस कोरोना वायरस महामारी के दौर में ड्यूटी भी जरूरी है। पुलिस ड्यूटी के साथ लोगों को कोरोना बीमारी के प्रति जागरूक करने के साथ लोगों के घरों में दवाइयां सप्लाई से लेकर बर्थडे केक व शादियां करवाकर नवदपंति को नई शुरूआत के लिए शुभकामनाएं भी दे रही है।



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Female staff working on frontline against Kovid-19 by creating balance in their children and duty




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पांच और श्रद्धालु पॉजिटिव,एक्टिव केस 122

जिले में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को जिले में कोरोना पॉजिटिव एक्टिव मरीजों की संख्या 117 थी, वहीं शनिवार को यह बढ़कर 122 पहुंच गई। शनिवार को पॉजिटिव पाए गए पांचों लोग श्री हजूर साहिब नांदेड़ से लौटे श्रद्धालु हैं, जो ब्लॉक काहनूवान से संबंधित हैं। जिले में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि बाकी का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जिले में कुल पॉजिटिव मरीजों में से 112 श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु, जबकि 10 अन्य हैं।

उधर, सिविल सर्जन डॉ. किशन चंद का कहना है कि कोरोना की महामारी से बचने के लिए लोगों को अपने घरों पर ही रहना चाहिए। लोग बिना वजह घरों से न निकलें। अगर किसी आवश्यक काम के लिए घर से निकलना भी पड़ता है तो मास्क अवश्य पहनें। इसके अलावा अपने हाथों को बार-बार धोते रहें। कोरोना से बचने का सबसे उपयुक्त स्थान घर ही है। इसलिए जितना संभव हो सके अपने घरों पर ही रहें। जिला प्रशासन ने सुबह 7 से दोपहर तीन बजे तक रोटेशन वाइज दुकानें खोलने के आदेश जारी किए हैं। इस दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखने और बेवजह घरों से न निकलने की हिदायत जारी की है।

इसके बावजूद शहर के बाजारों में लगातार भीड़ देखने को मिल रही है। प्रशासन की ओर से बाजारों में पैदल जाने के लिए कहा गया है, लेकिन शहर की सड़कों पर सारा दिन वाहनों की भीड़ जमा रहती है। ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के जिला प्रशासन के प्रयास पूरे होते दिखाई नहीं देते हैं। कुछ दुकानदार रोटेशन के नियमों का उल्लंघन कर लगातार दुकानें खोल रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह चुका है, लेकिन दुकानदार फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
67 वर्षीय विजय गुप्ता ने चंडीगढ़ में कोरोना को दी मात, ठीक होकर घर पहुंचे

कादियां के विजय गुप्ता की चंडीगढ़ के आईवीवाई अस्पताल में कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने से शहरवासियों में खुशी है। पिछले दिनों विजय गुप्ता (67) को 24 अप्रैल को चंडीगढ़ के आईवीवाई अस्पताल में किडनी की बीमारी के चलते में दाखिल करवाया गया था, जहां उनका कोविड-19 का टेस्ट 2 अप्रैल को लिया गया था, इसमें वह पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके परिजनों ने प्रशासन के साथ संपर्क साध कर बटाला में टेस्ट लिए और कृष्ण नगर के उस क्षेत्र को सील कर दिया गया था, इसमें विजय गुप्ता रहते थे। शुक्रवार देर रात करीब साढ़े दस बजे चंडीगढ़ के आईवीवाई अस्पताल में दो बार टेस्ट लिया गया और दोनों बार को कोविड-19 के टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं शहरवासियों ने भी राहत की सांस ली है।

भेदभाव करने वालों के खिलाफ जाएंगे कोर्ट: बेटा विशाल

विजय गुप्ता के बेटे मोहित गुप्ता ने बताया कि उनके बड़े भाई विशाल गुप्ता, पिता विजय गुप्ता के इलाज के लिए उन्हें चंडीगढ़ लेकर गए थे और अस्पताल में दाखिल करवा कर वापस आ गए थे। लेकिन पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वे खुद डॉक्टरों के पास बटाला गए। उन्होंने बताया कि उन्हें खुद का टेस्ट करवाने की कोई घबराहट नहीं थी, लेकिन उन्हें डर था कि कहीं दुर्भाग्यपूर्ण उनके किसी छोटे बच्चे को कोई दिक्कत न आ जाए। उन्होंने कहा कि उनका सारा परिवार डॉक्टरों तथा सुरक्षा कर्मियों का आभारी है, जिनके सहयोग के परिणामस्वरूप आज उनका पूरा परिवार सुरक्षित है।

विजय गुप्ता के बड़े बेटे विशाल गुप्ता ने बताया कि उनके पिता जी की रिपोर्ट पॉजिटव आने के बाद उनके फैक्टरी पर काम करने वाले, रिश्तेदारों, मित्रों और पड़ोसियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। पिता की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके किसी भी रिश्तेदार, पड़ोसी, वर्कर या फिर मित्र के खिलाफ किसी भी व्यक्ति से भेदभाव किया गया तो वह उस पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि कुछ शरारती तत्वों ने उनके व्यापार को नुकसान पहुंचाने के लिए कई तरह की अफवाएं फैलाई थी और इस संबंध में लीगल नोटिस भी भेज रहे हैं।



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Five more faithful positive, active case 122




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अड्डा मार्केट व्यापार मंडल में बड़ा फेरबदल- कुछ दिन पहले बनी 13 मेंबरी कमेटी ने टोनी को बनाया प्रधान

मुझे 170 व्यापारियों ने अध्यक्ष चुना, काम करूंगा : टोनी सहगल

अड्डा मार्केट के व्यापार मंडल में शनिवार को बड़ा फेरबदल हुआ। टोनी सहगल व उसके साथियों ने दावा किया कि मार्केट के 60 प्रतिशत से अधिक दुकानदारों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करके शिव राम टोनी सहगल को अड्डा मार्केट का अध्यक्ष चुन लिया है। इसके बाद ब्लाॅक कांग्रेस के अध्यक्ष संजय साहनी की उपस्थिति में शिव राम टोनी सहगल की बाकायदा ताजपोशी की गई और दुकानदारों ने टोनी को हार डालकर खुशी मनाई और पूरी मार्केट में लड्डू बांटे।
उधर, 12 साल से मार्केट के प्रधान चले आ रहे राजेश चौधरी व उनके साथियों ने टोनी सहगल की नियुक्ति प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध बताया और टोनी को अड्डा मार्केट का प्रधान मानने से इंकार करते हुए प्रधानगी राजेश चौधरी के पास ही होने का दावा किया।
शिव राम टोनी सहगल ने बताया कि 2 मई को गुरुद्वारा कलगीधर राज नगर में मीटिंग बुलाई थी। इस दौरान कोरोना महामारी को लेकर प्रशासन से तालमेल करके दुकानें खुलवाने के लिए 13 मेंबरी कमेटी बनाकर कुलदीप सिंह को कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। कमेटी को बनाने का मकसद 12 वर्ष से अड्डा मार्केट व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश चौधरी का गंभीरता से काम न करना और कई अहम मौकों पर व्यापार मंडल की मीटिंग न बुलाना था। इससे दुकानदार परेशान थे। राजेश चौधरी ने इस कमेटी में शामिल मेंबरों को शरारती अनसर कहा गया और कई व्यापारियों को धमकाया। इसे लेकर व्यापारियों में रोष था।
टोनी ने कहा कि इसके चलते कमेटी मेंबरों ने उन्हें अड्डा मार्केट के प्रधान पद के लिए रिकमेंड किया अौर बाद में प्रधान बनाने का प्रस्ताव डाला, जिस पर 220 दुकानदारों में से 170 ने हस्ताक्षर करके सहमति जताई। कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन जिन दुकानदारों को शनिवार दुकानें खोलने की अनुमति दी थी वह मार्केट में मौजूद थे। कुछ दुकानदार आ नही सके। इसलिए 170 के हस्ताक्षर हो सके। अड्डा मार्केट के दुकानदारों ने जो जिम्मेवारी सौंपी है, इसे ईमानदारी व मेहनत से निभाऊंगा।

दुकानदारों की मांगें प्रशासन के सामने उठाउंगा। अड्डा मार्केट में जलद किसान मंडी लगानी शुरू की जाएगी। इस मौके कुलदीप सिंह, नरेश अरोड़ा, जीत राम शर्मा, राम कुमार सैनी, छोटू राम कपिला, जीत सिंह सचदेवा, हरप्रीत सिंह, जसप्रीत सिंह मक्कड़, योगेश सचदेवा, दीपक सचदेवा, भुपिंदर सिंह टिक्का, राजेश अहूजा, राजन दुग्गल, मीनू साहनी, गिन्नी ओहरी, सुमित सेठ आदि उपस्थित थे।

टोनी की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध, आज भी मैं ही प्रधान : राजेश चौधरी
दूसरी तरफ, भाजपा मंडल अध्यक्ष व व्यापार मंडल अध्यक्ष राजेश चौधरी व जत्थेदार जगदेव सिंह कुक्कू ने कहा कि व्यापार मंडल अड्डा मार्केट के नए बने प्रधान की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध है। उनकी कमेटी टोनी सहगल को प्रधान नहीं मानती। कोरोना महामारी की आड़ में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की शह पर अड्डा मार्केट व्यापारियों को दो फाड़ करने की कोशिश की गई। राजेश चौधरी ने कहा कि उन्होंने हमेशा बाजार के व्यापारियों की लड़ाई आगे होकर लड़ी है और किसी से भेदभाव नहीं किया।

इसी कारण दुकानदारों ने उन्हें 12 साल से प्रधान बनाया हुआ है। सत्ता के चलते दुकानदारों को धमकाया जा रहा है लेकिन वह एेसा नहीं होने देंगे। आज भी मार्केट की प्रधानगी मेरे पास है। अगर आम इजलास बुलाया जाता तो मुझे भी बुलाया जाता। मुझे न आज बुलाया गया न पहले। मार्केट का प्रधान चुनने के लिए कोरोना वायरस को लेकर जारी हिदायतों की भी उल्लंघना की गई।



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Big reshuffle in Adda Market Business Board - 13 members committee made Tony a few days ago




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4 और पॉजिटिव, 3 बाहर से आए, 1 लोकल

जिले में 4 और लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, जिससे एक्टिव केसों की गिनती 18 हो गई है। डीसी रोपड़ सोनाली गिरि ने बताया कि 4 नए पॉजिटिव केसों में एक 27 वर्षीय युवक नांदेड़ साहिब से, एक 32 वर्षीय युवक मध्य प्रदेश से संबंधित है और एक 49 वर्ष का व्यक्ति जम्मू से वापिस आया है। यह तीनों आंनदपुर साहिब क्षेत्र से संबंधित है। वहीं बताया जा रहा है कि जम्मू से वापस आया व्यक्ति पुलिस मुलाजिम है और यह रोपड़ में फंसे स्टूडेंट को जम्मू छोड़ने के लिए गया था।

इसी तरह चौथा पॉजिटिव केस चमकौर साहिब के गांव सुरतापुर से संबंधित है। 45 वर्ष का व्यक्ति चमकौर साहिब के फ्लू कॉर्नर पर आया था और पॉजिटिव पाया गया। इन चारों में से आंनदपुर साहिब से संबंधित लोग पहले से क्वारेंटाइन हैं और जो व्यक्ति चमकौर साहिब से पॉजिटिव आया है उसको जुकाम व खांसी की दिक्कत थी। जांच करने वह पॉजिटिव पाया गया। जबकि उक्त व्यक्ति की पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सेहत विभाग की टीम द्वारा 3 किलोमीटर के क्षेत्र को सील करके डोर-टू-डोर हेल्थ सर्वे शुरू किया जाएगा और उसके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जाएगा।
डीसी ने बताया कि जिले में अब तक कुल 699 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें 567 की रिपोर्ट निगेटिव है अौर 115 की रिपोर्ट पेंडिंग है। जिले में दो लोग ठीक हो चुके हैं अौर एक की मौत हो चुकी है। इस समय जिले में 18 कोरोना के केस एक्टिव हैं।

मजदूर बोले- जिन्होंनेे हमारी जांच करके पर्ची दी, उन्होंने कहा था कल सुबह स्टेशन चले जाना
नंगल रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह 35 के करीब प्रवासी मजदूर अपने प्रदेश जाने के लिए ट्रेन पकड़ने पहुंच गए। यहां आकर पता चला कि अभी तो कोई ट्रेन ही नहीं जा रही और उन्हें वापस जाना पड़ा। यहां पहुंचे सुनील कुमार, विपन कुमार, राकेश, हरि चंद, अनिल, सुगरीव, कमलेश, टुनटुन, संजय, सोनू, परमेश, वरिंदर, सुभाष, नरेश, सुरेश, अर्जुन, सलेश घनईया ने बताया कि शुक्रवार को दो व्यक्तियों ने उनका मेडिकल चेकअप किया और स्लिपें दीं। उन्होंने कहा था कि 9 मई को सुबह 6 बजे से पहले रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं, सुबह 6 बजे नंगल से गोरखपुर सीधी ट्रेन जा रही है।

वह सुबह तीन बजे से अपना सामान बांधकर रेलवे स्टेशन को चल पड़े थे। दो किलोमीटर चलकर स्टेशन पहुंचे तो पता चला आज कोई ट्रेन नहीं जा रही है। मजदूरों ने कहा कि उन्हें घर जाने की जल्दी नहीं है लेकिन यहां उनके हालात बहुत खराब हैं। खाने के लिए राशन नही है। प्रशासन द्वारा भेजा राशन सिर्फ दो बार मिला है।

प्रवासी मजदूरों को दे रहे सारी सुविधा, मैं खुद देख रहा हूं प्रबंध : एसडीएम

मजदूरों को राशन न मिलने संबंधी एसडीएम नंगल हरप्रीत सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कंट्रोल रूम बनाया है। कंट्रोल रूम में आने वाली कॉल को खुद अधिकारी देख रहे हैं। किसी कॉल को नजरअंदाज नहीं किया जाता। मजदूरों की छोटी से छोटी जरूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। पूरी व्यवस्था को वह खुद देख रहे हैं। आज भी सत्संग घर में बनाए शेल्टरों का दौरा किया है। इन्हें जो राशन दे रहे हैं वह दस दिन चलता है। अभी भी इनके पास वह राशन पड़ा होगा। हमें इनकी बहुत चिंता है। बाकी अगर इन्हें कोई मुश्किल है तो यह ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। शिकायत सीधे डीसी अॉफिस जाती है और वहां से हमें मैसेज आता है।

जब भी ट्रेन जाएगी, सबको भेजी जाएगी जानकारी: सीएमआई
रेलवे स्टेशन के सीएमआई अजय गोयल ने बताया कि रेलवे ने अभी तक किसी को ट्रेन जाने की जानकारी नही दी है। जब कोई गाड़ी जानी होगी तो डिप्टी कमिश्नर द्वारा समय व तारीक जारी कर दी जाएगी। इन्हें पैदल आने की जरूरत नही है। प्रशासन इन्हें गाड़ियों द्वारा स्टेशन पर छोड़ देगा। आज की ट्रेन जाने की कोई जानकारी न तो उनके पास आई है और न प्रशासन के पास।



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4 more positive, 3 came from outside, 1 local




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अपने बच्चों और ड्यूटी में बैलेंस बनाकर कोविड-19 के खिलाफ फ्रंट लाइन पर काम कर रहा महिला स्टाफ

एक तरफ पूरा संसार कोरोना वायरस की खतरनाक बीमारी से लड़ रहा है, वहीं कुछ महिलाएं जो पेशे से डॉक्टर, सिविल अधिकारी, पुलिस अधिकारी के साथ माताएं भी हैं, वह इन दिनों अपनी ड्यूटी आगे होकर कर रही हैं। आज भास्कर मदर्स डे पर ऐसी ही महिलाओं की कहानियां लेकर आया है जो अपने परिवार में रहते हुए अपने छोटे-छोटे बच्चों को घरों में छोड़कर समाज के लिए आगे होकर कोरोना वायरस जैसी भयानक बीमारी से दो-दो हाथ कर रही हैं।

सैंपल लेने की ड्यूटी, कई बार 6 साल की बेटी को घर में अकेला छोड़ आना पड़ता है

मनीषा सैनी, माइक्रो बायोलॉजिस्ट

सिविल अस्पताल में तैनात माइक्रो बायोलॉजिस्ट मनीशा सैनी 2015 से सिविल अस्पताल रोपड़ में तैनात हैं। उनके पति गौरव सैनी बद्दी की कंपनी में इंजीनियर हैं तथा 6 वर्षीय बेटी नव्या फर्स्ट में पढ़ती है। मनीशा की ड्यूटी कोविड-19 के सैंपल लेने और सैंपल को पैक करके लैब भेजने की है। वह 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। वैसे ड्यूटी रात 8 बजे से अस्पताल में शुरू होती है। कभी भी रात में सैंपल लेने के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल बुलाया जाता है और वह पहुंच जाती हैं।

मनीशा ने कहा कि जब से कर्फ्यू लगा है, उन्होंने घर में खाना नहीं बनाया। पति ही खाना बनाते हैं। कई बार पति को अॉफिस जाना पड़ता है तो वह घर को लॉक लगाकर अपनी बेटी को अकेले छोड़कर ड्यूटी पर जाती हैं। वह ड्यूटी में इतनी व्यस्त हैं कि बेटी को एक माह से स्कूल का होमवर्क भी नहीं करवा पाई। शुरू-शुरू में जब वह देरी से घर जातीं तो बेटी नव्या कई तरह के सवाल करती थी कि आप लेट क्यों आते हो और खाना भी नहीं बना कर देते। पर अब उसको इसकी आदत हो गई है।

घर जा खुद को सैनिटाइज करने में लगता है एक घंटा, बेटा रोए भी तो उठा नहीं सकती

डॉ. प्रभजीत कौर, इमरजेंसी में तैनात

सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ. प्रभजीत कौर का बेटा मात्र 10 माह का है। वह उसको घर छोड़ कर ड्यूटी कर रही हैं। प्रभजीत कहती है कि 8 घंटे की उनकी ड्यूटी में कभी-कभी 10 घंटे भी लग जाते हैं। वह कहती हैं कि इन दिनों कोरोना वायरस के चलते ड्यूटी के दौरान काफी सावधानी रखनी पड़ती है। वह घर जाकर सीधे अपने बेटे को नहीं उठा पातीं। पहले बाथरूम में जाकर अपने कपड़े धोकर, नहाकर ही बच्चे को उठाती हैं। इस सभी काम को करीब एक घंटा लग जाता है। उनका बेटा अंगद तब तक उन्हें देख कर रोता रहता है। चाहकर भी उसे गोद में नहीं उठा सकतीं।

संदिग्धों के लेती हैं सैंपल, इनको मरीजों की, मां को इनकी चिंता
डॉ. रमनदीप कौर, डेंटल

सिविल अस्पताल में बतौर डेंटल डॉ. रमनदीप कौर तैनात हैं। उनकी अभी शादी नहीं हुई है लेकिन वह पिछले दो माह से अपने घर नहीं गई। उनको लोगों की चिंता है अौर उनकी मां को उनकी। वह 24 घंटे ड्यूटी पर हैं और अब तक उन्होंने अकेले 150 से 200 सैंपल कोरोना वायरस संबंधी संदिग्ध मरीजों के लिए हैं। डॉ. रमनदीप कौर ने बताया कि उनकी माता जसवीर कौर व पिता कुलविंदर सिंह मोहाली में रहते है। मां दिन में कई बार फोन करके हालचाल पूछती हैं। कई बार तो व्यस्तता के चलते फोन भी नहीं उठा पाती। रात को ही अपने घर वालों से वह बात कर पाती हैं। उनकी मां को उन पर गर्व है।




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Female staff working on the front line against Kovid-19 by creating balance in their children and duty




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11 दिन रोज चलेंगी स्पेशल श्रमिक ट्रेनें, आज 2 गाड़ियां

प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम जारी है। इसके लिए रविवार को दो ट्रेनें रेलवे स्टेशन से रवाना होंगी। रेलवे ने 20 मई तक ट्रेनें चलाए जाने का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। दूसरी ओर प्रशासन की ने इन लोगों का मेडिकल करवाने का बंदोबस्त भी कर दिया है। जीटी रोड पर बनाए गए कैंप में इनका मेडिकल होगा और वहीं से इन्हें स्टेशन भेज दिया जाएगा। रविवार को दोपहर 12 बजे बरौनी के लिए और दूसरी ट्रेन शाम छह बजे उन्नाव को जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने इसके लिए सारा बंदोबस्त कर लिया है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी सूची के बाद रेलवे ने शेड्यूल जारी किया है। 11 मई को बहराईच (गौंडा रेलवे स्टेशन), 12 मई को आजमगढ़, 13 मई को अंबेडकर नगर (अकबरपुर रेलवे स्टेशन), 14 मई को गौरखपुर, 15 मई को अमेठी, 16 मई को सिद्धार्थ नगर, 17 मई को महाराजगंज, 18 मई को रायबरेली, 19 मई को जौनपुर और 20 मई को सुल्तानपुर के लिए ट्रेन रवाना होगी।

प्रशासन ने 24 घंटे पहले फोन, 12 घंटे पहले भेजा मैसेज, हर सेंटर पर 350 लोगों का मेडिकल

जिला प्रशासन की ओर से प्रवासियों को घर भेजने के लिए दो शिफ्ट में जाने वाली ट्रेनों को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। सुबह और शाम के लिए अलग-अलग मेडिकल सेंटर जांच के लिए तैयार किए हैं। बिहार के प्रवासियों को गत शुक्रवार को ही कॉल करके सूचित कर दिया गया था और ट्रेन छूटने के 12 घंटे पहले एसएमएस कर किया था।

नोडल अधिकारी रजत ओबरॉय ने बताया कि बिहार के बरौनी जाने वाली ट्रेन के लिए जिन लोगों को मोबाइल पर मैसेज भेजा है उनका मेडिकल सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जाने वाली ट्रेन की सूचना मिलने के बाद प्रवासियों को दोपहर से ही फोन पर जानकारी दे दी गई और 12 घंटे पहले मोबाइल पर एसएमएस भेज दिया गया है। इसमें यात्रियों को मेडिकल सेंटर और ट्रेन की डिटेल दी गई है।

मेडिकल सेंटरों से ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र और टिकट दिए जाएंगे। लोगों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, सेंटर से ही बस रेलवे स्टेशन तक पहुंचाएगी। इस बार जो सेंटर तैयार किए गए हैं, वहां 300 से 350 लोगों का मेडिकल टेस्ट कराने की व्यवस्था की गई है। मेडिकल सेंटर उसी जगह पर बनाए गए हैं, जहां स्पेस अधिक है और सोशल डिस्टेंस का पालन हो सके। सभी सेंटरों पर मेडिकल और पुलिस की टीम तैनात रहेगी।

प्रवासियों को भेजने की तैयारी पूरी: ओबराय
नोडल अधिकारी रजत ओबराय ने बताया कि दो ट्रेनें भेजी जा रही है। प्रवासियों को उनका मैडिकल कराने के लिए कॉल एक दिन पहले ही करा दिया गया था। 12 घंटे पहले मोबाइल पर मैसेज के जरिए मेडिकल टेस्ट कराने व ट्रेन संबंधित अन्य जरूरी डिटेल भेज दी गई है। इस बार जो भी मैडिकल सेंटर बनाए गए हैं, वह एक दूसरे के नजदीक ही हैं। लोगों को पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसका भी ध्यान रखा गया है।



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फार्मासिस्टों की कल इमरजेंसी सेवाएं बंद, 12 को फैसला न लिया तो मुकम्मल हड़ताल

पंजाबभर में ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग जिला परिषद के अधीन आती 1186 सेहत डिस्पेंसरियों में 14 साल से ठेके पर काम कर रहे ग्रामीण सेहत फार्मेसी अफसरों ने अपनी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी सरकार की टालमटोल की नीति से तंग आकर 11 मई को राज्यभर में एक दिन इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।
एसोसिएशन के जिला प्रधान गुरदीप सिंह कलेर, वाइस चेयरमैन कमलजीत चौहान, उप-प्रधान नवजोत कौर ने कहा कि पंजाब में कोरोना महामारी में 1 महीने से समूह फार्मासिस्ट दिन-रात अमृतसर, एयरपोर्ट, दुर्ग्याणा मंदिर, दरबार साहिब, राजस्थान, पंजाब बाॅर्डर चैक पोस्ट, मोहाली एयरपोर्ट, जिला अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डों, रेपिड रिस्पांस टीम, डोर टू डोर होम विजिट आदि इमरजेंसी पब्लिक प्लेस पर ड्यूटियां निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सर्विस कांट्रैक्ट आधारित है और सिर्फ 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। इसके अलावा कोई भी मेडिकल सुरक्षा बीमा, डेथ ग्रेच्युटी लाभ नहीं मिलता है।

14 साल से कांट्रैक्ट आधारित असुरक्षित नौकरी कर रहे हैं। ऐसे हालातों में कोरोना जैसी भयानक बीमारी से फ्रंट लाइन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी सेवाएं रेगुलर करने संबंधी कोई फैसला नहीं लिया है। समूह फार्मासिस्ट के ड्यूटी के बाद परिवार बच्चों के संपर्क में आने से 24 घंटे इंफेक्शन होने का खतरा बना हुआ है। फार्मासिस्ट जिनकी कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, जो सिर्फ 10 हजार रुपए महीने वेतन पर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी दाव पर लगाकर ड्यूटियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 1186 मुलाजिमों को पक्का करने में ही सरकार आनाकानी कर रही है, जबकि रेगुलर होने के लिए अपनी योग्यता भी पूरी करते हैं। उन्होंने चेतावनी देकर कहा कि मंगलवार को उच्च स्तरीय विभागीय मीटिंग में रेगुलर करने संबंधी फैसला न लिया गया तो मुकम्मल तौर पर हड़ताल की जाएगी।



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लॉकडाउन के चलते 18 कश्मीरी, 12 सिखों समेत 200 भारतीय पाक में फंसे

कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण 200 भारतीय अभी भी पाकिस्तान में फंसे हुए हैं। इनमें 18 कश्मीरी बताए जा रहे हैं, जबकि 12 सिख हैं। इनके अलावा देश के दूसरे हिस्सों के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग पड़ोसी मुल्क में घर लौटने की राह देख रहे हैं।
हालांकि इनको लाने के लिए दोनों ही सरकारों की तरफ से कोशिश जारी है। मगर महामारी की भयावहता को देखते हुए अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। गौर हो कि इसमें शामिल कश्मीरी स्टूडेंट पढ़ाई करने को गए थे तो दूसरे मुस्लिम, सिख और हिंदू अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे और इसी दौरान लॉकडाउन हो गया। हालांकि पिछले दिनों कुछ कश्मीरी युवकों समेत दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को लाया गया था। कश्मीरी युवकों को अमृतसर स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था और इसके बाद जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया।

कश्मीरी युवकों ने मांग की है कि उन लोगों को वतन लाया जाए, लेकिन उनको अमृतसर में क्वारंटाइन करने की बजाय उनके अपने गृह जिले में रखा जाए। ऐसे ही पाक में फंसे एक स्टूडेंट की मां अंजुम अफशान ने बताया कि पिछली बार 16 स्टूडेंट आए थे और उनको अमृतसर में ही क्वारंटाइन किया गया था। उनकी मांग है कि उनके बच्चों को जल्द वतन लाया जाए और उनको उनके घरों के आसपास क्वारंटाइन किया जाए।

वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सतवंत सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में फंसे सिख पेशावर, लाहौर और ननकाना साहिब में फंसे हैं। इसी तरह से दूसरे हिंदू और मुस्लिम भी कई जगहों पर घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिखों की लिस्ट भारतीय दूतावास को सौंप दी गई है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर अमल होगा।



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12 नए पॉजिटिव, ट्रांसपोर्ट नगर तक पहुंचा वायरस जिन दो लोगों की मौत हो चुकी, उनकी चेन बढ़ रही

(प्रभमीत सिंह)12 नए मरीजों की पुष्टि होने से जिले में कोरोनावायरस मरीजों की गिनती 167 तक पहुंच गई है। इनमें 8 मरीज श्री हजूर साहिब से लौटे हैं, जिनकी पहचान मोहन नगर के रहने वाले 56 साल के व्यक्ति, फिल्लौर के गांव के रहने वाले 70 साल के व्यक्ति और 64 साल की महिला, नकोदर के रहने वाले 39 और 45 साल के दो व्यक्तियों और 37 की महिला के रूप में हुई है।
वहीं एक-एक मरीज करतारपुर के गांव घोना चक्क के रहने वाली 48 साल की महिला और गांव अठोला की रहने वाली 24 साल की महिला भी संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा 4 अन्य मरीजों में दो मरीजों की पहचान बस्ती दानिशमंदां के मोहल्ला श्री गुरु रविदास नगर की 68 साल की महिला और न्यू रसीला नगर के रहने वाले 49 साल के व्यक्ति और बाकी दो न्यू गोबिंद नगर की 60 साल की महिला और बसंत नगर के रहने वाले 30 साल के पुरुष के रूप में हुई है।
सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं के अलावा जिन 4 मरीजों की पुष्टि हुई है। वह पहले से संक्रमित पाए गए लोगों के संपर्क में थे। बता दें शनिवार को 480 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

थोड़ी राहत, पहली बार 480 निगेटिव, किसी की हालत गंभीर नहीं

सेहत विभाग की तरफ से जारी जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है। उनमें से ज्यादातर मरीज उन मरीजों के संपर्क के सामने आ रहे हैं, जिनकी पिछले दिनों मौत हो चुकी है। मृतक मरीज काजी मोहल्ला और बस्ती गुजां के रहने वाले थे। वहीं सेहत विभाग की टीम का कहना है कि इन दोनों मरीजों के संपर्क में आने वाले 60 फीसदी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है लेकिन जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे मृतकों के क्लोज कांटेक्ट में हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। इसी के चलते सेहत विभाग की टीम ने काजी मोहल्ले के साथ सटे रस्ता मोहल्ला और ढन्न मोहल्ला के एरिया से कई संदिग्ध मरीजों के सैंपल लिए गए हैं।

सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को शहर के जिन संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वे बस्तियात क्षेत्र के रहने वाले हैं। वहीं संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्यों का कहना है कि पिछले दिनों में काजी मोहल्ला को छोड़कर बाकी सेंट्रल एरिया जैसे पुरानी सब्जी मंडी, लावां मोहल्ला, नीला महल, राजा गार्डन, पक्का बाद से संक्रमित मरीज निकलने कम हो गए हैं। बता दें कि इन एरिया से करीब 30 से अधिक संक्रमित आ चुके हैं।

बड़ी चिंता : ट्रांसपोर्ट नगर एरिया से मिला संक्रमित मरीज, गुज्जा पीर एरिया में भी की जाएगी स्क्रीनिंग
संक्रमित मरीजों के आगे संपर्क में आने वाले लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही टीम के डॉक्टरों का कहना है कि शनिवार को न्यू गोबिंद नगर के रहने वाली 50 साल महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टरों का कहना है कि शहर के घनी आबादी के एरिया के बाद पहले बार शहर के बाहरी एरिया यानी ट्रांसपोर्ट नगर के क्षेत्र से सटे न्यू गोबिंद नगर से मरीज सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है क्योंकि पहले से किसी भी संक्रमित मरीज के संपर्क में नहीं थी और वह सिविल अस्पताल आने से पहले शहर के दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए गई थी लेकिन दोनों अस्पतालों में महिला का इलाज नहीं हुआ। अब रविवार को गुज्जा पीर और ट्रांसपोर्ट नगर के एरिया में स्क्रीनिंग शुरू की जाएगी।

कुल संक्रमित 167 हुए
सिविल के सीनियर एनेस्थेटिक डॉ. परमजीत सिंह का कहना है कि अस्पताल में 167 मरीजों में से कोई भी मरीज शनिवार तक वेंटिलेटर पर नहीं है। दाखिल 95 फीसदी मरीजों मेंे कोई लक्षण नहीं है। वहीं शनिवार को कुल 408 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जिले में अब तक 4967 संदिग्ध मरीजों में से 3906 की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
तैयारी : रविवार को बाहरी राज्यों से लौटेंगे 325 यात्री, इनमें से 17 शहरवासी, सभी के होंगे टेस्ट
पंजाब सरकार के आदेश पर रविवार को दूसरे राज्यों से 325 लोगों को रोडवेज बसों में लाया जा रहा है। इनमें 17 जालंधर के निवासी हैं। इन सभी को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटरों में ही क्वारेंटाइन किया जाएगा।



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कर्फ्यू उल्लंघन के 14895 चालान, भुगतेंगे कैसे- कोई प्लानिंग नहीं

कर्फ्यू लगने के बाद नियमों के उल्लंघन के तहत शहर में 14895 से अधिक चालान काटे गए हैं लेकिन कर्फ्यू के दौरान हुए चालान की फीस रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी कैसे जमा करेगा, इसकी अभी तक विभाग ने कोई रूप-रेखा नहीं तैयार की है। फिलहाल आरटीए इन्हें ऑनलाइन जमा कराने की तैयारी में है ताकि कार्यालय में भीड़ भी न लगे और पेनल्टी भी जमा हो जाए। इन चालान में वे लोग शामिल हैं, जो बेवजह घरों से बाहर निकले और उनके चालान कटे हैं।

बताया जा रहा है कि विभाग की अगली तैयारी उन दुकानदारों पर कार्रवाई करने की है, जो दुकानें खोलकर बैठे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रख रहे। इन्हें जुर्माना भी लगाया जाएगा।इस बारे आरटीए बरजिंदर सिंह का कहना है कि अभी चालान जमा करने को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है। विभाग की तरफ से आदेश मिलते ही चालान जमा करने का काम शुरू किया जाएगा।


लोगों के इस तरह कटे चालान
कोविड-19 के कर्फ्यू मानदंडों का उल्लंघन करने वाले लोगों को 14895 चालान जारी किए हैं। पुलिस द्वारा 1280 वाहनों का चालान काटा गया है। इसमें बिना मास्क वाले लोगों के खिलाफ 206 सहित 657 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें कर्फ्यू मानदंडों को पूरा न करने पर 827 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 10 लोग बिना मास्क वाले हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आने वाले दिनों में पुलिस और सख्ती की तैयारी में है।


किस चालान का कितना वसूला जाएगा जुर्माना, यह भी अभी क्लियर नहीं
अभी आरटीए में सबसे बड़ी समस्या यह है कि चालान जमा कैसे किए जाएं? कर्फ्यू के दौरान कटे चालान किस आधार पर जमा होंगे और उनका रेट क्या होगा, इसकी जानकारी परिवहन विभाग को भी नहीं है। इसको लेकर आरटीए कर्मचारी भी परेशान हैं क्योंकि उन्हें दफ्तर आने का फरमान जारी हो चुका है और दफ्तर आते ही चालान जमा करने और लाइसेंस बनाने का काम शुरू करने की तैयारी हो रही है। उधर, राजनगर के रहने वाले गौरव वर्मा का कहना है कि उनकी स्कूटी का चालान अप्रैल के पहले सप्ताह में हो गया था, तब से उनकी स्कूली थाने में जमा है। चालान जल्दी क्लियर हो तो वह अपना वाहन ले सके। लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सरकार के रेवेन्यू लॉस के लिए कहीं उन्हें मोटे जुर्माने न लगा दिए जाएं।



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लेदर कांप्लेक्स में 1.53 करोड़ रुपए से सीईटीपी अपग्रेडेशन का काम कल से किया जाएगा शुरू

सिटी की लेदर इंडस्ट्री पर हाईकोर्ट की लगी रोक अब हट सकेगी। 11 मई से लेदर कांप्लेक्स का गंदा पानी साफ करने वाला ट्रीटमेंट प्लांट अपग्रेड करने का काम शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन के कारण कंस्ट्रक्शन नहीं हो पा रही थी। लेदर इंडस्ट्री में डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के सामने मामला रखा था। इसके बाद उन्होंने प्लांट चलाने वाली पेट्स सोसायटी के नाम कंस्ट्रक्शन करने के बारे में लेटर जारी कर दिया है।

अमृतसर की कंपनी 42 दिन में कंस्ट्रक्शन पूरी करेगी। इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में रखी जाएगी। इसके आधार पर इंडस्ट्री दोबारा चमड़ा रंगने का काम शुरू कर पाएगी। डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने लेटर जारी कर कंस्ट्रक्शन करने वालों को कर्फ्यू पास जारी करने की क्लियरेंस दे दी है। यहां पहले से जाे ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है, उसके साथ एक अलग से चेंबर बनेगा। इस चेंबर में सीवरेज का पानी और चमड़ा रंगने वाली यूनिट से आया केमिकल युक्त पानी मिक्स होगा।
सीवरेज और केमिकल का पानी मिक्स होने से टीडीएस का लेवल सुधर जाता है। इससे वातावरण पर केमिकल के पानी का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है। इस चेंबर को बनाने पर 1.53 करोड़ रुपए खर्च आएगा। सारा खर्च पंजाब सरकार ने दिया है।

अक्टूबर में हाईकोर्ट ने वातावरण संबंधी मानक पूरे होने तक लेदर इंडस्ट्री बंद करने के दिए थे आदेश

पंजाब लेदर फेडरेशन के प्रेसिडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि पंजाब सरकार से लेदर इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। 6 जनवरी को हाईकोर्ट में केस की आखिरी सुनवाई थी। इसके बाद लेदर इंडस्ट्री ने सीईटीपी का नया मिक्सिंग टैंक तैयार करना था। इसकी लागत का सारा पैसा पंजाब सरकार ने जल्दी जारी किया। सरकार ने 10 मई को उक्त ग्रांट जारी की। इसके बाद अमृतसर की कंपनी के नाम टेंडर हुए। कंस्ट्रक्शन का काम लॉकडाउन चलते बंद हो गया था। डीसी वीके शर्मा ने इंडस्ट्री की जरूरत को देखते हुए काम शुरू करने के लिए आदेश दिए। प्रवीण कुमार ने कहा कि सीईटीपी का चेंबर 42 दिन में तैयार होना है। अगर कोविड-19 न फैलता तो अब तक चेंबर तैयार हो गया होता। अब सोमवार से काम शुरू कर इसे जुलाई तक पूरा कर लेंगे। हाई कोर्ट से क्लीयरेंस लेकर लेदर टैनिंग का संचालन दोबारा शुरू हो पाएगा।

करीब 1000 करोड़ रुपए का टर्नओवर

1934 में ब्रिटिश शासन में जालंधर में चमड़ा रंगने का काम शुरू हुआ था। कभी पारंपरिक तरीके से रंगा जाने वाला चमड़ा आज आधुनिक इंडस्ट्री बन चुका है। कपूरथला रोड पर लेदर कांप्लेक्स में 60 के करीब चमड़ा रंगाई यूनिट हैं। यहां का बना चमड़ा देश ही नहीं विदेश में भी जाता है। इस इंडस्ट्री को सीधे और असीधे तौर पर करीब 5000 रोजगार पैदा करने के लिए जाना जाता है। करीब 1000 करोड़ रुपए से अधिक का टर्नओवर है। अक्टूबर में वातावरण के मानक पूरे न होने पर अगले आदेशों तक हाईकोर्ट से चमड़ा रंगने का काम बंद करने के आदेश दिए थे।



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श्री हजूर साहिब से लौटे पहले श्रद्धालु की मौत, 36 नए केस अब तक 1794 लोग संक्रमित

लुधियाना में श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालु की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 11 दिन बाद शनिवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह सूबे में किसी श्रद्धालु की पहली मौत है। इसके अलावा लुधियाना में ही एक अन्य ने और होशियारपुर में भी एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। शनिवार को 3 मौते हुईं और 36 नए केस आए। मौतों का आंकड़ा अब 34 अौर संक्रमित मरीजों की संख्या 1794 हो गई है। जालंधर में 12, लुधियाना में 7, गुरदासपुर और फतेहगढ़ साहिब में 5-5, रोपड़ में 4, मोगा, मानसा और होशियारपुर में 1-1 केस आया। लुधियाना में जिस श्रद्धालु की मौत हुई वह 29 अप्रैल को हजूर साहिब से लौटा था।

कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं थी

जगराओं के गांव मानूके निवासी गुरजंट सिंह (56) की 30 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद से वह भर्ती थे। उन्हें कोरोना के अलावा कोई बीमारी नहीं थी। वहीं, डीएमसी लुधियाना में जम्मू निवासी व्यक्ति की भी मौत हो गई। उधर, होशियारपुर के तलवाड़ा में ओंकार सिंह (62) जिनकी 7 मई को चंडीगढ़ में मौत हुई थी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। लुधियाना में जिन 7 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें 1 लड़की (17) है। वह टीबी की मरीज है। 2 रेलवे पुलिस फोर्स के कर्मी हैं व 4 अन्य है। जालंधर में 8 श्रद्धालुओं समेत 12 संक्रमित पाए गए। फतेहगढ़ में 3 मजदूरों समेत 5, गुरदासपुर में 5 श्रद्धालु व मानसा में 1 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रोपड़ में 4 संक्रमित पाए गए।

मृतक श्रद्धालु की पत्नी बोली आज घर का खाना मंगाया था

मृतक गुरजंट के परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने वीरवार को फोन पर उनसे बात की थी। तब उन्होंने तबीयत ठीक बताई थी और घर ले जाने की बात की थी। शुक्रवार को उनकी बेटी भी मिलने आई थी लेकिन दरवाजे से ही देखकर वापस लौट गई थी। पत्नी मनजीत कौर ने बताया कि पति मजदूरी करते थे। शुक्रवार रात फोन पर बात हुई थी। तब पति ने कहा कि था कि सुबह हॉस्पिटल आओगे तो दाल बना कर लाना। लेकिन आने से पहले उनकी मौत हो गई।
2 और मरीजों की हालत गंभीर
राज्य में अब तक 39462 संदिग्धों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें 33639 की रिपोर्ट निगेटिव और4061 की पेंडिंग है। 161 मरीज काेरोना को मात दे चुके हैं। अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, एक मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया है। एक अन्य ऑक्सीजन सपोर्ट पर है।

पिछला एक हफ्ता,644 केस आए, 39 लोगों ने दी काेरोना को मात, 14 की मौत
सूबे में पिछले एक हफ्ते यानी 3 मई से 9 मई तक 644 पॉजिटिव मरीज आ चुके हैं। वहीं, इस दौरान 14 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि राहत की बात है कि इन 7 दिनों में 39 लोग भी कोरोना को मात दे चुके हैं।



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Death of first devotee returned from Shri Hazur Sahib, 36 new cases so far 1794 people infected




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सीबीएसई 10वीं और 12वीं की कॉपियों का मूल्यांकन आज से घर से ही करेंगे टीचर, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं की तिथि घोषित करने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आयोजित हो चुके पेपरों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आज से शुरू हो रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को कहा कि देश भर के 3000 सीबीएसई स्कूलों को 10वीं और12वीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है।

जिन विषयों की बोर्ड परीक्षापहले हो चुकी है, उनकी 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के घर पर भेजी जाएंगी।मूल्यांकन का काम शिक्षक अपने-अपने घरों में करेंगे। सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 50 दिन के भीतर पूरा होगा। 3000 मूल्याकंन केंद्रों से उत्तर पुस्तिकाएं शिक्षकों के घर रविवार से भेजी जाएंगी। इसके बाद अध्यापक इनका मूल्यांकन करेंगे और 50 दिन के अंदर ही करेंगे।

3000 मूल्याकंन केंद्रों से आज से भेजी जाएंगी उत्तर पुस्तिकाएं

गृह मंत्रालय से मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी मिलने के बाद रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा- माननीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए आप सभी को यह सूचित कर रहा हूं कि आज स्टूडेंट्स के हित में, गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार देश के 3000 सीबीएसई स्कूलों को मूल्यांकन केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया है।

मुझे विश्वास है कि हम 173 विषयों की 1.5 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जल्दी करेंगे और जैसे ही 29 विषयों की परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच में संपन्न होगी, उनके मूल्याकंन के बाद शीघ्र ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। बतां दे कि आमतौर पर शिक्षकों को कॉपियां चेक करने के लिए मूल्यांकन केंद्र बुलाया जाता है लेकिन इस बार कॉपियां मूल्यांकन केंद्रों से उनके घर भिजवाईं जाएंगी।

सीबीएसई 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाएं 1 जुलाई से होंगी
इससे पहले शुक्रवार को एचआरडी मंत्रालय ने सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा कर दी थी। सीबीएसई 10वीं 12वीं की शेष परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित होंगी। सीबीएसई ने नई परीक्षा तिथियां जेईई मेन और नीट एग्जाम के शेड्यूल को ध्यान में रखकर तय की हैं। जेईई मेन परीक्षा 18 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक होगी। वहीं, नीट यूजी 2020 का आयोजन 26 जुलाई 2020 को किया जाएगा इससे परीक्षाओं को लेकर चल रहा छात्रों में असमंजस खत्म हो गया।



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CBSE 10th and 12th copies will evaluate teachers from home from tomorrow, home ministry gives approval




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राज्य में 20,228 संक्रमित, 779 की मौत; ब्रिटेन में फंसे 326 भारतीय नागरिकों का पहला जत्था मुंबई पहुंचा, बसें फिर होंगी शुरू

महाराष्ट्र में कुल मरीजों की संख्या 20,228 तक पहुंच गई है।कोरोना से अब तक राज्य में कुल 779 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। रोगमुक्त होने के बाद अब तक 3,800 लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं। कोरोना के डर के बीच व्यवस्थाएं सुचारू करने के लिए बसें चालू करने का फैसला सरकार ने लिया है। यह बसें महाराष्ट्र के बाहर नहीं जाएंगी।
मुंबई में 14 हजार संदिग्ध मरीज
कोरोनावायरस से संक्रमित 27 लोगों की मौत के बाद मुंबई मेंमरने वाले मरीजों की संख्या 489 हो गई है। यहां 722 नए मामले सामने आने से बीएमसी की चिंता और बढ़ गई है। नए पॉजिटिव मरीज मिलने के साथ ही मरीजों की संख्या 12,689 तक पहुंच गई है। रोज सैकड़ों की संख्या में कोरोना के संदिग्ध मामले भी सामने आ रहे है। बीएमसी के अनुसार, अब तक कुल 14,401 संदिग्ध पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है।
ये फोटो मुंबई की है। यहां बैठे यूपी के प्रवासी घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे हैं।

ब्रिटेन में फंसे 326 भारतीय नागरिकों का पहला जत्थामुंबई पहुंचा

दुनियाभर में लगी यात्रा पाबंदियों के कारण ब्रिटेन में फंसे 326 भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया का बोइंग 777 विमानलंदन सेदेर रात करीब डेढ़ बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (सीएसएमआईए)पर उतरा।विमान में सवार एक यात्री ने ट्वीट किया, ‘‘पहला विमान मुंबई उतरा और क्रू सदस्यों का यात्रियों के साथ बहुत कम संपर्क रहा। सीट पर पहले ही रखे नाश्ते और भोजन के साथ रक्षात्मक किट भी दी गई थी। अब क्वारैंटाइनका वक्त है।’’

मुंबई के माहिम कोलीवाडा बीच पर लॉकडाउन के दौरान अपनी नाव पर उछल कूद करते कुछ युवक। माहिम इलाके में भी कोरोना संक्रमण के अब तक 400 से ज्यादा मामले आ चुके हैं।
इंटर स्टेट बसों को फिर से शुरू किया जाएगा

महाराष्ट्र में एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने की अनुमति नहीं है। इस प्रतिबंध में सरकार कुछ छूट देने जा जा रही है। महाराष्ट्र परिवहन निगम की बसें लोगों को निशुल्क उनके निवास स्थान पर पहुंचाएंगी, लेकिन यह सेवा सिर्फ एक सप्ताह तक के लिए दी जा रही है। कोरोना प्रभावित कंटेनमेंट एरिया में रहने वालों को यह सुविधा नहीं दी जाएगी।परिवहन मंत्री अनिल परब के अनुसार, राज्य में भी ऐसे कई सारे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लोग अपने निवास से दूर दूसरे जिले में अटक गए हैं। उसमें आम आदमी से लेकर छात्र भी शामिल हैं। वे अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन सीमाएं सील होने से उनकी वापसी नहीं हो पा रही है। अब हम लोग ( एसटी महामंडल ) उन्हें उनके घर पहुंचाएंगे।

मुंबई में जारी लॉकडाउन के बीच वारकरी दिंडी स्टेचू के चेहरों को भी मास्क से ढंका गया है। ऐसा लोगों को जागरूक करने के लिए किया गया है।

लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में एक लाख लोगों पर केस दर्ज

महाराष्ट्र में बढ़े कोरोना के केसों को लेकर एक बात यह कही जा रही है कि यहां कई इलाकों में लॉकडाउन सख्ती से नहीं लागू किया गया। दूसरी ओर, राज्य पुलिस का दावा है कि उसने लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर एक लाख से अधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने इस संबंध में 19,297 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। शनिवार शाम तक पूरे राज्य में आईपीसी के सेक्शन 188 के तहत कुल एक लाख दो हजार मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने यह कार्रवाई बावजूद इसके की, जिसमें उसके खुद के 714 कर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए। इनमें 81 अधिकारी हैं।

मुंबई के जुहू बीच पर आम दिनों में सैलानियों की भारी भीड़ नजर आती है, अब वहां पर कबूतर नजर आ रहे हैं।
मुंबई से 7 ट्रेनों को उत्तर प्रदेश रवाना किया गया
लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र से लगातार प्रवासी मजदूरों को अपने राज्यों में भेजने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी मेंशनिवार को सीएसएमटीसे तीन, पनवेल से दो, ठाणे और एलटीटी से एक-एक ट्रेन रवाना की गई।सीएसएमटीसे लखनऊ, बस्ती और गोंडा के लिए ट्रेनें को रवाना किया गया। इसके अलावा ठाणे से बरौनी और एलटीटी से गोंडा के लिए ट्रेन रवाना की गई। पनवेल से तितलगढ़ के लिए एक ट्रेन रवाना की गई। मध्य रेलवे के अनुसार, सभी ट्रेनों में 1000 से ज़्यादा यात्री थे।
ठाणे रेलवे स्टेशन से श्रमिक एक्सप्रेस से बिहार के लिए प्रवासी मजदूरों का एक जत्थाशनिवारदेर शाम रवाना हुआ है।
कोरोना के चलते एक पुलिसकर्मी की हुई मौत
शनिवार देर रातविनोबा भावे नगर पुलिस स्टेशन में कार्यरत एक पुलिस अधिकारी की मौत कोरोना की वजह सेहो गई। जानकारीके अनुसार, सुनील करगुटकर एक सप्ताह सेबीमार थे। उन्हें झालावाड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले शनिवार सुबह उनकीमौत हो गई।
मुंबई के सबसे ज्यादा प्रभावित धारावी इलाके सेबस स्टैंड के लिए पैदल निकले कुछ प्रवासी मजदूर। राज्य सरकार जल्द ही इंटर स्टेट बस से शुरू करने वाली है।
एक्शन में दिखे नएबीएमसी कमिश्नर
बीएमसी कमिश्नर बन कर आए आई.एस. चहल ड्यूटी संभालते ही ऐक्शन में आ गए। शनिवार को चहल ने डिजास्टर वार रूम ,नायर हॉस्पिटल और धारावी का दौरा किया और चारों अडिशनल कमिश्नर, हेल्थ डीएमसी एवं ऑफिसर सहित कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों के वॉर्ड ऑफिसर्स से बात की।
मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर इकबाल चलने शनिवार शाम सबसे ज्यादा प्रभावित धारावी इलाके का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने वहां काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों से भी बात की।

मॉनसून की तैयारियों के लिए कमिश्नर ने दिया 15 दिन का समय

कोरोना संक्रमण काल के बीचनवी मुंबई मनपा आयुक्त अण्णासाहेब मिसाल ने 25 मई से पहले सभी मॉनसून पूर्व कार्यों को पूरा करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश जारी करने से पहले उन्होंने उच्च अधिकारियों की एक बैठक बुलाई थी।
मुंबई में जारी लॉक डाउन के बीच भारी संख्या में सी गुल और फ्लेमिंगो पंछी विदेशों से यहां पहुंचे हुए हैं।


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पनवेल रेलवे स्टेशन पर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार एक प्रवासी मजदूर खिड़की से झांकता हुआ।  यहां से एक स्पेशल ट्रेन ओडिशा के लिए चलाई गई है।




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हिरण शिकार मामले में 14 दिन बाद दो शिकारी गिरफ्तार, बंदूक व बाइक जब्त

नीनोणी गांव के हिरण शिकार प्रकरण मामले में 14 दिन बाद वन विभाग की टीम को दो शिकारियों को पकड़ने में सफलता मिली है। साथ ही शिकार में उपयोग ली गई बाइक एवं बंदूक को भी बरामद कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण का सबसे पहले दैनिक भास्कर द्वारा ही खुलासा किया गया था। भास्कर में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग के अधिकारी हरकत में आए और शिकारियों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दी।जानकारी के अनुसार नीनोणी गांव के निकट जंगल में 25 अप्रैल शनिवार रात्रि को चार शिकारी बंदूक से हिरण का शिकार कर मोटरसाइकिल पर बांध कर ले जा रहे थे। बंदूक की आवाज सुनकर के ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा देखा कि चार शिकारी मरे हुए हिरण को मोटरसाइकिल के बांधकर ले जा रहे थे। शिकारियों के पास बंदूक होने के कारण ग्रामीण भयभीत हो गए और शिकारी वहां से निकल गए। इसके बाद सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने पूर्व में आरोपियों को पकड़ने के लिए आसपास के गांवों में कई बार दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। शनिवार को कुंडेरा रेंजर ने स्टाफ के साथ मिलकर 2 टीम बनाई। एक टीम ने एंडवा गांव में खेतों पर बनी झोपड़ी में दबिश दी तो वहां पर बहादुर सिंह (29) पुत्र बत्तीलाल मीणा निवासी एंडवा सो रहा था। इस पर वन विभाग की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया तथा उसकी निशानदेही पर खेत में गड्ढा खोदकर छिपाई गई बंदूक को भी बरामद कर लिया। इसी तरह दूसरी टीम ने रामखिलाड़ी मीणा वनपाल के नेतृत्व में गांव रायखेड़ा खंडार में भोपाओ की ढाणी में दबिश दी और यहां से धर्मी (45) पुत्र शोकरण भोपा निवासी निवाड़ी को गिरफ्तार किया। साथ ही उसके कब्जे से शिकार में काम में ली गई मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली। तीसरा अभियुक्त मुस्ताक पुत्र मुमताज निवासी कुंडेरा फरार चल रहा है। दबिश देने वाली वन विभाग की टीम में हेमराज गुर्जर, हनुमान जाजोरिया, मुकेश, राजेश, मोहनलाल सैनी, गोविंद सिंह, अंजू चौधरी, जुगराज आदि शामिल थे। वहीं दूसरी ओर शिकार घटना के प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि दो मोटरसाइकिल से आए चार व्यक्तियों ने शिकार किया है, लेकिन वन विभाग की टीम को चौथा आरोपी अब तक नहीं मिला और ना ही उसे चिंहित किया गया। शिकार प्रकरण में कितना सच उजागर होता है, यह तो पूछताछ के बाद ही वन विभाग के आला अधिकारी बता सकते हैं।



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Two hunters arrested, gun and bike seized after 14 days in deer hunting case




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जिले में कोरोना के 3 केस ही एक्टिव, 136 में से 132 मरीज नेगेटिव सूची में

कोरोना काल में जहां एक ओर शहर और बाजारों में लगातार सन्नाटा छाया हैं। लेकिन पिछले चार दिन में एक भी पॉजिटिव नही मिलना और कुल पॉजिटिव में से अधिकतर की नेगेटिव रिपोर्ट आना शहर ही नहीं जिलेवासियों के लिए राहत की बात हैं। अब तक आए 136 पॉजिटिव केसेज में से 132 नेगेटिव आ चुके हैं और 3 केस ही टोंक व जयपुर अस्पतालों में एक्टिव हैं। वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से सतर्कता बरतते हुए क्वारेंटाइन सेंटर से स्वस्थ होकर लोटे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया हैं। इधर शहर में कर्फ्यू के 36वें दिन सहित जिलेभर में लॉकडाउन 48 दिन पूरे होने से पिछले डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से लॉकडाउन और कर्फ्यू के पालना में शहर व बाजार सुनसान ही नजर आ रहे हैं। हालांकि जिला मुख्यालय को छोड़कर अन्य शहरों में जहां औद्योगिक गतिविधियां, मोबाइल, लेपटोप, स्टेशनरी, कपडे, केमिस्ट, चिकित्सा उपकरण, आयुष, पशु चिकित्सा दवाइयां आदि सोशल डिस्टेंस के साथ दुकानें खुली हैं। लेकिन वहां पर बिना कारण घुमने की अनुमति नही हैं। कलेक्टर केके शर्मा ने बताया कि जिले में अब तक लिए 4 हजार 316 लोगों के सेम्पल लिए गए हैं। वही 136 कोरोना पॉजिटिव हैं। कलेक्टर ने बताया कि सर्वे टीमों की ओर से शहर के कंटेनमेंट व बफर जोन में 16 लाख 75 हजार 704 लोगों को सर्वे किया जा चुका हैं। सर्वे में मिले आईएलआई मरीजों की क्लॉज मॉनिटरिंग कर किसी में लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक टीम भेज कर स्क्रीनिंग व सेम्पलिंग की कार्यवाही की जाती हैं। फिलहाल 2474 होम आईसोलेशन और 68 क्वारेन्टाइन में हैं। सीएमएचओं डाॅ. अशोक कुमार यादव ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में संचालित की जा रही मोबाइल मेडिकल ओपीडी के जरिए 5 हजार 600 लोगों की जांच एवं उपचार किया जा चुका हैं।
स्वस्थ्य होकर लोटे लोगों स्वास्थ्य परीक्षण कोरोना काल में मुस्तैदी से कार्य कर रहे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सतर्कता दिखाते हुए स्वस्थ होकर लौटे लोगों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कर जा रहा हैं। डिप्टी सीएमएचओ डॉ. महबूब खान ने बताया कि शहर के एक निजी स्कूल स्थित छात्रावास में संचालित क्वारेंटाइन सेंटर सें स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए 16 लोगों के घर जाकर चिकित्सा टीम ने निरीक्षण करने के साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया। डॉ. खान ने बताया कि गाइड लाइन के अनुसार सभी को घर पर रहने को पाबंद करते हुए मुचलके भरवाए गए। साथ ही सभी को कोरोना के बचाव व रोकथाम संबधी जानकारी दी गई। इस मौके पर डॉ सादिक खान, सुपरवाइजर सलमान खान एवं पीपीएम कोऑर्डिनेटर मसर्रत मियां उपस्थित रहे।



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Only 3 corona cases active in the district, 132 out of 136 patients in the negative list




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21 परिवारों को राशन किट वितरित

कोरोना महामारी के संकट के दौरान डाॅ. भीमराव अंबेडकर जन सेवा सामाजिक समिति द्वारा जरूरतमंद 21 परिवारों को राशन के किट वितरित किए गए। संस्था के निदेशक भागचंद निकटपुरी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में समाजसेवियों व भामाशाहों को आगे आकर जरूरतमंद व असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से पापड़दा, भांडारेज सहित अनेक जगहों पर राशन किट वितरित किए। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष हरीश ठीकरिया, सदस्य कैलाश गुमानपुरा, जियालाल लोदवाल, हंसराज बंशीवाल और रवि निकटपुरी, पिंटू पापड़दा मौजूद थे।



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Ration kits distributed to 21 families




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होम गार्ड जवान भी पूरी मुस्तैदी से दे रहे कोविड-19 में ड्यूटी

होम गार्ड जवान भी पुलिस कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोविड-19 ड्यूटी में पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं। करीब 2 माह से बिना नागा ड्यूटी कर रहे जवानों की हौंसला अफजाई के लिए शनिवार को कमांडेंट सुमन ढाका उनसे रूबरू हुईं। इस दौरान कमांडेंट ढाका ने अपने जवानों से कहा कि यह मुश्किल दौर है, इसलिए ड्यूटी की जिम्मेदारी के साथ-साथ खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखें। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजर का नियमित उपयोग करें। साथ ही जवानों की समस्याओंं को सुना और मौके पर ही निराकरण किया। वहीं जवानों को मास्क और सेनिटाइजर का वितरण भी किया। लालसोट रोड स्थित होम गार्ड। कार्यालय में जवानों का रामशरण पीसी, अमर सिंह व ओमप्रकाश वरिष्ठ सहायक ने भी जवानों का उत्साहवर्धन किया। विदित रहे कि कोरोना ड्यूटी में दौसा गृह रक्षा से 331 होमगार्ड जवान लालसोट, बांदीकुई, महुआ व जयपुर में कार्यरत हैं।



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Home guard jawans are also giving duty in Kovid-19 with complete efficiency